BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Wednesday, August 7, 2013

कंवल भारती की गिरफ्तारी के खिलाफ मानवाधिकार आयोग को शिकायत (पढ़ें पत्र)

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Details Parent Category: [LINK=/state/up.html]उत्तर प्रदेश[/LINK] Category: [LINK=/state/up/lucknow.html]लखनऊ[/LINK] Created on Wednesday, 07 August 2013 15:22 Written by डा. नूतन ठाकुर
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने कल रामपुर में दलित चिन्तक कँवल भारती की फेसबुक टिप्पणी पर उन्हें तत्काल गिरफ्तार करने के सम्बन्ध में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को शिकायत भेजी है. पत्र और ऑनलाइन शिकायत में ठाकुर ने कहा है कि भारती की टिप्पणी किसी भी प्रकार से धार्मिक उन्माद फैलाने से जुडी नहीं है, बल्कि मात्र एक कथित घटनाक्रम, कुछ प्रशासनिक कार्यवाही और कुछ व्यक्ति विशेष पर बुद्धिजीवी विचार हैं. ठाकुर ने भारती से फोन पर वार्ता की जिसमे उन्होंने बताया कि उन्हें गिरफ्तारी के समय कोई कारण तक नहीं बताया गया.

साथ ही पुलिस उनके घर से लैपटॉप और कंप्यूटर यह कहते हुए ले गयी थी कि कुछ देर में लौटा देंगे पर आज तक उन्हें नहीं लौटाया है. इस लैपटॉप में अन्य चीज़ों के अलावा उनके लगभग बारह अप्रकाशित किताबे और दो से ढाई सौ आर्टिकल हैं. ठाकुर ने इसे प्रशासनिक ताकत का खुला दुरुपयोग बताते हुए इस प्रकरण की जांच करा कर कड़ी कार्यवाही करने और भारती को बिना पुख्ता सबूत और आधार के एफआईआर दर्ज करते ही गिरफ्तार करने के सम्बन्ध में समुचित मुआवजा दिये जाने की मांग की है. ये है मानवाधिकार आयोग को लिखा गया शिकायती पत्र...

जस्टिस के जी बालाकृष्णन,
अध्यक्ष,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
भारत सरकार,
नयी दिल्ली
विषय- दलित लेखक और चिन्तक श्री कँवल भारती प्रकरण में पुलिस कार्यवाही विषयक
महोदय,

कृपया निवेदन है कि मैं डॉ नूतन ठाकुर, एक सामाजिक कार्यकर्ता हूँ जो प्रशासन में उत्तरदायित्व एवं पारदर्शिता तथा मानवाधिकार आदि के क्षेत्र में कार्यरत हूँ. मैं आपके सम्मुख उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले का एक प्रकरण प्रस्तुत कर रही हूँ जिसमे साफ़ दिखता है कि एक व्यक्ति के मानवाधिकारों का किस प्रकार खुला उल्लंघन किया गया है.

यह प्रकरण रामपुर जिले के श्री कँवल भारती, पुत्र स्वर्गीय श्री भगवान दास, सी-260/6, आवास विकास कोलोनी, सिविल लाइन्स, गंगापुर रोड, रामपुर, फोन नंबर--094128-71013, जो एक दलित लेखक और चिन्तक हैं, से जुड़ा है. समाचारपत्रों से प्राप्त सूचना के अनुसार कल श्री भारती ने निम्न टिप्पणी फेसबुक पर की थी-

"यूपी में सपा की सरकार ने दुर्गा शक्ति नागपाल को निलंबित करने का यह कारण बताया है कि उन्होंने रमजान के महीने में एक मस्जिद की दीवार गिरवा दी थी, जो अवैध रूप से सरकारी जमीन पर बनायी जा रही थी. लेकिन रामपुर में रमजान के महीने में ही जिला प्रशासन ने सालों पुराने एक इस्लामिक मदरसे पर बुलडोजर चलवा दिया गया और विरोध करने पर मदरसा संचालक को जेल भेज दिया. पर अभी तक किसी अफसर को अखिलेश सरकार ने न तो निलंबित किया है और न ही हटाया गया है. जानते हैं क्यों? क्योंकि यहाँ अखिलेश का नहीं, आज़म खान का राज चलता है. उनको रोकने की मजाल तो खुदा में भी नहीं है"

श्री भारती की इस टिप्पणी पर श्री फ़साहत अली खान, जो उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री श्री आजम खान के मीडिया प्रभारी बताए जा रहे हैं, द्वारा रामपुर के सिविल लाइन्स थाना में धारा 153ए और 295 ए आईपीसी जैसी गंभीर धाराओं में एफआईआर करवाया, जो दो वर्गों में वैमनस्यता फैलाने और धार्मिक भावनाओं के अपमान से सम्बंधित हैं.

