BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Welcome

Website counter
website hit counter
website hit counters

Monday, January 6, 2014

पहली कामयाब हड़ताल परिवहन मंत्री मदन मित्र के लिए भारी साबित हो सकती है বাস ধর্মঘটে হয়রানি, ভাড়া না বাড়ানোয় অনড় সরকার

पहली कामयाब हड़ताल परिवहन मंत्री मदन मित्र के लिए भारी साबित हो सकती है

বাস ধর্মঘটে হয়রানি, ভাড়া না বাড়ানোয় অনড় সরকার


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास



मां माटी मानुष सरकार के जमाने में पहली कामयाब हड़ताल परिवहन मंत्री मदन मित्र के लिए भारी साबित हो सकती है।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नजदीकी समझे जाने वाले सुदीप बंदोपाध्याय,संजय बख्शी, पार्थ चटर्जी और कुणाल घोष के हश्र के मद्देनजर आज की कामयाब हड़ताल की गाज परिवहन मत्री पर गिरे तो कोई अचरज नहीं।


यात्री भाड़ा बढ़ाने की मांग को लेकर सूबे के निजी बस मालिकों द्वारा आहूत 24 घंटे की बस व मिनी बस हड़ताल के कारण लंबी दूरी का सफर करने वाले यात्रियों को तमाम परेशानी का सामना करना पड़ा।सरकारी व एकाध निजी बसों में यात्रियों की काफी भीड़ देखी गई।बस मालिकों का कहना है कि राज्य सरकार के पास कई बार अपनी समस्या बताने के बावजूद किराया बढ़ाने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया। इसीलिए बाध्य हो कर हड़ताल बुलानी पड़ी है।गौरतलब है कि सोमवार को सुबह से बसों की संख्या नगण्य थी। कुछ रुटों में एकाध बसें दिखीं। उधर आम हड़ताल की तरह से ही शहर के विभिन्न मोड़ पर पुलिस की तैनाती थी ताकि कोई जबरन बस को बंद नहीं करा सके। वहीं बस हड़ताल की वजह से कुछ रूटों में आटो चालक मनमाना किराया लोगों से वसूला। कुल मिला कर बस हड़ताल की वजह से टैक्सी व आटो चालकों की चांदी रही।

 


सवाल परिवहन संकट को सुलझाने का रास्ता निकालने में नाकामी का नहीं है,परिवर्तन के बाद विपक्ष को अपना आंदोलन तेज करने का हौसला देने का ज्यादा है।दबंग मंत्री मदन बाबू बसमालिकों के संगठनों को साध नहीं पाये। इससे आम जनता को जो परेशानी हुई सो हुई,परिवहन उद्योग  समेत समूचे कारोबारी जगत में यह संदेश गया कि इस सरकार की लोकलुभावन नीतियां उनके किसी समस्या का समाधान कर ही नहीं सकतीं। अबतक बंद और हड़ताल के सारे आयोजन नाकाम रहे हैं। लेकिन परिवहन मंत्री की धमकियों के बावजूद सड़क पर खड़ी बसें खींचकर थाने में ले जाने के आदेश के बावजूद,लाइसेंस रद्द होने के खतरे के बावजूद परिवहन हड़ताल की इस कामयाबी ने शारदा फर्जीवाड़ा और कामदुनि प्रकरण को रफा दफा करने के बाद मध्यमग्राम बलात्कार कांड जैसे संगान मामले से जूझ रही सरकार के लिए लोकसभा चुनाव से पहले नये और तेज विरोध के सिलसिले को जन्म दे गया। विपक्ष को मौका देने की इस भूल को दीदी नजरअंदाज कर नहीं सकतीं।


मालूम हो कि शुरुआती तौर पर दीदी ने बाकायदा सड़क पर उतरकर शारदा मामले में अभियुक्त सारे दागी मंत्रियों,सांसदों और नेताओं का आक्रामक बचाव किया था। लेकिन जब कुणाल घोष ने जुबान खोला तो तृणूल के मीडिया सिपाहसालार को किनारे लगाने में दीदी ने देर नहीं की। अब गौरतलब है कि शारदा मामले में मदन मित्र का भी नामोल्लेख बारबार हुआ है। इसके अलावा उद्योग जगत को विश्वास में लेने के लिए दीदी ने जब अपने परम विश्वासपात्र तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी को मंत्रालय से बाहर का दरवाजा दिखा दिया तो परिवहन संकट लसे निपटने में नाकाम परिवहन मंत्री के खिलाफ वह कार्रवाई न करें तो हालत और नियंत्रण से बाहर हो जायेगी।


दूसरी ओर, विनियंत्रित तेल और गैस बाजार की वजह से डीजल,तेल और गैसों के दामों का बढ़ना अब नियमित तौर पर जारी रहना है। परिवहन मंत्री को परिवहन लागत देखते हुए उसके मुताबिक कोई समीकरण निकालकर इसका प्रबंधकीय समाधान करना था,लेकिन उन्होंने बाकायदा किसी बाहुबलि के तेवर में बसमालिकों की आवाज कुचलने की कोशिश की। माकपाइयों ने भी बार बार यही गलती की है। समस्या को सुलझाने की कोशिश न करने की बुरी आदत वामशासन का खात्मा कर गयी। बीमारी पुरानी है और मरीज नये हैं। लेकिन इस कामयाब बस हड़ताल के बाद अब हड़तालें और भी होनी हैं। कोई एक हड़ताल और बंद भी अगर कामयाब हो गया तो परिवर्तन की हवा खिसकने लगेगी और बेदखल विपक्ष फिर शक्तिशाली होकर रोज नये चुनौती पेश करेगा। दीदी इस खतरे को नजरअंदाज कर ही नहीं सकती।


এই সময় ডিজিটাল ডেস্ক - বাস ধর্মঘটের জেরে সপ্তাহের প্রথম দিনই ভোগান্তি হল যাত্রীদের। বেসরকারি বাস-মালিকদের পাঁচটি সংগঠনের ডাকে সকাল থেকেই চলছে বাস ধর্মঘট। রাস্তায় নামেনি বেসরকারি এবং মিনিবাস মিলিয়ে প্রায় ৪৯ হাজার বাস। সকাল থেকেই যে কটি বাস চলছে সেগুলিতে বাদুড়ঝোলা ভিড় লক্ষ্য করা গেছে। ধর্মঘটীরা জানিয়েছেন ২০১২ সালের অক্টোবর থেকে ২০১৩-র ডিসেম্বর, ভাড়াবৃদ্ধির দাবিতে পরিবহণমন্ত্রীকে মোট ৪৮ বার চিঠি দিয়েছেন বেসরকারি বাস মালিকরা। মন্ত্রীর সঙ্গে তাদের সরাসরি কথা হয়েছে ২২ বার। ভাড়া না বাড়ানোর সিদ্ধান্তে অনড় সরকার। এবার তাই সরকারের সঙ্গে সংঘাতের পথে বাস মালিকরা।


