BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Saturday, May 7, 2016

माँ अच्छा हुआ जो मैं तुम्हारी संतान हुआ वरना पता नहीं मैं होता भी या नहीं .

Himanshu Kumar

मेरी माँ का जन्म कानपुर में एक संपन्न परिवार में हुआ .

शादी मेरे फक्कड पिता से हुई .

पिता नें घर से ज़्यादा समाज के काम को महत्व दिया .

पिता विनोबा भावे के भूदान आन्दोलन में देश भर के गाँव गाँव घूमने लगे .

माँ नें हम चारों भाई बहनों को अकेले पाला .

माँ उस वख्त के आसपास के समाज से बहुत आगे थी .

माँ को उपन्यास पढ़ने और सिनेमा देखने का शौक था .

उस समय उपन्यास किराए पर मिलते थे . माँ एक के बाद एक उपन्यास किराए पर लाती थी .

खाना बनाते समय भी रसोई में एक हाथ में करछुल और दूसरे हाथ में उपन्यास रहता था .

आँखें उपन्यास में और हाथ काम में .

मैंने शरत चन्द्र , रविन्द्र नाथ टैगोर , प्रेमचंद , विमल मित्र , के उपन्यास माँ के साथ साथ ही पढ़े .

चार बच्चे होने के बाद माँ नें हाई स्कूल और इंटर मीडियेट की परीक्षा पास करी

मेरी बहनें और माँ एक साथ परीक्षा देने गयी थीं .

माँ को सिनेमा और उपन्यास के अपने शौक की वजह से आस पास के ताने और कटाक्ष भी सुनने पड़ते थे .

लेकिन माँ पर किसी का फर्क नहीं पड़ता था .

आज मुझ में आस पास की आलोचनाओं से बेपरवाह रहने का गुण माँ से ही आया है .

पड़ोस के एक आर्थिक मुसीबत में पड़े मुस्लिम परिवार के साथ माँ का व्यवहार मुझे आज भी याद है .

वह मुस्लिम परिवार हमारे रिश्तेदारों से भी हमारे ज़्यादा करीबी था .

मेरठ के दंगों में वह पूरा परिवार हमारे घर में रहा . आज उस परिवार के सभी बच्चे ऊंची नौकरियों में हैं .

आस पास काम कर रहे सफाई कर्मचारियों को घर में बुला कर रसोई के भीतर बैठा कर खिलाने की वजह से माँ को परिवार और पड़ोसियों से बहिष्कार का सामना करना पड़ा था .

माँ को मैंने हमेशा आस पास के समाज में अनफिट ही देखा . उनका यह गुण मुझ में पूरी तरह से आ गया .

मुझे भी समाज में अनफिट रहने में मज़ा आने लगा .

माँ अच्छा हुआ जो मैं तुम्हारी संतान हुआ वरना पता नहीं मैं होता भी या नहीं .


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