BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Friday, June 28, 2013

जनता को जानकारी नहीं देंगे राजनैतिक दल, RTI के दायरे से होंगे बाहर और भी... http://aajtak.intoday.in/story/government-set-to-keep-parties-out-of-rti-1-734594.html

जनता को जानकारी नहीं देंगे राजनैतिक दल, RTI के दायरे से होंगे बाहर


आखिरकार वही हुआ जिसका डर था. जी हां, सरकार ने राजनीतिक दलों को सूचना के अधिकार यानी कि आरटीआई से बाहर रखने की तैयारी कर ली है. खबर के मुताबिक सरकार इस बारे में एक अध्‍यादेश लाएगी जिसे जल्‍द ही कैबिनेट में रखा जाएगा.

इससे पहले केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने आदेश दिया था कि सभी राजनीतिक पार्टियां आरटीआई कानून के तहत आती हैं और उनसे इसके तहत खर्च, चंदे और बैठकों के बारे में लिखित ब्‍योरा मांगा जा सकता है. इसका कांग्रेस, बीजेपी, सीपीआई, एनसीपी, बीएसपी समेत कई अन्य दलों ने विरोध जताया था. इन दलों का कहना था कि सीआईसी अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर आकर निर्णय ले रहा है.

गौरतलब है कि आरटीआई के जरिए ही कोयला घोटाला और मनरेगा की गड़बड़ियों का पता चला, लेकिन इसके बावजूद राजनीतिक दल खुद को इसके तहत लाने का विरोध करते रहे हैं.

देश के टॉप 10 राजनीतिक दलों के पास चंदे के तौर पर हर बरस सवा लाख करोड़ से ज्यादा की राशि आती है. लेकिन यह पैसा कौन देता है और जो यह चंदा देते हैं उनको इस चंदे के एवज में क्या कुछ राजनीतिक दलों से मिलता है, यह आज भी सस्पेंस है.

देश में आरटीआई के तहत जानकारी इकट्ठा करने वाले कार्यकर्ताओं की रिपोर्ट बताती है कि सरकारी योजनाओं के तहत 80 करोड़ से लेकर 2 हजार करोड़ तक की लूट को उजागर करने के चक्कर में 50 से ज्यादा कार्यकर्ताओं पर हमले हो गए और 25 मारे गए. यानी भ्रष्ट्राचार की छोटी से छोटी रकम को भी सामने आने देने से घपले-घोटाले करने वाले किसी भी हद तक चले जाते हैं.

तब सवाल है कि जब ताकत राजनीति में बसती है तो राजनीतिक दल ही अगर खुद को आरटीआई से अलग रखेंगे तो फिर ईमानदारी या पारदर्शिता का भरोसा कैसे जगेगा. मुश्किल यह भी है सासंद ही लाभ के पद पर बैठकर अपने अनुकूल नीतियां और कानून बनाते हैं. लेकिन यह सामने इसलिए नहीं आ पाएगा क्‍योंकि आरटीआई इन पर लागू नहीं होगा.

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