अहमदाबाद, तीन मार्च (एजेंसी) कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी की उस अर्जी को आज एक स्थानीय अदालत ने खारिज कर दिया, जिसके तहत उन्होंने गुजरात दंगों की एसआईटी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की थी। गौरतलब है कि वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के दौरान जाफरी मारे गए थे। मेट्रपोलिटन मजिस्ट्रेट एमएम भट्ट ने अर्जी खारिज करते हुए कहा कि विशेष जांच टीम :एसआईटी: की ओर से रिपोर्ट से जुड़ी सामग्री अभी अदालत को पेश किया जाना बाकी है। अदालत ने कहा कि अभी तक जांच टीम ने पूरी रिपोर्ट नहीं सौंपी है, इस स्तर को कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता। इसलिए रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है। अदालत ने इससे पहले एसआईटी को निर्देश दिया था कि वह 15 मार्च तक पूरी रिपोर्ट उसे सौंप दे। उच्चतम न्यायालय ने सितंबर 2011 के आदेश में एसआईटी को मजिस्ट्रेट अदालत में अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। साथ ही, यह भी कहा था कि यदि मजिस्ट्रेट इस मामले को बंद करने का फैसला करते हैं तो उन्हें एसआईटी की पूरी रिपोर्ट शिकायतकर्ता को मुहैया करनी होगी और इसे बंद करने से पहले उसकी दलील सुननी होगी। पिछले महीने एसआईटी ने जकिया की एक शिकायत पर अपनी अंतिम रिपोर्ट बंद लिफाफे में सौंपी थी। जकिया की शिकायत में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य शीर्ष नेता, पुलिस अधिकारियों तथा नौकरशाहों को 2002 के दंगों के मामले में आरोपी बनाने की मांग की गई थी। |
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