BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Thursday, July 7, 2011

Fwd: पद्मनाभ मंदिर में 5 लाख करोड़ का खजाना



---------- Forwarded message ----------
From: Dr. Mandhata Singh <drmandhata@ibibo.com>
Date: 2011/7/7
Subject: पद्मनाभ मंदिर में 5 लाख करोड़ का खजाना



   
http://aajkaitihas.blogspot.com/2011/07/5.html
 केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर से सोने का अब तक का सबसे बड़ा भंडार मिला है.मंदिर से अब तक 1 लाख करोड़ का खजाना मिलने की बात कही जा रही है. फिलहाल खजाने की लिस्ट बनाने का काम जारी है. हिंदुओं के पद्मनाभस्वामी मंदिर में भगवान विष्णु की उपासना होती है. इसके तहखाने में छुपाए गए सोने के खजाने के मिलने के बाद श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर दुनिया का सबसे अमीर धार्मिक स्थल बन गया है. यह मंदिर त्रावणकोर राजाओं के शासनकाल में 1772 में राजा मार्तण्‍ड वर्मा ने बनवाया था। इस शासन के नियमों के अनुसार मंदिर की संपत्ति पर केंद्र या राज्‍य सरकार का हक नहीं बनता है. खजाने का पता चलने के बाद से मंदिर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पद्मनाभस्‍वामी मंदिर के कुल 6 तहखानों में से 5 तहखाने खोले जा चुके हैं. इनमें से सोना, हीरे, जेवरात, मर्तियां और सिक्‍के मिले हैं. इनकी कीमत लगभग 1 लाख करोड़ आंकी गई है.
अब इस बात पर बहस हो रही है कि मंदिर से मिले खजाने को कहां रखा जाए. सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से खजाने का स्रोत और प्राचीनता का पता लगाने का आदेश दिया है.  मंदिर में मिली संपत्ति में भगवान विष्‍णु की हीरे, पन्‍ने और रूबी जड़ी 3.5 फुट ऊंची मूर्ति है. इसके अलावा 35 किलों की 18 फुट लंबी एक चेन भी बरामद हुई है. तहखाने में से 1 फुट लंबी एक और मूर्ति भी मिली है.
 राज परिवार के सूत्रों का कहना है कि चेंबर बी के मुख्य द्वार पर सांप का बना होना यह दर्शाता है कि इसे खोलना अशुभ होगा. सूत्रों ने कहा जांच कमेटी भी इसे नहीं खोलेगी क्योंकि इसके साथ मंदिर की काफी मान्यताएं जुड़ी हुई हैं. एक मान्यता के अनुसार चेंबर बी के नीचे एक सुरंग है जो समुद्र तक जाती है. इस बीच मंदिर और इसके आसपास 24 घंटे का पहरा जारी है.

पद्मनाभ मंदिर में

5 लाख करोड़ का खजाना

केरल के पद्मनाभ स्वामी मंदिर से अब तक मिला खजाना कितने मूल्‍य का है, यह अभी तक सस्‍पेंस ही बना है। मीडिया में तहखाने से मिली चीजों की कीमत 1 लाख करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा बताई जा रही है। लेकिन केरल के पूर्व मुख्‍य सचिव सीपी नायर ने दावा किया है कि खजाना करीब पांच लाख करोड़ रुपये का हो सकता है। नायर ने मंदिर की सुरक्षा आर्मी के कमांडो के हवाले किए जाने का भी सुझाव दिया है।

मंदिर में मिले खजाने पर किसका हक हो? यह बड़ा सवाल बनता जा रहा है। मंदिर के तहखानों से अरबों रुपये का खजाना मिलने के बाद यह सवाल खड़ा हो गया है कि इसका इस्तेमाल लोक कल्याण के लिए किया जाए या फिर यह संपत्ति मंदिर प्रशासन के पास रहे।

अब तक खोले गए मंदिर के तहखाने से मिले खजाने पर भगवान विष्‍णु का हक है और इस पर दूसरा कोई पना दावा नहीं जता सकता है। यहां तक कि सरकार भी नहीं। यह कहना है वरिष्‍ठ नौकरशाहों, प्रख्‍यात इतिहासकारों और धार्मिक नेताओं का।

