BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Sunday, March 24, 2013

लियाकत की गिरफ़्तारी पर कुछ सवाल

लियाकत की गिरफ़्तारी पर कुछ सवाल

पुलिसिया दावे में आखिर कितना है सच 

पुलिस ने लियाकत से जान लिया है कि वह दिल्ली में विस्फोट के बाद अपने गृह जिले में जाकर वहां नौजवानों को आतंकी ट्रेनिंग देने वाला था. लेकिन इस पुलिसिया दावे में कुछ ऐसा झोल है, जिससे गिरफ़्तारी और दावे दोनों ही संदेह में घिर गए हैं... 

मनोज कुमार सिंह 


दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने दावा किया है कि उसने 22 मार्च को हिजबुल मुजाहिद्दीन के कथित आतंकी को पकड़कर राजधानी को फियादीन हमले से बचा लिया है. पुलिस ने दावा किया है कि उत्तर प्रदेश  के गोरखपुर से 20 मार्च को गिरफ्तार 47 वर्षीय सैयद लियाकत शाह फर्जी पासपोर्ट के जरिये नेपाल के रास्ते भारत में प्रवेश किये थे.

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पुलिसिया दावा : समय पर हुई सचेत

फियादीन हमलावर होने के आरोप में गिरफ्तार किये गये लियाकत कश्मीर के कूपवाड़ा जिले के दारपोरा गांव के रहने वाले हैं. दिल्ली पुलिस का दावा है की उसने लियाकत की निशानदेही पर दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके से एक एके-56, तीन हैण्ड ग्रेनेड, 230 ग्राम विस्फोटक और 60 गोलियां बरामद की हैं.

इतना ही नहीं पुलिस ने लियाकत से यह भी जान लिया है कि वह दिल्ली में विस्फोट के बाद अपने गृह जिले में जाकर वहां नौजवानों को आतंकी ट्रेनिंग देने वाला था. लेकिन इस पुलिसिया दावे में कुछ ऐसा झोल है, जिससे गिरफ़्तारी और दावे दोनों ही संदेह में घिर गए हैं. 

कश्मीरी लियाकत अली शाह की गिरफ्तारी और दिल्ली में विस्फोटक बरामदगी के बारे में कुछ सवाल

1.दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने बताया है कि हिज्बुल मुजाहिदीन का आतंकवादी लियाकत दो दिन पहले गोरखपुर में तब पकड़ा गया जब वह दिल्ली के लिए ट्रेन पर बैठने जा रहा था जबकि सच यह है कि वह बुधवार को चार लोगों के साथ साथ जिसमें एक पुरूष, एक महिला और दो बच्चे थे, के साथ नेपाल बार्डर को पार करने के बाद सोनौली पहुंचा था, जहां उसे एसएसबी ;सशस्त्र सुरक्षा बलद्ध पूछताछ के लिए ले गई. बाद में एसएसबी ने बयान दिया कि उन्हें छोड़ दिया गया है. यह खबरें 21 मार्च को स्थानीय समाचार पत्रों में छपी है.

2.यदि लियाकत अली को पकड़ा गया तो उनके साथ महिलाएं और बच्चे कहां हैं.

3.नेपाल बार्डर पार करने के बाद सोनौली में लियाकत अली और उसके साथ के लोगों को रोकने के कुछ समय बाद ही दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की पुलिस सौनौली आ गई और सभी लोगों को अपने साथ ले गई. क्या एसएसबीए दिल्ली पुलिस को पहले से यह नहीं पता था कि ये लोग यहां आ रहे हैं.

4.क्या यह सही नहीं है कि सरकार की पुनर्वास योजना के तहत ये कश्मीरी नेपाल होते हुए भारत लौट रहे थे. इसके पहले मई 2012 में 37 और दिसम्बर 2012 में 16 कश्मीरी इसी रास्ते से लौटे थे. चूंकि पाकिस्तान इन नौजवानों की अपने यहां उपस्थिति से ही इनकार करता रहा है इसलिए वहां से वह सीधे भारत नहीं आ पा रहे थे. इसलिए भारत की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा ही सुझाए गए उपाय के मुताबिक वे पाकिस्तान से नेपाल और फिर सोनौली बार्डर के रास्ते भारत आ रहे थे. उनके आने की जानकारी भारतीय सुरक्षा एजेसियों को थी, इसलिए वे उन्हें बार्डर पर रोक कर अपने चेकपोस्ट ले गए. उनके बारे में पूरी जानकारी की और फिर गाड़ी में बिठकार दिल्ली और वहां से कश्मीर भेज दिया गया. 

अब इन तथ्यों के आलोक में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की कार्यवाही को देखें, तस्वीर साफ होती नजर आएगी.

manoj-singhमनोज कुमार सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं.

http://www.janjwar.com/2011-05-27-09-00-20/25-politics/3820-sayyed-liyakat-shah-arrested-by-delhi-special-police-manoj-kumar-singh

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