BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Friday, June 7, 2013

कैसे रुकेगा शादी के बहाने लड़कियों का व्यापार ?

कैसे रुकेगा शादी के बहाने लड़कियों का व्यापार ?

marriage-mattersपिछले कुछ वर्षों से शादी के बहाने गरीब घरों की लड़कियों को उत्तराखंड से बाहर अन्य प्रदेशों में बेचने के समाचार आये दिन मिल रहे हैं। यदा-कदा इस तरह के गिरोह के पकड़े जाने की खबर भी मिलती है। पर ऐसे मामलों पर कोई ठोस कार्यवाही होती नहीं दिखती और यह सिलसिला बढ़़ता जा रहा है। आश्चर्य तब होता है जब पता चलता है कि कुछ रुपये के लालच में उसी या आस-पास के गाँवों के विचौलिया ही इस घृणित कार्य में संलग्न रहते हैं। नैनीताल जिले के बेतालघाट ब्लॉक में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है।

यहाँ इस धिनौने षडयंत्र का शिकार हुई है अमेल गाँव की 20 वर्षीय चम्पा। जो अपनी सूझबूझ से उनके चंगुल से छूट घर वापस तो आ गई है, किंन्तु अब स्वयं व अपने परिवार को विचौलियों व ससुरालियों की ओर से मिल रही धमकियों से वह बहुत डरी-सहमी है। चम्पा ने महिला समाख्या के सहयोग से इस बात की सूचना बेतालघाट थाने के साथ ही पुलिस महिला सेल हल्द्वानी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल से भी की है। उसने अपनी व्यथा पत्रकारों को भी सुनाई। वह कहती है पहले वह लोक-लाज के भय से चुप रही लेकिन बार-बार मिलने वाली धमकियों से वह मजबूर होकर न्याय के शरण में आई है। उसके साथ माँ नन्दी देवी के अलावा महिला समाख्या व उत्तराखंड महिला मंच से जुड़ी महिलाएं भी थीं। उसकी कहानी पुरुष प्रधान समाज के उस घिनौने चरित्र को उजागर करती है जो अनपढ़ व गरीब परिवारों की लडकियों को शादी के बहाने पहले अपनी हवश का शिकार बनाते हैं फिर उसे किसी अन्य को बेच रुपया कमाने का जरिया बनाते हैं।

ग्राम अमेल, बेतालघाट निवासी कुन्दन सिंह बिष्ट के तीन बच्चों में चम्पा सबसे बड़ी पुत्री है। कुन्दन सिंह मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं और बहुत सीधे हैं। इसी गाँव के बची सिंह नेगी व मल्ली सेठी के धान सिंह भंडारी के बहकावे में आकर उन्होंने चम्पा की शादी 25 जनवरी 2013 को जींद, हरियाणा निवासी राजवीर सिंह डांडा से कर दी। चम्पा बताती है, ''इन विचौलिये लोगों (धान सिंह भंडारी) ने मेरे पिताजी को बताया था कि उसके साथ काम करने वाले सत्यवान की रिस्तेदारी में वह लड़का भी एक स्कूल में अध्यापक है। सीदासादा परिवार है। शादी के कुछ दिन बाद मैं मायके आकर दुबारा ससुराल गई तो धान सिंह भंडारी के साथ नौकरी करने वाला अध्यापक सत्यवान तथा मेरे ससुर ओम प्रकाश, सास, पति राजवीर (चपरासी) तथा देवर सुरेश 'सोनू' मुझे अन्य लोगों को लाकर दिखाने लगे। जब मैंने इस बात का एतराज किया तो वे कहने लगे कि यहाँ का ऐसा ही रिवाज है। कुछ दिन बाद मेरे पति व ससुराली बाहरी लोगों को घर में बुलाकर मुझे उनके साथ जाने को कहने लगे। तब मुझे पता चला कि वे लोग मुझे बेचने की योजना बनाने लगे हैं। जब मैंने इसका विरोध कर कानूनी सहायता की बात की तो वे मुझे धमकियाँ देने लगे और पति शराब पीकर मारपीट भी करने लगा। कहने लगे कि तेरे हाथ-पैर काट कर टुकड़े-टुकड़े कर देंगे और तेरे मायके वालों को भी मार देंगे। मेरे से यह भी कहने लगे कि तू पहाड़ से गरीब तथा अनपढ़ घरों की 15-20 लड़कियों को जिनके माँ-बाप न हों हरियाणा आने को राजी कर, हम उन्हें शादी करा करके यहाँ ले आयेंगे। हम लोग लड़कियों को बेचकर अच्छा पैसा कमा लेंगे। यदि तू लड़कियों को पटाकर नहीं लायेगी तो हम तुझे भी बेच देंगे और तेरे घर वाले तुझे ढूँढने आयेंगे तो उन्हें भी मार देंगे। मैंने उन लोगों के इरादे को भाँप लिया और उन्हें विश्वास में लिया कि मैं तुम्हारी सब बात मानुगी और लड़कियों का इंतजाम भी करूँगी। जब उनको विश्वास हो गया तो 7 अप्रेल 2013 को मेरे पति राजवीर डांडा, अध्यापक सत्यवान तथा दो अन्य व्यक्ति उसे मायके छोड़ गये। कह गये कि यदि तूने लड़कियाँ राजी कर ली तो एक लड़की के 5 से 10 लाख रुपए तक मिलेंगे, लेकिन लड़कियों का इन्तजाम नहीं किया तो तुझे जान से मार देंगे।''

