BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Friday, March 8, 2013

अलविदा शावेज, मानवता की साम्राज्यवाद विरोधी भावनाओं में तुम जिन्दा रहोगे

अलविदा शावेज, मानवता की साम्राज्यवाद विरोधी भावनाओं में तुम जिन्दा रहोगे

ह्यूगो शावेज की असामयिक मृत्यु ने आज दुनियाभर में न्याय और समता के सपने को साकार करने में लगे करोड़ों लोगों को शोकसंतप्त कर दिया है। साम्रज्यवाद विरोधी दल के कमांडर कहे जाने वाले शावेज ने लातिन अमेरिका के हितों का ध्यान रखते हुए नयी एकीकरण गतिविधियों को निर्णायक गति प्रदान की थी। वे अमेरिकी साम्राज्यवादी नीतियों के घोर विरोधी थे। संयुक्त राष्ट्र संघ के काराकास सम्मलेन में 20 सितंबर, 2006 में दिया गया उनका भाषण बहुत प्रासंगिक है। इसमें उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की पुनर्स्थापना का प्रस्ताव भी रखा था। उनकी याद में हम संयुक्त राष्ट्र संघ और दुनिया की जनता के नाम दिया गया उनका संदेश यहां प्रकाशित कर रहे हैं जो विश्व जनगण के साम्राज्यवाद विरोधी संघर्ष का एक अत्यंत महत्वपूर्ण दस्तावेज है। उनका यह संदेश देश-विदेश पत्रिका के पांचवें अंक में प्रकाशित हुआ था।

Chavez

आतताई साम्राज्यवाद

♦ ह्यूगो शावेज फ्रियास

अध्यक्ष महोदया, महामहिम राज्याध्यक्ष, सरकारों के प्रमुख और दुनिया की सरकारों के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिगण; आप सब को शुभ दिवस!

सबसे पहले आपसे मेरा विनम्र अनुरोध है कि जिसने भी यह किताब नहीं पढ़ी है, इसे जरूर पढ़ लें । अमरीका ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के बहुत ही सम्मानित बुद्धिजीवी नोम चोम्सकी की ताजा रचना मैंने पढ़ी – 'वर्चस्व या अस्तित्व रक्षा ? दुनिया पर प्रभुत्व कायम करने की अमरीकी कोशिश ।' यह किताब 20वीं सदी के दौरान जो कुछ हुआ और जो आज भी हो रहा है, हमारे भूमण्डल के ऊपर जो गम्भीर खतरे मँडरा रहे हैं, अमरीकी साम्राज्यवाद के जिस वर्चस्ववादी मंसूबे ने मानव जाति के अस्तित्व को ही खतरे में डाल दिया है, उन सबको समझने में यह काफी मददगार है । डेमोक्लीज की तलवार की तरह हमारे ऊपर लटक रहे इस खतरे के प्रति हम लगातार अमरीका और पूरी दुनिया की जनता को चेतावनी दे रहे हैं और उनका आह्वान कर रहे हैं ।

मैं इसका एक अध्याय यहाँ पढ़ना चाहता था, लेकिन समय के अभाव में मैं केवल आपसे पढ़ने का अनुरोध भर कर रहा हूँ । यह काफी प्रवाहमय है । अध्यक्ष महोदया, यह वास्तव में बहुत अच्छी किताब है और आप जरूर इससे वाकिफ होंगी । यह अंग्रेजी, जर्मन, रशियन और अरबी में छपी है । देखिए, मेरे खयाल से संयुक्त राज्य अमरीका के हमारे भाई–बहनों को तो सबसे पहले इसे पढ़ना चाहिए क्योंकि खतरा उनके घर में है । शैतान उनके घर में है । शैतान खुद उनके घर के भीतर है ।

शैतान कल यहाँ भी आया था । (हँसी और तालियाँ) । कल शैतान यहीं था । ठीक इसी जगह । यह टेबुल जहाँ से मैं बोल रहा हूँ, वहाँ अभी भी सल्फर की बदबू आ रही है । कल, बहनो–भाइयो ठीक इसी सभागार में संयुक्त राज्य अमरीका का राष्ट्रपति जिसे मैं शैतान कह रहा हूँ, आया था और ऐसे बोल रहा था, जैसे वह दुनिया का मालिक हो । कल उसने जो भाषण दिया था, उसे समझने के लिए हमें किसी मनोचिकित्सक की मदद लेनी पड़ेगी ।

