BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Wednesday, January 8, 2014

चिनारों के पत्तों पे शबनम के बिस्तर हसीं वादियों में महकती है केसर कहीं झिलमिलाते हैं झीलों के जेवर है कश्मीर धरती पे जन्नत का मंज़र




Aalok Shrivastav


ll नज़्म : कश्मीर ll*


*दोस्तों के हुक्म पर : इस कविता की कहानी के साथ.


पहाड़ों के जिस्मों पे बर्फ़ों की चादर

चिनारों के पत्तों पे शबनम के बिस्तर

हसीं वादियों में महकती है केसर

कहीं झिलमिलाते हैं झीलों के जेवर

है कश्मीर धरती पे जन्नत का मंज़र


यहाँ के बशर हैं फ़रिश्तों की मूरत

यहाँ की जु़बाँ है बड़ी ख़ूबसूरत

यहां की फ़िजाँ में घुली है मुहब्बत

यहाँ की हवाएँ मुअत्तर-मुअत्तर

है कश्मीर धरती पे जन्नत का मंज़र


ये झीलों के सीनों से लिपटे शिकारे

ये वादी में हँसते हुए फूल सारे

यक़ीनों से आगे हसीं ये नज़ारे

फरिश्ते उतर आए जैसे ज़मीं पर

है कश्मीर धरती पे जन्नत का मंज़र


सुखन सूफ़ियाना, हुनर का ख़ज़ाना

अज़ानों से भजनों का रिश्ता पुराना

ये पीरों-फ़कीरों का है आस्ताना

यहाँ मुस्कुराती है क़ुदरत भी आकर

है कश्मीर धरती पे जन्नत का मंज़र


मगर कुछ दिनों से परेशान है ये

सियासी-निगाहों से हैरान है ये

पहाड़ों में रहने लगी है उदासी

चिनारों के पत्तों में है बदहवासी

न केसर में केसर की ख़ुशबू रही है

न झीलों में रौनक़ बची है ज़रा-सी

मगर दिल अभी भी यही कह रहा है-

है कश्मीर धरती पे जन्नत का मंज़र


Voice & Music : Jagjit Singh

Poem : Aalok Shrivastav


हर कविता की एक कहानी होती है


जगजीत भाई US में थे. वहीं से फ़ोन किया – ''आलोक, कश्मीर पर नज़्म लिखो. वहां कॉन्सर्ट करेंगे. वहीं ये नज़्म गाएँगे.'' मैंने कहा – ''मगर मैं तो कभी कश्मीर गया नहीं. ...और वहाँ के हालात ? वहाँ के हालात ज़रूर ज़हन में हैं. क्या उन पर कुछ लिखूं ?'' बोले – ''नहीं. कश्मीर की ख़ूबसूरती और उसकी ख़ुसूसियत पर लिखो. जिनकी वजह से कश्मीर धरती की जन्नत कहा जाता है. दो रोज़ बाद इंडिया आ रहा हूं तब तक लिख कर रखना. सुनूंगा. ''जगजीत सिंह, जिन्हें कब से 'भाई' कह रहा हूं, याद नहीं. भाई का हुक्म था, तो ख़ुशी से पांव ज़मीन पर नहीं पड़ रहे थे. मगर वही पांव कांप भी रहे थे कि इस भरोसे पर खरा उतर भी पाऊंगा, या नहीं? उस वक़्त उनके साथ एलबम - 'इंतेहा' को आए ज़्यादा वक़्त नहीं बीता था. फ़िज़ा में मेरी ग़ज़ल जगजीत सिंह की रूहानी आवाज़ में गूंज रही थी. यार-दोस्त गुनगुना रहे थे- ''मंज़िलें क्या हैं रास्ता क्या है/ हौसला हो तो फ़ासला क्या है।''


4 दिसंबर. सर्दी से ठिठुरती रात. दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट का मुशायरा. डाइज़ शायरों से सजा था. रात क़रीब ग्यारह बजे होंगे. मैं अपने ग़ज़ल पाठ के इंतज़ार में था, तभी मोबाइल बजा. जगजीत भाई लाइन पर थे और मैं उस नज़्म की लाइनें याद करने लगा जो सुबह ही कहीं थीं. ''हां, सुनाओ, कहा कुछ?'' ''जी'' ''सुनाओ।'' मैंने पढ़ना शुरू किया -


पहाड़ों के जिस्मों पे बर्फ़ों की चादर

चिनारों के पत्तों पे शबनम के बिस्तर

हसीं वादियों में महकती है केसर

कहीं झिलमिलाते हैं झीलों के ज़ेवर

ये कश्मीर क्या है, है जन्नत का मंज़र


''हां अच्छा है, इसे आगे बढ़ाओ.'' जो जगजीत भाई को क़रीब से जानते थे, वो ये मानते होंगे कि उनका इतना कह देना ही लाखों दानिशमंदों की दाद के बराबर होता था. ''जी, परसों रविवार है, उसी दिन पूरी करके शाम तक नोट कराता हूं.'' बोले – ''अरे, चार दिन बाद ही गानी है, कम्पोज़ कब करूंगा? जल्दी कहो.'' मगर मैंने थोड़ा आग्रह किया तो मान गए. दो दिन बाद फ़ोन लगाया तो कार से किसी सफ़र में थे ''क्या हो गई नज़्म ? नोट कराओ.'' चलती कार में पूरी नज़्म नोट की और बोले – ''अच्छी है. चलो श्रीनगर में मिलते हैं.''


9 दिसंबर 2009. एक बर्फ़ीली शाम. 4 बजे श्रीनगर का SKICC ऑडिटोरियम ग़ज़ल के परस्तारों से खचाखच भरा था. ग़ज़ल गायिकी के सरताज जगजीत सिंह का बेसब्री से इंतज़ार हो रहा था. कहीं सीटियां गूंज रहीं थीं तो कहीं कानों को मीठा लगने वाला शोर हिलोरे ले रहा था. ऑडिटोरियम की पहली सफ़ में बैठा मैं, जगजीत सिंह की फ़ैन फ़ॉलॉइंग के इस यादगार नज़ारे का गवाह बन रहा था. जगजीत भाई स्टेज पर आए और ऑडिटोरियम तालियों और सीटियों की गूंज से भर गया. और जब गुनगुनाना शुरू किया, तो माहौल जैसे बेक़ाबू हो गया. एक के बाद एक क़िले फ़तह करता उनका फ़नकार हर उस दिल तक रसाई कर रहा था जहां सिर्फ़ और सिर्फ़ ख़ून ही गर्दिश कर सकता है. उनकी आवाज़ लहू बन कर नसों में दौड़ने लगी थी.


जग को जीत ने वाला जगजीत का ये अंदाज़ मैने पहले भी कई बार देखा था लेकिन उस रोज़ माहौल कुछ और ही था. उस रोज़ जगजीत भाई किसी दूसरे ही जग में थे. दहशत के साये में जीने वाला शहर सुरों के सागर में सुकून की हिलोरे ले रहा था. ये मंज़र तो बस वहाँ तक का है जहाँ तक उन्होंने 'कश्मीर नज़्म' पेश नहीं की थी. दिलों के जज़्बात और पहाड़ों की तहज़ीब बयाँ करती जो नज़्म उन्होंने मुझसे लिखवा ली थी उसका मंज़र, उनकी आवाज़ में बयाँ होना अभी बाक़ी था. मगर जुनूँ को थकान कहाँ होती ? अपनी मशहूर नज़्म – 'वो काग़ज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी.' के पीछे जैसे ही उन्होंने – 'पहाड़ों के जिस्मों पे बर्फ़ों की चादर' बिछाई. पूरा मंज़र ही बदल गया. हर मिसरे पर 'वन्स-मोर, वन्स-मोर' की आवाज़ ने उन्हें बमुश्किल-तमाम नज़्म, आगे गाने दी. महज़ कुछ मिसरों की ये नज़्म वो पंद्रह-बीस मिनट में पूरी कर पाए.


दूसरे दिन, 10 दिसंबर 2009 की सुबह. श्रीनगर के अख़बार ग़ज़ल-सम्राट जगजीत सिंह के जगाए जादू से भरे पड़े थे. अमर उजाला ने - 'ये कश्मीर क्या है, है जन्नत का मंज़र' की हेड लाइन के साथ लिखा था - ''पहाड़ों के जिस्मों पे बर्फ़ों की चादर / चिनारों के पत्तों पे शबनम के बिस्तर / हसीं वादियों में महकती है केसर / कहीं झिलमिलाते हैं झिलों के ज़ेवर / ये कश्मीर क्या है, है जन्नत का मंज़र आलोक श्रीवास्तव के इन बोलों को जब जगजीत सिंह का गला मिला तो SKICC का तापमान यकायक गर्म हो गया. ये नज़्म की गर्मी थी और सुरों की तुर्शी. ऑडिटोरियम के बाहर का पारा माइनस में ज़रूर था मगर अंदर इतनी तालियां बजीं कि हाथ सुर्ख़ हो गए. स्टीरियो में कान लगाकर सुनने वाले घाटी के लोग और जगजीत सिंह बुधवार को यूं आमने-सामने हुए.''


हर कविता की एक कहानी होती है. इस कविता की कहानी उस रौशन और क़द्दावर शख़्सियक के साथ मंसूब है जिसको अपने सुरों पूरा यक़ीन था. इसी भरोले के दम पर उसने लोगों के ज़हन से देहशत को निकाल कर सुरों की सरिता बहा दी. वो आवाज़ आज भी नूर बनकर बिखर रही है. माहौल को पुरसुकूँ कर रही है. आपके लिए, जगजीत भाई की श्रीनगर में गाई इस नज़्म का वीडियो लिंक भी साथ में है. समय मिले तो ज़रूर सुनिएगा. कश्मीर में ग़ज़ल सम्राट जगजीत सिंह का यह आख़िरी कॉन्सर्ट.


Sung By Jagjit Singh Ji Video Link : http://www.youtube.com/watch?v=yKrpzQOX3HA

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  • Balendu Sharma Dadhich and 48 others like this.

  • 2 shares

  • Harsh Upadhyay वाह ! इसके सिवा कोई लफ़्ज नहीं सूझ रहे....

  • January 5 at 1:13pm via mobile · Like · 1

  • Akhouri Ashok ये आपकी ख़ुसूसियत है आलोक जी कि आप अपनी दानिशमंदी को भी दूसरोँ को नज़र कर देते हैँ.आपकी क़ाबलियत का क़ायल तो पहले से ही हूँ लेकिन आपकी सादगी ने भी बहुत मोत्तासिर किया है मुझे. आपका ज़र्फ़ बहुत ऊँचा है. बहुत ख़ुबसूरत चित्रकारी है कश्मीर की, आपकी नज़्म के हवाले से.बस ऐसे ही सुकून पहुँचाते रहेँ अपने प्रशंसको तक. शुक्रिया और बधाई !

  • January 5 at 1:54pm · Like · 2

  • Anshuman Chaturvedi Bhaiya g such mein aapka koi doosra paryaay nahi hai.

  • January 5 at 2:02pm via mobile · Like · 1

  • Aalok Shrivastav शुक्रिया भाई Akhouri Ashok ji.

  • January 5 at 2:07pm · Like · 1

  • Ashok Trivedi aap ki ye gazal jagjitsingh sahab se suni masha allaha lajawab hai

  • January 5 at 3:25pm · Like · 1

  • Om Gill ये वादी-ए-कश्मीर है ज़न्नत का नज़ारा !