चम्पा बताती है कि उसका घर सड़क किनारे है। उसने कुछ दिन पहले हरियाणा की एक गाड़ी खड़ी देखी तो उसने पुलिस को भी फोन से इसकी सूचना दी। चम्पा को डर है कि उसके भाई-बहिन छोटे हैं, वे उनके साथ कभी भी कोई बड़ा हादसा कर सकते हैं। विचौलिया धान सिंह भंडारी व बचे सिंह नेगी उसे हरियाणा जाने के लिए दबाव डाल रहे हैं। बचे सिंह तो उसे जान से मारने की कई बार धमकी भी दे चुका है। चम्पा ने रामनगर से बीए द्वितीय वर्ष का प्राईवेट फार्म भरा था लेकिन वह ससुरालियों के डर से पेपर नहीं दे पाई। वह अब किसी भी हालत में ससुराल जाना नहीं चाहती। वह पुलिस-प्रशासन से अपने व परिवार की सुरक्षा चाहती है और ससुरालियों को गिरफ्तार करवा कर दण्डित करवाना चाहती है।

लेकिन जब वह वरिष्ठ पुलिस से मिलकर वापस अपने घर अमेल पहुँची तो उसी रात उसका पति अन्य तीन-चार लोगों को लेकर वहाँ आ धमका! इसकी सूचना बेतालघाट थाने को मिलने पर पुलिस बल जब चम्पा के घर पहुँचा तो केवल पति राजवीर ही उनकी पकड़ में आया। बाकी फरार हो गये। राजबीर ने अपना अपराध कबूल करते हुए विचौलियों को रुपए देने की बात स्वीकार कर ली है। फिलहाल पुलिस ने राजवीर के बयान लेकर उसे छोड़ दिया है पर इसकी क्या गारण्टी है कि चम्पा अब सुरक्षित है। पुलिस कहती है कि वे मामले की छानबीन कर रहे हैं।

बताया जाता है भतरौजखान के हरड़ा, मछोड़ की भी कई लड़कियों को शादी के बहाने हरियाणा बेचा गया है। इनमें से कुछ ठीक-ठाक हालत में हैं तो कुछ जिल्लत की जिन्दगी जी रही हैं। हरियाणा में पुरुषों की अपेक्षा लड़कियों का अनुपात कम होने की वजह से कई परिवारों के अविवाहित लड़कों को लड़कियाँ बेच दी जाती हैं। और अधिकांश को रुपया कमाने के लिये देह व्यापार के धंदे में धकेल दिाया जाता है। दरअसल बेटियाँ माँ-बाप की ऐसी कमजोरी के शिकार हो जाते हैं जो लड़कियों को बोझ समझ उनकी शादी कहीं भी उसकी मरजी के खिलाफ कर देते हैं। वह लड़की को पढ़ा-लिखा स्वावलम्बी बनाने की कोशिश नहीं करते। आये दिन हो रही ऐसी घटनाओं से आम व गरीब ग्रामीणों को सचेत करने के लिए उत्तराखंड में ऐसा कोई तंत्र भी विकसित नहीं हुआ है। मीडिया भी तात्कालिक रूप से सनसनी फैलाने के लिए उस घटना को उछाल तो देता है पर ऐसी घटनाओं से समाज को सचेत करने की मुहिम नहीं चलाता। एनजीओ भी इस मामले में अधिक कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इसके लिए माता-पिता को ही सचेत होना होगा, लड़कियों की शादी की चिन्ता से पहले उनको शिक्षित कर स्वावलम्बी बनाना होगा।

http://www.nainitalsamachar.in/how-we-would-save-girls-from-falling-prey/

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