साम्राज्यवाद के प्रवक्ता के रूप में वह हमें अपने मौजूदा वर्चस्व को बनाये रखने, दुनिया की जनता के शोषण और लूट की योजना का नुस्खा देने आया था । इस पर तो अल्फ्रेड हिचकॉक की एक डरावनी फिल्म तैयार हो सकती है । मैं उस फिल्म का नाम भी सुझा सकता हूँ – ''शैतान का नुस्खा ।'' मतलब अमरीकी साम्राज्यवाद, और यहाँ चोम्सकी इस बात को गहरी और पारदर्शी स्पष्टता के साथ कहते हैं कि अमरीकी साम्राज्यवाद अपनी वर्चस्ववादी प्रभुत्व की व्यवस्था को मजबूत बनाने की उन्माद भरी कोशिशें कर रहा है । हम ऐसा होने नहीं देंगे, हम उन्हें विश्वव्यापी तानाशाही लादने नहीं देंगे ।

दुनिया के इस जालिम राष्ट्रपति का भाषण मानवद्वेष से भरा हुआ था, पाखण्ड से भरा हुआ था । यही वह साम्राजी पाखण्ड है जिसके सहारे वे हर चीज पर नियन्त्रण कायम करना चाहते हैं । वे हम सबके ऊपर अपने द्वारा गढ़े गये लोकतन्त्र के नमूने को थोपना चाहते हैं, अभिजात्यों का फर्जी लोकतन्त्र । और इतना ही नहीं, एक बहुत ही मौलिक लोकतान्त्रिक नमूना जो विस्फोटों, बमबारियों, घुसपैठों और तोप के गोलों के सहारे थोपा जा रहा है, क्या ही सुन्दर लोकतन्त्र है! हमें अरस्तु और प्राचीन यूनानियों के लोकतन्त्र के सिद्धान्तों का पुनरावलोकन करना होगा यह समझने के लिए कि यह किस प्रकार के लोकतन्त्र का नमूना है जो समुद्री बेड़ों, आक्रमणों, घुसपैठों और बमों के जरिये आरोपित किया जा रहा है ।

अमरीकी राष्ट्रपति ने इस छोटे से सभागार में कल कहा था कि ''आप जहाँ भी जाओ, आपको उग्रवादी यह कहते हुए सुनायी देते हैं कि आप हिंसा और आतंक, मुसीबतों से छुटकारा पा सकते हैं और अपना सम्मान फिर से हासिल कर सकते हैं ।'' वह जिधर भी देखता है, उसे उग्रवादी दिखाई देते हैं । मुझे यकीन है कि वह आपकी चमड़ी के रंग को देखता है भाई, और सोचता है कि आप एक उग्रवादी हो । अपनी चमड़ी के रंग के चलते ही बोलीविया के माननीय राष्ट्रपति इवो मोरालेस जो कल यहाँ आये थे, एक उग्रवादी हैं। साम्राज्यवादियों को हर जगह उग्रवादी दिखायी देते हैं । नहीं ऐसा नहीं कि हम लोग उग्रवादी हैं । हो ये रहा है कि दुनिया जाग रही है और हर जगह जनता उठ खड़ी हो रही है । मुझे ऐसा लगता है श्रीमान् साम्राज्यवादी तानाशाह कि आप अपने बाकी के दिन एक दु:स्वप्न में गुजारेंगे, क्योंकि आप चाहे जिधर भी देखेंगे हम अमरीकी साम्राज्यवाद के खिलाफ उठ खड़े हो रहे होंगे । हाँ, वे हमें उग्रवादी कहते हैं क्योंकि हम दुनिया में सम्पूर्ण आजादी की माँग करते हैं, जनता के बीच समानता की माँग करते हैं और राष्ट्रीय सम्प्रभुता के सम्मान की माँग करते हैं । हम साम्राज्य के खिलाफ, वर्चस्व के ताने–बाने के खिलाफ उठ खड़े हो रहे हैं ।

