BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Monday, December 22, 2014

दिल्‍ली में सांस्‍कृतिक मंच के गठन के बारे में अगला फैसला -- कविता कृष्‍णपल्‍लवी

-- कविता कृष्‍णपल्‍लवी

 

9 अक्‍टूबर को मैंने फेसबुक के माध्‍यम से दिल्‍ली में साझा सांस्‍कृतिक सरगर्मियों, वैचारिक आपसी बातचीत और जन सरोकार से जुड़े मुद्दों पर सार्थक हस्‍तक्षेप के लिए एक मंच के गठन का प्रस्‍ताव रखा था (उस पोस्‍ट को मैंने दुबारा आज शेयर कर दिया है)। इस प्रस्‍ताव पर ढेरों सकारात्‍मक प्रस्‍ताव मिलने के बाद अगली पोस्‍ट 13 अक्‍टूबर को डाली, जिसमें संयोजन समिति के लिए नाम प्रस्‍तावित करने का अनुरोध किया गया था और मंच के नाम पर सुझाव भी माँगे गये थे (उस पोस्‍ट को भी आज मैंने दुबारा शेयर कर दिया है)।

अ‍ब, पर्याप्‍त समय लेकर विचार-विमर्श के बाद कुछ और निर्णायक कदम। ज्‍यादातर साथियों की राय बनी कि मंच का नाम 'अन्‍वेषा' रखा जाये। अत: मंच का नाम रहा: अन्‍वेषा

संयोजन समिति के लिए जिन नौ साथियों के नाम प्रस्‍ताव के तौर पर आये, उनसे बात चीत के बाद इन साथियों के नाम अन्तिम रूप से तय किये गये :संदीप संवाद(@sandeep samwad)आनन्‍द सिंह)(@anand singh) और राजकुमार(@raj kumar)। ये साथी क्रमश: दिल्‍ली, गाजियाबाद और गुड़गाँव में रहते हैं और फेसबुक पर मौजूद समानधर्मा साथियों के लिए परिचित नाम हैं। संयोजन समिति के संयो‍जक, यानी मंच के मुख्‍य संयोजक की भूमिका मेरी रहेगी।

अगले वर्ष जनवरी के महीने से मंच अपनी गतिविधियों की शुरुआत कर देगा। हमारा विचार  है पहले युवा कवियों के काव्‍यपाठ के एक आयोजन का। सभी साथी नाम सुझायें तो बेहतर होगा। यह तो तय ही है कि अवसरवादी ''वाममार्गी'', ओहदे-वजीफे-तमगे-इनाम-एज़ाज़-बख्शिश वगैरह के लिए दिल्‍ली से भोपाल, भोपाल से रायपुर, रायपुर से लखनऊ, लखनऊ से पटना, पटना से शिमला... उड़ते रहने वाले रंग-बिरंगे पंछियों की (जिनमें लाल कलँगी व लाल चोंच वाले भी शामिल हैं) यहाँ कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

मंच आगे 'मीडिया, सत्‍ता और वर्चस्‍व की राजनीति', 'भाषा, शिक्षा और मानसिक अनुकूलन', 'सत्‍ता, समाज और लेखकीय दायित्‍व' जैसे कुछ विषयों के अतिरिक्‍त सोशल मीडिया, हिन्‍दुत्‍ववादी कट्टरपंथ के सांस्‍कृतिक-सामाजिक आयाम, नवउदारवादी दौर की संस्‍कृति के विविध पक्षों, इतिहास से जुड़े विषयों, साहित्‍य-कला की वैचारिकी के विविध पहलुओं आदि  पर विचार गोष्‍ठी, अधिकारी विद्वानों के साथ वार्ता, परिसंवाद, कार्यशाला आदि का आयोजन करेगा। रचना गोष्ठियों का आयोजन नियमित रूप से किया जायेगा। साथियों से जितने सुझाव आये हैं उनके आधार पर इतना लिख रही हूँ। हमारी पुरजोर अपील है कि मंच के कार्यक्रमों के विषय और स्‍वरूप के बारे में आप अपने विचार हमें भेजें। फिलहाल मेरे मेसेज बॉक्‍स में या ई- मेल(kavita.krishnapallavi@gmail.com)पर भेजें। जल्‍दी ही हम मंच का अलग से पेज बना लेंगे और ई-मेल पता भी।

नये साल में हम नये उत्‍साह और संकल्‍प के साथ नयी शुरुआत करेंगे। हमारे सरोकार और हमारी प्रतिबद्धता का यदि तक़ाजा है तो प्रतिकूलतम परिस्थितियों में भी, अतीत की बहुतेरी विफलताओं के बावजूद, बहुतेरी समस्‍याओं के बावजूद, नयी शुरुआतें तो करनी ही पड़ेंगी। आखिरकार, उम्‍मीद ही तो एक ऐसी चीज़ है जो जिन्‍दा लोगों के लिए कभी बूढ़ी नहीं होती है। उम्‍मीदें तो पुनर्नवा वनस्‍पति के समान होती है।

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