BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Friday, May 4, 2012

महिलाओं के खिलाफ अपराध के छह लाख से अधिक मामले

महिलाओं के खिलाफ अपराध के छह लाख से अधिक मामले

Friday, 04 May 2012 11:43

नई दिल्ली, 4 मई (एजेंसी)। सरकार ने गुरुवार को कहा कि 2008 से 2010 तक देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के छह लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।लोकसभा में राजेंद्र अग्रवाल के सवाल के लिखित जवाब में कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, 2008 और उसके बाद के दो साल में महिलाओं के खिलाफ अपराध के छह लाख 13,245 मामले दर्ज किए गए हैं।  
उन्होंने कहा कि 2008 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के।,95,856 मामले, 2009 में 2,03,804 मामले और 2010 में 2,13,585 मामले दर्ज किए गए। खुर्शीद ने कहा कि मामलों की लंबित संख्या कम करने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है और इस संबंध में महिलाओं के संरक्षण के लिए कानून बनाए हैं। 
महिला आयोग की सिफारिशें विचाराधीन: सरकार ने कहा कि दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 में संशोधन करने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग की सिफारिशों पर विचार किया जा रहा है। अलग-अलग मंत्रालयों और पक्षों से राय मांगी गई है। 
महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि आयोग की सिफारिशों में विवाह के समय मिलने वाले उपहारों की सूची का पंजीकरण किया जाना, उपहारों की सूची नहीं बनाने पर सजा का प्रावधान किया जाना, दहेज लेने और देने के लिए अलग सजा शामिल हैं। 
उन्होंने डा प्रभाकर कोरे के पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि आयोग की सिफारिशों पर सरकार विचार कर रही है। उन्होंने बताया कि कुछ सिफारिशों का गैर सरकारी संगठनों ने विरोध किया है। 
तीरथ ने बताया कि आयोग की सिफारिशों पर विभिन्न मंत्रालयों की बैठक में विचार किया गया और कानून मंत्रालय से सलाह कर दहेज प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक 2010 का मसविदा तैयार किया गया। अन्य पक्षों के साथ भी बैठकें की गर्इं और इन बैठकों में मिले सुझावों के परिप्रेक्ष्य में आयोग की सिफारिशों पर विचार जारी है। उन्होंने प्यारी मोहन महापात्र के पूरक प्रश्न पर बताया कि यह राज्य का विषय है और राज्यों ने इस संबंध में विशेष अधिकारियों की नियुक्तियां की हैं। ये अधिकारी शिकायत दर्ज करने से लेकर सलाहकार बोर्ड से नियमित संपर्क रखने और जिला मजिस्ट्रेट को मामलों के बारे में बताने सहित अन्य दायित्वों का निर्वाह करते हैं।

तीरथ ने बताया कि असम, बिहार, गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, मणिपुर, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, अंडमान निकोबार द्वीप समूह और चंडीगढ़ आदि में केंद्र की ओर से जारी आदर्श नियमावली के मुताबिक दहेज प्रतिषेध अधिनियम तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय दहेज प्रतिषेध अधिनियम के क्रियान्वयन पर निगरानी के लिए कोई योजना नहीं बनाई गई है और न ही ऐसा कोई प्रस्ताव है। 
उन्होंने डा कर्ण सिंह और डा बीसी मुंगेकर के पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि सबला योजना के माध्यम से 11 साल से 18 साल की लड़कियों को दहेज जैसी सामाजिक कुरीति के बारे मे जानकारी दी जाती है ताकि इस बुराई को दूर किया जा सके। नजमा हेपतुल्ला के पूरक प्रश्न पर तीरथ ने कहा कि कुछ राज्यों में गरीब अभिभावकों की पुत्रियों के विवाह में मदद के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं। लेकिन केंद्र ऐसी कोई योजना नहीं चला रहा है।
भाजपा की ही स्मृति ईरानी ने जानना चाहा कि क्या घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के लिए कोई बजट तय किया गया है क्योंकि दहेज घरेलू हिंसा का एक प्रमुख कारण है। इस पर तीरथ ने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग की सिफारिशों को लागू करते समय इस पर भी विचार किया जाएगा।

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