आगे राष्ट्रपति ने कहा कि ''आज हम सारे मध्यपूर्व की समूची जनता से सीधे–सीधे कहना चाहेंगे कि मेरा देश शान्ति चाहता है ।'' यह पक्की बात है । अगर हम ब्रोंक्स की सड़कों से गुजरें, यदि हम न्यूयार्क, वाशिंगटन, सान दियेगो, कैलीपफोर्निया, सान फ़्रांससिस्को की गलियों से होकर गुजरें और उन गलियों के लोगों से पूछें तो यही जवाब मिलेगा कि अमरीका की जनता शान्ति चाहती है । फर्क यह है कि इस देश की, अमरीका की सरकार शान्ति नहीं चाहती । युद्ध का भय दिखाकर हमारे ऊपर अपने शोषण और लूट और प्रभुत्व का प्रतिमान थोपना चाहती है । यही थोड़ा सा फर्क है ।

जनता शान्ति चाहती है लेकिन इराक में हो क्या रहा है ? और लेबनान और फिलिस्तीन में क्या हुआ ? और सौ सालों तक लातिन अमरीका और दुनियाभर में क्या हुआ ? और वेनेजुएला के खिलाफ धमकी और ईरान के खिलाफ नयी धमकी ? लेबनान की जनता से उसने कहा, ''आप में से बहुतों ने अपने घर और अपने समुदायों को जवाबी गोलाबारी में फँसते देखा ।'' क्या सनकीपन है ? दुनिया के सामने सफेद झूठ बोलने की कैसी महारत है ? बेरूत के ऊपर एक–एक सेण्टीमीटर की नाप–जोख करके गिराये गये बम क्या ''जवाबी गोलाबारी'' थी! मेरे खयाल से राष्ट्रपति उन पश्चिमी फिल्मों की बात कर रहा है जिसमें वे कमर की ऊँचाई से दूसरे पर अंधाधुंध गोलियाँ चलातें हैं और बीच में फँस कर कोई मर जाता है ।

साम्राज्यवादी गोलाबारी, फासीवादी गोलाबारी! हत्यारी गोलाबारी! साम्राज्यवादियों और इजरायल के द्वारा फिलिस्तीन और लेबनान की निर्दोष जनता के खिलाफ नरसंहारक गोलाबारी, यही सच है । अब वे कहते हैं कि वे तबाह किये गये घरों को देखकर परेशान हैं ।

आज सुबह मैं अपने भाषण की तैयारी के दौरान कुछ भाषणों को देख रहा था । अपने भाषण में अमरीकी राष्ट्रपति ने अफगानिस्तान की जनता को, लेबनान की जनता को, ईरान की जनता को सम्बोधित किया । कोई भी, अमरीकी राष्ट्रपति को उन लोगों को सम्बोधित करते हुए सुनेगा तो वह अचरज में पड़ जायेगा । वे लोग उससे क्या कहेंगे ? यदि वे लोग उससे कुछ कह पाते तो उससे भला क्या कहते ? मुझे इसका कुछ अन्दाजा है क्योंकि मैं उन लोगों की, दक्षिण के लोगों की आत्मा से परिचित हूँ । यदि दुनियाभर के वे लोग अमरीकी साम्राज्यवाद से एक ही आवाज में बोलें, तो दबे–कुचले लोग कहेंगे – यांकी साम्राज्यवादी वापस जाओ! यही वह चीख होगी जो पूरी दुनिया में गूँज उठेगी ।

