BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Welcome

Website counter
website hit counter
website hit counters

Thursday, June 6, 2013

भारत कोकिंग कोल लिमिटेड को अलग कंपनी बनाकर विनिवेश के जरिये उसे हड़पने के लिए कारपोरेट लाबिंइंग!

भारत कोकिंग कोल लिमिटेड को अलग कंपनी बनाकर विनिवेश के जरिये उसे हड़पने के लिए कारपोरेट लाबिंइंग!


इस सिलसिले में फिलहाल कोई सीबीआई जांच नहीं होने जा रही है कि सरकारी क्षेत्र की नवरत्न कंपनी को चूना लगाने वाले कौन कौन लोग हैं।


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​


अरसे से कोकिंग कोयला का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाली भारत कोकिंग कोल लिमिटेड को अलग कंपनी बनाकर विनिवेश के जरिये उसे हड़पने के लिए कारपोरेट लाबिंइंग चल रही है। भारत के घरेलू बाजार में स्टील निर्माता भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) से कोकिंग कोल लेते हैं, जो कोल इंडिया लिमिटेड की सहयोगी संस्था है। घरेलू खरीदार अभी भी कम कीमतों के लिए बीसीसीएल से समझौते के लिए बात कर रहे हैं।


सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की इस्पात कंपनियों ने कोकिंग कोयला खदानों को इस्पात मंत्रालय के अधीन लाए जाने पर जोर दिया है। यहां सीआईआई के एक कार्यक्रम में इस्पात कंपनी सेल के चेयरमैन सीएस वर्मा ने कहा, ''कोयला मंत्रालय मूल रूप से तापीय कोयला देखता है। इस्पात क्षेत्र की कोयले की जरूरतों के लिए कुछ खास नहीं किया गया है। भारत में काफी भंडार है। मैं इन खदानों को इस्पात मंत्रालय के अधीन लाने की अपील करता हूं ताकि इस पर उचित ध्यान दिया जा सके।''


वर्मा के विचार से सहमति जताते हुए जेएसपीएल के वाइस चेयरमैन नवीन जिंदल ने भी कहा, ''मुझे लगता है कि यह एक अच्छा सुझाव है।'' भारत के पास 33 अरब टन का कोकिंग कोयले का भंडार है जिसमें सीआईएल की हिस्सेदारी 90 प्रतिशत है। हालांकि, सीआईएल के तहत कोकिंग कोयले का उत्पादन कई साल से स्थिर है।


केंद्र और राज्य सरकारों की क्या कहें, खुद कोयलामंत्री  श्रीप्रकाश जायसवाल  चाहते हैं कि कोलइंडिया का एकाधिकार खत्म नहीं  हो! कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा कि वह सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड को विभिन्न यूनिटों में विभाजित करने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'मैंने कभी भी कोल इंडिया के विभाजन की वकालत नहीं की है।'जायसवाल ने कहा, 'हम कोल इंडिया के पुनर्गठन पर मंत्रालय को परामर्श देने के लिए एक बाहरी सलाहकार नियुक्त करेंगे। यह सलाहकार कोल इंडिया को लंबे समय तक लाभप्रद बनाए रखने का रोडमैप पेश करेगा।इस मकसद से सलाहकार का अंतिम चयन एक-दो माह में कर लिया जाएगा।'ये बाहरी सलाहकार कौन होंगे , इस पर निर्भर करेगा कि पुनर्गठन का पैमाना क्या होगा। लेकिन कोयला मंत्री ने इसका खुलासा नहीं किया है। बाहरी कारपोरेट क्षेत्र के निजी प्रतिनिधियों को अगर सलाहकार बनाया जाता है, तो यह भी एक और कोयला घोटाला साबित होगा।


जायसवाल का कहना है कि आम जनता के हितों को देखते हुए ही कोयला नियामक को दाम निर्धारित करने का अधिकार नहीं दिया जा रहा। अगर ऐसा किया गया तो देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक सरकारी कंपनी कोल इंडिया के विनिवेश में भी दिक्कत आ सकती है। अंतरारष्ट्रीय बाजार के मुताबिक भारत में कोयले की कीमत तय नहीं की जा सकती। इससे अर्थंव्यवस्था चरमरा जाएगी। कम से कम अगले 15-20 वर्षो तक कोयला देश की अर्थंव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहेगा। ऐसे में हम कीमत जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर सरकार की भूमिका को कमजोर नहीं कर सकते।  कोयला घोटाले की जांच अब पीएमओ तक पहुंच गई है। सीबीआई को पीएमओ के आला अधिकारियों पर इस मामले में शक है। इसलिए अब सीबीआई पीएमओ के आलाधिकारियों से इस मामले में पूछताछ करेगी। जाहिर है कि कोयला उद्योग और कोल इंडिया की मुश्किलें हल करने के बजाय कोयला मंत्री की प्राथमिकता कोल इंडिया का विनिवेश कर देने की है।इसका क्या रहस्य है, इसका खुलासा होना बाकी है। इस सिलसिले में फिलहाल कोई सीबीआई जांच नहीं होने जा रही है कि सरकारी क्षेत्र की नवरत्न कंपनी को चूना लगाने वाले कौन कौन लोग हैं। नियामक के गठन के बाद कोयला मंत्रालय की भूमिका को लेकर उठ रहे सवालों के बारे में जायसवाल ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि देश में कोयला मंत्रालय का कोई काम नहीं रह जाएगा। नीतियां तो मंत्रालय के स्तर पर ही बनेंगी। कोयला लिंकेज देने, कोयला ब्लॉकों के आवंटन करने सहित अन्य नीतियां मंत्रालय ही तय करेगा। कोयला नियामक कोयले की गुणवत्ता, कंपनियों के बीच के विवाद और सरकार की नीतियों को लागू करने का काम देखेगा।


