BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Wednesday, April 13, 2016

बंगाल पहुंच रही है चुनाव आयोग की टीम,इसीलिए भूकंप? असम के मुख्यमंत्री के खिलाफ एफआईआर लेकिन बंगाल में गैरभाजपाई शिकायतों की सुनवाई नहीं! भाजपा की शिकायत पर ही कोलकाता के पुलिस कमिश्नर हटाये गये और कांग्रेस वाम की शिकायतों पर आयोग शांतिपूर्ण मतदान की रट लगा रहा! भूकंप से विकास की टल्ली बेपर्दा,बाकी मतदान से पहले हर इलाके में बिना भूकंप दहशत जारी! एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास हस्तक्षेप

बंगाल पहुंच रही है चुनाव आयोग की टीम,इसीलिए भूकंप?
असम के मुख्यमंत्री के खिलाफ एफआईआर लेकिन बंगाल में गैरभाजपाई शिकायतों की सुनवाई नहीं!
भाजपा की शिकायत पर ही कोलकाता के पुलिस कमिश्नर हटाये गये और कांग्रेस वाम की शिकायतों पर आयोग शांतिपूर्ण मतदान की रट लगा रहा!
भूकंप से विकास की टल्ली बेपर्दा,बाकी मतदान से पहले हर इलाके में बिना भूकंप दहशत जारी!
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
हस्तक्षेप
बंगाल में लगातार हिंसा और धांधली की खबरें हम मतदान के पहले चरण की शुरुआत से दे रहे हैं हस्तक्षेप पर।लोकतंत्र की हत्या पर चुनाव आयोग शर्मिंदा नहीं है,कल हमने लिखा था।मालूम नहीं चला है कि दो हजार शिकायतों के बावजूद जिस आयोग को शांतिपूर्ण मतदान का दावा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं हुई,उसकी नींद में खलल कैसे पड़ी।हम नहीं जानते कि उन्हें शर्म भी आती है या नहीं।


बहरहाल अब खबर है कि चुनाव आयोग की पूरी टीम माननीय मुख्य चुनाव आयुक्त कीअगुवाई में कोलकाता आ रही है ताकि बाकी चरणों में अमन चैन बना रहे और लोकतंत्र के उत्सव पर सत्ता पक्ष की भूमिका के बारे में कोई उंगली न उठे।हो सकता है कि थोड़ी बहुत शर्म बी आ रही होगी।चुनाव आयोग की टीम सचमुच क्या गुल खिलाती है या आती भी है क्या,इसे लेकर असमंजस की स्थिति है क्योंकि इस खबर की पुष्टि हो नहीं पा रही है।

गौरतलब है कि भाजपा ने उन सभी बूथों पर पुनर्मतदान कराने की मांग की है.जहां वोट 95 फीसद से ज्यादा पड़े।लगता तो यही है कि भाजपा की इसी मांग के मद्देनजर अचानक चुनाव आयोग की बेकार इंद्रियां काम करने लगी हैं।

गौरतलब है कि भाजपा नेता राहुल सिन्हा की शिकायत के बाद कोलकाता के पुलिस कमिश्नर को चुनाव आयोग ने कल ही हटा दिया है,लेकिन माकपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों से बदसलूकी और मारपीट,मीडियाकर्मियों से मारपीट,वोटरों को डराने धमकाने,बूथों के  अंदर बाहर हिंसा,लूटपाट और आगजनी की वारदातों और शत फीसद मतदान में धांधली की गैर भाजपाई शिकायतों का चुनाव आयोग ने संज्ञान नहीं लिया है।

जबकि माकपा महासचिव कामरेड सीताराम येचुरी समेत माकपा के नेता रोज रोज चुनाव आयोग जा जाकर निष्पक्ष और स्वत्त्र चुनाव सुनिश्चित कराने की मांग कर रहे हैं।कांग्रेस की तरफ से बी चुनाव आयोग की शिकायत की जा रही है।

लगता है कि आयोग गैरभाजपाई किसी शिकायत पर सुनवाई नहीं करेगा।जबकि असम की कथा दूसरी है क्योंकि बंगाल में वाम लोकतांत्रिक गठजोड़ को हराने का संघ परिवार का एजंडा है तो गंभीर से गंभीर आरोपों की सुनवाई नहीं हो रही है।दूसरी ओर संघ परिवार को अगप और उल्फा के सहारे असम को गुजरात बना देने का भरोसा है।तो वहां चुनाव आयोग सक्रिय है और  चुनाव आयोग ने असम के मुख्यमंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी, डीएम ने इसको सुनिश्चित कर बताया कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है। यहीं नहीं, दिल्ली में चुनाव आयोग सूत्रों ने बताया कि गोगोई के ऊपर चुनाव के दौरान संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर जन प्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप है।

इसी तरह कामरूप में चायगांव में एक मतदान केन्द्र पर वोट डालने आई एक गर्भवती महिला वापस जाते समय अपने बच्चे को वहीं भूल गई और जब वह बच्चा वापस लेने आई तो सीआरपीएफ के एक कांस्टेबल ने उसके साथ कथित रूप से 'बदसलूकी' की, जिसका वहां मौजूद लोगों ने विरोध किया और हालात काबू में करने के लिए पुलिस को हवा में गोलियां चलानी पड़ीं।