  • January 5 at 3:35pm · Like · 1

  • Seema Vyas Najaro ki tarah khubsurat najm.

  • January 5 at 4:04pm · Like · 1

  • Vikas Sharma Lajawab alok ji

  • January 5 at 5:00pm · Like · 1

  • Richa Srivastava 9Dec 2009 को संपन्न हुआ ये कॉन्सर्ट आज भी उतना ही प्रासंगिक है। आपने सही कहा आलोक जी,,आज भले ही जगजीतजी हमारे बीच न रहें,,लेकिन उनकी रूहानी आवाज़ आज भी सभी के दिलों को सुकून देती है। और आपकी ये नज़्म प्रशंसा के सभी शब्दों से परे है....माशा अल्लाह...कहानी भी ज़बरदस्त शानदार है!!

  • January 5 at 6:50pm via mobile · Like · 2

  • Lalit Kundal Aalok ji ek dam super prastuti di hai Lajawab wodings ultimate

  • January 5 at 7:11pm via mobile · Like · 1

  • Urmila Madhav बेशक अलफ़ाज़ और तर्ज़ बहुत अच्छी है,पर ऑडियो साफ़ नहीं है... Aalok Shrivastav जी...

  • January 5 at 7:46pm · Like · 1

  • Shyamsharan Tamrakar app ki kavita padh ne ke bad kashmir gaya ,to kafi kuchh jana pahchana sa laga

  • 17 hours ago · Like · 1

  • Aalok Shrivastav शुक्रिया भाई Shyamsharan Tamrakar ji.

  • 2 hours ago · Like

  • Mohit Paathak कहते हैं कि मोतियों के दान से आवाज़ और अन्न के दान से सुन्दरता मिलती है। लेकिन इश्वर ने आपको लेखनी से नवाज़ा है.... जानते हैं क्यों? क्योकि आप गीत गा सको जिनमें जीवन का हर वो कोना हो जो छूने भर से महकता हो। अद्भुत। न्यारा। मेरे मैं को लेकर।

  • 2 hours ago · Like · 2

  • Jaideep Karnik वाह!! आलोक भाई, ग़ज़ल भी उम्दा और उससे जुड़ी कहानी और भी उम्दा....

  • 2 hours ago · Like

  • Aalok Shrivastav बहुत-बहुत शुक्रिया भाई Mohit Paathak ji इस ख़ूबसूरत हौसला-अफ़्ज़ाई के लिए..

  • 2 hours ago · Like

  • Mohan Manglam इस आलेख को संभवतया आपके ब्लाग पर पढ चुका था. लेकिन दुबारा पढना भी अच्छा लगा

  • आपके कहन का अंदाज मन को भाता है

  • अमृत सा दिल में उतरता चला जाता है।

  • about an hour ago · Like

Ashish Maharishi

जेएनयू कैंपस में छात्रा के साथ छेड़छाड़


जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में ट्वेंटी फोर इन टू सेवन ढाबे पर बाहरी युवक द्वारा एक उत्तर-पूर्वी राज्य की छात्रा के साथ छेड़छाड़ की गई। छात्रा ने पुलिस को सूचित किया और पुलिस ने छात्रा की शिकायत पर छानबीन शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि घटना रविवार रात की है। ढाबे पर दो मोटरसाइकिल सवार युवक आए। जिनमें से एक ने छात्रा के साथ छेड़छाड़ की। पुलिस सूत्रों के अनुसार मोटरसाइकिल जेएनयू कैंपस के सुरक्षा गार्ड के बेटे की है। पुलिस उससे भी पूछताछ कर रही है। अभी आरोपी को पकड़ा नहीं जा सका है।

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Priya Ranjan and Devinder Sharma shared a link.

Low growth may turn jobseekers back to farm sector: Crisil report - Livemint

livemint.com

The slowing economy will result in fewer jobs being added to industry and services in the next seven years and more workers moving back to farming,

BBC Hindi

मुंबई से देहरादून जा रही देहरादून एक्सप्रेस में बुधवार तड़के आग लगने से नौ यात्रियों की मौत हो गई है.

http://bbc.in/1a01lN8

देहरादून एक्सप्रेस में आग, नौ की मौत - BBC Hindi - भारत

bbc.in

मुंबई से देहरादून जा रही देहरादून एक्सप्रेस में बुधवार तड़के आग लगने से नौ यात्रियों की मौत हो गई. यह हादसा मुंबई और सूरत के बीच घोलवड स्टेशन के पास तड़के ढाई बजे हुआ.

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শাহবাগে সাইবার যুদ্ধ

রাসূল (সাঃ বলেছেন - "যদি কোন ব্যক্তি মুসলিম রাষ্ট্রের মধ্যে বসবাসকারী অমুসলিম নাগরিক বা মুসলিম দেশে অবস্থানকারী অমুসলিম দেশের কোনো অমুসলিম

নাগরিককে হত্যা করে তবে সে জান্নাতের সুগন্ধও লাভ করতে পারবে না, যদিও জান্নাতের সুগন্ধ ৪০

বৎসরের দুরত্ব থেকে লাভ করা যায়।" (সহীহ আল- বুখারী, হাদীস ৬/২৫৩৩)


মওলানা ভাষানী বলেছিলেন "নীল নদের পানি যেমন নীল নয় ,তেমনি জামাতে ইসলামের- টা ইসলাম নয়। হিন্দুদের অত্যাচার করে মহান রাব্বুল আলামীনকে খুশি করা যায় না। খুদার লানত ছাড়া আর কিছুই পাওয়া যাবে না।...See More

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The Economic Times

Government to include 'karela' in the new inflation basket, potato to have the highest weight. Read more here http://ow.ly/skC4Q

Like ·  · Share · 197552 · 14 hours ago ·

Poonam Raj

शायद बता सकती हैं के सफाई और मलमूत्र धोने के पेशे में मुझे कोई गरीब ब्राह्मण बता दो और दूसरे यह के भारत के जितने धनाढ्य मंदिर हैं उनमे मुझे कोई गैर ब्राह्मण पुजारी बता दे तो 'गरीबी' का आम आदमी साहित्य मैं पढ़ लूँगा। राखी अभी बहुत छोटी हैं और ठीक है के मंत्री बनी हैं और इसलिए उनको काम करने दिया जाय. दलित आंदोलन और पुरे दलित नेताओ के ऊपर उनकी विशेषज्ञता से बहुत कुछ होने वाला नहीं है. आप के विश्लेषण की जरुरत है न की उसकी भक्ति की और आज के पत्रकार बंधू और 'बुद्धिजीवी' आप की आरती उतार रहे हैं और अपनी विशेषज्ञता हमारे गले में उतारना चाहते हैं. राखी अगर अपने काम पर फोकस करेंगी तो अच्छा रहेगा क्योंकि न तो उन्हें दलित आंदोलन की जानकारी है और ना ही जातिगत भेदभाव की, उन्हें 'आम आदमी' ही रहने दिया जाए.

Vidya Bhushan Rawat

ये राखी बिडलान कब से दलित आंदोलन की 'विशेषज्ञ' हो गई. वैसे तो उनके 'आम आदमी ' से उनकी समझ जाहिर हो गयी के गरीब सब जातियों में हो सकते हैं और इसलिए उनको खूब तालियां भी मिली लेकिन एक छोटा सा सवाल हमारे मित्रो के लिए और राखी तो शायद बता सकती हैं के सफाई और मलमूत्र धोने के पेशे में मुझे कोई गरीब ब्राह्मण बता दो और दूसरे यह के भारत के जितने धनाढ्य मंदिर हैं उनमे मुझे कोई गैर ब्राह्मण पुजारी बता दे तो 'गरीबी' का आम आदमी साहित्य मैं पढ़ लूँगा। राखी अभी बहुत छोटी हैं और ठीक है के मंत्री बनी हैं और इसलिए उनको काम करने दिया जाय. दलित आंदोलन और पुरे दलित नेताओ के ऊपर उनकी विशेषज्ञता से बहुत कुछ होने वाला नहीं है. आप के विश्लेषण की जरुरत है न की उसकी भक्ति की और आज के पत्रकार बंधू और 'बुद्धिजीवी' आप की आरती उतार रहे हैं और अपनी विशेषज्ञता हमारे गले में उतारना चाहते हैं. राखी अगर अपने काम पर फोकस करेंगी तो अच्छा रहेगा क्योंकि न तो उन्हें दलित आंदोलन की जानकारी है और ना ही जातिगत भेदभाव की, उन्हें 'आम आदमी' ही रहने दिया जाए.

Like ·  · Share · 1 · 27 minutes ago ·

Udit Raj Ex Irs via Brahm Parkash Basetia

hindus under threat in bangladesh attacked by bnp jamiat workers: ख़बरें: आज तक

aajtak.intoday.in

बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार का विरोध कर रही विपक्षी बांग्लादेशी नेशनलिस्ट पार्टी और प्रतिबंधित संगठन जमात सिबिर ने अब वहां रह रहे हिंदुओं पर निशाना साधना शुरू कर दिया है. आलम ये है कि रविवार को हुए हिंसक चुनाव के बाद से लगातार देश के कई जिलों में हिंदू आबादी पर संगठित हमले हो रहे हैं.

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Shabnam Hashmi

Jute bag wohi jo Dhaani se layen


Now DHAANI brings to you products online:


We are the women of Bihar, Kashmir, Haryana, Gujarat, Delhi and the rest of India. We want to break away from the shackles of a patriarchal divisive society. We want empowerment for us and for our children and we want to do this on our own. We are women who know how to create beautiful things and through Dhaani we offer them to you. We hope they will bring the same happiness to your homes as they did to ours when we made them.


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Like ·  · Share · 41 seconds ago near New Delhi ·


Mohan Shrotriya

क्या सोच रहे होंगे गुरु गोविंद सिंह?


आज के दिन ही उजागर होना था अकाली विधायक का ड्रग तस्करी में संलिप्त होना !


ऐसे में, जहां सब तरह का संरक्षण प्राप्त हो अपराधियों को, या कहिए जब वे सत्ता के अंग ही हों, कैसे रुक सकती है तस्करी?


नैतिकतावादी चुप हैं ! एकदम निर्वाक !


पावन प्रकाश-पर्व को अंधकार के धंधे का अपावन उत्सव बना दिया जाना निंदनीय है !

Like ·  · Share · 11 hours ago near Jaipur · Edited ·

  • Rajiv Nayan Bahuguna, Himanshu Kumar, Pankaj Chaturvedi and 71 otherslike this.

  • 1 share

  • View 1 more comment

  • Virendra Singh शास्त्र के बगैर शस्त्र की शिक्षा धार्मिक भस्मासुर पैदा करती है। गुरु गोबिंद सिंह जी इन्हें कुछ इसी अंदाज़ में सबक दें शायद!

  • 10 hours ago · Like · 5

  • Kulwant Grewal because,It is alive state....people love to live to the edge. it needs courage and affluence..and vision.....other side of the story....tragic............

  • 9 hours ago · Like · 2

  • Seemaant Sohal गुरु गोबिंद सिंह जी की स्मृति को ऐसे तस्करों से अलग ही रखें तो ठीक ।

  • 9 hours ago via mobile · Like

  • Suresh Swapnil अकाल तख़्त ने कभी ऐसे अपराधियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की, क्या यह उनका कर्त्तव्य नहीं ?