कोयला क्षेत्र के लिए एक स्वतंत्र रेग्युलेटरी अथॉरिटी बनाने से जुडे़ बिल को एक मंत्री समूह ने अपनी मंजूरी दे दी है। प्रस्तावित अथॉरिटी को कोयले की कीमत के साथ इसकी सप्लाई और क्वॉलिटी पर नजर रखना होगा। इस बिल को अब कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। अगर वहां से इसे स्वीकृति मिल जाती है तो फिर इसे संसद में पेश किया जाएगा। अगले कुछ दिनों के भीतर इससे संबंधित कोल रेगुलेटर विधेयक पर कैबिनेट के भीतर विचार होना है। बिजली, उर्वरक, स्टील और उद्योग मंत्रालयों की शुरुआती राय थी कि रेगुलेटर को कीमत तय करने का अधिकार होना चाहिए।सरकार कोल इंडिया का आगे भी विनिवेश करना चाहती है। अगर नियामक एजेंसी को कोयले के दाम तय करने का अधिकार दिया गया तो इसके विनिवेश पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। यह कंपनी अभी शेयर बाजार में सूचीबद्ध है, अगर इससे कीमत तय करने का अधिकार छीना गया तो बाजार में इसके शेयरों की कीमत गिर सकती है। वैसे, प्रस्तावित नियामक को यह अधिकार दिया गया है कि अगर उसे ऐसा लगता है कि कोल इंडिया या कोई अन्य कंपनी कोयले की कीमत को मनमाने तरीके से तय कर रही है तो वह हस्तक्षेप कर सकता है।


सरकार निजी कोयला खदानों (कैप्टिव माइंस) में उत्पादित सरप्लस कोयले को नियामक के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है। प्रस्तावित कोयला नियामक (जो कीमत व कोयला खदान के संचालन में पारदर्शिता लाएगा) कोल इंडिया के लिंकेज कोल की कीमतों के अलावा निजी खदानों में उत्पादित कोयले की कीमतों की व्यवस्था का फैसला करेगा।


वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अगुआई वाली नौ सदस्यीय समिति की बैठक में कोल रेग्युलेटरी अथॉरिटी बिल पर विस्तृत चर्चा के बाद कोयला मंत्रालय ने निजी खदानों को शामिल करने के लिए मसौदे में एक अलग धारा जोड़ी है। एक साल पहले सासन अल्ट्रा पावर परियोजना के लिए आवंटित खदान से उत्पादित सरप्लस कोयले का इस्तेमाल इसके चित्रांगी पावर प्लांट करने की अनुमति आर पावर को दी गई थी।


कोयला ग्रेड

गैर कोकिंग कोल के उन्नयन उपयोगी हीट मूल्य (UHV) पर आधारित है, कोकिंग कोल का उन्नयन राख सामग्री पर आधारित है और अर्ध / कोकिंग दुर्बलता से कोकिंग कोल के लिए यह राख से अधिक नमी सामग्री पर आधारित है प्रति अधिसूचना के रूप में प्रचलन में है,.

कोकिंग कोल के ग्रेड 
ग्रेड
राख की मात्रा
स्टील ग्रेड-I
15% से अधिक नहीं
ग्रेड-II स्टील
15% से अधिक है, लेकिन 18% से अधिक नहीं
वाशरी ग्रेड -I
18% से अधिक है, लेकिन 21% से अधिक नहीं
ग्रेड-II वाशरी
21% से अधिक है, लेकिन 24% से अधिक नहीं
ग्रेड-III वाशरी
24% से अधिक है, लेकिन 28% से अधिक नहीं
ग्रेड-IV वाशरी
28% से अधिक है, लेकिन 35% से अधिक नहीं
गैर कोकिंग कोयला के ग्रेड
ग्रेड
उपयोगी हीट वैल्यू (UHV) (kcal / किग्रा) = UHV 8900-138 (ए एम +)
अनुरूप 
राख % + नमी% 
(60% आरएच और 40O सी)
सकल कैलोरी मान GCV (kcal / किग्रा)
(5% नमी के स्तर पर) 
A 6200 से अधिकसे अधिक नहीं 19.56454 से अधिक
B5600 से अधिक लेकिन 6200 से अधिक नहीं 19.6-23.86049 से अधिक लेकिन 6454 से अधिक नहीं
C4940 से अधिक लेकिन 5600 से अधिक नहीं 23.9 to 28.65597 से अधिक है, लेकिन जरूरत से अधिक नहीं है. 6049
D4200 से अधिक लेकिन 4940 से अधिक नहीं 28.7 to 34.05089 से अधिक लेकिन 5597 से अधिक नहीं
E3360 से अधिक लेकिन 4200 से अधिक नहीं 34.1 to 40.04324 से अधिक लेकिन 5089 से अधिक नहीं
F2400 से अधिक लेकिन 3360 से अधिक नहीं 40.1 to 47.03865 से अधिक है, लेकिन जरूरत से अधिक नहीं है. 4324
G1300 से अधिक लेकिन 2400 से अधिक नहीं 47.1 to 55.03113 से अधिक लेकिन 3865 से अधिक नहीं

अर्ध - कोकिंग और दुर्बलता से कोकिंग कोयला ग्रेड


ग्रेडऐश + नमी सामग्री
मैं अर्ध कोकिंग ग्रेड -I 19% से अधिक नहीं
सेमी कोकिंग ग्रेड द्वितीय - II Exceeding 19% but not exceeding 24%

NEC कोयला ग्रेड 

ग्रेडUHV (kcal / किग्रा)अनुरूप
ऐश% + नमी% उम्र
A6200-629918.85-19.57
B5600 - 619919.58-23.91




No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...