ধর্মঘট মোকাবিলায় সরকার প্রস্তুত বলে পরিবহণমন্ত্রী মদন মিত্র দাবি করেছিলেন। পরিস্থিতি মোকাবিলায় রাস্তায় অতিরিক্ত সরকারি বাস নামানোও হয়েছে৷ কিন্তু, তা প্রয়োজনের তুলনায় কম৷ রাস্তায় বাস না থাকার ফায়দা ওঠাতে এক শ্রেণীর অসাধু অটো ও ট্যাক্সি চালক অতিরিক্ত ভাড়া চাইছেন বলে অভিযোগ নিত্যযাত্রীদের। এ বিষয়ে লিখিত অভিযোগ পেলে ব্যবস্থা নেওয়া হবে বলে জানিয়েছেন পরিবহণ মন্ত্রী মদন মিত্র। বেলা বাড়লে সমস্যা অনেকটাই মিটে যাবে বলে আশ্বাস দিয়েছেন তিনি। বেলার দিকে বাস না চললে রিকুইজিশন দিয়ে বাস চালানোর নির্দেশ দিয়েছেন পরিবহণমন্ত্রী।


এদিকে এই পরিস্থিতিতে হাওড়া বাস স্ট্যান্ড থেকে বাসে ওঠার সময় হাতাহাতিতে জড়িয়ে পড়লেন দুই যাত্রী৷ আজ সকালে ভিড় ঠেলে বাসে ওঠার সময় হাওড়া বাস স্ট্যান্ডে দুই যাত্রীর মধ্যে বচসা বেধে যায়৷ তা থেকে হাতাহাতি৷ মারামারিতে এক যাত্রীর মাথা ফেটে যায়৷ তা ঘিরে এলাকায় ব্যাপক উত্তেজনার সৃষ্টি হয়৷ পরে পুলিশ গিয়ে দুই যাত্রীকে সেখান থেকে সরিয়ে দিয়ে পরিস্থিতি সামাল দেয়৷


রাজ্য জুড়ে বাস ধর্মঘট, দুর্ভোগে যাত্রীরা

নিজস্ব প্রতিবেদন

সোমবার ৫টি বেসরকারি বাস মালিক সংগঠনের ডাকা বাস ধর্মঘটে জেরবার রাজ্য। সপ্তাহের প্রথম দিনের এই ধর্মঘটে সকাল থেকেই নাকাল হয়েছেন নিত্যযাত্রী-সহ সাধারণ মানুষ। বাস ভাড়া বাড়ানোর দাবিতে ২৪ ঘণ্টা ধর্মঘটের ডাক দিয়েছিল বাস সংগঠনগুলি। এর ফলে এ দিন পথে নামেনি বেশির ভাগ বেসরকারি বাস। পরিবহণমন্ত্রী মদন মিত্র রবিবার জানিয়েছিলেন, সোমবার রাস্তায় বেশি সংখ্যায় সরকারি বাস নামানো হবে। কিন্তু কার্যত এ দিন রাস্তায় সে সংখ্যাটা ছিল প্রয়োজনের তুলনায় যথেষ্ট কম। এ দিন ধর্মঘটীদের হুঁশিয়ারি দিয়ে পরিবহণমন্ত্রী বলেন, "গণ্ডগোলের উদ্দেশ্যে এই ধর্মঘট। সরকার কোনও ভাবেই এই গণ্ডগোল বরদাস্ত করবে না।"

*

প্রতিদিনের চেনা ছবি থেকে আলাদা, বাসের দেখা নেই হাওড়া স্টেশন চত্বরে।

বাস সংগঠনগুলির তরফে যদিও এ দিন বলা হয়েছে, আগামী ১০ জানুয়ারির মধ্যে ভাড়া বাড়ানো না হলে চরম ব্যবস্থা নেওয়া হবে। তবে এই হুঁশিয়ারি এবং পাল্টা হুমকির মধ্যে এ দিনের কলকাতা ধর্মঘটে কার্যত থমকে গিয়েছে! নিত্যযাত্রীরা তো আছেন-ই, দুর্ভোগের হাত থেকে রেহাই পাননি দূরদূরান্ত থেকে আসা যাত্রীরাও। হাওড়া বাস স্ট্যান্ড হোক বা শিয়ালদহ— বেসরকারি বাসের দেখা মেলেনি কোথাও। হাতেগোনা যে ক'টি বেসরকারি বাস চলেছে তাতে উপচে পড়ে ভিড়। এ দিনের ধর্মঘটের সুযোগ নিতে পিছপা হননি ট্যাক্সি ও অটোচালকেরা। তাঁদের

*

বাদুড়ঝোলা

অবস্থা শিয়ালদহে।

বিরুদ্ধে অতিরিক্ত ভাড়া দাবির অভিযোগ তোলেন যাত্রীরা। উপায়ান্তর না দেখে ট্যাঁকের বাড়তি টাকা খরচ করে গন্তব্যস্থলে পৌঁছতে হয় তাঁদের। শুধু মহানগরীই নয়, একই চিত্র ধরা পড়েছে রাজ্যের অন্য জেলাগুলিতেও।

এ দিন সকালে পরিবহণমন্ত্রী মদন মিত্র বলেন,"মানুষের দুর্ভোগের জন্য আমি ক্ষমাপ্রার্থী। আজকের এই ধর্মঘটের জন্য আইনগত ব্যবস্থা দেখে সরকার পদক্ষেপ করবে। যে সব বাসের পারমিট রয়েছে অথচ রাস্তায় নামেনি তাদের পারমিট বাতিল করা হবে। প্রয়োজনে লাইসেন্সও বাতিল করা হবে। সব কিছুর একটা শেষ আছে।" তিনি আরও জানান, কোন কোন জায়গায় কী কারণে বাস কমেছে তা খতিয়ে দেখা হবে। তবে কলকাতায় ১৯টি রুটে বাস চলছে বলে এ দিন জানিয়েছেন তিনি। তাঁর দাবি, রাস্তায় এ দিন যথেষ্ট সরকারি বাস ছিল। পরিবহণমন্ত্রীর এ দিনের মন্তব্যের পর বাস সংগঠনগুলি পাল্টা জানায়, পারমিট বাতিল করা হলে তারাও আইনের পথে হাঁটবে।

