BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Welcome

Website counter
website hit counter
website hit counters

Saturday, March 9, 2013

पास्को प्रतिरोध संग्राम समिति के कार्यकर्ताओें की हत्या की कड़ी भर्त्सना

पास्को प्रतिरोध संग्राम समिति के कार्यकर्ताओें की हत्या की कड़ी भर्त्सना


जब पोस्को प्रतिरोध संग्राम समिति के कार्यकर्ता जिला प्रशासन शासन को ज्ञापन देने जा रहे थे तो उन पर पुलिस की दस बटालियनों द्वारा बर्बर लाठी चार्ज किया गया जिसमें पचास से ज़्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। इनमें दस से ज़्यादा गम्भीर रूप से घायल हैं।

इसके पहले दो मार्च, शाम 6.30 बजे पास्को के किराये के गुण्डों ने पटाना गाँव में पास्को विरोधी कार्यकर्ताओं पर बम फेंके जिससें तीन कार्यकर्ताओं की मौत हो गयी तथा अन्य कई कार्यकर्ता गभीर रूप से घायल हो गये, इनमें से एक कटक मेडिकल कॉंलेज में अपना जीवन बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है। पास्को प्रबन्धन तथा स्थानीय ठेकेदारों द्वारा रचा गया यह षडयन्त्र, जिसे ओडिशा सरकार का आर्शीवाद भी प्राप्त था। इस का उद्देश्य पास्को प्रतिरोध संग्राम समिति के अध्यक्ष अभय साहू की हत्या करना तथा पास्को विरोधी संघर्ष को घिनौने असम्वैधानिक तरीकों द्वारा आपराधिक तत्वों की मदद से इस आन्दोलन का हिंसात्मक दमन करना तथा पास्को प्रतिरोध संग्राम समिति के उन कार्यकर्ताओं को धमका कर रास्ते से हटाना था जो पास्को विरोधी आन्दोलन को मजबूत करने में लगे हैं। यहा ध्यान दिया जाना चाहिये कि कुछ साल पहले पास्को प्रंबधन के किराये के गुण्डों ने पास्को विरोधी कार्यकर्ता श्री दुला मण्डल पर जानलेवा हमला किया था, जिसमें वह मारे गये थे। यह कॉरपोरेट सेक्टर के अपराधिक पतन के संकेत है कि कैसे जन विरोधी राज्य कारोबारियों के समर्थन मे उनका लालच पूरा करने के लिए किसी भी हद तक झुक सकता है।

5 मार्च को पुलिस के 12 हथियारबन्द दस्तों ने जिलाधीश तथा एस. पी. के नेतृत्व में गोविदपुर गाँव में जबरदस्ती प्रवेश किया तथा पान बेलाओं के 25 खेतों को उजाड़ दिया जो कि स्थानीय लोगों की आजीविका का मुख्य साधन है।

राज्य की विधानसभा का सत्र 26 फरवरी – मार्च 7 तक चल रहा है। ओडिशा सरकार ने गाँव में जबरदस्ती जमीन हथियाने की तैयारियाँ फिर से शुरू कर दी है। इससे पहले फरवरी के पहलें सप्ताह में ग्रामीणों के तगड़े विरोध तथा दुनिया भर में लोगों की चिताओं के कारण सरकार गोंबिंदपुर गाँव में प्रस्तावित संयत्र स्थल के लिये जबरदस्ती जमीन हथियाने की गतिविधियों को रोकने पर बाध्य हो गयी थी।

इस तथ्य के बावजूद कि पास्को के पास अभी तक संयंत्र के लिए जरूरी पर्यावरणीय स्वीकृति नहीं है ओडिशा सरकार स्टील प्लान्ट के लिए जबरदस्ती जमीन हथियाने की प्रक्रिया को जारी रखे हुये है। 31 जनवरी 2011 को पर्यावरण तथा वनमन्त्रालय द्वारा दी गयी पर्यावरणीय स्वीकृति को राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्युनल द्वारा 30 मार्च 2012 कों निलंबित (निरस्त) किया जा चुका है। मौजूदा समय में पास्को के पास सरकार के साथ किया गया सहमति ज्ञापन भी नहीं है। 22 जुलाई 2005 को जिस सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुये थे, वह 21 जुलाई 2010 को अपनी अवधि पूरी करके अतीत में समा चुका है अभी तक किसी नये सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी नहीं हुये हैं।

