BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Sunday, September 21, 2014

ध्रूवीकरण की राजनीति से छात्र आंदोलन के बेजां इस्तेमाल की कोशिशें तेज,फिर छात्रों युवाओं को सत्ता संघर्ष की बलि बनाने की तैयारी

ध्रूवीकरण की राजनीति से छात्र आंदोलन के बेजां इस्तेमाल की कोशिशें तेज,फिर छात्रों युवाओं को सत्ता संघर्ष की बलि बनाने की तैयारी

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

जादवपुर विश्वविद्यालय परिसर में निर्मम पुलिस आपरेशन के सारे फुटेज सार्वजनिक हैं।परिसर में वर्दीधारी और सादा पोशाक की पुलिसिया जुल्म किसी भी नागरिक के आंखें खोलने के लिए काफी है और जनमास में इसका पुरजोर असर भी हो रहा है।


कोलकाता में सत्तरदशक के बाद नंदन से मेयो रोड तक जो अभूतपूर्व जुलूस निकला उसके भी चित्र और वीडियो फुटेज सार्वजनिक हैं और दिल्ली से लेकर बंगलूर तक देशभर में नये सिरे से छात्र युवाशक्ति के सड़कों पर उतरने के आसार दीख रहे हैं।


जैसे भारी बरसात में छात्र बारिश में भीगते हुए दोपहर तीन बजे से देर शाम तक गीत गाते हुए शांतिपूर्ण तरीके से सड़क की ताकत दिखायी है,उससे मुक्तबाजारी राजनीति के सक्रिय होकर इस आंदोलन को अराजनीतिक से राजनीतिक बना देने की खतरनाक गतिविधियां तेज हो गयी हैं।


रजनीतिक तत्व चात्रों के बीच घुसपैठ  करके नालेज इकोनामी और मुक्तबाजार जमाने के इस पहले आंदोलन को सत्ता संघर्ष का हथियार बनाने की कोशिश में हैं।


बंगल की मुख्यमंत्री कटघरे में हैं और मौका होने के बावजूद वे अपना पुराना करिश्मा दोहरा नहीं पा रही हैं।प्रशासनिक पहल करके वे फिर महानायिका बन सकती थी अगर वे छात्रों से संवाद करने की पहल कर पातीं या जुलुस के अंत में छात्रों से मुखातिब हो पातीं।


उनके बदले बंगाल के भाजपाई राज्यपाल ने राजभवन से मिलकर आंदोलनस्थल पर छात्रों से बात की और प्रशासनिक हस्तक्षेप करने का वायदा करवाकर छात्रों का अनिश्चित कालीन धरना खतम करवा दिया।ममता बनर्जी वही हार गयीं।


लेकिन बिना हार माने ममता बनर्जी सुबह होते ही तृणमूल समर्थक छात्रों को सड़क पर उतारने जा रही है और यह राजनीतिक ध्रूवीकरण का खेल हैं जो काफी हिंसक भी हो सकता है।


छात्रों को इस दुश्चक्र से बचने की कोशिश करनी होगी और ख्याल रखना होगा कि शारदा चिटफंड घोटाले में पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम की पत्नी से पूछताछ और वाम नेताओं को सीबीआई तलब से एक नया गाटअप गेम इस मामले को रफा दफा करने का शुरु हो गया है।


राजनीतिक तत्व छात्र आंदोलन की आड़ में अपने गिरेबां बचाने की जुगत न निकालें ,इसका ख्याल रखना बेहद जरुरी है।


अतीत में भी बार बार जब छात्रों और युवाओं ने व्यवस्था के खिलाफ भारी संख्या में देशभर में सड़कों पर आवाज बुलंद की है,शातिर खुदगर्ज राजनीति ने उस आंदोलन की दिशा बदलकर छात्र युवशक्ति का बेजां इस्तेमाल किया है और राजनीतिक ध्रूवीकरण इस खेल का अहम हिस्सा है।


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