  • 7 hours ago · Like · 2


Palash Biswas via Aam Aadmi Party
Vishakha-guidelines-implemented-by-AAP
aamaadmiparty.org
(Scroll down for English translation) आम आदमी पार्टी ने संगठन के भीतर महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट की विशाखा गाइडलाइंस के आधार पर तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। आम आदमी पार्टी एकमात्र ऐसी राजनैतिक पार्टी है जिसने सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए महिला उत्पीड...
Like ·  · Share · 9 minutes ago ·
  • Palash Biswas क्या यही लोकतंत्र है कि कश्मीर पर बोलते ही जुबान पर लगाम।
  • 5 minutes ago · Like
Palash Biswas shared Aam Aadmi Party's video: AAP on Vishakha guideline & Kashmir Issue:.
AAP on Vishakha guideline & Kashmir Issue:
Aam Aadmi Party has constituted a three member internal committee to address gender issues within the party. The committee has been formed in adherence to Vishakha guidelines. The Aam Aadmi Party is the first and the only political party to have formed such an internal committee. Prashant Bhushan clarifies his statement on Kashmir: The Aam Aadmi Party is of the view that Kashmir is an integral part of India. Needless to say that i share this view. Any reference to referendum should not mis construde to mean plebiscite on Kashmir's relationship with India. It is the prerogative of the state to deploy Security forces, including Armed forces for any stretch to internal and external security. This prerogative must be exercised in the best interest of people, and as far as possible, with their consent.
Like ·  · Share · 9 minutes ago ·
  • Palash Biswas आप के राज में कश्मीर पर बोल नहीं स‌कते तो क्या स‌ंघियों की तरह अब धारा 370 खत्म करेगी ाप
  • 4 minutes ago · Like
Palash Biswas via Aam Aadmi Party
AAP's Yogendra Yadav: India's best democrat?
firstpost.com
Yadav's demeanour will come to tellingly symbolise the AAP's strategy. His rooting for a new type of politics - interest vs identity - will have credence because he won't be viewed as a typical politician mouthing trite slogans.
Like ·  · Share · 10 minutes ago ·
  • Om NanyAdi Raj likes this.
  • Palash Biswas मतदान विश्षज्ञ तो है।वोट बैंस स‌मीकरण पर उनकी पकड़ की बढ़त जरुर है आपको।लेकिन योगेंद्र यादव के एक्जिट पोल के अलावा किसी और जनसरोकार के बारे में हमें मालूम नही है।आपको मालूम हो तो बतायें।
  • 2 minutes ago · Like
Palash Biswas shared Aam Aadmi Party's video: What has #AAP delivered in one week of being in power?
What has #AAP delivered in one week of being in power?
What has #AAP delivered in one week of being in power? Watch this video to know. Must watch and share! || सरकार में आने के एक हफ्ते के अन्दर आम आदमी पार्टी ने क्या क्या किया? जरूर देखें और अपने मित्रों के साथ साझा भी करें!
Like ·  · Share · 10 minutes ago ·
  • Palash Biswas नागरिक स‌ेवाएं बहाल करने स‌े क्या बुनियादी मुद्दों का स‌माधान हो जायेगा,इस पर भी विवेचना जरुर करें मित्रों।
  • 2 minutes ago · Like
Palash Biswas shared Aam Aadmi Party's video: Aamir Khan on #AAP.
Aamir Khan on #AAP
AAP an entity which is offering something new- Aamir Khan to NDTV
Like ·  · Share · 11 minutes ago ·
Palash Biswas shared Aam Aadmi Party's video: Arvind Kejriwal's speech before trust vote (With Eng. subtitles).
Arvind Kejriwal's speech before trust vote (With Eng. subtitles)
Did you listen to the speech by Arvind Kejriwal in Delhi assembly before trust vote? If not, listen to it again. Listen to a common man, talking about the problems of the common man.
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Sundeep NayyarAnanta Acharya
http://m.facebook.com/l.php?u=http%3A%2F%2Fdelhiworkerscharter.blogspot.com%2F2014%2F01%2Fblog-post_6.html%3Fspref%3Dfb&h=dAQHSEUMs&enc=AZP_SSVdPxtMUY81Drqpdab9gRYilbXFlymUBt1T36_urtBR4x_6Ir_Gl1jGnt1JrWuPDmni1JhEX9L55X2wO320foYPNg0OSfSoDIWf2i6Lo_3Nke7BTEOPpwYcJa7GiF2WGucE11Xd5CcFjS0DHsO7&s=1
Delhi workers' Charter: माँगपत्रक आन्दोलन की ओर से दिल्ली के सभी मज़दूरों को इंक़लाबी ललकार!
delhiworkerscharter.blogspot.com
पहली बार दिल्ली में किसी सरकार या मुख्यमन्त्री ने मज़दूरों से कुछ ठोस वायदे किये हैं। लेकिन ये सभी वायदे अपने आप पूरे नहीं हो जायेंगे। हम मज़दूरों को हमसे किये गये वायदों की याददिहानी करानी होगी। क्योंकि बिना जन-दबाव के शायद ही दिल्ली सरकार ये वायदे पूरे करे। सरकार ये वायदे पूरे करके हम पर कोई अहसान...
Like ·  · Share · 7 minutes ago ·
Yashwant Singh
मुझे 'आप' से इसलिए स्नेह है क्योंकि इस पार्टी के माध्यम से कुछ ऐसे लौंडे, लड़के, लोग सांसद विधायक बन जाएंगे, बन रहे हैं, जो कभी सपना नहीं देख सकते थे चुनाव जीतने का... राजनीति नामक चीज पर पूरी तरह कुंडली मारकर उसे अपने कब्जे में कर रखे दलों को खोद खोद कर खिझाने, तड़पाने, भगाने, झुकाने का यही मौका है... मुझे पता है, 'आप' वाले कोई सुपरमैन नहीं जो भ्रष्ट नहीं होंगे और पतित नहीं होंगे.. पावर का चरित्र ऐसा है कि इससे कम्युनिस्ट से लेकर संघी तक, सभी मदमस्त हो जाते हैं.. इसलिए भरम न पालिए पर 'आप' वालों को सपोर्ट करिए... ताकि प्रोफेशनल नेताओं, धनपशुओं, माफियाओं, हरामियों के तिकड़म को बिगाड़ कर पपूवा रजूवा मुन्नवा पिंटुआ टाइप किन्हीं आम लोगों को सांसद विधायक मंत्री बनया जाए... यही प्रक्रिया लोकतंत्र को जिंदा रखेगी... जैसे बहता जल पवित्र होता है वैसे नई राजनीति भी भ्रष्ट सिस्टम का शुद्धीकरण कर देती है..
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Yashwant Singh
'आप' आफिस पर हमले से पार्टी की टीआरपी में बेतहाशा वृद्धि... यकीन मानिए, चीजें खुद ब खुद जिधर जा रही हैं, उसके हिसाब से लोकसभा चुनाव नतीजों में दिखेगा कि केजरीवाल की पार्टी किंगमेकर बनकर उभरी है... तब, मजबूरी में सभी 'आप' को ही किंग बना देंगे यानि पीएम का पद दे डालेंगे... सो, तुम सितम और करो...
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Bapu Raut
आम आदमी पार्टी व आंबेडकरी आंदोलन (आंबेडकरी चळवळीचे प्रतिक्रियावादी आंदोलनात रुपांतरण )
अलीकडच्या काळात सामान्य जनतेच्या दैनंदिन प्रश्नांना स्पर्श करीत आंदोलन उभे करणा-या चळवळींना जनतेचा पाठिंबा प्राप्त होतो हे अण्णा हजारे व अरविंद केजरीवाल यांच्या जनलोकपाल आंदोलनातून स्पष्ट झाले आहे. रामलीला मैदान व जंतर मंतर येथे जमलेला गर्दीचा उच्चांक हेच दर्शवितो. सामान्य जनतेच्या दैनंदिन प्रश्नावर राजकारण करणा-या पक्षाना जनता स्वीकार करते व त्यांना आपले प्रश्न सोडविण्यासाठी सत्तेमध्ये बसवू शकते हे दिल्लीतील विधानसभा निवडणुकावरुण स्पष्ट झाले. आम आदमी पार्टीला मिळालेल्या यशाचे गमक हे सामान्य जनाचे प्रश्न हाच आहे. त्यामुळे आप सारखे पक्ष प्रस्थापित प्रादेशिक पक्षांना संपविन्यासोबतच राष्ट्रीय पक्षांना बाजूला सारतील वा त्यांना सशक्त पर्याय उभा करू शकतील की नाही हे येना-या काळात स्पष्ट होईलच.
६० ते ८० च्या दशकापर्यंत लोक स्वत:हून नेत्यांचे भाषण ऐकायला मिळेल त्या साधनाने जायचे परंतु आता हा ट्रेंड बदललेला दिसतो. राजकीय पक्षांना नेत्यांच्या सभांना श्रोते मिळविण्यासाठी पैसे देवून व आणण्या नेण्याची व्यवस्था करूनच लोकांना सभांसाठी आणावे लागते. लोकांनी अवलंबलेला हा ट्रेंड भविष्यात बदलण्याची शक्यता फारच कमी दिसते. याला प्रस्थापित राजकीय पक्ष व नेते जबाबदार असून नेत्यांचा भ्रष्टाचार, प्रशासनाची उदासीनता व खावू वृत्ती तसेच वाढती महागाई हे मुद्दे जबाबदार आहेत. आम आदमी पार्टीने नेमके याच मुद्यांना हात घालून लोकांचा विश्वास संपादन केलेला आहे. केजरीवाल व त्यांचा कंपू लोकाचा हा विश्वास कसा सार्थ ठरवतील? हा येणारा काळच सांगू शकेल.
आम आदमी पार्टीने व्यवस्था परिवर्तनाचा नारा दिला. वास्तविकता व्यवस्था परिवर्तनाचा नारा हा फुले आंबेडकरी तत्वज्ञानाची व चळवळीची देन आहे. फुले आंबेडकरी चळवळीला व तिचे तत्वज्ञान घेवून चालना-या राजकीय पक्षांना सामाजिक व सांस्कृतिक व्यवस्था परिवर्तन हवे आहे. या परीवर्तनासोबतच त्यांना आर्थिक बरोबरी साधायची आहे. परंतु केजरीवाल व त्यांच्या आम आदमी पार्टीला सामाजिक व सांस्कृतिक व्यवस्था परिवर्तन साधायचे नाही. ज्योतिष्य शास्त्राची ढोंगबाजी / बुवाबाजी व अंधश्रद्धा त्यांना घालवायची नाही. त्यांना केवळ सरकारी प्रशासनातील व्यवस्था परिवर्तन करायचे आहे. आम आदमी पार्टीचा जाहीरनामा हेच दर्शवितो. सरकारी कर्मचारी, राजकीय नेते व भांडवलदार या त्रयीने देशात काळाबाजार, सरकारी भ्रष्टाचार, जमिनीवरील अतिक्रमण, शैक्षणिक महागाई, सरकारी कंपन्या उद्योगपतीना वाटण्याची खैरात, नैसर्गिक साधनसंपतीची लुटमार केली यावर केजरीवाल यांना कायदा व शिक्षेच्या माध्यमातून लगाम लावायचा आहे. राजकीय नेत्यांनी काहीही कृत्य केले तरी त्यांची सहिसलामत सुटका व त्यांच्यावर कोणतीही कारवाई न होणे हा मुद्दाही त्यांचा केंद्रबिंदू आहे. हा सारा बदल सत्तेच्या माध्यमातून होवू शकतो हे केजरीवाल यांना जनलोकपाल आंदोलनातून शिकायला मिळाले. त्यातूनच अण्णा हजारे यांचा विरोध असतानाही त्यांनी नवीन राजकीय पक्ष स्थापन करण्याची घोषणा केली. तरुणाईचा जल्लोष तसेच गरीब व मध्यम वर्गाच्या पाठिंब्याने आप पार्टीने दिल्लीमध्ये पहिल्याच झटक्यात सत्तेत बसविण्याची किमया केली.
दैनंदिन सामान्य प्रश्न घेवून राजकारणात उतरना-या नवीन पक्षांना सत्ताप्राप्ती होत असताना आंबेडकरवादी पक्षांचे राजकारणातील स्थान अधिकच दृढमूल व ढासळलेले दिसते. देशात तिस-या नंबरचा राष्ट्रीय पक्ष म्हणून मान्यता मिळालेला बहुजन समाज पक्षाला चार राज्यात मिळालेले नगण्य स्थान बघता पक्षनेतृत्वाला मंथन करने आवश्यक झाले आहे. मा. काशीरामजींच्या हयातीमध्येच मध्यप्रदेश, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र व आंध्र प्रदेशात फुले-आंबेडकरवादी राजकारणाची पायाभरणी होवून त्याचे सार्थक परिणाम दिसू लागले होते. परंतु मा. काशीरामजींच्या पश्चात फुले-आंबेडकरी राजकारनाला उतरती कळा लागली. हा आजच्या नेतृत्वाचा पराभवच होय. मा. काशिरामजी लोकामध्ये मिसळत, कार्यकर्त्याच्या पाठीवर हात ठेवीत चळवळ समजावून सांगत असत. कांशिरामजीचा आत्मविश्वास व स्वाभिमानी वृत्तीमुळे कशाचीही पर्वा न करता नोकरदार वर्ग आपल्या नोक-यांचा राजीनामा देत मा. काशीरामजींच्या कारव्यात सामील होत असत. हाच प्रवाह आज उलट दिशेने वाहतो आहे. असे का होत आहे? याचा आजच्या बहुजन समाज पक्षाच्या नेतृत्वाने विचार केला पाहिजे. वातानुकुलीत खोलीतून व स्वार्थी चौकडीच्या झगमगातटातून बाहेर पडले पाहिजेत. समाजाच्या नावाने राजकारण करायचे परतू समाजासाठी काहीही करावयाचे नाही हे आता अधिक काळ चालणार नाही हे सुध्दा या निवडणुकीने नेत्यांना दाखवून दिले आहे.