अध्यक्ष महोदया, साथियो और दोस्तो, पिछले साल हम लोग ठीक इसी सभागार में आये, पिछले आठ वर्षों से हम लोग यहाँ जुटते हैं और हम सबने कुछ बातें कही थीं जो आज पूरी तरह सही साबित हुई हैं । मेरा विश्वास है कि इस जगह बैठे हुए लोगों में से कोई भी नहीं होगा जो संयुक्त राष्ट्र संघ की व्यवस्था के समर्थन में खड़ा होगा । हमें इस बात को ईमानदारी से स्वीकार करना चाहिए कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जिस संयुक्त राष्ट्र संघ का उद्भव हुआ था, उसका पतन हो गया है, वह छिन्न–भिन्न हो गया है, वह किसी काम का नहीं रहा । हाँ, ठीक है कि यहाँ आना और भाषण देना और एक–दूसरे से साल में एक बार मिलना–जुलना, इतना काम तो होता है । लम्बे दस्तावेज तैयार करना, अपने विचार व्यक्त करना और अच्छे भाषण सुनना, जैसा कल इवो ने और लूला ने दिया था, हाँ इसके लिए यह ठीक है । और भी कई अच्छे भाषण भी, जैसा अभी–अभी श्रीलंका के राष्ट्रपति और चिली के राष्ट्रपति ने दिया । लेकिन हमने इस मंच को महज एक विचार मण्डल में बदल दिया है जिसमें आज पूरी दुनिया जिन भयावह सच्चाइयों से रूबरू है उन्हें रत्ती भर भी प्रभावित करने का कोई दम नहीं है । इसलिए हम यहाँ एक बार फिर आज, यानि 20 सितम्बर 2006 को संयुक्त राष्ट्र संघ की पुनर्स्थापना का प्रस्ताव रखते हैं । पिछले साल अध्यक्ष महोदया, हमने चार निम्न प्रस्ताव रखे थे, जिन्हें मैं महसूस करता हूँ कि राज्याध्यक्षों, सरकार के प्रमुखों, राजदूतों और प्रतिनिधियों द्वारा स्वीकृति दिया जाना अत्यन्त जरूरी है । हमने इन प्रस्तावों पर विचार–विमर्श भी किया है ।

पहला – विस्तार । कल लूला ने यही बात कही थी, सुरक्षा परिषद् के स्थाई और साथ ही अस्थाई पदों को भी विकसित, अविकसित और तीसरी दुनिया के देशों के बीच से नये सदस्यों के लिए खुला रखना जरूरी है । यह पहली प्राथमिकता है ।

दूसरा – दुनिया के टकरावों का सामना करने और उन्हें हल करने के लिए प्रभावी तौर–तरीके अपनाना । वाद–विवाद और निर्णय लेने के पारदर्शी तौर–तरीके ।

तीसरा – वीटो की गैरजनवादी प्रणाली तत्काल समाप्त करना । सुरक्षा परिषद् के निर्णयों के ऊपर वीटो के अधिकार का प्रयोग हमारे खयाल से एक बुनियादी सवाल है और हम सब इसे हटाने की माँग करते हैं । इसका ताजा उदाहरण है अमरीकी सरकार द्वारा अनैतिक वीटो जिसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के एक प्रस्ताव को बाधित करके इजरायली सेना को लेबनान की तबाही की खुली छूट दे दी और हम विवश देखते रह गये ।

चौथा – जैसा कि हम हमेशा कहते रहे हैं, संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव की भूमिका और उसके अधिकारों को मजबूत बनाना जरूरी है । कल हमने महासचिव का भाषण सुना जिनका कार्यकाल जल्दी ही खत्म होने जा रहा है । उन्होंने याद दिलाया कि पिछले दस वर्षों के दौरान दुनिया पहले से कहीं ज्यादा जटिल हो गयी है तथा भूख, गरीबी, हिंसा और मानवाधिकारों के हनन जैसी दुनिया की गम्भीर समस्याएँ लगातार विकट होती गयी हैं। यह संयुक्त राष्ट्र संघ की व्यवस्था के पतन और अमरीकी साम्राज्यवाद के मंसूबों का भयावह परिणाम है।

अध्यक्ष महोदया, इसके सदस्य के रूप में अपनी–अपनी हैसियत को समझते हुए कई साल पहले वेनेजुएला ने फैसला किया था कि हम संयुक्त राष्ट्र संघ के भीतर अपनी आवाज, अपने विनम्र विचारों के जरिये यह लड़ाई लडे़ंगे । हम एक स्वतन्त्र आवाज हैं, स्वाभिमान के प्रतिनिधि हैं, शान्ति की तलाश में हैं और एक ऐसी अन्तरराष्ट्रीय व्यवस्था के निरूपण की माँग करते हैं जो दुनियाभर की जनता के उत्पीड़न और वर्चस्ववादी आक्रमणों की भर्त्सना करे । इसी को ध्यान में रखते हुए वेनेजुएला ने अपना नाम प्रस्तुत किया है । बोलिवर की धरती ने सुरक्षा परिषद् के अस्थायी पद के उम्मीदवार के रूप में अपना नाम प्रस्तुत किया है । निश्चय ही आप सब जानते हैं अमरीकी सरकार ने एक खुला आक्रमण छेड़ दिया है ताकि वह सुरक्षा परिषद् के खुले पद को स्वतन्त्र चुनाव के जरिये हासिल करने में वेनेजुएला की राह में बाधा खड़ी करे । वे सच्चाई से डरते हैं । साम्राज्यवादी सच्चाई और स्वतन्त्र आवाज से भयभीत हैं । वे हम पर उग्रवादी होने की तोहमत लगाते हैं ।
उग्रवादी तो वे खुद हैं ।

