BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Friday, May 17, 2013

सुपुर्दे खाक होने लगा आम निवेशकों का हित!

सुपुर्दे खाक होने लगा आम निवेशकों का हित!


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​


एक दफा फिर सुपुर्दे खाक होने लगा आम निवेशकों का हित!जैसे संचयिता और ओवरलैंड को लोग भूल गये, टीक उसी तरह शारदा फर्जीवाड़े को भी लोग भूलने वाले हैं और इसका पुख्ता इंतजाम हो गया है।जांच पड़ताल ठप है और मीडिया का ध्यान भी अब भटकने लगा है। कोयला घोटाला तक आईपीएल घोटाले के भंडाफोड़ से हाशिये पर चला गया है। सुदीप्त ने जो हलफनामा हाईकोर्ट में जारी किया है, वह संकेत हैं कि उसके बचाव के पक्के इंतजाम हो गया है।


अब सीबीआई जांच पर सुनवाई ५ जून से पहले होने की संभावना नहीं है। छह अप्रैल से लेकर पांच जून, पूरे दो महीने हो जायेंगे। कोई एफआईआर नहीं, कोई संपत्ति जब्त नहीं, महज आरोप प्रत्यारोप, धरना , प्रदर्शन और आत्महत्याओं से आर्थिक अपराधों की जांच होने का कोई नजीर इस देश में नहीं है।


फिर राजनीति भी किसी एक मद्दे पर ठहर नहीं जाती। पंचायत चुनावों की हलचल में जुलाई महीना पार हो जायेगा। फिर बचेगी अदालती ​​कार्रवाई। बाकी कुछ नहीं।


सुदीप्त की सेहत पर इस बीच चिंता जताई है विपक्ष ने। सुदीप्त को कुछ हो गया तो इस मामले का वही हाल होगा जो संचयिता का हुआ।


देवयानी और सुदीप्त की पुलिस हिरासत की अऴधि कितनी दफा और बढ़ायी जायेगी, देवयानी अंततः कब सरकारी गवाह बनेगी, सुदीप्त को असम पुलिस के हवाले किया जायेगा या नहीं, सीबीआई  टीम गुवाहाटी और अगरतला होकर कोलकाता पहुंचेगी या नहीं, इन्हां पहेलियों में उलझकर सुर्खियां बनती बिगड़ती रहेंगी। विशेष जांच टीम को कोई अधिकार नहीं है। केंद्रीय एजंसियों के की जांच वैसे भी राजनीतिप्रेरित होती हैं , जो सीआईडी जांच भी है।


सेबी ने बंगाल सरकार पर आरोप लगाया है कि उसकी सलाह के मुताबिक बंगाल सरकार ने संदिग्ध चिटपंड कंपनियों के खिलाप एफआईआर तक दर्ज नहीं की।


बाकी बचा श्यमल सेन आयोग , उसकी जो रफ्तार है, कई युग लगेंगे शिकायतों को सहेजने में, फिर सुनवाई होगी और जांच का जिम्मा तो उसके मत्थे है ही नहीं।इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्यामल कुमार सेन की अध्यक्षता वाले पांच सदस्यीय आयोग ने शारदा ग्रुप चिटफंड घोटाले की जांच शुरू कर दी है। आयोग अपनी रिपोर्ट छह महीने में सौंपेगा।छह महीने बाद तक जनता की याददाश्त बनी रहेगी, कहना मुश्किल है।


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