BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Wednesday, July 5, 2017

गोडसे भक्तों को गांधी का वास्ता : ये मजाक सिर्फ मोदी ही कर सकते हैं

समान नागरिक संहिता से पहले पूरे देश में गौहत्या तो रोकें
समान नागरिक संहिता से पहले पूरे देश में गौहत्या तो रोकें

भाजपा गौ रक्षा जैसे अति संवेदनशील तथा धार्मिक भावनाओं से सीधे तौर पर जुड़े हुए विषय पर पूरे देश में समान कानून बनाए जाने का साहस क्यों नहीं कर पाती?

तनवीर जाफ़री
2017-07-04 19:55:31
घुमक्कड़ छायाकार प्रसिद्ध यायावर कमल जोशी अपने घर में पंखे से लटके मिले भयंकर त्रासदी हम तमाम लोगों के लिए
घुमक्कड़ छायाकार, प्रसिद्ध यायावर कमल जोशी अपने घर में पंखे से लटके मिले, भयंकर त्रासदी हम तमाम लोगों के लिए!

वे नैनीताल छोड़ने के बाद पूरी तरह यायावरी जीवन जी रहे थे और उनकी हर तस्वीर में मुकम्मल पहाड़ नजर आता था। दुर्गम पहाड़ों के पहाड़ से भी मुश्किल ज...

पलाश विश्वास
2017-07-03 22:31:36
वे मुसोलिनी के दीवाने थे हिटलर उनकी धड़कनों का राजा था उन्हें तो गांधीजी को मारना ही था
वे मुसोलिनी के दीवाने थे. हिटलर उनकी धड़कनों का राजा था. उन्हें तो गांधीजी को मारना ही था.

उन्हें तो गांधीजी को मारना ही था. उनके सामने सवाल एक व्यक्ति का नहीं एक विचारधारा का था. उन्हें भारत की मेलजोल की संस्कृति से नफ़रत थी. उन्हें गंग...

अतिथि लेखक
2017-07-03 22:13:36
ट्यूबलाइट  सलमान को महंगी पड़ी इस बार राष्ट्रभक्ति
ट्यूबलाइट : सलमान को महंगी पड़ी इस बार राष्ट्रभक्ति

ट्यूबलाइट आज के सीएफएल के जमाने में चल ही नहीं पाएगी। उम्मीद है सलमान आगे से विषय चयन पर गंभीरता बरतेंगे।

अतिथि लेखक
2017-07-03 18:57:57
राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव क्यों
राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव क्यों?

राष्ट्रपति पद पर आने वाले व्यक्ति की आरएसएस के प्रति अटूट वफादारी बहुत ही समस्यापूर्ण है।

राजेंद्र शर्मा
2017-07-03 18:33:43
नवउदारवादी नीतियों के समर्थक भीड़ हत्याएं नहीं रोक सकते
नवउदारवादी नीतियों के समर्थक भीड़ हत्याएं नहीं रोक सकते

नवउदारवादी नीतियों के समर्थक, चाहे वे नेता हों या सिविल सोसाइटी एक्टिविस्ट, भीड़ हत्याएं नहीं रोक सकते. साम्प्रदायिकता शुरू से ही पूंजीवादी कब्जे ...

डॉ. प्रेम सिंह
2017-07-03 11:51:44
मोदीजी कॉमनसेंस और भीड़ संस्कृति  वे पहले भी बुद्धिजीवी नहीं थे
मोदीजी कॉमनसेंस और भीड़ संस्कृति : वे पहले भी बुद्धिजीवी नहीं थे

​​​​​​​मोदीजी पहले भी बुद्धिजीवी नहीं थे, उनकी विशेषता यह है कि उनके जैसा अनपढ़ और संस्कृतिविहीन व्यक्ति अब बुर्जुआजी की पहचान है।

जगदीश्वर चतुर्वेदी
2017-07-03 09:53:19
संघ की पालकी ढो रहे नीतीश
संघ की पालकी ढो रहे नीतीश

नीतीश को दूसरे सोशलिस्टों ने ही सिरे से खारिज कर दिया है और कई गम्भीर सवाल उठाये हैं। सोशलिस्ट पार्टी के डॉ. प्रेम सिंह ने कहा है कि जद(यू) ने अप...

अमलेन्दु उपाध्याय
2017-07-02 19:14:55
जीएसटी  भाजपा और आरएसएस के लोग मरते लोगों को फिर से एक बार लड्डू खिलायेंगे
जीएसटी : भाजपा और आरएसएस के लोग मरते लोगों को फिर से एक बार लड्डू खिलायेंगे

यह पूँजीवाद का वही विजय रथ है जो अपने पीछे न जाने कितनी लाशों, कितनी बर्बादियों और मनुष्य के ख़ून और पसीने का कीचड़ छोड़ता जाता है। सर्वनाशी साबि...