इंडियन काउंसिल फॉर हिस्‍टोरिकल रिसर्च के पूर्व चेयरमैन और प्रख्‍यात इतिहासकार प्रो. एमजीएस नारायणन ने 'डीएनए' को बताया, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर खोले गए तहखाने में मिले सभी कीमती पत्‍थर, जवाहरात और अन्‍य सामान के दस्‍तावेज अच्‍छी तरह तैयार किए गए हैं। हर एक सामान की गिनती की गई है और इसके मालिकाना हक को लेकर किसी तरह का भ्रम नहीं होना चाहिए। यह सब कुछ भगवान पद्मनाभ का है जो त्रावणकोर शाही खानदान के देवता हैं।'

केरल के पूर्व मुख्‍य सचिव आर रामचंद्रन नायर भी कहते हैं कि यह खजाना मंदिर की संपत्ति है और इस पर कोई दूसरा हक नहीं जता सकता है। उन्‍होंने कहा कि पुर्तगाल, नीदरलैंड, ग्रेट ब्रिटेन और पूर्व के कई देशों के शासकों और व्‍यापारियों ने इस मंदिर में चढ़ावा चढ़ाया है। नायर के मुताबिक, पद्मनाभ स्‍वामी मंदिर के खजाने की कीमत पांच लाख करोड़ रुपये से भी अधिक हो सकती है। इस तरह यह मंदिर दुनिया का सबसे धनी मंदिर बन सकता है। उन्‍होंने कहा, 'मेरी सलाह यह है कि इस मंदिर की सुरक्षा सेना के कमांडो के हवाले कर देनी चाहिए।'

मंदिर के ट्रस्‍ट का संचालन करने वाला त्रावणकोर शाही खानदान इस मामले में चुप है। त्रावणकोर रियासत के मौजूदा वारिस यू टी मार्तंड वर्मा की भतीजी प्रिंसेज गौरी लक्ष्‍मी बाई ने 'डीएनए' से कहा, 'त्रावणकोर के महाराजा के दिन की शुरुआत इस मंदिर में पूजा अर्चना से होती थी। यदि किसी वजह से वह ऐसा नहीं कर पाते थे तो उन्‍हें जुर्माना अदा करना पड़ता था। यह भक्‍तों की ओर से चढ़ाया गया चढ़ावा है और इसलिए यह उनकी (भगवान की) संपत्ति है। ये खजाना नहीं है।'

कानून के जानकारों के मुताबिक, 'कुछ लोग यह मांग कर रहे हैं कि इस खजाने का इस्तेमाल लोगों की भलाई के काम में होना चाहिए। लेकिन कानूनन यह संभव नहीं है। अगर गहने और दूसरी कीमती चीजें मंदिर को दान में दी गई हैं, तो उन पर सिर्फ मंदिर के देवता का ही हक है। अगर मंदिर प्रशासन यह निर्णय लेता है कि तहखाने से मिले खजाने को बेचकर नकद राशि इकट्ठा की जाती है तो भी उस धन का इस्तेमाल मंदिर के विकास पर ही खर्च किया जा सकता है, जहां खुद भगवान विराजमान होते हैं।'

सुप्रीम कोर्ट के पहले के फैसलों के मुताबिक किसी मंदिर के देवता उस मंदिर से जुड़ी संपत्ति के मालिक होते हैं। अगर कोई व्यक्ति मंदिर से जुड़ी संपत्ति पर अपना दावा करता है तो वह इसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ सकता है। ऐसे मामलों में अदालत में मंदिर के देवता का प्रतिनिधित्व मंदिर के ट्रस्ट का कोई सदस्य करता है। हालांकि इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट कोई निर्देश दे सकता है।

गौरतलब है कि अयोध्या में विवादित ज़मीन के मुकदमे में भगवान राम लला को भी पक्षकार बनाया गया था। भारत में किसी भी मंदिर का स्वामित्व उस मंदिर के देवता के पास होता है, ऐसे में मंदिर की संपत्ति से जुड़े किसी भी मुकदमे में वह एक पक्ष बन जाते हैं।

 
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Dr. Mandhata Singh
Kolkata (INDIA)
Want to write hindi.---
THANKS





 



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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