BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Wednesday, August 28, 2013

कैंसर से लड़ रहे वीरेन डंगवाल का आपरेशन सफल

कैंसर से लड़ रहे वीरेन डंगवाल का आपरेशन सफल

Category: [LINK=/article-comment.html]सुख-दुख...[/LINK] Created on Wednesday, 28 August 2013 23:47 Written by आशुतोष कुमार                                                                     Ashutosh Kumar : कल के आपरेशन के बाद वीरेन दा से मिलने गया. वे अभी अभी आईसीयू में पहुंचे थे. आपरेशन कठिन था. कुछ ही समय पहले हुई एंजियोप्लास्टी के कारण नाज़ुक भी. लगभग पांच घंटे चला. डाक्टर सुधीर बहादुर के सधे हुए हाथों से सब कुछ संतोषजनक तरीके से निभ गया. मैं आईसीयू में उन्हें तलाश रहा था. उम्मीद थी वे बेहोशी के असर में होंगे. तभी तरह-तरह की नालियों और उपकरणों से ढंके एक मुखड़े की आधी छुपी चिर- परिचित मुस्कान मेरी तरफ लपकी.   बाकायदा हाथ हिला कर वीरेन दा ने मेरा ध्यान अपनी तरफ खींचा. किस कैंड़े का आदमी है, यार. मैं हतप्रभ देखता रह गया. धीरे से उनकी हथेलियों का स्पर्श किया. पाया कि हाथ मेरे काँप रहे हैं, और वीरेन दा की हथेलियीं हमेशा की तरह मुझे ही सम्हालने की कोशिश कर रही हैं. आँखों में वही शरारती शायराना चमक. कुछ कहने को बेचैन होंठ. हमने चुप रहने का इशारा किया. होंठों की जुम्बिश से वे कह गए- ममा (इसी नाम से वे अपनी जीवन-संगिनी को पुकारते हैं) से कह दो - मैं ठीक हूँ. [IMG]http://bhadas4media.com/images/b4m5bday/2DSC_9270.jpg[/IMG]
[B]पांच अगस्त को अपने 66वें जन्मदिन पर कविता पाठ करते वीरेन डंगवाल.  बगल में हैं प्रो. आशुतोष कुमार. (फाइल फोटो)[/B]

[HR]
मित्रों, हमारे प्यारे कवि ने जंग का यह दौर जीत लिया है. आनेवाले दौर भी जीत लेंगे. लेकिन हम सब को इस लड़ाई में उनका साथ देना है. आज यह हुआ कि जनरल वार्ड में आते ही अनगिनत लोग उनसे मिलने आते रहे. दिन भर मिलना जुलना चलता रहा. अभी की सूरत में उन्हें इतनी थकान देना बिलकुल वाजिब नहीं है. डाक्टर सर पीट रहे हैं और मित्र लोग हैं कि मानते नहीं. शाम होते न होते हालत यह हुई कि एक बार फिर आईसीयू की शरण में जाना पडा.  अभी स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. लेकिन प्रबल अनुरोध है कि अभी कुछ दिन हम बिलकुल उनसे मिलने की कोशिश न करें. प्लीज़. उन्हें चंद रोज आराम की सख्त जरूरत है. उनकी सेहत की खबरे आपको यहीं बराबर मिलती रहेंगी. समय से और सही-सही. पक्का वादा. अब बस मुस्कुराइए और घर जाइए. [B]दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आशुतोष कुमार के फेसबुक वॉल से.[/B]

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