इस मामले में महत्वपूर्ण बात यह है कि रामपुर पुलिस ने तत्काल श्री भारती को गिरफ्तार भी कर लिया और कई घंटे थाने पर बैठाया किन्तु मा० मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट ने पेशी होते ही तत्काल जमानत दे दी. पूरी मीडिया में यह बात कही जा रही है कि यह कार्यवाही श्री आज़म खान के इशारे पर की गयी. आप सहमत होंगे कि श्री भारती की यह टिप्पणी किसी भी प्रकार से धार्मिक उन्माद फैलाने और वैमनस्यता फैलाने से जुडी नहीं है. इस टिप्पणी में किसी धर्म विशेष से जुडी कोई भी टिप्पणी दूर-दूर तक नहीं की गयी है. जो भी टिप्पणी है, वह मात्र एक कथित घटनाक्रम, कुछ प्रशासनिक कार्यवाही और कुछ व्यक्ति विशेष पर है. इस तरह श्री भारती ने इस मामले में मात्र अपने कुछ विचार और अपनी टिप्पणी अत्यंत शालीन तरीके से व्यक्त किया है. यह पूरी तरह भारतीय संविधान के अनुच्छेद उन्नीस में प्रदत्त अधिकारों के अंतर्गत है.

रामपुर पुलिस की यह कार्यवाही, चाहे वह श्री आज़म खान के कहने पर की गयी हो अथवा अपनी मर्जी से, प्रथमद्रष्टया ही अत्यंत निंदनीय जान पड़ती है और मानवाधिकार का पूरी तरह उल्लंघन और हनन है. यह प्रशासन की शक्ति का पूर्ण दुरुपयोग भी है जहाँ एक चिन्तक और विचारक को मात्र अपनी अभिव्यक्ति के लिए आपराधिक कृत्य में दण्डित किया गया और उन्हें गिरफ्तार किया है. इस मुकदमे के वादी द्वारा एफआईआर लिखवाना तो उनका संवैधानिक और विधिक अधिकार था पर पुलिस द्वारा यह न्यूनतम अपेक्षा की जाती है कि छानबीन और सही विवेचना के बाद ही वह गिरफ़्तारी करेगी. लेकिन इस मामले में मुक़दमा दर्ज होने के साथ ही आनन-फानन में की गयी गिरफ़्तारी यह साफ़ दर्शा देती है कि इसका उद्देश्य श्री भारती को डराना, धमकाना और उनका पूरी तरह से मानमर्दन करना था.

कृपया ज्ञातव्य हो कि श्री भारती एक जाने-माने दलित चिन्तक और लेखक हैं जो दर्जनों पुस्तक लिख चुके हैं और जिन्हें डॉ अम्बेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. मैंने श्री भारती से उनके फोन नंबर पर अपने फोन नंबर से विस्तार से वार्ता की तो उन्होंने अन्य बातों के आलवा निम्न बातें भी बतायीं-

1. उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार करते समय गिरफ्तार करने का कोई कारण नहीं बताया जबकि ऐसा मा० सर्वोच्च न्यायालय तथा मानवाधिकार आयोग के निर्देशों के अनुसार अनिवार्य है

2. पुलिस उनके घर से लैपटॉप और कंप्यूटर कल घटना के बाद यह कहते हुए ले गयी थी कि कुछ देर में लौटा देंगे पर आज तक उन्हें नहीं लौटाया है. इस लैपटॉप में अन्य चीज़ों के अलावा उनके लगभग  बारह अप्रकाशित किताबे

और दो से ढाई सौ के लगभग आर्टिकल/लेख है

3. उन्हें उनका आरोप भी पुलिस ने अंत तक नहीं बताया और आरोप उन्हें मात्र कोर्ट में ही बताया गया

किसी भी प्रशासनिक तंत्र द्वारा ऐसा किया जाना संविधान और देश के क़ानून का खुला उल्लंघन है. अतः मैं आपके यह निवेदन करती हूँ कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा तत्काल इस प्रकरण की जांच कराई जाए और जांचोपरांत नियमानुसार समस्त आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु उत्तर प्रदेश शासन को निर्देशित करने की कृपा की जाए. साथ ही श्री कँवल भारती को बिना पुख्ता सबूत और आधार के एफआईआर दर्ज करते ही गिरफ्तार करने के सम्बन्ध में उन्हें समुचित मुआवजा भी दिये जाने के आदेश पारित करने की कृपा करें. कृपया प्रकरण अत्यंत गंभीर होने और पूरे देश के जन मानस से जुड़ा होने के नाते इस पर तत्काल कार्यवाही कराये जाने की कृपा करें.

भवदीय,
[B](डॉ नूतन ठाकुर)                                  [/B]

पत्र संख्या-  NT/KB/Ram/01                                                                                                      
दिनांक-  07/08/2013

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