BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Wednesday, June 5, 2013

कोयला के दाम बढ़ने से हर चीज महंगी हो जायेगी और इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार!बंगाल में फिर महंगी होगी बिजली!

कोयला के दाम बढ़ने से हर चीज महंगी हो जायेगी और इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार!बंगाल में फिर महंगी होगी बिजली!


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​


कोयला के उत्पादन में  कटौती की जा रही है क्योंकि एनटीपीसी जैसी संस्थाओं के यहां कोयला पहले से जमा है। कोयला की संस्थागत खपत कम हो रही है और इसपर माग घटने से दाम में कटौती के बाजार के ब्याकरण के उलट कोलइंडिया ने कोयला के दाम बढ़ा दिये हैं।दूसरी ओर, एनटीपीसी और दूसरी तमाम बिजली कंपनियों  की शिकायत है कि कोयला आपूर्ति की वजह से बिजली उत्पादन घट रहा है। घरेलू बाजार में दाम तय करने का एकाधिकार भी कोल इंडिया के पास है।कोल इंडिया ने पिछले अप्रैल मई महीने में 71.65 मिलियन टन के उत्पादन लक्ष्य के मुकाबले  70.30 मिलियन टन का उत्पादन किया और 80.95  मिलियन टन के घोषित लक्ष्य के विपरीत 78.16 मिलियन टन की कोयला आपूर्ति की।


बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हावड़ा संसदीय चुनाव जीतते ही इसे लेकर केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की है और कहा है कि कोयला के दाम बढ़ने से हर चीज महंगी हो जायेगी और इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल राज्य बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड (डब्ल्यूबीएसईडीसीएल) अगले महीने से बिजली के दाम में 20 पैसे की बढ़ोतरी कर सकती है। हाल ही में उच्च ग्रेड कोयले के दाम में हुई बढ़ोतरी के चलते यह उम्मीद की जा रही है।ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान यह 5वीं बढ़ोतरी होगी।


कोल इंडिया ने हाल ही में कम ग्रेड वाले कोयले के दाम में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी और प्रीमियम क्वालिटी के कोयले के दाम में 12 प्रतिशत की कटौती की थी। राज्य की बिजली उत्पादन कंपनी पश्चिम बंगाल पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (डब्ल्यूबीपीडीसीएल) के साथ ही पश्चिम बंगाल राज्य बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड (डब्ल्यूबीएसईडीसीएल), एनटीपीसी और डीवीसी से बिजली लेती हैं। यह बढ़ोतरी अगले माह से प्रभावी होगी, जो चालू बिलिंग साइकिल से लिया जाएगा। इस बढ़ोतरी के बाद अब उपभोक्ताओं के लिए बिजली की औसत दरें 6.13 रुपये प्रति यूनिट हो जाएंगी।  पश्चिम बंगाल बिजली नियामक आयोग (शुल्क के लिए नियम व शर्तें) रेग्युलेशन 2011 के तहत पिछले साल मासिक वैरिएबल कॉस्ट एडजेस्टमेंट (एमवीसीए) की व्यवस्था पेश की गई थी। एमवीसीए के मुताबिक शुल्क का समायोजन मासिक आधार पर होगा, जो लागत में बदलाव के आधार पर होगा।


तृणमूल कांग्रेस सरकार ने अब तक बिजली दरों में 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। प्रस्तावित बढ़ोतरी के बाद पिछले 2 साल के दौरान बिजली के दाम में बढ़ोतरी करीब 30 प्रतिशत हो जाएगी।उच्च ग्रेड के कोयले के दाम में बढ़ोतरी और कम गुणवत्ता वाले कोयले में कमी की वजह से उत्पादन लागत में बढ़ोतरी हुई है। मई 2011 में सत्ता संभालने के बाद बंगाल में छठी बार बिजली की दरों में बढ़ोतरी की गई है। पहली बढ़ोतरी पूर्ववर्ती सरकार के फैसले के तहत किया गया था, जब बिजली के दाम 4.27 रुपये से बढ़ाकर 4.71 रुपये प्रति यूनिट हो गए थे। पिछले 2 साल के दौरान बनर्जी सरकार ने कीमतों में 4 बार बढ़ोतरी की है, जिससे दाम 4.71 रुपये से बढ़कर 5.93 रुपये पर पहुंच गए हैं। पिछली बाद जनवरी 2013 में बिजली दरों में बढ़ोतरी की गई थी।बिजली क्षेत्र में व्यापक सुधारों से बिजली उत्पादन इकाइयों में हुआ प्रशंसनीय निवेश बिजली की किल्लत को तब तक दूर नहीं कर सकता, जब तक कि बिजली बनाने के लिए कोयला नहीं मिलेगा। बिजली अनुपलब्धता के रूप में वृद्घि की रास्ते में एक बड़ी दुश्वारी को दूर करने की राह में हमने एक कदम तो बढ़ाया लेकिन कोयले की किल्लत एक और बाधा बन गई।


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