मैं उन सभी देशों को धन्यवाद देना चाहता हूँ जिन्होंने वेनेजुएला को समर्थन देने की घोषणा की है, बावजूद इसके कि मतदान गुप्त है और किसी के लिए अपना मत जाहिर करना जरूरी नहीं । लेकिन मैं सोचता हूँ कि अमरीका के खुले आक्रमण ने कई देशों को समर्थन के लिए बाध्य कर दिया ताकि वेनेजुएला को, हमारी जनता और हमारी सरकार को नैतिक रूप से बल प्रदान करें ।

मरकोसुर के हमारे भाइयों एवं बहनों ने, मिसाल के लिए एक समूह के तौर पर वेनेजुएला को अपना समर्थन देने की घोषणा की है । अब हम ब्राजील, अर्जेण्टीना, उरुग्वे, परागुए के साथ मरकोसुर (लातिन अमरीकी साझा बाजारद्) के स्थायी सदस्य हैं । बोलीविया जैसे कई दूसरे लातिन अमरीकी देशों और सभी कैरीकॉम (कैरीबियाई साझा बाजार) के देशों ने भी वेनेजुएला को अपना समर्थन देने का वचन दिया है । सम्पूर्ण अरब लीग ने वेनेजुएला को समर्थन देने की घोषणा की है । मैं अरब दुनिया को, अरब दुनिया के अपने भाइयों को धन्यवाद देता हूँ । अफ़्रीकी संघ के लगभग सभी देशों ने तथा रूस, चीन और दुनियाभर के अन्य कई देशों ने भी वेनेजुएला को अपना समर्थन देने का वचन दिया है । मैं वेनेजुएला की ओर से, अपने देश की जनता की ओर से और सच्चाई के नाम पर आप सबको तहे दिल से धन्यवाद देता हूँ क्योंकि सुरक्षा परिषद् में स्थान पाकर हम न केवल वेनेजुएला की आवाज, बल्कि तीसरी दुनिया की आवाज, पूरे पृथ्वी ग्रह की आवाज को सामने लायेंगे । वहाँ हम सम्मान और सच्चाई की हिफाजत करेंगे । अध्यक्ष महोदया, सबकुछ के बावजूद मैं सोचता हूँ कि आशावादी होने के आधार है।

जैसा कवि लोग कहते हैं, विकट आशावादी, क्योंकि बमों, युद्ध, हमलों, निरोधक युद्धों और पूरी जनता की तबाही के खतरे के बावजूद कोई भी यह देख सकता है कि एक नये युग का उदय हो रहा है । जैसा कि सिल्वो रोड्रिग्ज गाता है – ''जमाना एक नये जीवट को जन्म दे रहा है ।'' वैकल्पिक प्रवृत्तियाँ, वैकल्पिक विचार और स्पष्ट विचारों वाले नौजवान उभर कर सामने आ रहे हैं । बमुश्किल एक दशक बीता और यह बात साफ तौर पर साबित हो गयी कि 'इतिहास के अन्त' का सिद्धान्त पूरी तरह फर्जी है । अमरीकी साम्राज्य और अमरीकी शान्ति की स्थापना, पूँजीवादी नवउदारवादी मॉडल की स्थापना, जो दु:ख–दैन्य और गरीबी को जन्म देते हैं – पूरी तरह फर्जी है । यह विचार पूरी तरह बकवास है और इसे कूड़े पर फेंक दिया गया है । अब दुनिया के भविष्य को परिभाषित करना ही होगा । पूरी पृथ्वी पर एक नया सवेरा हो रहा है जिसे हर जगह देखा जा सकता है – लातिन अमरीका में, एशिया, अफ्रिका, यूरोप और ओसीनिया में । इस आशावादी नजरिये पर मैं अच्छी तरह रोशनी डाल रहा हूँ ताकि हम अपनी अन्तरात्मा और दुनिया की हिफाजत करने का, एक बेहतर दुनिया, एक नयी दुनिया के निर्माण के लिए लड़ने का, अपना इरादा पक्का कर लें ।

