---------- Forwarded message ----------
From: reyaz-ul-haque <beingred@gmail.com>
Date: Fri, Apr 27, 2012 at 5:15 PM
Subject: पुजारियों की पैदावार
To: bangasanskriti sahityasammilani <bngsnskrtshtsmmln4@gmail.com>
Cc:
जानी-मानी समाजशास्त्री मीरा नंदा ने इस लेख में दिखाया है कि किस तरह भारत की शासन व्यवस्था गले तक ब्राह्मणवादी कीचड़ में लिथड़ी हुई है. इसके साथ-साथ उन्होंने यह भी दिखाया है कि किस तरह सार्वजनिक संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए शिक्षा और खास कर उच्च शिक्षा में ब्राह्मणवादी मूल्यों और व्यवहारों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. तरह-तरह के पाखंडी बाबाओं और पुरोहितों-देवताओं के इस दौर में किस तरह वित्त पूंजी और ब्राह्मणवादी हिंदू फासीवाद गले में गले डाले विकास कर रहे हैं, मीरा नंदा के इस आलेख में देखा जा सकता है.
From: reyaz-ul-haque <beingred@gmail.com>
Date: Fri, Apr 27, 2012 at 5:15 PM
Subject: पुजारियों की पैदावार
To: bangasanskriti sahityasammilani <bngsnskrtshtsmmln4@gmail.com>
Cc:
जानी-मानी समाजशास्त्री मीरा नंदा ने इस लेख में दिखाया है कि किस तरह भारत की शासन व्यवस्था गले तक ब्राह्मणवादी कीचड़ में लिथड़ी हुई है. इसके साथ-साथ उन्होंने यह भी दिखाया है कि किस तरह सार्वजनिक संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए शिक्षा और खास कर उच्च शिक्षा में ब्राह्मणवादी मूल्यों और व्यवहारों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. तरह-तरह के पाखंडी बाबाओं और पुरोहितों-देवताओं के इस दौर में किस तरह वित्त पूंजी और ब्राह्मणवादी हिंदू फासीवाद गले में गले डाले विकास कर रहे हैं, मीरा नंदा के इस आलेख में देखा जा सकता है.
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