Amlasole visit - 7.01.2014 (6 photos)

Now I am uploading some pictures of my Amlasole visit today.

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फुले आंबेडकरी चळवळीचा पाया ज्या भूमीत प्रथम रुजला त्या महाराष्ट्राच्या भूमीत आंबेडकरी चळवळीची दैनावस्था फारच हीनदीन झालेली आहे. ज्याला थोडेफार भाषण करता येते तो लगेच नेता बनतो. त्यामुळे महाराष्ट्रात रिपब्लिकन नावाचे अगीनत पक्ष निर्माण झाले आहेत. रिपब्लिकन पक्षाच्या या गटातटाच्या स्पर्धेत आंबेडकरी चळवळीच्या –हासाचा व जनतेच्या प्रश्नाशी त्यांचे काहीही देणेघेणे नाही हे स्पष्ट आहे. आता तर 'रिपब्लिकन' हे नाव सोडून 'बहुजन' नाव धारण करून नवीन पक्ष निर्माण होत आहेत. १९५६ पासून आंबेडकरवादी राजकारणाची चळवळ चालू आहे. परंतु या राजकीय चळवळीचे रुपांतर यशात न होता तुकड्यात झाले. आंबेडकरी नेत्यांचा प्रत्येक गट वा पक्ष हा त्यांची प्रायव्हेट लिमिटेड कंपनी झालेली दिसते. त्यामुळे या गटांच्या नेत्यांपैकी कोणीही एकत्र येण्यास तैय्यार होत नाहीत. आजची आंबेडकरी चळवळ ही केवळ प्रतिक्रियावादी झाली असून त्यातच ती रममाण झालेली आहे. प्रस्थापितांनी बाबासाहेब आंबेडकर वा बुद्धाविरोधी नुक्स काढायच्या व त्यातच आंबेडकरी जनतेने आंदोलन करून अडकून राहायचे हा खेळ नित्याचाच झाला आहे. सामान्य लोकांना याचे वाईट वाटते परंतु नेत्यांना साधा पश्चाताप होत नाही.
महाराष्ट्रात राज ठाकरे व दिल्लीत केजरीवाल या कालच्या पोरांनी राजकीय धमाल केली. परंतु आंबेडकरी राजकीय चळवळीचे काय? आंबेडकरी राजकीय चळवळ यशस्वी होत नाही याला काही लोक भारतीयाची जातीय मानसिकता जबाबदार आहे असे उत्तर देतील. परंतु दुस-याकडे एक बोट दाखविताना तुमच्याकडे चार बोटे वळलेली असतात त्याचे काय? सांघिक शक्तीचा अभाव व गटातटाचे राजकारण याला कारणीभूत नाही काय? आंबेडकरी समाजाच्या १०० मतांपैकी प्रत्येकी २० मते कांग्रेस/राष्ट्रवादीला, प्रत्येकी १० मते भाजपा व शिवसेनेला, १०-१० मते बसपा व भारीप पक्षाला व प्रत्येकी ५ - ५ मते आठवले, गवई, कवाडे व खोब्रागडे यांना मिळत असतात. मताच्या अशा विभागणीच्या अंकगणीतामध्ये आंबेडकरी राजकारण विभागले आहे. अशा परिस्थितीत आंबेडकरी राजकारण कधीही यशस्वी होवू शकत नाही हे शेंबड्या पोरालाही समजेल. परंतु हे आंबेडकरी राजकारणातील नेत्यांना समजत नाही हे मोठे दुर्दव्य आहे.
आंबेडकरी राजकीय चळवळीचा असा बट्याबोळ झाला असताना सामाजिक चळवळीचेही तीनतेरा वाजलेले आहे. बामसेफ या सर्वात मोठ्या सामाजिक चळवळीचेही अनेक गटातटात विभाजन झाले आहे. वामन मेश्राम यांच्या बामसेफचे राष्ट्रीय अधिवेशन लखनऊला, बि.डी.बोरकर यांच्या बामसेफ चे नागपूरला व तीस-याचे पटना येथे होत आहेत. एम्बसचे ओरिसाला. आंबेडकरी आंदोलन व विचारधारेचा हा बिखराव (विस्कळीतपणा) नव्हे काय? आंबेडकरी चळवळीमध्ये संस्थागत लोकतांत्रिक ढाचा निर्माण झाला नाही त्याचे हे फलित होय. जन आंदोलने करायचे सोडून केवळ स्वार्थी नेत्यामध्ये आपला महानायक शोधन्याचा प्रयत्न आंबेडकरी जनता व चळवळीतील कार्यकर्त्यांनी केला. फुले-आंबेडकर-कांशीराम यांची विचारधाराच परिवर्तनवादी चळवळीचा पाया असून या त्रयीच्या विचारधारेवर कार्य करणारा व्यक्तीच चळवळ यशस्वी करू शकतो.
आंबेडकर चळवळीचे हितचिंतक व वाट चुकलेल्या नेत्यांना दिशा देण्यासाठी टीकातम्क लिहना-या लेखकांच्या भाषेत बाबासाहेब आबेडकरांच्या निळ्या झेंड्याचे दावेदार सत्तारूपी तुकड्यांच्या जहागीरीसाठी आपसात मारकाट करताना दिसतात. राजकीय आंबेडकरी चळवळ ही शॉपिंग माल झाली असून विविध गटाच्या दुकानावर शिवसेना-भाजपा-कांग्रेस-राष्ट्रवादी या खरेदीदाराची झुंबड कालही झाली होती व पुढे २०१४ च्या निवडणुकांच्या निमित्ताने पुन्हा पहायला मिळणार आहे. लोकसभा व विधानसभांच्या निवडणुका ह्या गल्लाबोळीतल्या दादापासून ते आंबेडकरी गटाच्या प्रमुख नेत्यांच्या राजकीय धंद्यांचा सुवर्णकाळ असतो. आंबेडकरी नेत्यांच्या व्यक्तीमत्वावर व चळवळीवर व्यंगात्म्क जहरी टीका होत असते. तरी गेंड्याच्या कातडीचे आंबेडकरी नेते सुधारण्यास तयार होत नाहीत. आंबेडकराचे नाव घेवून भोगविलास करणारे हे नेते आंबेडकरी विचाराचे व चळवळीचे मारेकरी आहेत.
आंबेडकरी आंदोलनाची फटफजिती करणा-या या मारेक-यांना आंबेडकरी जनतेने सडेतोड उत्तर दिले पाहिजेत. अन्यथा कुंभमेळ्यात जमना-या झुंडी व आंबेडकरी जनतेच्या जमावड्यात फरक तो कसला?.

बापू राऊत
Mamata Banerjee

January 5

Day before yesterday I had visited Belle Vue Nursing Home to enquire about the health of Mahanayika Suchitra Sen as her condition was critical.I met her daughter Moonmoon Sen and Dr. Subrata Moitra and his medical team.


Later on, when she became little stable and came to know that I visited the Nursing Home to enquire about her health, she expressed her desire to meet me. Dr. Moitra communicated her desire and accordingly I rushed to the hospital and met her for about 25 minutes today. I also met Moonmoon Sen, Raima Sen, Dr. Moitra and others.


Everyone knows that she has kept herself away from public view for more than 30 years. She is not even meeting anyone now.


I am undoubtedly fortunate enough to get an opportunity to meet her in person. I am overwhelmed and proud to meet the legendary actress whose films we had seen so many times. It is an emotional moment.


I find that she is improving gradually. Let us all pray to God for her early recovery and good health.

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BBC World News

So cold it's illegal to drive.


In ‪#‎Indianapolis‬, it has temporarily been made illegal to drive except in an emergency or to seek shelter, in order to prevent accidents and keep the roads free.


A brutal blast of arctic air is heading east across North America, bringing dangerously low temperatures not seen in two decades.

http://goo.gl/1p0sXX


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24 Ghanta

এবার থেকে পাঁচ বারের বেশি টাকা তুললেই অ্যাকাউন্ট থেকে টাকা কেটে নেবে ব্যাঙ্ক

http://zeenews.india.com/bengali/nation/money-will-be-charged-foe-every-fifth-transaction_19211.html


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Arun Maheshwari with Uday Prakash and 3 others

अरविन्द केजरीवाल की पुस्तक 'स्वराज' के बारे में


आज अरविंद केजरीवाल की किताब 'स्वराज' पढ़ गया। कुछ लोग इसे आम आदमी पार्टी की गीता अथवा घोषणापत्र कह कर प्रचारित कर रहे हैं।


इस किताब को पढ़ने के बाद हमें तो इस बात पर जरा भी विश्वास नहीं होता। हम सोच भी नहीं सकते कि एक इतनी सीमित दृष्टि की किताब कैसे किसी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा वाली पार्टी का कार्यक्रम बन सकती है!