वेनेजुएला इस संघर्ष में शामिल हो गया है और इसीलिए हमें धमकियाँ दी जा रही हैं । अमरीका ने पहले ही एक तख्तापलट की योजना बनायी, उसके लिए पैसे दिये और उसे अंजाम दिया । अमरीका आज भी वेनेजुएला में तख्तापलट की साजिश रचने वालों की मदद कर रहा है और वे लगातार वेनेजुएला के खिलाफ आतंकवादियों की मदद कर रहे हैं ।

राष्ट्रपति मिशेल बैचलेट ने कुछ दिनों पहले, माफ करें, कुछ ही मिनटों पहले यहाँ बताया कि चिली के विदेश मन्त्री ओरलान्दो लेतेलियर की कितनी भयावह तरीके से हत्या की गयी । मैं इसमें इतना और जोड़ दूँ कि अपराधी दल पूरी तरह आजाद हैं । उस कुकृत्य के लिए, जिसमें एक अमरीकी नागरिक भी मारा गया था, जो लोग जिम्मेदार हैं वे सीआईए के उत्तरी अमरीकी लोग हैं, सीआईए के आतंकवादी है ।

इसके साथ मैं यह भी याद दिला देना जरूरी समझता हूँ कि आज से 30 साल पहले एक हृदयविदारक आतंकवादी हमले में क्यूबाना दे एविएसियोन के एक हवाई जहाज को बीच आकाश में उड़ा दिया गया था और 73 निर्दोष नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया गया था । इस महाद्वीप का वह सबसे घिनौना आतंकवादी कहाँ है जिसने स्वीकार किया था कि उस क्यूबाई हवाई जहाज को उड़ाने के षड्यन्त्र का दिमागी खाका उसी ने तैयार किया था ? वह कुछ सालों तक वेनेजुएला की जेल में था, लेकिन सीआईए के अधिकारियों और वेनेजुएला की तत्कालीन सरकार की मदद से वह फरार हो गया । आजकल वह अमरीका में रह रहा है, और वहाँ की सरकार उसका बचाव कर रही है, इसके बावजूद कि उसने जुर्म का इकबाल किया था और उसे सजा हुई थी । अमरीका दोगली नीति अपनाता है और आतंकवादियों का बचाव करता है ।

इन बातों के जरिये मैं यह बताना चाहता हूँ कि वेनेजुएला आतंकवाद और हिंसा के खिलाफ संघर्ष के लिए वचनबद्ध है और उन सभी लोगों के साथ मिलकर काम करने को तैयार है जो शान्ति के लिए और एक न्यायपूर्ण दुनिया के लिए संघर्षरत हैं ।

मैने क्यूबाई हवाई जहाज की बात की । लुइस पोसादा कैरिलेस नाम है उस आतंकवादी का । अमरीका में उसकी ठीक उसी तरह हिफाजत की जाती है जैसे वेनेजुएला के भ्रष्ट भगोड़ों की, आतंकवादियों के एक गिरोह की जिसने कई देशों के दूतावासों में बम लगाया था, तख्तापलट के दौरान निर्दोष लोगों की हत्या की थी और इस विनम्र सेवक (शावेज) का अपहरण किया था । वे मेरी हत्या करने ही वाले थे कि खुदा की मेहरबानी, अच्छे सैनिकों का एक समूह सामने आया और जिन्होंने जनता को सड़कों पर उतार दिया । यह चमत्कार ही समझिये कि मैं यहाँ मौजूद हूँ । उस तख्तापलट और आतंकवादी कारनामे के नेता यहीं हैं, अमरीकी सरकार की सुरक्षा में (अभी हाल ही में खबर आयी कि अमरीका ने इस आतंकवादी कैरिलेस को रिहा कर दिया है) मैं अमरीकी सरकार पर आतंकवाद की हिफाजत करने और एक पूर्णत: मानवद्रोही भाषण देने का अभियोग लगाता हूँ ।

