BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Saturday, June 30, 2012

सच्चर रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई

http://www.bbc.co.uk/hindi/regionalnews/story/2006/11/061117_sachhar_report_pm.shtml

सच्चर रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई
 

 
 
मुस्लिम समुदाय
भारत में मुसलमानों की आबादी क़रीब 15 प्रतिशत है
भारत में मुस्लिम समुदाय की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक स्थिति का अध्ययन करने के लिए नियुक्त की गई सच्चर समिति ने अपनी रिपोर्ट शुक्रवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंप दी है.

सच्चर समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में मुसलमानों की आर्थिक, सामाजिक और शिक्षा की स्थिति अन्य समुदायों की तुलना में काफ़ी ख़राब है.

समिति ने मुस्लिम समुदाय की स्थिति में सुधार के लिए शिक्षा और आर्थिक क्षेत्रों में विशेष कार्यक्रम चलाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया है.

प्रधानमंत्री ने अक्तूबर 2005 में न्यायधीश राजिंदर सच्चर के नेतृत्व में यह समिति बनाई थी.

इस समिति की रिपोर्ट के निष्कर्षों के देश के सामाजिक और आर्थिक ढांचे के अलावा राजनीति पर भी गहरे और दूरगामी परिणाम हो सकते हैं.

सात सदस्यीय सच्चर समिति ने देश के कई राज्यों में सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थानों से मिली जानकारी के आधार पर बनाई अपनी रिपोर्ट में देश में मुसलमानों की काफ़ी चिंताजनक तस्वीर पेश की है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में मुसलमान समुदाय आर्थिक, सामाजिक और शिक्षा के क्षेत्र में अन्य समुदायों के मुकाबले कहीं पिछड़ा है, इस समुदाय के पास शिक्षा के अवसरों की कमी है, सरकारी और निजी उद्दोगों में भी उसकी आबादी के अनुपात के अनुसार उसका प्रतिनिधित्व काफ़ी कम है.

रिपोर्ट स्वीकार करने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि समस्या से आँख चुराने के बजाय उसकी पेचीदगी और आयाम को समझना ज़रूरी है ताकि इसका हल निकाला जा सके, यह जानकारी पिछड़े समुदायों के लिए विशेष कार्यक्रम चलाने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी.

बहस और अमल

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि सच्चर समिति की रिपोर्ट को संसद में पेश किया जाएगा जहां उस पर विस्तार से बहस होगी ताकि मुस्लिम समुदाय के विकास के लिए ऐसे कार्यक्रम बनाए जा सकें जिन पर आम सहमति हो.

न्यायधीश सच्चर ने हालांकि रिपोर्ट में मुसलमानों की विभिन्न क्षेत्रों में स्थिति से संबंधित आंकड़े बताने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह अब रिपोर्ट अब प्रधानमंत्री के हाथों में है मगर पिछले कुछ हफ़्तों से कई अख़बारों में रिपोर्ट और अन्य स्रोतों के संदर्भ से जो आंकड़े सामने आए हैं वो चौंकाने वाले है.

मुस्लिम समुदाय
सच्चर समिति के अनुसार मुसलमानों का प्रतिनिधित्व आबादी के अनुपात में काफ़ी कम है

कुछ रिपोर्टों के अनुसार हालांकि देश में मुसलमानों की आबादी लगभग साढ़े पंद्रह प्रतिशत है वहीं सरकारी उच्च पदों में उनका प्रतिनिधित्व छह प्रतिशत से भी कम है.

चौदह ऐसे राज्य जहां मुसलमानों की संख्या अपेक्षाकृत ज़्यादा है वहां निचली अदालतों में उनका प्रतिशत आठ से भी कम है मगर देश के कई राज्यों की जेलों में मुस्लिम क़ैदियों की संख्या लगभग तीस से चालीस प्रतिशत तक है.

हाल में यूपीए सरकार के कुछ मंत्रियों ने मुसलमानों की स्थिति में सुधार के लिए आरक्षण की मांग भी रखी थी.

विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता अरुण जेटली ने हालांकि मुसलमानों की स्थिति में सुधार को समर्थन दिया है मगर सरकार को चेतावनी दी है कि वो इसमें वोटबैंक की राजनीति ना करे.

संसद में सच्चर समिति की रिपोर्ट पर बहस का फ़ैसला कर के यूपीए सरकार ने कुछ हद तक तो भारतीय जनता पार्टी के बाणों की धार को कुंद कर दिया है.

मगर राजनीतिक हलकों मे इस बात पर शायद ही दो राय हो कि सच्चर समिति के निष्कर्ष और सुझाव लंबे समय तक इस बहस को गर्म रखेंगे. इन सुझावों में मुसलमानों के लिए आरक्षण के प्रस्ताव की भी संभावना हो सकती है.

मुस्लिम समुदाय यह देखना चाहेगा कि सरकार इस मुद्दे पर संसद में सिर्फ़ बहस से संतुष्ट हो जाएगी या असल में क़दम उठाने का साहस भी करेगी.

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