यहाँ तक कि गोविंदपुर की पाली सभा की बैठक, ढिकिया पंचायत की 18 अक्टूबर 2012 को हुई बैठक में 2000 से ज्यादा निवासियों ने वनाधिकार कानून 2006 के प्रावधनों के तहत सर्वसम्मति से पास्को संयंत्र के लिए जमीन का परिवर्तन किये जाने के खिलाफ मतदान किया जमीन हथियाने की चल रही प्रक्रिया पूरी तरह वनाधिकार कानून का जबरदस्त उल्लंघन है जैसे इस क्षेत्र में वनभूमि पर अधिकारों को मान्यता नहीं दी है और इसके लिये जरूरी पाली सभा की सहमति को राज्य सरकार अभी तक प्राप्त नहीं कर सकी है।

ऊपर की घटनाओं ने राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय कारोबारियों तथा तीसरी दुनिया के देशों के बीच आपराधिक गठजोड़ को बेनकाब कर दिया है जो कि अपने साम्राज्यवादी आकाओं के समर्थन मे लूटेरे बहुराष्ट्रीय नियमों के हाथों में प्राकृतिक संसाधनों को देने के लिये किसी भी हद तक जा सकते हैं।

हम राष्ट्रीय, अन्तराष्ट्रीय नियमों तथा तीसरी दुनिया के देशों के इस कपटी गठजोड़ तथा बढ़ते हुये अपराधीकरण, तथा लफंगई पर चिंतित है।

खून चूसने वाली इस नवउदारवादी अर्थव्यस्था ने अपने बराबर ही राज्य को हिंसक नवउदारवादी बना दिया है जिसने कारपोरेट सेक्टर के किरायें के गुंडों से हाथ मिलाकर तथा पुलिस तथा फौज का बेजा इस्तेमाल कर किसानों तथा हाशिये पर रह है अन्य समुदायों को उनकी जमीन तथा आजीविका से जबरदस्ती बेदखल कर दिया है।

यह 21वीं सदी के आदिम संचय की भद्दी सच्चाई है। जहाँ हिसंक कब्जा-हरण के जरिये संचय समकालीन जमीन की लूट दुखदायी कहानी है।

हम पास्को प्रतिरोध संग्राम समिति के कार्यकर्ताओें की हत्या तथा इस कायराना हरकत की कड़ी भर्त्सना करते है तथा पास्को संयंत्र को रद्द करने की माँग करते है।

1  चितरंजन सिंह – राष्ट्रीय सचिव पीयूसीएल

2  अशोक चौधरी – एन एफ एफ पीएफ डब्ल्यू

 डॉं. सुनीलम : किसान संघर्ष समिति

4  किरन शाहीन डब्लू एम एस

5  आंनद स्वरूप् वर्मा : सम्पादक – समकालीन तीसरी दुनिया

 के. के. नियोंगी – ऑंल इंडिया पलैट फॉंरम फॉंर लेबर राइटस

7  मंज मोहन – हिंद मजदूर सभा

8  रोमा – एन एफ एफ पीएफ डब्लू

9  अनिल चौधरी – इंसाफ

10  इंशा मलिक - रिसर्च स्कॉलर (जेनएनयू)

11  भूपेन सिंह – रिसर्च स्कॉलर (जेनएनयू)

12  विजय प्रताप – संॉंस्लिट फंरट

13  मधुरेश – एनएपीएम

14  राजेन्द्र रवी - एनएपीएम

15  अन्ना खंडरें – समाजवादी पार्टी

16  पुतूल – युवा भारत

17  पी के सुंदरम -

18  प्रकाश कुमार रॉंय – संपादक बरगद ओआरजी

19  नयन ज्यांजि – क्रांतिकारी नौजवान सभा

20  विनोद सिंह – समाज्वादी जन परिषद

21  राखी सहगल – लेबर एक्टीविस्ट

22  गोपाल कृष्ण

23  ममतादास – पास्को प्रतिरोध सोलीडरट्री दिल्ली

24  असीत दास -  पास्को प्रतिरोध सोलीडरट्री दिल्ली

No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...