इस किताब का महत्व किसी एनजीओ द्वारा किये गये भारत के पंचायती राज के अध्ययन से अधिक कुछ नहीं है, जिसमें भारत के गांवों के प्रशासन में जन-भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिये कुछ ढांचागत सुधारों के सुझाव दिये गये हैं। अधिक से अधिक, इसे Participatory Democracy की समस्याओं का एक सीमित पक्ष का अध्ययन कहा जा सकता है। पंचायती राज में कैसे जनता की भागीदारी सुनिश्चित हो, सरकारी कोष और खर्च के मामलों में जनता की आवाज सुनी जाए और सरकारी अधिकारी तथा जन-प्रतिनिधि जनता के निर्देशों का पालन करें, इसके बारे में इसमें ग्राम सभाओं और उसी तर्ज पर शहरों में मोहल्ला सभाओं को शक्ति प्रदान करने के उपाय कुछ ठोस उदाहरणों के साथ बताये गये हैं। जनतंत्र का अर्थ सिर्फ मतदान का अधिकार नहीं, दैनंदिन शासन का अधिकार है। और इसे सुनिश्चित करने के लिये मौजूदा कानूनों में जिन चंद तब्दीलियों की जरूरत है, यह किताब उसके कुछ पक्षों पर प्रकाश डालती है।


मैं इसे इसलिये सीमित महत्व की किताब कह रहा हूं क्योंकि इससे हमारी अर्थ-व्यवस्था के बारे में श्रीमान केजरीवाल की समग्र समझ का जरा भी परिचय नहीं मिलता। जिसे अर्थ-व्यवस्था के विकास का इंजन कहा जा सकता है, उस औद्योगिक विकास के बारे में इसमें एक शब्द भी नहीं है। न एक शब्द उन सामाजिक-संबंधों के बारे में कहा गया है जो वर्तमान उत्पादन-संबंधों की उपज है। उत्पादन के साधनों पर निजी स्वामित्व, संपत्ति के अधिकार की अनुलंघनियता और तमाम राष्ट्रीय संसाधनों को पूंजीपतियों को सुपुर्द करने की नीतियों के चलते हम मुनाफे पर टिका अपना जो समाज तैयार कर रहे हैं, वही तो हमारी तमाम नीति-नैतिकताओं, संस्कृति और सभ्यता के रूप की जड़ में है। गांव, शहर कुछ भी इस बुनियादी, भौतिक सच्चाई के प्रभावों से मुक्त नहीं रह सकता है।


यहां तक कि गांव के स्तर पर भी सामंती प्रभुत्व को समाप्त करने के बारे में, सच्चे भूमि-सुधार के बारे में इसमें एक शब्द नहीं कहा गया है।


अन्तरराष्ट्रीय आर्थिक नीतियों के बारे में सोच तो शायद इस किताब के लिये दूर-दराज का भी कोई विषय नहीं है!


केजरीवाल की सबसे प्रमुख चिंता भ्रष्टाचार है। और दूसरी चिंता है - नक्सलवाद। इनमें दोनों में से किसी का भी स्थायी समाधान पूंजीवाद के रहते तो कभी संभव नहीं है।


उन्होंने जिस अमेरिका, स्वीट्जरलैंड और ब्राजील के उदाहरण अपनी इस किताब में दिये हैं, वे समाज भी भ्रष्टाचार और तमाम प्रकार के कदाचारों से मुक्त समाज नहीं है। इन समाजों के यथार्थ के बारे में ऐसे ढेर सारे अध्ययन मौजूद हैं जो केजरीवाल की समझ के विपरीत इन देशों में होने वाले आर्थिक घोटालों, राजनीतिक कदाचारों और सामाजिक विकृतियों की कहानियां कहते हैं।


हमारी राय में तो इतनी सीमित और एनजीओ-छाप समझ के बल पर राष्ट्रीय नीतियों में सुधार के क्षेत्र में तो केजरीवाल और उनकी पार्टी का रत्ती भर योगदान भी संभव नहीं होगा। वामपंथी पार्टियां, कांग्रेस और दूसरी पार्टियां उनसे अपनी मूलभूत नीतियों के खुलासे की जो मांग कर रही है, वह बेजा नहीं है। 'स्वराज' को पढ़ने के बाद तो यह सचमुच एक चिंताजनक बात लगती है।

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  • Uday Prakash, Panini Anand and 17 others like this.

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  • Ajit Harshe किताब सतही है, सही बात है। वे जवाहर लाल नेहरू नहीं हैं साहब...यह भी ठीक कहा आपने कि देश की राजनीति में आने से पहले उन्हें अपनी आर्थिक, विदेश और रक्षा नीतियों को स्पष्ट करना चाहिए। उन्हें नकसलवाद, आरक्षण, केंद्र और राज्य के बीच सम्बन्धों पर भी विचार स्पष्ट करने होंगे। उम्मीद है करेंगे भी...

  • about an hour ago · Like

  • Bijay Sinha Main aaplogo ke baton se agree nahi kartaa...Kyonki abhi unki NIYAT theek lag rahi hai...Pahlaa.. Sabhi nition ko Bhrast adhikaari aur Kuch chune hue pratinidhi Deshko vinaash ki oar le jaa rahe hai.......Gandhi ji ka suraaj 50 percent bhi Laguna hua ...See More

  • about an hour ago · Edited · Like

  • Uday Prakash मैंने वह किताब नहीं पढ़ी । लेकिन यह अनुभव अब तक का रहा है कि जो बौद्धिक धरातल पर अधिक जागरूक और सैद्धांतिक स्तर पर अधिक तार्किक , सूचित और सुचिंतित रहे हैं या भाषिक अभिव्यक्ति के मामले में अधिक समृद्ध, उन्होंने कभी अपने ज्ञान पर अमल नहीं किया है । यदि ...See More

  • 59 minutes ago via mobile · Edited · Like · 4

  • Ram Murari ये किताब मैंने नहीं पढ़ी है.. कभी पढ़ने की इच्छा भी नहीं हुई... क्योंकि अन्ना आंदोलन की टीम को लेकर कभी मैं उम्मीदों से नहीं रहा... वजह वही उथली-उथली लोक लुभावन बातें तो इन्होंने खूब की, लेकिन संजीदा मसलो को दरकिनार ही करते रहे या उसपर बात करने से बचते रहे... हालांकि आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सफलता से मैं खुश जरूर हुआ, क्योंकि इसने कांग्रेस और बीजेपी को आइना दिखाने का काम किय...

  • 52 minutes ago · Like

Roop Singh Chandel

अपनी बात कहने से पहले मैं 'अकार' (सम्पा. प्रियंवद) में ऊगो चावेस पर राजकुमार राकेश के आलेख 'ऊगो चावेस और बोलीवारियन क्रान्ति' के प्रारंभिक अंश उद्धृत करना चाहता हूं.

'फ्रन्टलाइन' के ९ अगस्त,२०१३ के अंक में तारिक अली का एक इंटरव्य़ू छपा है. विश्व परिदृश्य पर 'अमेरिकन हेजिमनी' के अनेक पक्षों को सामने रखने वाले प्रश्नों के बीच एक प्रश्न शावेज को लेकर भी है, कि ऎसी छुटपुट सूचनाएं मिल रही हैं कि शावेज को जहर दिया गया था. तारिक के पास क्या कुछ सूचनाएं हैं और वह इसे बांटना चाहेंगे?तारिक अली का उत्तर है:

"शावेज के मामले में ईमानदार सच्चाई यह है कि हम नहीं जानते. इस बारे में कतई कोई संदेह नहीं है कि शावेज स्वयं सोचते थे कि एक अमेरिकन के साथ सहवास करने के बाद वह इस तेज और उग्र रूप के कैंसर से संक्रमित हुए. मेरा मतलब है कि शावेज कोई अविवाहित व्यक्ति नहीं थे और औरतों के साथ सोते थे. मृत्यु से पहले उन्होंने अपने नजदीक के लोगों से कहा था कि वह उसके (उस औरत) बारे में सदैव असहज रहे. अब हम अभी तक नहीं जानते कि यह सच है या नहीं, या क्या यह तकनीकी रूप से संभव है कि इस खास तरह के कैंसर से किसी को संक्रमित किया जा सके. मैंने एक वरिष्ठ पश्च्मिमी डॉक्टर से, जो किसी भी तरह इस राजनीति में शामिल नहीं था, पूछा कि क्या तकनीकी रूप से यह संभव है? और उसने कहा कि इन दिनों तकनीकी रूप से कुछ भी संभव है…."

शावेज, पर राजकुमार राकेश ने बहुत ही महत्वपूर्ण और श्रमसाद्ध्य आलेख लिखा है.

तारिक अली के साक्षात्कार से यह स्पष्ट है कि शावेज के कितने ही विवाहेतर संबन्ध थे और उनमें से एक उनकी मौत का कारण बना. स्वयं शावेज ने मित्रों से उसे स्वीकार किया. अर्थात शावेज उन लोगों में नहीं थे जो अवैध संबन्ध तो रखना चाहते हैं लेकिन खुलासे से बचते हैं---छुपाते हैं. महापुरुषों के जीवन में विवाहेतर औरतों की उपस्थिति मन में प्रश्न उत्पन्न करती है कि ऎसा क्यों होता है! माओ, फिदेल कास्त्रो, पिकासो, दॉस्तोएव्स्की,पूश्किन----पिछले दिनों मेरे एक मित्र ने आम्बेदकर पर बहुत कुछ खोज निकाला, लेकिन अपनी खोज को उन्हें अपने तक ही सीमित रखना पड़ा क्योंकि लोग उनकी जान को पड़ गए थे. कास्त्रो के विषय में अमेरिका के एक समाचार पत्र ने लिखा था कि प्रतिदिन उनके मनोरंजन के लिए तीन औरतें चाहिए होती थीं. इसे अमेरिका का कुप्रचार माना गया. निश्चित ही यह अतिशयोक्तिपूर्ण था, लेकिन कास्त्रो में विचलन नहीं रहा होगा, यह कहना भी सही नहीं होगा. मर्निल मनरो और कनेडी बन्धुओं के विषय में सभी जानते हैं और यह भी कि जॉन एफ.कनेडी केवल मनरो तक ही सीमित न थे. सत्त्ता हाथ आते ही मन में दबी इच्छाएं उभर आती हैं और बड़ा से बड़ा क्रान्तिकारी भी लंपटता की राह पर क्यों चल पड़ता है, यह अध्ययन का विषय है.

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  • कवि शैलेश शुक्ला काफी लोगों से एक वरिष्ठ भारतीय कवि राजनेता के बारे में भी ऐसा ही सुना है. ... वे आजीवन अविवाहित रहे...पर ब्रह्मचारी नहीं

  • about an hour ago via mobile · Like

  • Jagan Nath यह शोध का विषय है और अपने देश के नेताओं को भी इस शोध में शामिल किया जाए तो अच्‍छा परिणाम आएगा । पर यह शोध करेगा कौन ?

  • about an hour ago · Like · 1

  • Jai Prakash Tripathi सह बात है, सत्त्ता हाथ आते ही मन में दबी इच्छाएं उभर आती हैं और बड़ा से बड़ा क्रान्तिकारी भी लंपटता की राह पर क्यों चल पड़ता है, यह अध्ययन का विषय है.