বাস ভাড়া বাড়ানোর দাবিতে দীর্ঘ দিন ধরে সোচ্চার বাস সংগঠনগুলি। জ্বালানি ও যন্ত্রাংশের মূল্য বৃদ্ধি এবং রক্ষণাবেক্ষণের খরচ বেড়ে যাওয়ায় বাস ভাড়া বাড়াতে বাধ্য হচ্ছে তারা বলে দাবি বাস সংগঠনগুলির। এ নিয়ে বেশ কয়েক বার পরিবহণমন্ত্রীর সঙ্গে আলোচনাও হয়েছে। আলোচনা ফলপ্রসূ না হওয়ায় এর আগেও বিচ্ছিন্ন ভাবে বাস ধর্মঘটের শিকার হয়েছে শহর। কিন্তু সোমবারের এই ধর্মঘটে পাঁচটি সংগঠন একত্রিত হওয়ায় যাত্রী দুর্ভোগের মাত্রা এক ধাক্কায় অনেকটাই বেড়ে যায়।


—নিজস্ব চিত্র।


ভাল আছেন সুচিত্রা, জানালেন চিকিত্সকেরা

নিজস্ব সংবাদদাতা

*আগের তুলনায় অনেকটাই সুস্থ রয়েছেন মহানায়িকা সুচিত্রা সেন। সোমবার চিকিত্সক সুব্রত মৈত্র জানান, তাঁর শারীরিক অবস্থা স্থিতিশীল রয়েছে। রক্তচাপ ও হৃদস্পন্দনও স্বাভাবিক। তবে তাঁর শারীরিক পরিস্থিতি খতিয়ে দেখে মাঝে মধ্যে নন-ইনভেসিভ ভেন্টিলেশনে রাখা হচ্ছে। চেস্ট ফিজিওথেরাপির মাধ্যমে বুকের কফ তোলার চেষ্টা করা হচ্ছে। রক্তে অক্সিজেনের মাত্রা ওঠানামা করলেও খুব বেশি হেরফের হচ্ছে না। রবিবারের পর এ দিনও হালকা খাবার খেয়েছেন তিনি।

রাতের ঝাড়গ্রামে জঙ্গলে নয়, মুখ্যমন্ত্রী থাকছেন রাজবাড়িতেই

নিজস্ব সংবাদদাতা • ঝাড়গ্রাম

*হাতির হামলার আশঙ্কায় ঝাড়গ্রামে মুখ্যমন্ত্রীর থাকার জায়গা বদলে গেল। ঠিক ছিল মঙ্গলবার আমলাশোলে সরকারি অনুষ্ঠান শেষে রাতে ঝাড়গ্রাম শহরের উপকণ্ঠে জঙ্গলের মাঝের এক বাংলোয় থাকবেন মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়। কিন্তু সোমবার তাঁর নিরাপত্তার দায়িত্বে থাকা আধিকারিকরা লোধাশুলি-ঝাড়গ্রাম রাজ্যসড়কের ধারে, বাঁদরভুলার সেই প্রকৃতি পর্যটন কেন্দ্র পরিদর্শন করে জানিয়ে দিলেন এমন জায়গায় রাত কাটানো মুখ্যমন্ত্রীর জন্য বিপজ্জনক। কেন না, দলমার হাতির দল নেমে এসেছে। ইতিমধ্যে তাদের দেখা গিয়েছে ঝাড়গ্রাম শহর লাগোয়া জঙ্গলে। এমনকী, রবিবার বেলপাহাড়িতে হাতির আক্রমণে এক জনের মৃত্যুও হয়েছে। রাতে যদি হঠাৎ হাতি হামলা করে সেই আশঙ্কায় জঙ্গলের মাঝে বন উন্নয়ন নিগমের ওই বাংলোয় মুখ্যমন্ত্রী থাকবেন না বলে জানিয়ে দেওয়া হল প্রশাসনের তরফে। তার বদলে প্রতি বারের মতো এ বারেও তিনি ঝাড়গ্রাম রাজবাড়ির ট্যুরিস্ট রিসর্টে থাকবেন।

গত সেপ্টেম্বরে বাঁদরভুলার প্রকৃতি পর্যটন কেন্দ্রটির উদ্বোধন করেছিলেন মুখ্যমন্ত্রী। এ বারের এই সরকারি সফরে তিনি রাতে ওখানেই থাকবেন বলে ইচ্ছা প্রকাশ করেন। সেই মতো ওই পর্যটন কেন্দ্রে তার থাকার ব্যবস্থা করা হয়। পাশাপাশি নিরাপত্তা সংক্রান্ত সমস্ত সতর্কতামূলক ব্যবস্থাও নেওয়া হয়। বাইরে থেকে যাতে ওই কেন্দ্রটি দেখতে না পাওয়া যায় সে জন্য কাপড় দিয়ে প্রাচীরের মতো ঘিরেও দেওয়া হয়েছিল। গোয়েন্দা সূত্রে খবর ছিল, জঙ্গলমহলে ফের সক্রিয় হচ্ছে মাওবাদীরা। তাই আমলাশোলের মতো ঝাড়গ্রামেও অভূতপূর্ব নিরাপত্তা ব্যবস্থা নিয়েছে পুলিশ-প্রশাসন। কিন্তু মাওবাদী হানা নয়, এ দিন মূলত হাতির হামলার আশঙ্কাই মুখ্যমন্ত্রীর জঙ্গলে রাত্রিবাসের ইচ্ছেকে ভেস্তে দিল।

*

ঝাড়গ্রাম রাজবাড়ি।—নিজস্ব চিত্র।

মুখ্যমন্ত্রী হিসেবে এর আগে যত বার মমতা ঝাড়গ্রামে এসেছেন, রাতে থেকেছেন রাজবাড়ির ওই ট্যুরিস্ট রিসর্টের ভিআইপি স্যুইটে। বিকল্প হিসেবে আগে থেকেই প্রস্তুত রাখা ছিল, কিন্তু এ দিনের প্রশাসনিক সিদ্ধান্ত জানার পর সেখানে নিরাপত্তা ব্যবস্থা ঢেলে সাজানো হচ্ছে। মঙ্গলবার আমলাশোলের সরকারি অনুষ্ঠান শেষে গাড়িতে কদমডিহা পর্যন্ত এসে সেখান থেকে হেলিকপ্টারে বিকেলেই ঝাড়গ্রামে এসে পৌঁছনোর কথা মমতার। তবে বিকল্প ব্যবস্থায় তিনি সড়কপথেও আসতে পারেন বলে প্রশাসনিক সূত্রে খবর। রাতে রাজবাড়িতে থাকার পর বুধবার ঝাড়গ্রাম স্টেডিয়ামে প্রশাসনিক সভা করবেন। ওই দিন ঝাড়গ্রামে কন্যাশ্রী মেলা উদ্বোধন করার কথা তাঁর। জঙ্গলমহলের প্রায় দেড় হাজার ছাত্রীকে ওই মেলা থেকে কন্যাশ্রী প্রকল্পের আবেদনপত্র দেওয়া হবে। তবে সূত্রের খবর, এই মেলার সূচনা স্টেডিয়ামের প্রশাসনিক সভা থেকেও করতে পারেন মুখ্যমন্ত্রী। ওই দিন বিকেলে ঝাড়গ্রাম থেকে সড়কপথে কলকাতায় ফেরার কথা তাঁর।


সুপার স্পেশ্যালিটি হাসপাতাল হবে রাজ্যের ৩টি মেডিক্যাল কলেজ

নিজস্ব সংবাদদাতা

জমি জটে আটকে এইমস-এর মতো প্রতিষ্ঠান গড়ার পরিকল্পনা আপাতত বাতিল করছে কেন্দ্রীয় সরকার। ফলে আপাতত এ রাজ্যে রায়গঞ্জ বা কল্যাণী কোথাওই এইমস হচ্ছে না!