जहाँ तक क्यूबा की बात है, हम लोग खुशी–खुशी हवाना गये । कई दिनों तक हम लोग वहाँ रहे । जी–15 और गुट निरपेक्ष आन्दोलन के सम्मेलन के दौरान पारित एक ऐतिहासिक प्रस्ताव और दस्तावेज में नये युग के उदय का स्पष्ट प्रमाण मौजूद था । परेशान न हों । मैं यहाँ उन सबको पढ़ने नहीं जा रहा हूँ । लेकिन पूरी पारदर्शिता के साथ खुले विचार–विमर्श के बाद लिए गये प्रस्तावों का एक संग्रह यहाँ उपलब्ध है । पचास देशों के राज्याध्यक्षों की उपस्थिति में एक हफ्रते तक हवाना दक्षिण की राजधानी बना हुआ था । हमने गुट निरपेक्ष आन्दोलन को दुबारा शुरू किया । और आपसे हमारी यही गुजारिश है कि मेरे भाइयों और बहनों, मेहरबानी करके आप लोग गुट निरपेक्ष आन्दोलन को मजबूत बनाने के लिए अपना पूरा सहयोग दें, क्योंकि यह नये युग के उदय तथा आधिपत्य और साम्राज्यवाद पर लगाम लगाने के लिए बहुत ही जरूरी है । साथ ही आप सब जानते हैं कि हमने फिदेल कास्त्रो को अगले तीन वर्षों के लिए गुट निरपेक्ष आन्दोलन का अध्यक्ष बनाया है और हमें पक्का यकीन है कि साथी अध्यक्ष फिदेल कास्त्रो पूरी दक्षता के साथ अपना पद सम्भालेंगे । जो लोग फिदेल की मौत चाहते थे, उन्हें निराशा ही हाथ लगी क्योंकि फिदेल अपनी जैतूनी हरे रंग की वर्दी में वापस आ गये हैं और वे अब न केवल क्यूबा के राज्याध्यक्ष हैं बल्कि गुट निरपेक्ष आन्दोलन के भी अध्यक्ष हैं ।

अध्यक्ष महोदया, मेरे प्यारे दोस्तों राज्याध्यक्षों, हवाना में दक्षिण का एक बहुत ही मजबूत आन्दोलन उठ खड़ा हुआ है । हम दक्षिण के औरत और मर्द हैं । हम इन दस्तावेजों, इन धारणाओं और विचारों के वाहक हैं । जिन परचों और पुस्तको को मैं वहाँ से अपने साथ लाया हूँ – वे आपके लिए रखवा दिये गये हैं । इन्हें भूलिएगा मत । मैं वास्तव में आपसे इन्हें पढ़ने की सिफारिश कर रहा हूँ । पूरी विनम्रता के साथ हम लोग इस ग्रह को बचाने, साम्राज्यवाद के खतरे से इसकी हिफाजत करने की दिशा में वैचारिक योगदान करने का प्रयास कर रहे हैं और भगवान ने चाहा तो जल्दी ही यह काम हो जायेगा । इस सदी की शुरुआत में ही यदि खुदा ने चाहा हम लोग खुद भी और अपने बच्चों, अपने पोते–पोतियों के साथ एक शान्तिपूर्ण दुनिया का मजा ले सकेंगे, जो संयुक्त राष्ट्र संघ के नवीन और पुनर्निर्धारित बुनियादी सिद्धान्तों के अनुरूप होगी । मेरा विश्वास है कि संयुक्त राष्ट्र संघ किसी अन्य देश में स्थापित होगा, दक्षिण के किसी शहर में । हमने इसके लिए वेनेजुएला की ओर से प्रस्ताव दिया है । आप सबको पता है कि हमारे चिकित्सकों को हवाई जहाज में बन्द करके रोक दिया गया है । हमारे सुरक्षा प्रमुख को हवाई जहाज में बन्द कर दिया गया । वे उन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ में नहीं आने देंगे । एक और दुर्व्यवहार, एक और अत्याचार ।

अध्यक्ष महोदया, मेरा आग्रह है कि इसके लिए व्यक्तिगत तौर पर उसी सल्फ्रयूरिक शैतान को जिम्मेदार माना जाये ।

खुदा हम सब की खैर करे ।
शुभ दिवस ।

(http://aaweg.blogspot.in/ से साभार)


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