  • about an hour ago · Like · 1

  • अविनाश वाचस्पति मुन्नाभाई विषय तो विषय ही रहेगा

  • about an hour ago · Like

The Economic Times

Investment experts say markets can correct more then 10% if the BJP falls short of a majority and a credible coalition does not take shape quickly. Indian markets can correct by 10% on the day of election result, if contrary to popular perception, a weak coalition or a third front emerges at the Centre. http://ow.ly/sksaF

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Satyendra Pratap Singh

आम आदमी पार्टी भी गजबे है। एक कवि कुमार विश्वास हैं, जो पाकिस्तान को कविताओं से नेस्तनाबूत करते ही रहे हैं, खुद को समय समय पर ब्राह्मण घोषित करते हैं। हुसैन नाम से भी उनको दिक्कत है। एक प्रशांत भूषण वकील हैं, जो कश्मीर में सेना लगाने पर जनमत सर्वे कराना चाहते हैं। एक अरविन्द केजरीवाल हैं जो अहीर कोइरी कुर्मी बढ़ई लोहार लोध के बच्चे पढ़ लिख जाएं और डाक्टर इंजीनियर बन जाएं इससे दुखी थे और यूथ फार इक्वलिटी के साथ नारे लगाते थे।

और एक आम आदमी है, पता नहीं कौन वाला! अब तो बहुत मजेदार सीन बन रहा है धीरे धीरे

Like ·  · Share · January 6 at 10:45pm ·

Navbharat Times Online

मोदी-राहुल की बहस के बीच केजरीवाल एक कदम और आगे निकल रहे हैं...


अब ऐसा क्या हुआ? पढ़िए खबर में...


क्लिक करें... http://nbt.in/ihv33Y

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Drs Akmal shared Shashikant Baisane's photo.

logo ko sadak par Bammani vyavstha samjate huye Mulnivasi Nayak Meshram sahab.

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Dainik Jagran shared Jagran Post's photo.

India is home to some outstanding and talented politicians. Who do you think is the most popular leader in the country? a) Soniya Gandhi b) Rahul Gandhi c) Narendra modi d) Nitish Kumar e) Arvind Kejriwal Take this poll and let us know…http://bit.ly/19y17t6

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Bahujan Bharat shared Ambeth Siddharth Kadam's photo.

मै हेराफेरी की बात नही करता, सिधी बात करता हु. जो जल्दी समझ मे आजाये. हम कभी कीसी से दुश्मनी रखते, कीसी से ज्यादा दोस्ती नही रखते. तालमेल रखते है, तो तालमेल कभी कीसी के साथ हो सकता है, जो बहुजन समाज को ईस देश का हुक्मरान बनाने मे हमारी मदत करे. मा. साहाब कांशिरामजी...

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শাহবাগে সাইবার যুদ্ধ

ছোটবেলায় ইন্ডিয়া টিমের খেলোয়াড়দের "মালু" সম্বোধন করায় আব্বু আমাকে প্রথম থাপ্পড় মেরেছিলেন। আমি পরিবার থেকে মানুষকে মানুষ ভাবার শিক্ষা পেয়েছি। আমার পিতামহ, যিনি খুবই ধর্মপ্রাণ ছিলেন একই শিক্ষা দিয়েছিলেন আমার বাবাকে। আমার মাকে দেখেছি জাত-পাত-ধর্মের তোয়াক্কা না করে মানুষকে সম্মান করতে, একই মাপকাঠিতে মাপতে।


সংখ্যালঘু শব্দটা চরমতম অশ্লীল। আমার ঘেন্না হয় সেসব মানুষের প্রতি যারা পরিবারে সাম্প্রদায়িকতাকে প্রশ্রয় দেয়। মানবিকতার শিক্ষা পরিবার থেকেই আসা উচিত। মা-বাবার শেখানো উচিত। যতদিন রাষ্ট্র নিজে সংখ্যাগুরুর আলখাল্লা না খুলে রাখবে ততদিন নিরাপদ থাকবে না হিন্দু, বৌদ্ধ, খ্রিস্টান, আদিবাসীরা। সংখ্যাগুরুর বাহাদুরিকে পাড়ার কুকুরের দল বেঁধে ঘেউ ঘেউয়ের সাথে তুলনা করা যায়। অন্য পাড়ায় গেলে সেই বাহাদুর কুকুর নিজের ল্যাজ লুকিয়ে ফেলে দুই পায়ের ফাঁকে।


হিন্দুদের ওপর হামলার ঘটনায় নিন্দা যথেষ্ট নয়। আমি লজ্জিত। আমি ক্ষুব্ধ। আমি বিষণ্ণ। কতটা অসহায় হলে মানুষ এভাবে বারবার মার খায়? পুড়ে যাওয়া উঠোনে আবার নতুন করে ঘর তোলে? হিন্দুদের বাড়িতে আগুন দেয়া পশুদের মা-বাবার জন্য শুধুই করুণা। আপনারা মানুষের বদলে জানোয়ার জন্ম দিয়েছেন। সাংবাদিক মানিক মিয়া বেঁচে নেই। থাকলে হয়তো অন্যভাবে বলতেন, "পূর্ব পাকিস্তান রুখিয়া দাঁড়াও"।


-জিশান নিয়াজ

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Aam Aadmi Party

4 hours ago

The Aam Aadmi's government has taken yet another step to curb the corruption in the capital, by finalizing a blue-print on how to take this fight forward.


We have ordered all the departments to make a list of the officers and workers who have corruption charges against them, and have also ordered them to make another list of all the officers who have been working on the same 'creamy' posts from a period of three years or more. The decision to suspend three Delhi Jal Board of...See More — with Vijay Mishra and 4 others.

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Aam Aadmi Party

7 hours ago

In a major step to curb corruption, the Aam Aadmi Party Government in Delhi would set up an anti-corruption helpline in a couple of days. Chief Minister Arvind Kejriwal had made the promise to the people of Delhi on the day of his swearing-in.


He said that the vigilance department, which would follow up the complaints received through the helpline, has a sanctioned strength of 30 inspectors but only 11 are working at this point. He said Delhi Police Commissioner Bhimsen Bass...See More — with Bhavish Jha and 6 others.

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Aam Aadmi Party

11 hours ago

AAP Govt. in Action: Suspends 3 DJB Officials, shifts 800


The Aam Aadmi's government in Delhi is cracking down on corruption in the Delhi Jal Board, as we had promised. We have suspended three DJB officials of the water distribution utility on the basis of alleged corruption charges and shifted around 800 others to improve service delivery.

Chief water analyst Vinod Kumar, patwari Sunil Kumar and meter reader Atul Prakash were suspended, following orders by Chief Minister Ar...See More — with Pratheesh Money and 8 others.

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#AAP has always believed in low cost, innovative solutions and we will try our best to solve citizens problems using such solutions.

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दिल्ली में बेकार पड़ी हुई बसों को रैन बसेरों में तब्दील किया जा रहा है. इस बसों में कम्बल और अन्य मूलभूत सुविधाओं को मुहैया कराया जायेगा ताकि बेघर लोग कम से कम रात को आराम से सो सकें. — with Girish Kaushik and 28 others.

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Aam Aadmi Party shared a link.

14 hours ago

The Aam Aadmi Party has established a committee of three members to protect the rights of women within the party. By this move, the Aam Aadmi Party has become the only political party that has established such a committee to investigate the internal issues of women harassment as per the directive of the Supreme Court. This committee will be comprised of three members, Ms Atishi Marlena, Ms Preeti Sharma Menon and Mrs Lila Ramdas.

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आम आदमी पार्टी ने संगठन के भीतर महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट की विशाखा गाइडलाइंस के आधार पर तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। आम आदमी पार्टी एकमात्र ऐसी राजनैतिक पार्टी है जिसने सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए महिला उत्पीड़न की शिकायतों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया है।

इस कमेटी के तीन सदस्य होंगे जिनमें सुश्री अतिशी मार्लेना, सुश्री प्रीति शर्मा मेनन और श्रीमती लीला रामदास शामिल हैं। अतिशी और प्रीति शर्मा मेनन पार्टी की कार्यकर्ता हैं और लीला रामदास बाहरी सदस्य हैं।


Read more: http://www.aamaadmiparty.org/Protecting-rights-of-women

Vishakha-guidelines-implemented-by-AAP

www.aamaadmiparty.org

(Scroll down for English translation) आम आदमी पार्टी ने संगठन के भीतर महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट की विशाखा गाइडलाइंस के आधार पर तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। आम आदमी पार्टी एकमात्र ऐसी राजनैतिक पार्टी है जिसने सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए महिला उत्पीड...

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Aam Aadmi Party

January 6

Delhi's Education Minister, Mr. Manish Sisodia has found a new way to keep an eye on government schools. Under this initiative, a team of volunteers are being recruited across Delhi who will visit government schools daily and monitor toilets, water supply, cleanliness and presence of teachers. The team will report its findings to the Education Minister daily.


दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने सरकारी स्कूलों पर नजर रखने का एक नया तरीका खोजा है। इसके तहत दिल्ली भर में वॉलेंटियर्स की एक टीम तैयार की जा रही है। ये वालेंटियर्स रोजाना सरकारी स्कूलों में जाकर टॉयलेट, पानी, साफ-सफाई और शिक्षकों की रोजाना उपस्थिति पर नजर रखेंगे। साथ ही शिक्षा मंत्री को प्रतिदिन इसकी रिपोर्ट भी देंगे।


Full statement: http://www.aamaadmiparty.org/Monitoring-facilities-in-Delhi-schools — with Ratnesh Trivedi and 45 others.

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Aam Aadmi Party

January 6 at 8:00pm

AAP on Vishakha guideline & Kashmir Issue:

Aam Aadmi Party has constituted a three member internal committee to address gender issues within the party. The committee has been formed in adherence to Vishakha guidelines. The Aam Aadmi Party is the first and the only political party tohave formed such an internal committee.


Prashant Bhushan clarifies his statement on Kashmir:


The Aam Aadmi Party is of the view that Kashmir is an integral part of India. Needless to say that i share this view. Any reference to referendum should not mis construde to mean plebiscite on Kashmir's relationship with India. It is the prerogative of the state to deploy Security forces, including Armed forces for any stretch to internal and external security.

This prerogative must be exercised in the best interest of people, and as far as possible, with their consent.

— with Pavan Kumar.

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Aam Aadmi Party

January 6

Delhi chief minister Arvind Kejriwal on Sunday said there will be no compromise on corruption, and sought time for taking action against it.


"It has just been eight days, give us some time. We will not spare anyone who is corrupt," Kejriwal told reporters.


"There is no question of compromising on corruption. I will put my life at stake, but will not compromise on the issue," he said.


Kejriwal was responding to a question on whether the Aam Aadmi Party-Congress tie-up would...See More — with Raj Kiran Mohanty and 14 others.

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Aam Aadmi Party shared a link.

January 6

"His credentials as a democrat are enhanced because of his propensity to engage AAP's harshest critics and implacable rivals in discussions. He seems not to duck stinging questions through ambiguous replies, nor shy away from being barracked, yet always desisting from the self-righteous shrillness that defines our public debates. Rarely has Yadav violated the norms of civility, or tried to silence his critics - no, not even Subramanian Swamy - through brusque interjections in a high-pitched voice. "

AAP's Yogendra Yadav: India's best democrat?

www.firstpost.com

Yadav's demeanour will come to tellingly symbolise the AAP's strategy. His rooting for a new type of politics - interest vs identity - will have credence because he won't be viewed as a typical politician mouthing trite slogans.

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Aam Aadmi Party

January 6

What has #AAP delivered in one week of being in power?

What has #AAP delivered in one week of being in power?


Watch this video to know.


Must watch and share!

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सरकार में आने के एक हफ्ते के अन्दर आम आदमी पार्टी ने क्या क्या किया?


जरूर देखें और अपने मित्रों के साथ साझा भी करें! — with Ebroos Ebrahim and 29 others.