সোমবার কলকাতায় এসে এ কথা স্পষ্ট করে দিলেন কেন্দ্রীয় স্বাস্থ্যমন্ত্রী গুলাম নবি আজাদ। জানালেন, পরিবর্তে দেশের ৩৯টি মেডিক্যাল কলেজ হাসপাতালকে সুপার স্পেশ্যালিটি স্তরে উন্নীত করার পরিকল্পনা গ্রহণ করেছেন তাঁরা। যার মধ্যে তিনটি মেডিক্যাল কলেজ পশ্চিমবঙ্গের। এ গুলি হল বাঁকুড়া, মালদহ এবং উত্তরবঙ্গ মেডিক্যাল কলেজ।

*

কলকাতা মেডিক্যাল কলেজের নতুন আউটডোর ব্লক এবং অ্যাকাডেমিক বিল্ডিংয়ের

উদ্বোধনে গুলাম নবি আজাদ এবং মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়।—নিজস্ব চিত্র।

রায়গঞ্জে এইমস গড়ার পরিকল্পনা নিয়ে কেন্দ্রের অবস্থান সম্পর্কে প্রশ্ন করা হলে তার সরাসরি উত্তর অবশ্য এড়িয়ে গিয়েছেন তিনি। জানিয়েছেন, এ ব্যাপারে অনেক চর্চা চলছে। কিন্তু নতুন করে কোনও সিদ্ধান্ত হয়নি। জমি পাওয়া গেলে ভাবনাচিন্তা হবে। কিন্তু যেখানে জমি ইতিমধ্যেই চিহ্নিত করা হয়েছে, সেই কল্যাণীতে কেন এইমস হচ্ছে না? মন্ত্রীর জবাব, "এইমস তৈরি করতে অনেক সময় লাগে। তাই আমরা এখন এইমস নিয়ে মাথা না ঘামিয়ে নতুন ফর্মূলার কথা ভাবছি। দেশ জুড়ে কয়েকটি মেডিক্যাল কলেজকে সুপার স্পেশ্যালিটি স্তরে উন্নীত করা হবে। এতে মানুষ আধুনিক পরিষেবা পাবেন, আর শয্যাও বাড়বে।"

এ দিন চিত্তরঞ্জন ন্যাশনাল ক্যানসার ইনস্টিটিউটে (সিএনসিআই) গভর্নিং বডির সভায় যোগ দিতে এসেছিলেন আজাদ। পদাধিকার বলে কেন্দ্রীয় স্বাস্থ্যমন্ত্রী ওই বডির চেয়ারম্যান এবং রাজ্যের স্বাস্থ্যমন্ত্রী সহকারি চেয়ারপার্সন। সেই অনুযায়ী মুখ্যমন্ত্রী তথা স্বাস্থ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ও হাজির ছিলেন। এ দিন সিএনসিআই-এ ক্যানসারের রেডিয়েশন চিকিৎসার জন্য ডুয়াল এনার্জি লিনিয়র এক্সিলেরেটর যন্ত্র এবং নতুন পাওয়ার সাব স্টেশনের উদ্বোধন করেন তাঁরা। পাশাপাশি কলকাতা মেডিক্যাল কলেজের নতুন আউটডোর ব্লক এবং অ্যাকাডেমিক বিল্ডিংয়ের উদ্বোধন এবং সুপার স্পেশ্যালিটি কেন্দ্রের ভিত্তিপ্রস্তরও স্থাপন হয় ওই একই অনুষ্ঠানে।

সিএনসিআই-এর চিকিৎসক, গবেষকদের ভূয়সী প্রশংসা করে মমতা বলেন, "কেন্দ্র ও রাজ্য একসঙ্গে কাজ করলে এই প্রতিষ্ঠান শুধু পূর্বাঞ্চলে নয়, পৃথিবীতে এক নম্বর হয়ে উঠবে।" রাজ্য সরকার ক্যানসার রোগীদের বিনামূল্যে ওষুধ দেওয়ার প্রকল্প শুরু করেছে বলেও জানান তিনি। কেন্দ্রীয় স্বাস্থ্যমন্ত্রী সম্পর্কে বলতে গিয়েও উচ্ছ্বসিত হয়ে ওঠেন মমতা। বলেন, "আমরা একে অপরকে অনেকদিন ধরে চিনি। এক সঙ্গে অনেক কাজও করেছি।"


দৃশ্যমানতা কম, উড়ান বাতিল দিল্লি বিমানবন্দরে

সংবাদ সংস্থা

ঘন কুয়াশার কারণে সোমবারও ব্যাহত হল দিল্লির ইন্দিরা গাঁধী বিমানবন্দরের উড়ান পরিষেবা। এ দিন ঘণ্টা তিনেক উড়ান পরিষেবা বন্ধ রাখতে বাধ্য হয় কর্তৃপক্ষ। এর ফলে দুর্ভোগে পড়েন যাত্রীরা। বিমানবন্দর সূত্রে খবর, রবিবার রাত ৮টা থেকে সোমবার সকাল ৮টা পর্যন্ত যে সব বিমান ওঠানামার কথা ছিল তার মধ্যে কিছু বাতিল করা হয়। পাশাপাশি বেশ কয়েকটি উড়ানের পথও ঘুরিয়ে দেওয়া হয়। দৃশ্যমানতা এতটাই কম ছিল যে, গত ২৪ ঘণ্টায় ৫১টি অন্তর্দেশীয় ও আন্তর্জাতিক উড়ান বিমানবন্দর ছেড়ে যেতে পারেনি। অন্য দিকে, যে ৩৯টি বিমান এখানে নামার কথা ছিল তাও বাতিল করা হয়। সব মিলিয়ে প্রায় ১৫০টি উড়ানের উপর ব্যাপক প্রভাব পড়ে। বাতিল হওয়া উড়ানের টাকা ফেরত্ নিতে এ দিন যাত্রীদের লম্বা লাইন ছিল টিকিট কাউন্টারের সামনে। যাত্রীরা অধীর অপেক্ষায় বসেছিলেন। কেউ কেউ আবার উড়ান সম্পর্কে সঠিক তথ্য না জানানোর জন্য বিমানবন্দর কর্তৃপক্ষের বিরুদ্ধে ক্ষোভ উগরে দেন।

