BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Monday, July 1, 2013

`भोपाल गैस कांड से बड़ी है उत्तराखंड त्रासदी`

`भोपाल गैस कांड से बड़ी है उत्तराखंड त्रासदी`

`भोपाल गैस कांड से बड़ी है उत्तराखंड त्रासदी`

भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उत्तराखंड की त्रासदी को भोपाल गैस त्रासदी से बड़ी त्रासदी बताया है। उत्तराखंड में फंसे 167 तीर्थयात्रियों को साथ लेकर विशेष विमान से सोमवार को भोपाल पहुंचे मुख्यमंत्री चौहान ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसी त्रासदी नहीं देखी है। वहां शव नहीं मिल रहे हैं, लापता लोगों का पता नहीं चल रहा है, यह त्रासदी भोपाल त्रासदी से बड़ी है।


उन्होंने कहा कि भोपाल में हुए हादसे में तो मरने वालों का पता चल गया था, शव मिल गए थे, बीमार हालत में लोग अस्पताल में थे और लापता लोग अगले दिन घर को लौट आए थे, मगर उत्तराखंड में आई आपदा अपने साथ कई लोगों को ले गई जिनका कोई पता नहीं है।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राज्य के लगभग 743 यात्रियों के लापता होने की आशंका है, यह संख्या कुछ बढ़ भी सकती है। इनमें से 593 यात्रियों की तस्वीर व ब्योरा तैयार किया गया है, तस्वीरों की सीडी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को सौंप दी गई है।

चौहान ने बताया कि उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि लापता यात्रियों की खोज का अभियान जारी रहना चाहिए, क्योंकि संभावना है कि अभी भी कई ऐसे लोग मिल सकते हैं, जो पहाड़ों या अन्य स्थानों पर फंसे हों।

चौहान ने कहा है कि राज्य के लापता हुए लोगों के परिजनों को फौरी तौर पर 50 हजार की मदद दी गई है और अगर सात दिन तक उनका पता नहीं चलता है तो उनके परिजनों को दो लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही जो बच्चे अनाथ हो गए हैं, उन्हें पांच लाख की राहत दी जाएगी।

चौहान ने बताया कि राज्य के कई लोग ऐसे हैं, जिनके परिजनों का कोई पता नहीं चल रहा है, वे लोग वापस आने को तैयार नहीं है, वे अपनों की तलाश करना चाहते हैं। लिहाजा, सरकार ने निर्णय लिया है कि लापता लोगों की खेाज के लिए एक विशेष दस्ता उत्तराखंड भेजा जाएगा, इसके अलावा राज्य का राहत शिविर चलता रहेगा और राज्य के अधिकारी वहां रहेंगे। 

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