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Aam Aadmi Party

January 6

#AAP Government in Delhi to open 'Azad Hind Gram', a memorial of Netaji Subhash Chandra Bose built at the place where Netaji addressed fellow Indians for the last time.


For last 15 years the project was stalled due to mis-communication and red tap-ism of various government departments.

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कई सालों से पर्यटकों की राह देख रहे आजाद हिंद ग्राम के दिन संवरने की उम्मीद जाग गई है। दिल्ली के नवनिर्वाचित पर्यटन मंत्री ने पुराने और बंद पड़े प्रोजेक्टों की फाइल खोलने के निर्देश दिए हैं।


हालांकि ये वे प्रोजेक्ट होंगे जिनमे सुधार की गुंजाइश है या जो शुरू होकर किसी विवाद के चलते अधूरे पड़े हैं। पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ की गई बैठकों में पर्यटन मंत्री ने इस संबंध में प्रोजेक्टों के कागजात दुरुस्त करने को कहा है।


सालों पहले दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम ने इसके लिए विस्तृत रूपरेखा तैयार भी की थी। जिसमें इसे बेहतर पर्यटक स्थल बनाने के लिए इसमें एम्फीथिएटर, पर्यटक सूचना केंद्र, रेस्टोरेंट, सोवेनियर, गार्डन शॉप आदि का प्रस्ताव रखा गया।


नेताजी सुभाष चंद्र बोस की याद में दिल्ली सरकार ने करोड़ों रुपये की लागत से टीकरी कलां एनएच दस पर 1995 में आजाद हिंद ग्राम स्मारक बनाना शुरू किया था जो 1998 में बनकर तैयार हुआ। यह वही स्थान है जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने देशवासियों को अंतिम बार संबोधित किया था।


Read more: http://www.amarujala.com/news/delhi-ncr/delhi-news-ncr/an-other-tourist-place-will-be-developed-in-delhi/ — with Soni Kushwaha and 7 others.

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Aam Aadmi Party

January 5

Aamir Khan on #AAP

AAP an entity which is offering something new- Aamir Khan to NDTV

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Aam Aadmi Party

January 5

Our priority is issues of Common man and not gain or loss of Narendra Modi or Rahul Gandhi. All they care about is 'Politics of Vote', which we are trying to change to "Politics of Issues". All that matters to us are the issues of the Aam Aadmi irrespective of its impact on their votebank politics.


हमें फ़र्क़ नहीं पड़ता की हमारे राजनीति में आने से नरेंद्र मोदी या राहुल गाँधी को फ़ायदा होगा या नुकसान. हमे फ़र्क़ पड़ता है सिर्फ़ इस बात से की आम आदमी का फ़ायदा होता है या नहीं. अगर हमारे राजनीति में आने से आम आदमी का फ़ायदा होता है तो हम राजनीति में आएँगे और देश में राजनीति करने के तरीके को बदलेंगे. हमने दिल्ली की राजनीति बदली है और अब देश की राजनीति बदलनी है. — with Dâsshïñg Zeeshan Khan and 50 others.

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  • विनोद भगत लोग क्यूँ नहीं समझ रहे हैं आम आदमी पार्टी ना तो राहुल और ना मोदी दोनों कि ही विरोधी नहीं है वह तो सिर्फ देश के आम आदमी का समर्थन कर रही है , तो क्या आम आदमी की बात करने वाला कांग्रेस और भाजपा का विरोधी मान लिया जायेगा , क्या इस देश में आम आदमी के हितों की बात करना गलत है , जिस आम आदमी के लिए केजरीवाल यहाँ तक पहुंचे हैं , भाजपा और कांग्रेस ने इतने वर्षों में उस आदमी के लिए क्या किया ?

  • Like · Reply · 3 · January 5 at 7:08pm

Aam Aadmi Party

January 5

With the Lok Sabha elections just months away, the Aam Aadmi Party held its two-day National Executive meeting in Delhi to launch itself at the national level. AAP ideologue Yogendra Yadav said the party will conduct a membership drive from January 10 to engage the 'aam aadmi' in their campaign. The membership drive will be carried on till January 26, he said.

"Any person from across the country can put in the application at the district level. All applications will be screen...See More — with Gullu Sandilya and 5 others.

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Aam Aadmi Party

12 hours ago

All abandoned buses in Delhi are being modified into night shelters. These buses will be provided with blankets and basic amenities so that the homeless can at the least sleep properly.


#AAP has always believed in low cost, innovative solutions and we will try our best to solve citizens problems using such solutions.

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दिल्ली में बेकार पड़ी हुई बसों को रैन बसेरों में तब्दील किया जा रहा है. इस बसों में कम्बल और अन्य मूलभूत सुविधाओं को मुहैया कराया जायेगा ताकि बेघर लोग कम से कम रात को आराम से सो सकें. — with Girish Kaushik and 28 others.

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Aam Aadmi Party

11 hours ago

AAP Govt. in Action: Suspends 3 DJB Officials, shifts 800


The Aam Aadmi's government in Delhi is cracking down on corruption in the Delhi Jal Board, as we had promised. We have suspended three DJB officials of the water distribution utility on the basis of alleged corruption charges and shifted around 800 others to improve service delivery.

Chief water analyst Vinod Kumar, patwari Sunil Kumar and meter reader Atul Prakash were suspended, following orders by Chief Minister Ar...See More — with Pratheesh Money and 8 others.

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Hanumant Upre shared I Support Narendra Modi's photo.

IBN 7 चैनल की हकीकत ..................!!! IBN 7 चैनल के पत्रकारों तथा ''केजरीवाल की पार्टी के नेताओं के कुछ अन्तरंग मित्रतापूर्ण पल .... वाडी लेंगुएज और चित्रों की भाषा के विश्लेषक तथा जानकार जरा वारीकी से ध्यान दे ... इस फोटो में आप पार्टी के नेता तथा देश की मीडिया के एक बड़े चैनल IBN 7 के पत्रकार बहुत मित्रतापूर्ण और आरामदायक माहौल में दिखाई दे रहे है ...... एक बार आप सब भी विश्लेषण करे तथा यह बताए की कही हम कुछ अनावश्यक और गलत तो नहीं सोच गए ... फिलहाल हमने तो पत्रकारिता की पढाई के दौरान यही सीखा है की ''एक फोटो '' हजार शब्दों के बराबर की कहानी कह देती है .....!!! --by: पवन अवस्थी--

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Aaj Tak

नहीं बदली हमारी रिश्वत लेने और देने की फितरत...http://aajtak.intoday.in/karyakram/still-our-bad-habit-of-taking-and-giving-bribe-has-not-changed-1-751478.html?source=videotopstrip

Like ·  · Share · 9,763757288 · 19 hours ago ·

BBC Hindi

EDITOR'S CHOICE ON BBC HINDI.COM: अरविंद केजरीवाल शायद पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिसका संभावित सरकारी आवास बहस का मुद्दा बन गया है....लेकिन जब बीबीसी संवाददाता सलमान रावी केजरीवाल के घर पहुंचे तो उन्होंने क्या देखा? क्या चाहते हैं केजरीवाल के पड़ोसी और आसपास के दुकानदार?

http://bbc.in/1aE7209

Like ·  · Share · 44811530 · 2 hours ago ·

Rakesh Sinha

राजनितिक संस्कति में बदलाव की जरुरत है। इसके लिए हमारे समाने मापदंड है। जो लोग इस देश और समाज , व्यवस्था में परिवर्तन करने कि लिए अग्रसर रहे उन्होंने हमेशा Renounce किया है। विनोबा , जे पी , गांधी ने पद नहीं लिया। वे जनांदोलनो केरास्ते सत्ता में आसीन होने की महत्वकांक्षा नहीं रखते थे। उन्होंने सम्पूर्ण परिवर्तन के लिए मार्ग बनाया , मार्ग टूटा फिर नए लोग राह बनाने आ गये। चट मांगनी पट विवाह का रास्ता AAP ने अपनाया। मुद्दे गलत नहीं , सवाल जायज परन्तु सत्ता तक पहुँचाने की लालच ने जनांदोलन से उपजी ऊर्जा को वयवस्था परिवर्तन की जगह नाजायज गठबंधन के लिए अग्रसर कर दिया। व्यवस्था परिवर्तनप्रशासनिक परिवर्त्तन बनकर रह गयी। अगर सत्ता को छोड़कर जे पी का रास्ता अपनाते तो व्यापक परिवर्तन की भूमि तैयार हो पाती। अन्ना के आंदोलन में संघ और वामपंथ दोनों विचारो के लोग स्वस्फूर्त शामिल हुए थे जो प्रमाण था कि लोग व्यवस्था परिवर्त्तन के लिएव्याकुल हैं। AAP के सत्ताववादी राजनीती छोटी गाड़ी बनाम बड़ी गाड़ी, चार कमरो के घर वनम पांच कमरो के घर की बहस में तब्दील हो गयी है। जनांदोलन का NGO करन आदर्श से दूर है। सत्ता की जल्दी ने जन आंदोलन की परम्परा को ठेस पहुंचायी है।

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  • Sudhanshu Mishra 'आप' पार्टी एक NGO से ऊपर सोचे क्योंकि अब वो प्रशासन में है ...साफ़ सफाई, जनमत ,सेवा ...ये सब कार्य हिंदुस्तान के हजारो NGO और सिविल सोसाइटी कर रहे है ...अब कुछ राष्ट्रीय नीतिओं कि भी बात करे , वो अब तक ये नहीं बताये कि आतंकवाद पर उनकी क्या राय है , औपन...See More

  • 3 hours ago · Like · 4

  • Akhouri Bijay आम आदमी ही समस्या का कारण है और समाधान भी.... बस थोड़ी इमानदार और थोड़ी अनुसाशित होने की आवश्यकता है...

  • 3 hours ago · Like

  • Pratik Shah Bihar AAP's Drive Lead by a Criminal...

  • Kundan Singh , a history-sheeter having 24 serious criminal cases against him is leading the membership drive in Bihar. AAP Party office is opened at the residence of an Ex. Lalu cabinet minister.

  • ...See More

  • Timeline Photos

  • Kundan Singh , a history-sheeter having 24 serious criminal cases against him is...See More

  • By: India Against Corruption

  • 59 minutes ago via mobile · Edited · Like

  • Pratik Shah 800 कर्मचारियोँ का तबादला किया केजरीवाल ने क्युँकि तीन साल से एक ही जगह पर थे, बहुत बढिया किया पर केजरीवाल और उनके समर्थकोँ से एक सवाल- केजरीवाल की पत्नी एक ही जगह पर अठ्टारह साल से हैँ उनका क्या?

  • 56 minutes ago via mobile · Like

Aaj Tak

अरविंद केजरीवाल भले ही रामलीला मैदान में जन लोकपाल बिल बनाने की बात कर रहे हों, लेकिन कानूनी विशेषज्ञों का मानना है दिल्‍ली में यह संभव नहीं है. आखिर क्‍यों? केजरीवाल कैसे करेंगे जनता को दिया वादा पूरा... http://bit.ly/19Qy6ii

Like ·  · Share · 149525 · 22 minutes ago ·

Mehdi Hasan

Hmm, I wonder why the Palestinians are so reluctant to recognise Israel as a 'Jewish state'...