*

কুয়াশায় মোড়া রাজধানী দিল্লি। ছবি: পিটিআই।

রবিবার সকালেও কুয়াশার কারণে দৃশ্যমানতা কম ছিল। প্রায় ২০৬টি উড়ানের ওঠানামায় ব্যাপক প্রভাব পড়ে। দুপুর ১টা থেকে বিমান চলাচল স্বাভাবিক হয়। আবহাওয়া দফতর জানিয়েছে, এ রকম পরিস্থিতি আরও কয়েক দিন চলার সম্ভাবনা রয়েছে। তবে বেলা বাড়ার সঙ্গে সঙ্গে কুয়াশা কেটে যাবে বলে জানিয়েছে দফতর। কুয়াশা তো আছেই, তার সঙ্গে ঠান্ডা— সব মিলিয়ে শশব্যস্ত রাজধানীর চিত্রটাই বদলে গিয়েছে। সোমবার এখানকার সর্বনিম্ন তাপমাত্রা ছিল ৬.৪ ডিগ্রি সেলসিয়াস। যা স্বাভাবিকের তুলনায় ১ ডিগ্রি কম।


ভোট-পরবর্তী বাংলাদেশে হিংসা অব্যাহত

সংবাদ সংস্থা

ভোট-পরবর্তী বাংলাদেশে রাজনৈতিক চিত্রের কোনও পরিবর্তন হল না। সোমবার সকালেও সংঘর্ষ অব্যাহত ছিল বাংলাদেশে। ঢাকার দোহায় আওয়ামি লিগ ও জাতীয় পার্টির সংঘর্ষে নিহত হন ৪ জন। আহত হন ১৫ জন। পিরোজপুরে আওয়ামি লিগের কার্যালয়ে আগুন ধরিয়ে দেয় এক দল দুষ্কৃতী। অন্য দিকে, জয়পুরহাটে বিএনপি-র কার্যালয়েও আগুন ধরানোর ঘটনা ঘটেছে। এ দিন সকালে তল্লাশি চালিয়ে ঢাকা থেকেই ৬৫টি পেট্রোল বোমা উদ্ধার করে র‌্যাব।

হিংসাত্মক পরিস্থিতিকে সাক্ষী রেখেই রবিবার নির্বাচন পর্ব মেটে বাংলাদেশে। বিরোধী দলের ভোট বয়কটের সমস্ত রকম প্রচেষ্টাকে কার্যত 'বুড়ো আঙুল' দেখিয়ে এ দিনের নির্বাচন জিতে নেন প্রধানমন্ত্রী শেখ হাসিনা। ১৪৭টি আসনে ভোট হয় রবিবার। সংঘর্ষের কারণে ৮টি কেন্দ্রের ফল ঘোষিত হয়নি। আগেই নিরঙ্কুশ সংখ্যাগরিষ্ঠতা পেয়েছিল আওয়ামি লিগ। এ দিন গণনা শেষে সেই সংখ্যা আরও বাড়িয়ে নিল হাসিনার সরকার। বর্তমান সদস্য সংখ্যা দাঁড়িয়েছে ২৩১, যা সরকার গঠনের ন্যূনতম আসনের চেয়ে ৮২টি বেশি।

সংঘর্ষে ২১ জনের প্রাণহানি, ভোটে কম উপস্থিতির হার— এত কিছু সত্ত্বেও দমেনি বাংলাদেশ সরকার। নির্বাচন শেষে মুখ্য নির্বাচন আধিকারিক রকিবুদ্দিন আহমেদ বলেন, "৯৭ শতাংশ কেন্দ্রে সুষ্ঠু ভাবে ভোট হয়েছে।" তিনি আগে জানিয়েছিলেন, সাম্প্রতিক পরিস্থিতিতে বাংলাদেশে ৪০ শতাংশ ভোট পড়লেই যথেষ্ট। তবে এ দিন তাঁর গলায় আক্ষেপের সুরও ধরা পড়ে। তিনি জানান, দুই প্রধান রাজনৈতিক দল পারস্পরিক বোঝাপড়ায় এলে নির্বাচন আরও ভাল হত। আওয়ামি লিগের পক্ষ থেকে এই নির্বাচনকে 'সফল' বলা হলেও বিরোধী দল তা মানতে নারাজ। বিএনপি-র ভাইস চেয়ারম্যান তারেক রহমান রবিবার সাংবাদিক সম্মেলনে বলেন,"প্রহসনের নির্বাচনকে কার্যত রুখে দিয়ে দেশবাসী একটা লক্ষ্য অর্জন করল মাত্র। এটা চূড়ান্ত সাফল্য নয়।" তিনি আরও জানান, শাসক দলের সঙ্গে সমঝোতার কোনও প্রশ্নই ওঠে না। আমাদের মূল লক্ষ্যই হবে নিরপেক্ষ তত্ত্বাবধায়ক সরকারের দাবি আদায় করে দেশবাসীকে সুবিচার দেওয়া। তা আদায় না হওয়া পর্যন্ত এই আন্দোলন চলবে।

বাংলাদেশের নির্বাচন নিয়ে সোমবার প্রতিক্রিয়া জানাল ভারত। ভারতের বিদেশমন্ত্রক দফতরের মুখপাত্র সৈয়দ আকবরউদ্দিন বলেন, "নির্বাচন বাংলাদেশের অভ্যন্তরীণ ও সাংবিধানিক পদ্ধতি। দেশের ভবিষ্যত্ কী হবে তা দেশবাসীই ঠিক করবে।" তিনি আরও বলেন, "গণতন্ত্রকে নিজের পথে চলতে দিতে হবে। হিংসার মাধ্যমে কোনও সমস্যার সমাধান হয় না।"


পায়ের উপর বাসের চাকা, লেকটাউনে গুরুতর জখম ১ মহিলা যাত্রী

নিজস্ব সংবাদদাতা

পায়ের উপর দিয়ে বাস চলে যাওয়ায় গুরুতর জখম হলেন এক যাত্রী। সোমবার লেকটাউনের কাছে এই দুর্ঘটনা ঘটে। আহত ওই যাত্রীর নাম অনিতা দাস। সল্টলেকের জলসম্পদ বিভাগের এই কর্মীর বাড়ি মধ্যমগ্রামে। গুরুতর আহত অবস্থায় তাঁকে লেকটাউনের একটি বেসরকারি হাসপাতালে ভর্তি করা হয়।

