BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Thursday, May 28, 2015

मोदी के मंत्री समेत 55 फीसदी सांसदों ने नहीं खर्च किया एमपी फंड का एक भी रुपया


मोदी के मंत्री समेत 55 फीसदी सांसदों ने नहीं खर्च किया एमपी फंड का एक भी रुपया

सांसद निधि के इस्तेमाल को लेकर सांसदों की लापरवाही सामने आई है। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक कई सांसदों ने पिछले 1 साल में सांसद निधि का 1 रूपया भी विकास के कामों के लिए खर्च नहीं किया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर जब सांसद इस पैसे के इस्तेमाल को लेकर सतर्क नहीं है तो फिर उनको दी जा रही इस सुविधा की जरूरत क्या है।

आम आदमी विकास के लिए तड़पता रहा। केंद्र सरकार साल भर देश में विकास के लिए जी तोड़ मेहनत का दम भरती रही लेकिन जनता के चुने हुए सांसद विकास के प्रति उदासिन हैं। लोगों की सेवा का दम भरने वाले सांसदों के विकास के दावों का कैसे दम निकल रहा है। उसकी एक बानगी है सांसद निधि में बेकार पड़े करोड़ो रूपए। एक तरफ तो ये सांसद विकास के कामों को लेकर पैसों की तंगी का रोना रोते हैं, लेकिन जब सवाल ये पूछा जाता है कि 1 साल में सांसद निधि में मौजूद करोड़ों रूपयों का इस्तेमाल क्यों नहीं किया, तो जवाब हैरान करने वाला होता है।

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से बीजेपी के सांसद सवाल पूछते ही आपे से बाहर हो गए, लगे नियम कायदों की दलील देने। हालांकि इस सवाल का जवाब उन्हें नहीं देते बना की सांसद निधि को लेकर उनकी पहल प्रस्ताव और प्रयासों तक ही क्यों सिमट कर रह गई, उसका जमीन पर सही इस्तेमाल क्यों नहीं हुआ। सांसद निधि का सही इस्तेमाल ना करने की बात से सीधा मुकरते हुए बीजेपी आदित्यनाथ ने जवाबदेही सरकारी बाबुओं के पाल में डाल कर छुट्टी कर ली।

सांसद निधि को लेकर सवाल एक बार फिर इसलिए उठ खड़े हुए हैं क्योंकि दिल्ली में सरकार बदलने के बाद भी हालात जस के तस हैं। मोदी सरकार के तमाम दावों के बाद भी जनता सड़क, बिजली और पानी के लिए तरस रही है लेकिन सांसद निधि में करोड़ों रूपए यूं ही बेकार पड़े हैं। भिवानी से बीजेपी सांसद धर्मवीर सिंह ने अपने सांसद निधि का 98 फीसद पैसा खर्च किया है, जबकि आंकड़ों के मुताबिक 55 फीसदी सांसदों ने एमपीलैड फंड से 1 रूपया भी खर्च नहीं किया।

सांसद निधि से कन्नी काटने वालें सांसदों में दुनियाभर में विकास का ढिंढोरा पीटने वाले मोदी सरकार के कई मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ सांसद भी शामिल हैं।

राजनाथ सिंह (गृहमंत्री)
अनंत कुमार (रसायन और उर्वरक मंत्री)
सदानंद गौड़ा (कानून मंत्री)
कलराज मिश्र (लघु उद्योग मंत्री)
उमा भारती (जलसंसाधन मंत्री)
महेश शर्मा (पर्यटन मंत्री)
मनोज सिन्हा (रेल राज्य मंत्री)
वीके सिंह (विदेश राज्य मंत्री)
मुरली मनोहर जोशी (कानपुर से बीजेपी सांसद)
योगी आदित्यनाथ (गोरखपुर से बीजेपी सांसद)

सांसद निधि के तहत सांसदों को अपने इलाके के विकास के लिए हर साल 5 करोड़ रूपया मिलते है। हालांकि सांसद निधि को लेकर सांसदों का ये लापरवाह रवैया महज बीजेपी के सांसदों में ही नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से लेकर मुलायम सिंह यादव और पीएम नरेंद्र मोदी भी जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे का लोगों की भलाई के लिए सही से इस्तेमाल करने में नाकाम रहे हैं। ऐसे में सवाल है कि जब लोगों के खून पसीने की कमाई के करोड़ो रूपयों का सही इस्तेमाल नहीं हो रहा तो फिर सांसदों के लिए इस सुविधा को जारी रखने की जरूरत ही क्या है।

आई.के यदुवंशी's photo.

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