BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Sunday, February 17, 2013

अफजल गुरु को फांसी : न्‍याय और लोकतंत्र का मखौल ♦ दीपंकर भट्टाचार्य

http://mohallalive.com/2013/02/17/mockery-of-justice-and-democracy/

अफजल गुरु को फांसी : न्‍याय और लोकतंत्र का मखौल

♦ दीपंकर भट्टाचार्य

9फरवरी की सुबह 8 बजे अत्‍यंत गोपनीय तरीके से बिना परिवार के सदस्‍यों तक को सूचित किये अफजल गुरु को फांसी पर लटकाने की घटना हर न्‍यायप्रिय व्‍यक्ति के लिए न्‍याय को फांसी देने की घटना के बराबर है। नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की चाहत रखने वाले सांप्रदायिक फासीवादी तत्‍वों को खुश करने के लिए न्‍याय को फांसी पर लटका दिया गया है।

सबको पता है कि अफजल ने आतंकवाद की राह छोड़कर 1993 में बीएसएफ के सामने आत्‍मसमर्पण कर दिया था और तब से कश्‍मीर पुलिस की स्‍पेशल टास्‍क फोर्स के साये में काम कर रहा था। उसे 13 दिसंबर, 2001 को संसद पर हुए हमले में फंसाया गया था। जब निचली अदालत ने बिना किसी सीधे सबूत के उसे दोषी करार दिया, तो उस समय उसकी तरफ से कोई वकील नहीं था। फिर भी सुप्रीम कोर्ट ने 'समाज के सामूहिक अंत:करण' को संतुष्‍ट करने के नाम पर उसकी मौत की सजा बरकरार रखी। यद्यपि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने जांच की घटिया प्रकृति और संदिग्‍ध सबूत पेश करने के लिए पुलिस को फटकार भी लगायी थी।

protest against afzal guru hanging

1984 के सिख दंगों के लिए आज तक किसी को भी फांसी पर नहीं चढ़ाया गया और न ही 1992 में मुंबई और सूरत के मुस्लिम विरोधी दंगों में शामिल लोगों को। 2002 में गुजरात जनसंहार के दोषियों और निजी सेनाओं द्वारा दलितों-आदिवासियों का जनसंहार करने वाले भी खुले घूम रहे हैं। अफजल गुरु की फांसी भारतीय समाज के 'सामूहिक अंत:करण' को संतुष्‍ट करने की जगह न्‍याय के दोहरे चरित्र को उजागर करती है।

हर तरफ से विरोध और प्रतिरोध का सामना कर रही कांग्रेस पार्टी और यूपीए सरकार भाजपा व सांप्रदायिक फासीवादी ताकतों की खुशामद करने के लिए बेचैन है। देश का लोकतांत्रिक आवाम और लोकतांत्रिक आंदोलन कांग्रेस और भाजपा की इस सांठगांठ को ध्‍वस्‍त करेगा और देश के आम नागरिकों के लिए न्‍याय व लोकतांत्रिक अधिकारों की लड़ाई को तेज करेगा।

(दीपंकर भट्टाचार्य भारतीय कम्‍युनिस्‍ट पार्टी (मार्क्‍सवादी-लेनिनवादी) के राष्‍ट्रीय महासचिव हैं)

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