BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Sunday, August 30, 2015

गुजरात में ६०००० लघु उद्द्योग बंद क्यों हुए? कथित विकास पुरूष मोदी जवाब दो ! #NOMOre_2014

गुजरात में ६०००० लघु उद्द्योग बंद क्यों हुए? कथित विकास पुरूष मोदी जवाब दो ! #NOMOre_2014

नेशनल सैंपल सर्वे २०१४ के रिपोर्ट बताता है कि, पिछले दस वर्षों में- गुजरात में ६०००० लघु उद्द्योग बंद हुए. अगर प्रत्येक लघु इकाई में कम से कम १० लोग भी काम करते है तो इसका अर्थहुआ कम से कम ६ लाख लोगों का रोजगार छीन गया है. जबकि दक्षिण गुजरात की प्राइवेट स्टील कंपनी को २३८.५ करोड़ रूपये, तथा प्राइवेट पॉवर कंपनी को १६०.२६ करोड़ का फायदा पहुचायामोदी ने लगभग १००० करोड़ रूपये सरकारी खजाने को चूना लगाकर.

 

प्रत्य्क्ष विदेशी निवेश के मामले में ५ वें नंबर पर और कृषि उत्पादन में ८ वें नंबर पर गुजरात है. २००५-२०११ के बीच कृषि व आनुषंगिक क्षेत्रों में विकास दर महज ३.४४ प्रतिशत रही जबकि मोदीसरकार इसे दोहरे अंकों में प्रचारित कर रही है.

यहाँ पर उरवर्कों पर  प्रतिशत वैट लगता है जो कि देश भर में सबसे अधिक कीमत किसानों को अदा करना पड़ता है.

गुजरात के २८ जिलों के २२५ विकास खण्डों के ५७ प्रतिशत हिस्से में आज तक बिजली उपलब्ध नहीं है जबकि बिजली कनेक्शन के लिए ४,५५, ८८५ आवेदन २०११ में ही दिए गए थे जिसे आजतक उपलब्ध नहीं कराया जा सका है.

मोदी के सत्ता में आने से पहले गुजरात में सिर्फ १०००० करोड़ रूपये से कम कर्ज था जो बढ़कर दिसम्बर २०१२ में 1,३८,९७८ हजार करोड़ हो गया और आज २०१४-१५ में ,०७,६९५ हजारकरोड़ रूपये का सरकारी कर्ज हो गया है.

स्वास्थ्य सेवाओं पर १९९०९५ के दौरान .२५ प्रतिशत खर्च किया जाता था जो २००५१० में घटकर 0.७७ प्रतिशत रह गया है जो देशभर में नीचे के नंबर दो पायदान पर खड़ा है.ग्लोबल हंगर रिपोर्ट में देश के १७ राज्यों में से १३ वें स्थान पर है. २००१ में गुजरात में ३२ प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे थी जो अब बढ़कर ३९. फीसद हो गयी है.

घरों में शौचालय उपलब्ध कराने के मामले में गुजरात १० वें स्थान पर है. गुजरात के २९ प्रतिशत परिवारों को आज भी स्वच्छ व सुरक्षित पीने का पानी उपलब्ध नहीं है. यानि कि .७९ करोड़लोगों को पीने का साफ़ पानी नहीं मिलता.

राज्य में पढ़े-लिखे रेजिस्टर्ड बेरोजगारों की तादाद ३० लाख से भी ऊपर है. इसके बाबजूद यह एक सत्य है कि कार्पोरेट अम्बानी-अदानी ग्रुप को खूब अमीर बनने में सहयोग दिया है मोदीसरकार ने.

(साभार: मल्लिका साराभाईपंजाब केसरी,२० मार्च २०१४)


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