এ দিন সকালে অফিস যাওয়ার উদ্দেশে নাগেরবাজার থেকে ২২১ নম্বর রুটের একটি বাসে ওঠেন অনিতাদেবী। লেকটাউনে নামার সময় পায়ে শাড়ি জড়িয়ে পড়ে যান তিনি। ওই অবস্থায় তাঁর পায়ের উপর দিয়ে দ্রুত গতিতে চলে যায় ভিড় বোঝাই বাসটি। পথচারী এবং যাত্রীদের চিৎকারেও বাস থামাননি চালক বলে অভিযোগ। বেশ কিছু দূর ধাওয়া করে বাসটিকে আটক করে লেকটাউন ট্র্যাফিক গার্ডের কর্মীরা। তত ক্ষণে বাসের চালক পালিয়ে যায়।

৫টি বেসরকারি বাস মালিক সংগঠনের ডাকে এ দিন রাজ্য জুড়ে বাস ধর্মঘট চলে। যে গুটিকয়েক বাস রাস্তায় নেমেছিল তাতে তিল ধারণের জায়গা ছিল না। তবে এলাকার বাসিন্দারা অভিযোগ করেছেন, ভিআইপি রোডে যাত্রীদের সুরক্ষার কথা না ভেবেই বেপরোয়া ভাবে বাস চালানো হয়। কয়েক মাস আগে এই জায়গাতেই প্রায় একই রকম একটি দুর্ঘটনা ঘটে। সে ক্ষেত্রে গায়ের চাদর জড়িয়ে পড়ে যান বাস থেকে নামা এক যাত্রী। কোনও সুযোগ না দিয়েই তাঁর বুকের উপর দিয়ে চলে যায় বাস। ঘটনাস্থলেই সেচ দফতরের কর্মী ওই মহিলা যাত্রীর মৃত্যু হয়। এ দিনের ঘটনা চোখে আঙুল দিয়ে দেখিয়ে দিল, যাত্রী সুরক্ষার কথা মাথায় না রেখেই পথে নামে এ রাজ্যের বহু বাস।


ছাত্র সংসদের মনোনয়ন ঘিরে বহরমপুর কলেজে সংঘর্ষ

নিজস্ব সংবাদদাতা • বহরমপুর

সোমবার বহরমপুর কলেজে ছাত্র সংসদের মনোনয়নকে কেন্দ্র করে ছাত্র পরিষদ (সিপি) ও তৃণমূল ছাত্র পরিষদের (টিএমসিপি) মধ্যে সংঘর্ষ বাধে। সংঘর্ষে কেউ আহত হয়নি বলে খবর। ২০ জানুয়ারি ওই কলেজের ছাত্র সংসদের নির্বাচন। সে জন্য মনোনয়ন পত্র দেওয়ার কাজ শুরু হয়। এ দিন কলেজের বাইরে মনোনয়ন পত্র দেওয়ার সময় কিছু বহিরাগত টিএমসিপি-র ছাত্রদের মারধোর করে বলে অভিযোগ। কিছু ক্ষণের মধ্যেই সিপি-র ছাত্রদের সঙ্গে তাঁদের পাল্টা হাতাহাতি শুরু হয়। মারামারি রুখতে এগিয়ে আসে কলেজের বাইরে মোতায়েন থাকা পুলিশবাহিনী। লাঠিচার্জ করে দু'পক্ষের ছাত্রদের সরিয়ে দেয় তারা। এই ঘটনায় কলেজ নির্বাচন ঘিরে পরিস্থিতি যাতে আরও উত্তপ্ত না হয় সে জন্য কলেজের নিরাপত্তা ব্যবস্থা আরও জোরদারের সিদ্ধান্ত নিয়েছে জেলা পুলিশ।


কল্যাণীতে হস্টেলের শৌচাগারে নার্সিং পাঠরতা তরুণীর ঝুলন্ত দেহ

নিজস্ব সংবাদদাতা • কল্যাণী

শৌচাগারের ছাদ থেকে ঝুলন্ত অবস্থায় নার্সিং পাঠরতা এক তরুণীর দেহ মিলল। সোমবার ভোরবেলা কল্যাণীর গাঁধী মেমোরিয়াল হাসপাতালের নার্সিং ট্রেনিং কলেজের হস্টেলে এই ঘটনা ঘটে। মৃতের নাম মেঘশ্রী বিশ্বাস। তাঁর বাড়ি নদিয়ার চাপড়ার দয়ের বাজারে।

ওই হাসাপাতালে মাস চারেক আগে নার্সিং-এর ট্রেনিং নিতে প্রথমবর্ষে ভর্তি হয়েছিলেন মেঘশ্রী। আরও ২৭ জন সহপাঠীর সঙ্গে তিনি ওই কলেজ হস্টেলের দোতলায় থাকতেন। এ দিন ভোরবেলা তাঁর কয়েক জন সহপাঠী শৌচাগারে গিয়ে দেখেন দরজা বন্ধ। ডাকাডাকি করাতে কোনও সাড়া না মেলায় তাঁরা ভেজানো দরজা ঠেলে ভেতরে ঢোকেন। তখনই ছাদ থেকে গলায় ফাঁস দিয়ে ঝুলে থাকা মেঘশ্রীর দেহ তাঁরা দেখতে পান। খবর দেওয়া হয় কর্তব্যরত মেট্রন আলপনা ভট্টাচার্যকে। তিনি এসে পুলিশে খবর দেন। পুলিশ দেহ উদ্ধার করে ময়নাতদন্তে পাঠায়।

সকালেই ঘটনাস্থলে এসে পৌঁছন মেঘশ্রীর বাবা মুকুল বিশ্বাস। তাঁকে মেয়ে গুরুতর অসুস্থ এবং আশঙ্কাজনক অবস্থায় হাসপাতালে ভর্তি রয়েছে বলে ঘটনার পর পরই ফোনে খবর দেওয়া হয়। এ দিন মুকুলবাবু বলেন, "গতকালই ওর সঙ্গে আমাদের ফোনে কথা হয়। কোনও অস্বাভাবিকতাই তখন বুঝতে পারিনি। কেন যে এমন করল, বুঝতেই পারছি না!" একই কথা জানিয়েছেন মেট্রন আলপনাদেবী। তিনি বলেন, "বেশ কয়েক মাস ধরেই মেঘশ্রীকে দেখছি। কখনও কোনও অস্বাভাবিক আচরণ দেখিনি ওর মধ্যে। বাড়ির লোকজনও কখনও আমাদের কাছে ওর প্রতি বিশেষ নজর রাখার অনুরোধও করেননি।"