हस्तक्षेप डेस्क
2017-07-02 00:39:26
तद्भव का नया अंक  इतिहास के त्रिभागी काल विभाजन पर हरबंस मुखिया
तद्भव का नया अंक : इतिहास के त्रिभागी काल विभाजन पर हरबंस मुखिया

आने वाली पीढ़ी हमारे वर्तमान युग को मध्ययुग कहे या न कहे, कोई मायने नहीं रखता। लेकिन यह तय है कि हम अपने वर्तमान को जिस रूप में देखते है, आगत पीढ़ि...

अतिथि लेखक
2017-07-02 00:26:10
मुसलमानों को जेएनयू या कश्मीर पर बयान नहीं देना चाहिए पुलिस से ज्यादा भय गोरक्षकों का है
मुसलमानों को जेएनयू या कश्मीर पर बयान नहीं देना चाहिए, पुलिस से ज्यादा भय गोरक्षकों का है

आधुनिक राष्ट्र-राज्य का यह वीभत्सतम रूप है। आप मुझसे अनिर्बन के 'देशद्रोह' का हिसाब क्यों नहीं मांगते, उमर का ही क्यों?... ​​​​​​​बहुसंख्यक तुष्ट...

अतिथि लेखक
2017-07-02 00:11:47
फर्जी सेकुलरों के राज्य का भगवाकरण जारी है यह नीतीश से ज्यादा लालू के चेतने का वक्त है
फर्जी सेकुलरों के राज्य का भगवाकरण जारी है, यह नीतीश से ज्यादा लालू के चेतने का वक्त है

तो क्या अब बिहार भी 'जय श्रीराम' की आग में जलने वाला है? क्या बजरंग दल वालों को नीतीश कुमार के रुख का अंदाजा हो गया है?

अतिथि लेखक
2017-07-01 23:49:36
कोविन्द दलित राजनीति और हिन्दू राष्ट्रवाद  आरएसएस की राजनीति भारतीय राष्ट्रवाद की विरोधी है
कोविन्द, दलित राजनीति और हिन्दू राष्ट्रवाद : आरएसएस की राजनीति भारतीय राष्ट्रवाद की विरोधी है

क्या कोविन्द और पासवान जैसे लोग - जो दलितों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के बारे में एक शब्द भी नहीं बोलते - दलित नेता कहे जा सकते हैं? इस समय देश का द...

राम पुनियानी
2017-07-01 23:04:41
सलाहुद्दीन के बहाने अमेरिका कश्मीर में हस्तक्षेप करने की भूमिका तो नहीं बना रहा
सलाहुद्दीन के बहाने अमेरिका कश्मीर में हस्तक्षेप करने की भूमिका तो नहीं बना रहा ?

जब भी धर्म को राज-काज में दखल देने की आज़ादी दी जायेगी राष्ट्र का वही हाल होगा जो आज पाकिस्तान का हो रहा। गाय के नाम पर चल रहे खूनी खेल की अनदेखी...

शेष नारायण सिंह
2017-06-30 18:44:49
चिंता भीड़तंत्र की
चिंता भीड़तंत्र की

हिंदुस्तान की बहुसंख्यक जनता मिल-जुलकर, शांति से रहने में ही भरोसा रखती है। वह किसी भी कारण से कानून हाथ में लेने की विरोधी है और अपने नाम पर तो,...

देशबन्धु
2017-06-30 16:07:10
ढाई युद्ध लड़ने की तैयारी राष्ट्रहित में या कारपोरेट हित में
ढाई युद्ध लड़ने की तैयारी राष्ट्रहित में या कारपोरेट हित में?

रक्षा क्षेत्र के विनिवेश के बाद युद्ध से किन कंपनियों को फायदा कि प्रधान स्वयंसेवक और विदेश मंत्री की जगह वित्तमंत्री चीन को करारा जबाव देने लगे?

पलाश विश्वास
2017-06-30 15:56:04
notinmyname  इस इंसान मोदी की एक डेमोक्रेसी में कोई जगह नहीं
#NotInMyName : इस इंसान (मोदी) की एक डेमोक्रेसी में कोई जगह नहीं

#NotInMyName आप किसमें अपना भविष्य ढ़ूंढ़ रहे हैं, जिन्ना के पाकिस्तान में, हिटलर के जर्मनी में या आज के सीरिया में? तय आपको ही करना है, क्योंकि ...

अतिथि लेखक
2017-06-30 15:12:49
नए दौर के आंदोलनों में मार्क्‍सवाद के अवशेषों की तलाश
नए दौर के आंदोलनों में मार्क्‍सवाद के अवशेषों की तलाश

एक मार्क्‍सवादी का काम उदारवाद से हासिल उपलब्धियों का इस्‍तेमाल करते हुए सैद्धांतिकी को व्‍यवहार में उतारना है, नकि दुश्‍मन का दुश्‍मन दोस्‍त वाल...



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