BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Welcome

Website counter
website hit counter
website hit counters

Wednesday, June 26, 2013

उत्‍तराखंड: शवों का दाह संस्कार शुरू, हजारों लोग को बचाना अब भी बाकी

उत्‍तराखंड: शवों का दाह संस्कार शुरू, हजारों लोग को बचाना अब भी बाकी
उत्‍तराखंड: शवों का दाह संस्कार शुरू, हजारों लोग को बचाना अब भी बाकीज़ी मीडिया ब्‍यूरो/एजेंसी 

गौचर/गुप्तकाशी (उत्‍तराखंड) : मौसम थोड़ा साफ होने और महामारी का खतरा बढ़ने के बाद बुधवार को केदारनाथ में बाढ़ और बारिश की चपेट में आकर मारे गए लोगों के शवों का सामूहिक दाह संस्कार शुरू किया गया। हालांकि, विपदा के 11 दिन बाद भी 3500 लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाना अभी बाकी है। उत्तराखंड सरकार ने केदारनाथ में शवों की अंत्येष्टि प्रक्रिया शुरू कर दी। इसके लिए लकड़ी के लट्ठे, घी और संबंधित सामग्रियां उपलब्ध करा दी गई हैं।

बद्रीनाथ और हर्षिल में 3500 लोग अब भी फंसे हुए हैं जो वहां से निकाले जाने का इंतजार कर रहे हैं। बारिश और धुंध के बावजूद आज बद्रीनाथ तथा हर्षिल से वायु एवं सड़क मार्ग के जरिए 2000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। वहीं, बारिश का कहर झेल रहे उत्तराखंड के पांडूकेश्वर में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के बनाए पुल ने सेना को बद्रीनाथ में फंसे दो हजार लोगों को वहां से निकालने में आज मदद की जबकि वहां 2750 लोग अब भी बचाव दल की बाट जोह रहे हैं। 

सेना ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि अभी तक हर्षिल से 500 लोगों को हवाई मार्ग से और बद्रीनाथ से 800 लोगों को निकाला जा चुका है। इनमें से 375 लोग पैदल ही निकाले गए। हर्षिल में 450 लोगों को अभी भी निकाला जाना है और करीब 3000 लोग बद्रीनाथ से निकाले जाने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। सेना ने कहा कि राज्य में 8000 सैन्यकर्मी राहत एवं बचाव अभियान में लगाए गए हैं। इसने कहा कि जंगलचट्टी इलाके में इसका खोज अभियान तीसरे दिन भी जारी है और वहां कोई भी श्रद्धालु फंसा हुआ नहीं पाया गया। सेना के पशुचिकित्सा दल को भी तैनात किया गया है और हेमकुंड क्षेत्र में 100 से ज्यादा पशुओं का आज इलाज किया गया।

भारतीय वायुसेना का एक हेलीकॉप्टर मंगलवार को हादसे का शिकार हो जाने के बाद राहत और बचाव के काम में लगे अपने जवानों की हौसला अफजाई के लिए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एनएके ब्राउन भी आज उत्तराखंड में थे। ब्राउन ने कहा कि बचाव अभियान जारी रहेगा और उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में यह मिशन पूरा कर लिया जाएगा। आईएएस अधिकारी रविनाथ रमण ने गुप्तकाशी से बताया कि खराब मौसम की वजह से पिछले दो दिनों से टल रहे शवों के दाह संस्कार का काम आज केदारनाथ में आखिरकार शुरू कर दिया गया। 

गौरतलब है कि केदारनाथ इस त्रासदी में सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। हालांकि, इस बात का पता नहीं चल सका कि आज कितने शवों का दाह-संस्कार किया गया। थलसेना की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि हर्षिल और बद्रीनाथ इलाकों से करीब 3,500 लोगों को बचाकर बाहर निकाला जाना अब भी बाकी है। बीते 15 जून को उत्तराखंड पर आफत की बारिश होने के बाद से अब तक करीब एक लाख फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा चुका है। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि यदि तीन से चार दिन मौसम साफ रहे तो भारतीय वायुसेना अपना मिशन पूरा कर लेगी। इस मिशन में थलसेना, आईटीबीपी और एनडीएमए भी जी-जान से जुटी है। 

राहत और बचाव के काम में लगे हेलीकॉप्टरों के गौचर स्थित फॉरवर्ड बेस में उन्होंने पत्रकारों से कहा कि यदि मौसम शुक्रवार से साफ होना शुरू हो जाए तो सोमवार, मंगलवार तक यह सारा काम पूरा कर लिया जाएगा। ब्राउन ने कहा कि अभियान जारी रहेगा। ज्यादातर काम पहले ही पूरे किए जा चुके हैं। हर्षिल और बद्रीनाथ में फंसे हुए लोगों को बचाकर बाहर निकालना अब बाकी रह गया है। हमारे हेलीकॉप्टर उड़ान भरना बंद नहीं करेंगे। इसका मतलब यह है कि लोगों को बाहर निकालने तक हम अपना काम जारी रखेंगे। 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि हषिर्ल और बद्रीनाथ इलाके में फंसे लोग अगले दो दिनों में बाहर निकाल लिए जाएंगे बशर्ते मौसम उड़ान भरने लायक हो। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में महामारी फैलने से रोकने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं। 

एनडीएमए के उपाध्यक्ष एम शशिधर रेड्डी ने कहा कि मारे गए लोगों की तादाद में इजाफे का अंदेशा है। रेड्डी ने कहा कि केदारनाथ में 10 फुट मलबा है और हमें आशंका है कि वहां कई शव पड़े हुए हैं। रेड्डी ने यह भी कहा कि करीब 350 लोगों का अब भी कुछ पता नहीं चल सका है जिससे इस बात का अंदेशा है कि वे मारे जा चुके हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 822 लोग मारे जा चुके हैं। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सत्यव्रत बंसल ने कहा कि केदारनाथ में सभी शवों का दाह संस्कार दुरुह काम है क्योंकि बड़ी तादाद में लाशें कई टन मलबे के नीचे दबी हुई हैं और उन्हें मलबे के भीतर से निकालना आसान नहीं होगा, इसके लिए जेसीबी मशीनों को केदारनाथ जैसे उंचाई वाले इलाके में लाना होगा। राज्य सरकार के मंत्री हरक सिंह रावत ने भी कहा कि केदारनाथ मंदिर के आसपास का इलाका साफ करना और शवों को निकालना आसान नहीं होगा। अब तक मातली, भटवारी, मनेरी इलाके को पूरी तरह खाली कराया जा चुका है। गुप्तकाशी के एसडीएम लक्ष्मी राज चौहान ने कहा कि दोपहर में हल्की बारिश तो हुई पर इलाके में कहीं भू-स्खलन नहीं हुआ।

जंगल चट्टी क्षेत्र में सेना ने टोही अभियान चलाया और पाया कि अब वहां ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जिसे बचाव अभियान की जरूरत हो। इस बीच, फंसे लोगों और साथ ही स्थानीय निवासियों के लिए राशन और खाद्य तेल की आपूर्ति बद्रीनाथ पहुंच गई है।
http://zeenews.india.com/hindi/news/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6/%E0%A4%89%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E2%80%8D%E0%A4%A4%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%96%E0%A4%82%E0%A4%A1-%E0%A4%B6%E0%A4%B5%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%B9-%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%B6%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%82-%E0%A4%B9%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%97-%E0%A4%95%E0%A5%8B-%E0%A4%AC%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%BE-%E0%A4%85%E0%A4%AC-%E0%A4%AD%E0%A5%80-%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%95%E0%A5%80/172953

No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...