BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Wednesday, January 20, 2016

ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान जैसे नेता मजहब और देश की सीमा से बहुत ऊपर थे l वे भारत पाकिस्तान की साझी संस्कृति और विरासत के मजबूत स्तम्भ थे l उन्हे बारंबार सलाम l

Gopal Rathi

पाकिस्तान के सीमांत प्रांत के पेशावर मे 6 फ़रवरी, 1890 को जन्मे सरहदी गांधी का पेशावर मे ही 20 जनवरी 1988 को निधन हुआ l पाकिस्तान के सीमांत प्रांत के शहर पेशावर मे आज बाचा ख़ान यूनिवर्सिटी मे आतंकवादी हमला हुआ है l अहिंसा के पुजारी की मौत की बरसी पर उनके जन्म स्थान और उनके नाम पर स्थापित यूनिवर्सिटी मे हुई हिंसक वारदात अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है l अमन और तरक्की पसंद लोगो को इस तरह की मजहबी कट्टरता और हत्यारे आतंकवाद का मिलजुल कर मुकाबला करने के लिए आगे आना होगा l

ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान एक महान राजनेता थे जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और अपने कार्य और निष्ठा के कारण "सरहदी गांधी" (सीमान्त गांधी), "बाचा ख़ान" तथा "बादशाह ख़ान" के नाम से पुकारे जाने लगे। 20वीं शताब्दी में पख़्तूनों (या पठान; पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान का मुसममान जातीय समूह) के सबसे अग्रणी और करिश्माई नेता थे, जो महात्मा गांधी के अनुयायी बन गए और उन्हें 'सीमांत गांधी' कहा जाने लगा। अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ाँ का जन्म एक सम्पन्न परिवार में हुआ था। वह बचपन से ही अत्यधिक दृढ़ स्वभाव के व्यक्ति हैं, इसलिये अफ़ग़ानों ने उन्हें 'बाचा ख़ान' के रूप में पुकारना प्रारम्भ कर दिया। आपका सीमा प्रान्त के क़बीलों पर अत्यधिक प्रभाव था। गांधी जी के कट्टर अनुयायी होने के कारण ही उनकी 'सीमांत गांधी' की छवि बनी। विनम्र ग़फ़्फ़ार ने सदैव स्वयं को एक 'स्वतंत्रता संघर्ष का सैनिक' मात्र कहा, परन्तु उनके प्रसंशकों ने उन्हें 'बादशाह ख़ान' कह कर पुकारा। गांधी जी भी उन्हें ऐसे ही सम्बोधित करते थे। राष्ट्रीय आन्दोलनों में भाग लेकर उन्होंने कई बार जेलों में घोर यातनायें झेली हैं। फिर भी वे अपनी मूल संस्कृति से विमुख नहीं हुए। इसी वज़ह से वह भारत के प्रति अत्यधिक स्नेह भाव रखते थे। वर्ष 1987 में "बादशाह ख़ान" को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान जैसे नेता मजहब और देश की सीमा से बहुत ऊपर थे l वे भारत पाकिस्तान की साझी संस्कृति और विरासत के मजबूत स्तम्भ थे l उन्हे बारंबार सलाम l

(चित्र - जयप्रकाश नारायण -ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान - श्रीमति इन्दिरा गांधी )

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