Like ·  · Share · 1,58390431 · 9 hours ago ·

Pushya Mitra

आप की गलतियों को उजागर करने के लिए किसी ने यह पेज बनाया है. इसमें बकवास कम है, तथ्यपूर्ण बातें अधिक हैं. आप वालों को इसे देखते रहना चाहिये... क्योंकि निंदक नियरे राखिये, जो गलती दियो बताये... इससे सुधरने का मौका मिल जाता है...


https://www.facebook.com/arrogant.aadmi.party

Arrogant Aadmi Party - AAP

Political Organization

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Navbharat Times Online

भाई राहुल के लिए प्रियंका ने संभाला मोर्चा...


पूरी खबर पढ़ें... http://nbt.in/APJx-Y

Like ·  · Share · 1,78017477 · 7 hours ago ·

Namadev Kore shared Lingayat Dharma Mahasabha India's photo.

lingayat dharma mahasabha mahamorcha at kolhapur

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Aaj Tak shared a link.

मोदी और राहुल, एक-दूसरे से बिल्‍कुल जुदा, फिर भी हैं समान

aajtak.intoday.in

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Bhartiya Samanvaya Sangthan Lakshay shared his album:Protest Rally by Lakshay on 14 Oct 12 agst gang rap in Haryana.

जय भीम साथियों, दिनांक 14 अक्टूबर 2012 (रविवार) को भारतीय समन्वय संगठन(लक्ष्य) के कार्यकर्ताओ ने हरियाणा प्रदेश में दलित महिलाओ के साथ लगातार हो रही गैंग र...See More

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Poonam Raj shared her photo.

बहुजन ( दलित+आदिवासी+शूद्र अर्थात ओ बी सी जातियां ) यदि अब भी सुपर फेंकू सेठ केजरीवाल और उसके गिरोह के जाल से बाहर नहीं आये तो समझ लीजिए इतिहास में आपके पुन: दास -गुलाम होने का समय आ पहुंचा है.

इन तीनों अर्थात भगवा बी जे पी+कांग्रेस+आम आदमी पार्टी को हमें आपस में लड़ने देना है, बल्कि लड़ने के लिए उकसाना है परन्तु अपना वोट इनके कटोरे में डाल कर नहीं. हम सभी सुरक्षित सीटों पर इन तीनों को एक भी वोट न दें और असुअरक्षित सीटों पर इन तीनों के कटोरों में थोड़ा इसे-थोड़ा उसे डाल कर कमज़ोर बनाएँ.

अब समय आ गया है कि मायावती+मुलायम सिंह+लालू यादव+शरद यादव+रामविलास पासवान एक साथ एक जुट एक पार्टी बनाएँ. यदि एक पार्टी संभव नहीं है तो ये सारी पार्टियां मिल कर एक मोर्चा बनाएँ. अन्यथा पछताने के सिवा कुछ हाथ न लगेगा.

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BBC Hindi

कोई चला जाए या कोई छोड़ दे, क्या जिंदगी इससे ठहर जाती है? जयपुर में कुछ महिलाएँ उन पेशों पर अपनी छाप छोड़ने को तैयार हैं जिनपर कभी मर्दों की मुहर हुआ करती थी.

http://bbc.in/1lz8w3U

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Tehelka

‪#‎TehelkaDaily‬ Leader of the Opposition in Rajya Sabha Arun Jaitley has claimed that a statement attributed to Modi- in which he said that the riots were a reaction to the Godhra train burning- was "false"

BJP seeks to bury charges against Modi for post-Godhra riots | Tehelka.com

tehelka.com

Seeking to bury charges against Narendra Modi, BJP today said "falsehoods" about the Godhra train fire, the Gujarat chief minister's reported remarks that the 2002 riots were a reaction to it and his alleged orders to let Hindus vent their anger have been "exposed and rejected".

Like ·  · Share · 22114 · 7 hours ago near New Delhi ·

BBC Hindi

आम आदमी पार्टी की दिल्ली की प्रयोगशाला से निकला जादू क्या देश के सिर पर बोलेगा? पढ़िए क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक.

http://bbc.in/1lz29xo

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Jitendra Visariya shared Vinod Kumar's photo.

बाबा ने खुद माना है कि उनके ट्रस्ट की कुल संपत्ति करीब 1150 करोड़ रुपये की है। बाबा तो इतने अमीर हैं कि उन्होंने स्कॉटलैंड में छोटा-सा आईलैंड भी खरीद रखा है। सिर्फदवाइयों की बिक्र ी से ही बाबा 25 करोड़ रुपये हर महीने कमाते हैं। आयकर विभाग की जांच के अनुसार बाबा रामदेव के विश्वासपात्र कर्मियों के नाम हजारों करोड़ की संपत्ति रजिस्टर्ड हैं यह संपत्ति रुडकी और हरीद्वार में है इसके अलावा भी देश विदेश में बाबा के ट्रस्ट की संपत्तियां है। लेकिन आपको बता दें कि जिन लोगों के नाम पर यह संपत्तियां खरीदी गई हैं वो बेहद मामूली जीवन यापन करने वाले लोग हैं बाबा रामदेव ने स्कॉटलैंड में एक द्विप भी खरीदा है साथ ही बाबा रामदेव एक धार्मिक चैनल के भी मालिक हैं लेकिन यह सब बाबा के नाम पर नहीं है। बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के नाम 34 कंपनियां है जिनका टर्नओवर 265 करोड़ रुपए हैं। यह जानकारी सरकार की ओर से लोकसभा में दी गई थी। बालकृष्ण उत्तराखंड में पंजीकृत 23 कंपनियों के निदेशक हैं जिनका कारोबार 94.84 करोड़ रुपए है। इसके अलावा बालकृष्ण के नाम 5 कंपनियां उत्तरप्रदेश में पंजीकृत है जिनका कुल व्यापार 5 लाख रुपए है और 4 कंपनियां दिल्ली में रजिस्टर्ड हैं जिनका कुल कारोबार 163.06 करोड़ रुपए है जबकि पश्चिम बंगाल में भी एक कंपनी है जिसका कुल व्यापार 8 करोड़ रुपए है। इसके अलावा बालकृष्ण महाराष्ट्र की एक कंपनी में भी निदेशक हैं लेकिन इसके कारोबार के बारे में कोई जानकारी नहीं है। सत्‍य साईं बाबा: पुट्टपर्थी स्थित सत्य साईं बाबा के महाप्रयाण होने के बाद पता चला कि उनके यजुर मंदिर में 34.5 किलो सोना, 340 किलो चांदी और 1.90 करोड़ रुपए नकदी पड़ा था। बाबा के निधन के बाद मंदिर में जब पहली बार खजाने की खोज शुरू हुई तो 11.56 करोड़ रुपए, 98 किलो स्वर्णाभूषण, 307 किलो चांदी के सामान मिले थे। वहां से मिले कुल संपत्ति का ब्‍यौरा अभी भी सार्वजनिक होना बाकी है। वैसे कहा जा रहा है कि सत्‍य साईं द्वारा छोड़ी गई कुल संपत्ति का मूल्‍य 40 हजार करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा है। कुछ और अरबपति बाबाओं की अनुमानित संपत्ति निर्मल बाबा का सालाना टर्नओवर - 238 करोड़ रुपए (एक इंटरव्यू में बताया) पॉल दिनाकरण का सालाना टर्नओवर - 5000 करोड़ रुपए श्रीश्री रविशंकर की संपत्ति - 500 करोड़ रुपए माता अमृतानंदमयी की दौलत - करीब 400 करोड़ रुपए आसाराम बापू का सालाना टर्नओवर - 500 करोड़ रुपए बाबा राम रहीम की दौलत - 300 करोड़ रुपए से ज्यादा संत मोरारी बापू की संपत्ति - 300 करोड़ रुपए महर्षि महेश योगी के पास - 250 अरब की संपत्ति

Like ·  · Share · 2 hours ago ·

India Today

Congress propping Aam Aadmi Party to counter Narendra Modi?http://indiatoday.intoday.in/story/congress-propping-aam-aadmi-party-to-counter-narendra-modi/1/334952.html

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Aaj Tak

आजतक के 'ऑपरेशन आम आदमी' के बाद दिल्‍ली में अधिकारी सतर्क हो गए हैं, घूसखोर काफी डरे-सहमे हैं...जानिए ताजा हाल...

http://aajtak.intoday.in/story/the-impact-of-operation-aam-aadmi-1-751579.html

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Navbharat Times Online

माधुरी ऐक्ट्रेस है, अनुभव सिन्हा प्रड्यूसर पर फिल्म विरोध में उतर आई हैं संपत पाल...


गुलाबी गैंग ने दे डाली है खुली चेतावनी, लेकिन मामला आखिर है क्या?


पढ़िए खबर... http://nbt.in/JJ8M4b

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ibnlive.com

At minus 40 degree, some unbelievable photos of the polar freeze in the US http://ow.ly/sljCt

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Navbharat Times Online

रिश्वत मांगने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए हेल्पलाइन बुधवार या गुरुवार से शुरू हो जाएगी।


यहां पढ़िए पूरी खबर http://nbt.in/ZRe92b

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BBC Hindi

दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि चरमपंथी संगठन 'लश्कर-ए-तैयबा ने मुज़फ़्फ़रनगर में लोगों की भर्ती की कोशिश' की थी...जानिए इस मामले में तमाम तरह के बयान सामने आने के बाद पुलिस ने अब क्या कहा है.

http://bbc.in/19YJaaM

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aladhi Ray added a new photo.

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जय भीम कुरुक्षेत्र भारत via Arvind Kejriwal

Gearing up for Lok Sabha polls, AAP to launch national membership drive

ndtv.com

After its spectacular debut in Delhi, Arvind Kejriwal's Aam Aadmi Party (AAP) is all set to launch its campaign for the national elections, due by May. From January 10 to 26, the year-old party will hold a national membership drive called 'Main Bhi Aam Aadmi.' The party has decided to lose its Rs. 1...

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Arvind Kejriwal shared a link.

6 hours ago

The Aam Aadmi Party has established a committee of three members to protect the rights of women within the party. This committee will be comprised of three members, Mrs Atishi Marlena, Mrs Preeti Sharma Menon and Mrs Lalita Ramdas.


AAP has become the only political party that has established such a committee to investigate the internal issues of women harassment as per the directive of the Supreme Court.

Vishakha-guidelines-implemented-by-AAP

www.aamaadmiparty.org

(Scroll down for English translation) आम आदमी पार्टी ने संगठन के भीतर महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट की विशाखा गाइडलाइंस के आधार पर तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। आम आदमी पार्टी एकमात्र ऐसी राजनैतिक पार्टी है जिसने सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुए महिला उत्पीड...

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जनज्वार डॉटकॉम with Ashok Kumar Pandey and 49 others

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी 'आप' के अरविंद केजरीवाल की तर्ज पर अपनी अनावश्यक सुरक्षा हटा लेने और वीआईपी वाहनों से सायरन और हूटर हटाने की बात कही है. हेमंत को साबित करना होगा कि उन्होंने सिर्फ राजनीतिक बयान नहीं दिया है, बल्कि उस पर अमल भी किया जा रहा है...http://www.janjwar.com/2011-05-27-09-00-20/25-politics/4674-jharkhand-men-aam-admi-party-effect-by-rajiv-for-janjwar

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NDTV

January 6

#BREAKING:


Major fire breaks out at chemical factory in Nalgonda, Andhra Pradesh http://ndtv.in/JXlwkH | First pics http://ndtv.in/1gAHeqJ

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January 6

The 'AAP'rising: changing the 2014 graph? http://ndtv.in/1d8VnfF

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