BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Wednesday, May 4, 2011

Fwd: ओसामा बिन लादेन की दूसरी मौत: एक नाटक की गंध



---------- Forwarded message ----------
From: reyaz-ul-haque <beingred@gmail.com>
Date: 2011/5/4
Subject: ओसामा बिन लादेन की दूसरी मौत: एक नाटक की गंध
To: deewan@mail.sarai.net, deewan@sarai.net


ओसामा बिन लादेन की हत्या की खबरें अनेक सवालों पर फिर से ध्यान खींचती हैं. इनमें सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि क्या किसी भी देश को दूसरे देश में अवैध-अनैतिक-अमानवीय फौजी कार्रवाइयों का अधिकार है. ऐसे हमले के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि लादेन, कथित तौर पर, उन हमलों के लिए जिम्मेदार था, जिनमें 3 हजार से अधिक लोगों की मौतें हुईं. इन हमलों और हमलावरों की वास्तविकताओं पर किये जानेवाले मजबूत संदेहों को छोड़ भी दें तब भी अगर बेगुनाह लोगों की हत्याओं का जिम्मेदार होना ही ऐसे हमलों के लिए वाजिब कारण है तब तो सारे हत्यारे बुशों और ओबामाओं को सैकड़ों बार गोलियों से मारना पड़ेगा. यूनियन कार्बाइड के मुखिया और भोपाल गैस जनसंहार में मारे गये बीसियों हजार लोगों और दो दशकों में इसकी पीड़ा अब भी भुगत रहे लाखों लोगों के अपराधी वारेन एंडरसन को किसने पनाह दी है ? उसे कौन बचा रहा है? 2009 से लेकर अब तक श्रीलंका में लाखों तमिल निवासियों के कत्लेआम के दोषी राजपक्षे की मदद किसने की और अब भी उसकी पीठ पर किसका हाथ है? विदर्भ में पिछले 15 वर्षों में 2.5 लाख से अधिक किसानों की (आत्म)हत्याओं के लिए जो (निजीकरण-उदारीकरण-वैश्वीकरण की) नीतियां जिम्मेदार हैं, उन्हें किसने बनाया और उन्हें कौन लागू कर रहा है? इराक में पिछले दो दशकों में प्रतिबंधों और युद्ध में जो 14 लाख 55 हजार से अधिक लोग मारे गये हैं, उनके लिए कौन जिम्मेदार है? पूरी दुनिया में लगातार युद्ध, प्रतिबंधों और सरकारी नीतियों के जरिए लोगों की जिंदगियों में संस्थागत हिंसा घोल रही साम्राज्यवादी नीतियां आखिर कौन लोग बनाते और थोपते हैं. अमेरिकी साम्राज्यवादी और उसके सहयोगी देश. इनके द्वारा की गयी हत्याएं 11 सितंबर को मारे गए लोगों की संख्या से सैकड़ों गुना अधिक हैं. इन्हें क्यों नहीं सजा मिलती? कब मिलेगी इन्हें सजा? फिर इन्हें क्या अधिकार है दूसरों को आतंकवादी कहने और मारने का?

इन सब सवालों के जवाब दुनिया की जनता खोज भी रही है और दे भी रही है. साम्राज्यवाद का ध्वस्त होना लाजिमी है. अपने इन हताशा में उठाये कदमों के जरिए ही वह अपने अंत के करीब भी आ रहा है. उसकी जीत का एक-एक जश्न, उसकी कामयाबी का एक-एक ऐलान उसकी कमजोरी और भावी अंत की ओर भी संकेत कर रहा है. ओसामा बिन लादेन की हत्या की खबर को भी इसी संदर्भ में देखना चाहिए. अमेरिकी अर्थशास्त्री, वाल स्ट्रीट जर्नल और बिजनेस वीक के पूर्व संपादक-स्तंभकार, अमेरिका की ट्रेजरी फॉर इकोनॉमिक पॉलिसी के सहायक सचिव पॉल क्रेग रॉबर्ट्स बता रहे हैं कि कैसे हत्या की इस खबर का सीधा संबंध विदेशी मुद्रा और व्यापार बाजार में डॉलर की पतली होती हालत और अमेरिकी अर्थव्यवस्था की डांवाडोल होती जा रही स्थिति से है. इन्फॉर्मेशन क्लियरिंग हाउस की पोस्ट. हाशिया का अनुवाद.

http://hashiya.blogspot.com/2011/05/blog-post.html

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Nothing is stable, except instability
Nothing is immovable, except movement. [ Engels, 1853 ]



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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