দুই নেতা গ্রেফতার, প্রতিবাদে চাঁচল থানা ঘেরাও ছাত্রপরিষদের

নিজস্ব সংবাদদাতা • চাঁচল

ছাত্র পরিষদের দুই নেতাকে গ্রেফতার করায় সোমবার চাঁচল থানা ঘেরাওয়ের পাশাপাশি ঘণ্টাখানেক অবরোধ করা হল ৮১ নম্বর জাতীয় সড়ক। পরে পুলিশি হস্তক্ষেপে তা তুলে নেওয়া হয়। ঘটনার সূত্রপাত রবিবার রাতে। ছাত্র পরিষদের দুই নেতা শামিম আহসান এবং মেরাজুল ইসলাম বাইক চালিয়ে চাঁচলে আসছিলেন। সে সময় তাঁদের বাইকের পিছনেই আসছিল চাঁচলের এসডিপিও পিনাকীরঞ্জন দাসের গাড়ি। পিনাকীবাবু ওই গাড়িতেই ছিলেন। বাইকটিকে পথ ছেড়ে দেওয়ার জন্য এসডিপিও-র গাড়ির চালক বেশ কয়েক বার হর্ন দেন। কিছু সময় পর পথ ছেড়ে রাস্তার ধারে বাইক থামান শামিমরা। পিনাকীবাবুর গাড়ি বাইকের সামনে এসে দাঁড়ায়। গাড়ি থেকে নেমে আসেন চালক। কেন পথ ছাড়া হয়নি, তা নিয়ে পুলিশের সঙ্গে তর্কে জড়িয়ে পড়েন ওই দুই নেতা। এর পরই শামিম ও মেরাজুলকে মারতে মারতে পুলিশের গাড়িতে তোলা হয় বলে অভিযোগ। দু'জনকেই গ্রেফতার করে চাঁচল থানায় নিয়ে আসা হয়। তাঁদের বিরুদ্ধে এসডিপিও-র গায়ে হাত দেওয়া এবং সরকারি কাজে বাধা দেওয়ার অভিযোগ করেছেন পিনাকীবাবু।

এ দিন থানা থেকে ওই দুই নেতাকে আদালতে নিয়ে যাওয়ার সময় থানা চত্বরেই কংগ্রেস ও ছাত্র পরিষদের কর্মী-সমর্থকেরা সেই গাড়ির সামনে বসে পড়েন। মিথ্যে অভিযোগে তাঁদের নেতাকে গ্রেফতার করে জামিন অযোগ্য ধারায় মামলা দায়ের করেছে পুলিশ এই দাবিতে সকাল ১০টা থেকে আটকে রাখা হয় ওই প্রিজন ভ্যান। ঘণ্টা দুয়েক পর সেই অবস্থান বিক্ষোভ উঠে গেলেও ফের বেলা ১টা থেকে ৮১ নম্বর জাতীয় সড়ক অবরোধ করেন তাঁরা। প্রায় এক ঘণ্টা পর পুলিশি হস্তক্ষেপে রাস্তা অবরোধ মুক্ত হয় বলে সূত্রের খবর।


দিল্লিতে মহিলাদের নিরাপত্তায় সুরক্ষা সেল

সংবাদ সংস্থা

*মহিলাদের উপর অপরাধ রুখতে বিশেষ সুরক্ষা সেল গড়বে দিল্লি সরকার। ক্ষমতায় আসার আগেই নির্বাচনী প্রচারে এই প্রতিশ্রুতি দিয়েছিল আম আদমি পার্টি (আপ)। দিল্লিবাসীর জন্য বিনামূল্যে জল সরবরাহ ও বিদ্যুত্ মাসুল অর্ধেক করার পর এ বার রাজধানীর মহিলাদের সুরক্ষা নিশ্চিত করতে উদ্যোগী সরকার। সোমবার দিল্লি বিধানসভায় এ কথা জানান লেফটেন্যান্ট গভর্নর নাজিব জং। তিনি আরও জানিয়েছেন, এ জন্য সরকার নতুন আদালত গঠনের পাশাপাশি বিচারকও নিযুক্ত করবে। শুধু তা-ই নয়, এ ধরনের মামলার নিষ্পত্তি করা হবে ছয় মাসের মধ্যে। এ দিন মহিলাদের নিরাপত্তা নিয়ে উদ্বেগ প্রকাশ করেন তিনি। পুলিশ সূত্রে খবর, ২০১২-র তুলনায় '১৩-তে দিল্লিতে শ্লীলতাহানি ও ধর্ষণের ঘটনা বেড়েছে যথাক্রমে ৪১২ ও ১২৯ শতাংশ। গত বছর এ ধরনের ১৫৫৯টি অভিযোগ দায়ের করা হয়েছে। মহিলাদের উপর ঘটা অপরাধের দ্রুত নিষ্পত্তি করতে সম্প্রতি দিল্লি পুলিশের তরফে ধর্ষণের অভিযোগ সংক্রান্ত মামলায় কুড়ি দিনের মধ্যে চার্জশিট পেশ করার সিদ্ধান্ত নেওয়া হয়েছে।

বহরমপুরে একই পরিবারের তিন জনের মৃহদেহ উদ্ধার

নিজস্ব সংবাদদাতা • বহরমপুর

বহরমপুরের কাদাই এলাকায় একটি ফ্ল্যাট থেকে একই পরিবারের তিন জনের মৃহদেহ উদ্ধার হয় রবিবার। আশাবরী আবাসনের 'ডি' ব্লকের ফ্ল্যাটে থাকতেন ওই তিনজন। মৃতরা হলেন বিজয়া বসু (৪৮), তাঁর মেয়ে আত্রেয়ী বসু (১৮) এবং বিজয়া বসুর পিসি প্রভা দাস (৭২)। পেশায় জীবনবিমা এজেন্ট বিজয়াদেবীর স্বামী বহুদিন থেকেই ফেরার বলে জানিয়েছেন স্থানীয় বাসিন্দারা। তিনি আর্থিক দুর্নীতিতে জড়িত ছিলেন বলে অভিযোগ। পুলিশ জানায়, বিজয়াদেবীর দিদি শনিবার মোবাইল ফোনে ফ্ল্যাটের বাসিন্দাদের সঙ্গে যোগাযোগের চেষ্টা করেন। কিন্তু মোবাইল বন্ধ থাকায় ওই পরিবারের কারও সঙ্গে যোগাযোগ সম্ভব হয়নি। ওই দিন তিনি বিজয়াদেবীর সঙ্গে দেখা করতে এলে ফ্ল্যাটের দরজা বন্ধ দেখেন। অনেক বার ডাকার পরও সাড়া না মেলায় তিনি পুলিশে খবর দেন। পুলিশ এসে ওই ফ্ল্যাট থেকে তিন জনের মৃতদেহ উদ্ধার করে। উদ্ধারের সময় তিন জনের হাত পিছমোড়া করে বাঁধা ছিল বলে জানিয়েছে পুলিশ। প্রাথমিক ভাবে পুলিশের অনুমান, তিন জনকেই শ্বাসরোধ করে খুন করা হয়েছে। এই ঘটনায় বিজয়াদেবীর ফেরার স্বামীর হাত আছে কি না তা খতিয়ে দেখছে পুলিশ।