इसी के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में मतदान के दौरान चुनाव आयोग और केंद्रीय बलों के कार्य निष्पादन पर नाखुशी जाहिर करते हुए विपक्षी पार्टियों ने सोमवार को बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच 'मैच फिक्सिंग' का आरोप लगाया तथा सत्तारूढ़ पार्टी को मदद मिलने की बात कही। पश्चिम बंगाल वाम मोर्चा अध्यक्ष बिमान बोस ने कहा कि कुछ स्थानों पर लोगों ने स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से मतदान किया। कुछ स्थानों पर लोग तृणमूल कांग्रेस के गुंडों के आतंक के चलते ऐसा नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बल 'मैच फिक्सिंग' के चलते निष्क्रिय हैं।


मतदान के दौरान हुई गड़बड़ी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि छह घंटे में ही चुनाव आयोग के समक्ष 1878 शिकायतें पहुंच गईं। उधर, असम में भी सोमवार को दूसरे और अंतिम चरण का मतदान हुआ।

अधिकारियों ने बताया कि असम के बरपेटा जिले में सोरभोग विधानसभा क्षेत्र में एक मतदान केंद्र पर कतार बनाने को लेकर सीआरपीएफ कर्मियों और स्थानीय लोगों के झगड़े में एक 80 वर्षीय मतदाता की मौत हो गई।

इस घटना में तीन लोग घायल हो गए जिसमें सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट और एक कांस्टेबल भी शामिल है।

वहीं एक सीआरपीएफ कांस्टेबल द्वारा कथित रूप से गर्भवती मतदाता के साथ दुर्व्यवहार  करने का आरोप है।

बंगाल में जंगल महाल में अमूमन निष्क्रिय सीआरपी के जवान वोटरों और आम नागरिकों को बिना बात धुनते हुए देखे गये और यह सबकुऎछ लाइव है जिसपर आयोग ने कोई सुनवाई नहीं की।बूथ के बीतर माकपा की महिला एजंट को नंगा कर देने औरनीलाम कर देने की सत्ता पक्ष की धमकी को भी आयोग ने नजअंदाज कर दिया।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में पहले दो चरणों के चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर अपराध और आतंक का सहारा लेने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने मंगलवार को चुनाव आयोग से आने वाले चरणों के चुनाव को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष बनाना सुनिश्चित करने की मांग की है। पार्टी ने दावा किया कि उसके पूर्व के ऐसे आग्रह पर कदम नहीं उठाया गया। पार्टी के एक शिष्टमंडल ने मंगलवार को चुनाव आयोग के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि अधिकांश पर्यवेक्षक दिखाई नहीं देते और उपलब्ध नहीं रहते लिहाजा उनसे संवाद स्थापित नहीं हो पाता है।

बाद में जावड़ेकर ने संवाददताओं से कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम बंगाल में शांतिपूर्ण, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के संबंध में चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की और कुछ सुझाव भी दिये। चुनाव आयोग ने इन सुझावों का स्वागत करते हुये इन पर विचार करने का आश्वासन दिया है। जावड़ेकर ने कहा, "पश्चिमबंगाल में तृणमूल कांग्रेस की राजनीतिक जमीन खिसक रही है जिससे उसके 'गुंडे' हिंसा पर उतर आये हैं और मतदाताओं को डरा धमका रहे हैं।"

हालांकि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा चुनाव के पहले चरण के दूसर भाग के तहत सोमवार को हो रहे मतदान के दौरान कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान में गड़बड़ी का आरोप लगाया और निर्वाचन आयोग से 'सुरक्षात्मक कदम' उठाने की मांग की। पार्टी नेताओं ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी से अलग-अलग मुलाकात कर हस्तक्षेप करने की मांग की, ताकि शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित हो सके।

हो सकता है कि आज शाम आये भूकंप के पीछे बंगाल की राजनीति में चुनाव आयोग के इस अप्रत्याशित हस्तक्षेप की भी कोई भूमिका हो क्योंकि कांपा तो दिल्ली से लेकर बंगाल तक है।

म्यांमार में करीब सात रेक्टर स्केल के भूकंप से कोलकाता में दो बार जबर्दस्त कंपन महसूस हुआ और आईपीएल मैच शुरु होने से पहले खलबली भी मची।मेट्रो सेवा बंद कर दी गयी और देर तक मेट्रो से घर लौटते लोग सुरंग में फंसे रहे।

उनके लिए अंधेरे में जो दहशत है,रोशनी में वापसी के बाद वह कम नहीं होने वाली है क्योंकि टीवी के परदे पर म्यांमार में जमीन की गहराई में हुई हलचल की वजह से निर्माणाधीन मैट्रों के पुलों में दरारें दिखायी जा रही है और विकास का टल्ला खिलखिलाने लगा है।

हाल में बड़ा बाजार में जो अधबना पुल ध्वस्त हुआ,उसका मलबा अभी हटा नहीं है और अभी वहां से खबर नहीं आयी है कि भूकंप के बाद मलबे की सेहत क्या है।

कोलकाता में सविनय निवेदन के साथ वोटरों को मतदान से रोकने की रघुकुल रीति चली आ रही है।बूथों के अंदर पहुंच गये वोटरों को सत्ता पक्ष के लिए उंगली पकड़कर वोट डलवाने की वैज्ञानिक विधि भी जनगण को मालूम है।

जंगल महल के दो चरणों में सभी संवेदनशील सीटों के लिए मसलन सूर्यकांत मिश्र के नारायण गढ़ और मानस भुइयां के सबंग में नब्वे फीसद से ज्यादा वोट पड़े हैं।

दोनों ही सीटें पश्चिम मेदिनीपुर में हैं।

तो खास जंगल महल में बिन वोटर बूथों में भारी मतदान हुआ और वोटर जान बचाते भागते रहे।फरमान के मुताबिक बाल्टी भर भर कर दूध में पानी मिलाया जाता रहा और उसी दूध को पतंजलि का विशुद दूध बता रहा है चुनाव आयोग।

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