BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Friday, July 6, 2012

हिन्दू अर्थव्यवस्था को अपनाए दुनिया

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हिन्दू अर्थव्यवस्था को अपनाए दुनिया

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हांगकांग में हो रहे वर्ल्ड हिन्दू इकानॉमिक फ़ोरम के पहले दो दिवसीय सम्मेलन में दुनिया से केवल लाभ कमाने की लालसा से आर्थिक संसाधनों का दोहन किए जाने पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए शोषणकारी वृति कि बजाय आर्थिक सुचिता सम्पन्न नये विश्वव्यापी व्यापारिक ढांचा बनाए जाने पर बल दिया गया। विश्व भर के जाने माने अर्थशास्त्रियों, व्यवसाइयों, उद्योगपतियों, प्रवन्ध विशेषज्ञों व वैज्ञानिकों के इस अनुपम समागम ने जहां दुनिया में चारों ओर मचे आर्थिक हाहाकार पर चिन्ता व्यक्त की वहीं व्यापार के हिन्दू मॉडल पर काम करने पर बल दिया जिससे धरती को साधन सम्पन्न बनाने के साथ-साथ प्रत्येक मानव को स्वाबलम्बी बनाया जा सके।

हॉगकॉंग के गोल्डन मिले कोलून नामक स्थान पर स्थित होटल हॉली डे इन में हुए सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए मॉरीसस के उप प्रधानमंत्री श्री अनिल कुमार बचू ने दुनिया में बढती राजनैतिक अस्थिरता और आर्थिक विषमता तथा बढते वित्तीय संकट के लिए वर्तमान व्यापारिक ढांचे को दोषी करार दिया। उन्होंने दुनिया के अर्थशास्त्रियों से अपील की कि दुनिया के लिए एक ऐसा आर्थिक ढांचा बनाया जाना चाहिए जो गरीबी, भुखमरी व वेरोजगारी का दुश्मन किन्तु पर्यावरण व सतत् विकास का सच्चा मित्र हो। 

वर्ल्ड हिन्दू इकानॉमिक फ़ोरम की स्थापना आर्थिक संसाधनों को बढा कर जरूरतमंद लोगों तक पहुचाने, जाने माने आर्थिक विशेषज्ञों के तकनीकी ज्ञान को व्यावसायीयों के काम का बनाने तथा व्यापारियों, उद्योगपतियों, प्रवन्ध विशेषज्ञों व वैज्ञानिकों, प्रोफ़ेशनलों, तकनीकी विशेषज्ञों, बैंकरों व निवेशकों को एक मंच पर लाने के लिए की गई। इसका मुख्य उद्देश्य मानव को दयनीय स्थिति से बाहर निकाल कर एक समृद्ध विश्व समाज की स्थापना करना है। सम्मेलन में यूरोप, अफ़्रीका ऐशिया व अमेरिकी महाद्वीप के विभिन्न देशों से आए लगभग 250 विशेषज्ञ प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, हार्वर्ड विश्व विद्यालय के प्रोफ़ेसर व भारत के पूर्व व्यापार व कानून मंत्री डा सुभ्रमण्यम स्वामी ने कहा कि दुनिया को अब लालची व्यापारिक ढांचे से बाहर निकलकर एक सुचिता संपन्न व्यावसायिक मान विन्दुओं में ढालना होगा ताकि विश्व व्यापार को और विस्तृत और प्रभावीशाली बनाया जा सके।

लंदन स्कूल आफ़ इकानामिक्स के प्रोफ़ेसर डा गौतम सेन ने कहा कि दुनिया को यदि आर्थिक आत्मनिर्भर बना कर समानता का भाव जगाना है तो हिन्दू अर्थशास्त्र को अपनाना होगा तथा पिछडे समाज व अविकसित देशों को आगे लाने के प्रयास करने होंगे। भारतीय प्रवन्ध संस्थान, बेंगलोर के प्रोफ़ेसर डा आर वैद्यनाथन दुनिया के बढते आर्थिक संकट के लिए पाश्चात्य देशों में टूटती परिवार व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि इस संकट से प्रेरणा लेकर अब हमें एक ऐसे आर्थिक ढांचे का विकास करना होगा जो पर्यावरण रक्षक तथा पारस्परिक संम्बन्धों पर आधारिक होते हुए समाजोन्मुखी हो।

इसके अलावा वक्ताओं ने तात्कालिक व दीर्धगामी आर्थिक लछ्य निर्धारित करने, उन्हें पूरा करने हेतु एक विश्व व्यापी समर्थ संस्थान बनाने, अन्वेषण व तकनीकी ज्ञान के विस्तार आदि अनेक विषयों पर गहन विचार विमर्श किया। सम्मेलन को भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) के पूर्व प्रमुख डा जी माधवन नायर, लंदन चेम्बर आफ़ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज के चेयर मेन श्री सुभाष ठाकरार, परम कम्प्यूटर के अन्वेषक तथा सेन्टर फ़ोर डवलपिंग एडवांस कम्प्यूटिंग के पूर्व निदेशक डा विजय भटकर, जैन ईर्रीगेशन के श्री डी एन कुलकर्णी सहित अनेक वक्ताओं ने सम्बोधित किया।

सम्मेलन में भावी उधमियों की पहचान कर उन्हें हर प्रकार से तैयार करने, उनकी पूंजी का प्रवन्ध करने, प्रशिक्षण् व नेटवर्क से जोडने तथा बाजार का अध्ययन कर उन्हे महत्व पूर्ण आंकडे उपलब्ध कराने हेतु एक यंग हिन्दू बिजनिश लीडर फ़ोरम का गठन भी किया गया जिसकी पहली बैठक जनवरी 2013 में मुम्बई में बुलाई गई है। वर्ल्ड हिन्दू इकानोमिक फ़ोरम के इस पहले सम्मेलन की चहुमुखी सफ़लता के लिए फ़ोरम के सभी पदाधिकारियों ने तय किया कि फ़ोरम का अगला सम्मेलन वर्ष 2013 में बैंकाक में होगा।

(विनोद बंसल विश्व हिन्दू परिषद से जुड़े हुए हैं.)


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