BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Friday, July 6, 2012

इक्कीस महीने से पत्नी की तलाश में पति

इक्कीस महीने से पत्नी की तलाश में पति

http://www.janjwar.com/society/crime/2825-ikkis-mahine-se-patni-kee-talash-men-pati


मामला मीडिया में उछलने और कोर्ट कचहरी तक पहुंचने पर बसपा विधायक ने धर्मपाल को धमकाने, डराने और देख लेने की बात कही, लेकिन धर्मपाल ने निडरता से अपना संघर्ष जारी रखा. धर्मपाल दिल्ली के जंतर-मंतर में भी साढे तीन महीने तक धरना दे चुका है...  

आशीष वशिष्ठ

हिन्दू धर्म ग्रन्थ रामचरितमानस के चर्चित दोहा 'हे खग हे मृग मधुकर श्रेणी, तुम देखी सीता मृगनैनी', में राम अपनी पत्नी सीता का अपहरण हो जाने के बाद राह में पड़ने वाले हर जीव- जंतु से पूछते हैं कि क्या तुमने कहीं सीता को देखा है. बाद में जब उन्हें पता चलता है कि सीता को रावण उठा ले गया है तो वह सेना लेकर जाते हैं और पत्नी को छुड़ा लाते हैं. लेकिन यह सौभाग्य उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के धर्मपाल यादव को नहीं है, जो अपहृतों को जानने के बावजूद पत्नी को उनके कब्जे से नहीं छुड़ा पा रहा है.

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इक्कीस माह से अपहृत पत्नी की तलाश में भटक रहे धर्मपाल यादव न्याय की आस में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री, मानवाधिकार आयोग, महिला आयोग से लेकर डीएम, एसपी तक के समक्ष हाथ-पैर जोड़ चुके हैं, लेकिन धर्मपाल की दुर्दशा पर पत्थर दिल व्यवस्था का दिल अबतक नहीं पसीजा है. धर्मपाल ने पिछली मायावती सरकार के विधायक आसिफ खां बब्बू के गुर्गों पर पत्नी के अपहरण का आरोप लगाया था. 

बदायूं जिले के ग्राम बालाकिशनपुर के रहने वाले धर्मपाल की मानें तो बरेली से बिहार के कटियार हावड़ा एक्सप्रेस से 26 अक्टूबर, 2010 को सुसराल जाते वक्त पीडि़त धर्मपाल यादव की पत्नी सोनी हरदोई जिले के शाहाबाद क्षेत्र के आंझी रेलवे स्टेशन पर पानी भरने के लिए उतरी, उसके बाद ट्रेन चल पड़ी. सोनी स्टेशन पर छूट गई. ट्रेन अगले स्टेशन हरदोई पर रुकी तो धर्मपाल दोनों बच्चों के साथ उतरा और पत्नी को आंझी स्टेशन ढूंढने पहुंचा गया. 

स्टेशन पर पत्नी को तलाश करने पर पता चला कि उसकी पत्नी को थाना शाहाबाद क्षेत्र के गांव नौरोजपुर नगरिया निवासी प्रेमचंद अपने साथ हरदोई ले गया है. कई स्थानों पर उसने पत्नी को ढूंढा लेकिन वह नहीं मिली. बाद में जब वह आरोपितों से मिला तो उसे मारा पीटा गया. इसी बात को लेकर शाहाबाद पुलिस ने भी कई दिनों तक उसका उत्पीडऩ किया और जेल में बंद कर दिया और दो दिनों बाद छोड़ा. कई जगह गुहार लगाने के बाद भी अभी तक उसको इंसाफ नहीं मिला.  बावजूद इसके पत्नी को वापस पाने की आस धर्मपाल ने छोड़ी नहीं है और वह राजधानी लखनऊ के दारूलशफा में अपने चार वर्ष के पुत्र दीनदयाल के साथ धरना दे रहा है. . 

सोनी के लापता होने के काफी दिनों बाद स्थानीय पुलिस ने तत्कालीन एसपी लव कुमार के हस्तक्षेप के बाद  प्रेमचंद सहित कई लोगों के विरुद्घ 5 नवंबर, 2010 को मामला दर्ज किया. पुलिस ने प्रेमचंद को पकडक़र शांति भंग के आरोप में जेल भेज दिया. हालांकि बाद में धर्मपाल की दर्ज करायी गयी एनसीआर इंस्पेक्टर अरङ्क्षवद सिंह राठौर ने 24 मई, 2011 को धारा 164 में गुमशुदगी में तब्दील कर विवेचना उप निरीक्षक आरके शर्मा को सौंप दी. 

पुलिस ने सरताज निवासी नगला कल्लू, भंडारी निवासी दौलतपुर गंगादास, अवधेश और प्रेमचंद को पकड़ कर कई दिन तक पूछताछ की परंतु महिला का पता नहीं चल सका. शाहाबाद के तत्कालीन बसपा विधायक आसिफ खां बब्बू की हनक के सामने पुलिस ने फौरी कार्रवाई के अलावा कुछ खास नहीं किया. धर्मपाल ने विधायक आसिफ खां से मिलकर अपनी आपबीती सुनाई लेकिन आशवासन के बावजूद न्याय नहीं मिल पाया. 

पुलिस के रवैये से खफा धर्मपाल ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में शिकायती पत्र लिखकर आरोप लगाया कि उसकी पत्नी को तीन युवकों ने गायब कर दिया है. हाईकोर्ट ने धर्मपाल के पत्र का संज्ञान में लेते हुए मामले की सुनवाई कर मानवाधिकार आयोग को निर्देशित किया कि वह पंद्रह दिनों के अंदर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करे. इस मामले में एडीजी रिजवान अहमद ने 4 अगस्त, 2011 को घटना के लगभग 10 महीनों बाद जांच कर मामला जीआरपी पर डालकर मामले से पल्ला झाड़ लिया.

मामला मीडिया में उछलने और कोर्ट कचहरी तक पहुंचने पर बसपा विधायक ने धर्मपाल को धमकाने, डराने और देख लेने की बात कही लेकिन धर्मपाल ने निडरता से अपना संघर्ष जारी रखा और तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती को कई शिकायती पत्र भेजे.  इससे पहले  धर्मपाल दिल्ली के  जंतर-मंतर में भी साढे तीन महीने तक धरना दे चुका है.  

पिछले लगभह एक सप्ताह से लखनऊ में धरना दे रहे धर्मपाल ने एसीएम प्रथम को अपना शिकायती पत्र सौंपा है और रूटीन में मजिस्ट्रेट साहब ने  कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है धर्मपाल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलकर उन्हें अपना दुखड़ा सुनाना चाहता है. फिलहाल मुख्यमंत्री से मिलने की व्यवस्था नहीं हो रही है, लेकिन न्याय  की राह जोहती धर्मपाल की पत्थर हो चुकी आंखों में लडऩे और जूझने की चमक अभी भी शेष.

ashish.vashishth@janjwar.com

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