BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Friday, December 26, 2014

भाजपा को आदिवासियों ने नहीं जिताया है एके पंकज

भाजपा को आदिवासियों ने नहीं जिताया है
एके पंकज

81 में से 28 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं. इनमें से 11 भाजपा, आजसू 2, निर्दलीय 2 और झामुमो ने 13 सीटें जीती हैं. दलितों के लिए आरक्षित 9 में से 5 पर भाजपा, 3 पर झाविमो और एक सीट पर आजसू ने कब्जा किया है. अब भाजपा की 37 सीटों में से यदि हम अजजा-अजा की 16 आरक्षित सीटें और वामपंथियों की दो सीटें (धनवार में माले-लिबरेशन और निरसा में मासस) निकाल दें तो सामान्य वर्ग की 19 सीटें बचती हैं. जो मुख्यतः औद्योगिक, शहरी, बाहरी आबादी से अतिक्रमित और बिहार-बंगाल के सीमावर्ती विधानसभा क्षेत्र हैं. जैसे, रांची, धनबाद, बोकारो, बेरमो, गिरिडीह, कोडरमा, जमशेदपुर, घाटशिला, दुमका, गुमला आदि. लगभग यही स्थिति उन आदिवासी सीटों की भी है जिनपर भाजपा को जीत मिली है. झाविमो, कांग्रेस और आजसू भी अधिकांशतः उन्हीं इलाकों में जीते हैं जहां बहिरागतों का स्पष्ट प्रभाव है. मतलब 81 में से सुरक्षित 37 (28 अजजा और 9 अजा) सीटें निकाल दें तो बचे हुए 44 सामान्य सीटों में से मात्र छह ही झामुमो को मिले हैं जो कि मुख्यतः मूलवासी सदान बहुल सीटें हैं. बहिरागतों के प्रभाव वाला एक भी सीट झामुमो के खाते में नहीं आया है.
भाजपा को आदिवासियों ने नहीं जिताया है  81 में से 28 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं. इनमें से 11 भाजपा, आजसू 2, निर्दलीय 2 और झामुमो ने 13 सीटें जीती हैं. दलितों के लिए आरक्षित 9 में से 5 पर भाजपा, 3 पर झाविमो और एक सीट पर आजसू ने कब्जा किया है.  अब भाजपा की 37 सीटों में से यदि हम अजजा-अजा की 16 आरक्षित सीटें और वामपंथियों की दो सीटें (धनवार में माले-लिबरेशन और निरसा में मासस) निकाल दें तो सामान्य वर्ग की 19 सीटें बचती हैं. जो मुख्यतः औद्योगिक, शहरी, बाहरी आबादी से अतिक्रमित और बिहार-बंगाल के सीमावर्ती विधानसभा क्षेत्र हैं. जैसे, रांची, धनबाद, बोकारो, बेरमो, गिरिडीह, कोडरमा, जमशेदपुर, घाटशिला, दुमका, गुमला आदि. लगभग यही स्थिति उन आदिवासी सीटों की भी है जिनपर भाजपा को जीत मिली है. झाविमो, कांग्रेस और आजसू भी अधिकांशतः उन्हीं इलाकों में जीते हैं जहां बहिरागतों का स्पष्ट प्रभाव है. मतलब 81 में से सुरक्षित 37 (28 अजजा और 9 अजा) सीटें निकाल दें तो बचे हुए 44 सामान्य सीटों में से मात्र छह ही झामुमो को मिले हैं जो कि मुख्यतः मूलवासी सदान बहुल सीटें हैं. बहिरागतों के प्रभाव वाला एक भी सीट झामुमो के खाते में नहीं आया है.

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