বিদ্যুত্স্পৃষ্ট হয়ে কলকাতায় মৃত ১ মানসিক ভারসাম্যহীন

নিজস্ব সংবাদদাতা

সোমবার কলকাতার দু'প্রান্তে দু'জন উঠে পড়েছিলেন ট্রেনের ছাদে, আরেক জন গাছের মগডালে! ওই তিন ব্যক্তিকে নিয়ে রীতিমত নাজেহাল হতে হল পুলিশ, দমকলকর্মীদের। পরে অবশ্য পুলিশ জানিয়েছে, ওই তিনজনই মানসিক ভারসাম্যহীন। ঘটনায় এক জন মারা গিয়েছেন। বাকি দু'জনের জায়গা হয়েছে হাসপাতালে।

এ দিন বিকেল সওয়া পাঁচটা নাগাদ উল্টোডাঙা স্টেশনের তিন নম্বর প্ল্যাটফর্মে অপেক্ষারত যাত্রীরা দেখেন, ডাউন গেদে লোকালের ছাদে শুয়ে রয়েছেন এক ব্যক্তি। স্টেশনে ট্রেন থামতেই ট্রেনের মাথায় উঠে দাঁড়ান তিনি। সে সময়ই প্যান্টোগ্রাফের হাইটেনশন তারে বিদ্যুত্স্পৃষ্ট হয়ে প্ল্যাটফর্মে ছিটকে পড়েন তিনি। ঘটনাস্থলে রেল পুলিশ আসার আগেই মৃত্যু হয় তাঁর।

অন্য দিকে, প্রায় একই দৃশ্য দেখা যায় এ দিন সকাল পৌনে ন'টা নাগাদ। ডাউন শান্তিপুর লোকাল প্ল্যাটফর্মে ঢুকলে দেখা যায়, চালকের কামরার উপরে বসে আছেন বছর চল্লিশের এক ব্যক্তি। প্রত্যক্ষদর্শীরা জানান, প্যান্টোগ্রাফের হাইটেনশন তারে হাত ছুঁয়ে গেলে বিদ্যুত্স্পৃষ্ট হন তিনি। অচৈতন্য অবস্থায় তাঁকে নামিয়ে আরজিকর হাসপাতালে ভর্তি করা হয়।

এ দিন মানসিক ভারসাম্যহীন এক ব্যক্তিকে রবীন্দ্র সরোবর লেকের ধারে একটি আম গাছ থেকে উদ্ধার করা হয়। সকাল আটটা নাগাদ বছর পঞ্চাশের ওই ব্যক্তিকে উদ্ধার করে তাঁর চিকিৎসার জন্য শম্ভুনাথ পণ্ডিত হাসপাতালে নিয়ে যাওয়া হয়। প্রত্যক্ষদর্শীরা জানান, তাঁকে গাছ থেকে নেমে আসতে বললেও তিনি কোনও কথার উত্তরও দেননি। পরে তাঁরাই পুলিশে খবর দেন। ঘটনাস্থলে পৌঁছয় স্থানীয় লেক থানার পুলিশ। কিন্তু পুলিশের ডাকেও সাড়া দেননি তিনি। এর পর দমকলকে খবর দেওয়া হয়। প্রায় পৌনে ন'টা নাগাদ দমকলকর্মীরা তাঁকে গাছ থেকে নামিয়ে আনতে সমর্থ হন। পুলিশ জানিয়েছে, ওই ব্যক্তির নাম সুভাষ পাল। বাড়ি নদিয়া জেলার চাকদহের পালপাড়ায়। তবে কেন তিনি গাছে উঠেছিলেন তা জানতে পারেনি পুলিশ।


দাশনগরে স্বামী খুনে ধৃত স্ত্রী-সহ ধৃত ২

নিজস্ব সংবাদদাতা

ছ'বছরের বালকের জবানবন্দির ভিত্তিতে স্বামীকে খুনের অভিযোগে স্ত্রী ও তাঁর প্রেমিক-সহ আরও দুই জনকে গ্রেফতার করল পুলিশ। ধৃতেরা হল মৃতের স্ত্রী স্নিগ্ধা শী, স্নিগ্ধার প্রেমিক অঙ্কিত সাহা, স্নিগ্ধার মা বেবী ও অঙ্কিতের বন্ধু উদয় নাগ।

পুলিশ সূত্রের খবর, গত ১৮ নভেম্বর সকালে বালির আনন্দনগরে পচা খাল থেকে গলার নলি কাটা এক অজ্ঞাতপরিচয় যুবকের দেহ উদ্ধার হয়। দেহটি একটি বিছানার চাদর দিয়ে মোড়া ছিল। কয়েক দিন আগে পুলিশ জানতে পারে ওই যুবকের নাম সোনু শী (৩৪)। তিনি দাশনগরের বাসিন্দা। পুলিশ জানায়, পূর্ব পরিকল্পনা মতো গত ১৭ নভেম্বর সকালে সোনু যখন বাড়িতে আসে, তখন তাঁর খাবারের সঙ্গে ২০টি ঘুমের ওষুধ খাবারের সঙ্গে মিশিয়ে দেয় স্নিগ্ধা। ওষুধটি অঙ্কিতই কিনে দিয়েছিল। খাবার খেয়েই ঘুমে ঢলে পড়ে সোনু। তখনই প্রেমিক অঙ্কিতকে আনন্দনগরের বাড়িতে ডেকে পাঠায় স্নিগ্ধা। এর পর দুই জনে মিলে খুন করে সোনুকে। রেজার দিয়ে তাঁর গলার নলি কাটা হয়। ঘটনার সময় তিন মেয়ে ও ছেলে বাইরে খেলতে গিয়েছিল। তবে এই পুরো ঘটনাই দেখেছিল জয়।

পুলিশ সূত্রের খবর, দাদু-ঠাকুমার কাছে এসে সোনুর ছয় বছরের ছেলে জয় সমস্ত ঘটনা বলে। বিষয়টি জানতে পারে পুলিশও। এর পরই ভট্টনগর থেকে রবিবার রাতে স্নিগ্ধা ও তাঁর মা বেবী রায়কে গ্রেফতার করে পুলিশ। তদন্তকারীদের দাবি, জেরায় স্নিগ্ধা স্বীকার করেছে, গোলাবাড়ির বাসিন্দা অঙ্কিতের সঙ্গে তাঁর একটা অবৈধ সম্পর্ক তৈরি হয়েছিল।



*


http://www.anandabazar.com/6sironam.html#1


No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...