BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

Welcome

Website counter
website hit counter
website hit counters

Wednesday, September 4, 2013

खाद्य निगम नहीं,अब खाद्य मंत्रालय सीधे देगा राशन

खाद्य निगम नहीं,अब खाद्य मंत्रालय सीधे देगा राशन


उत्तर और दक्षिण कोलकाता और हावड़ा शहर के लिए राशन डीलर अब सीधे खाद्य मंत्रालय से राशन उठायेंगे।यह प्रयोग पूरा होते ही पूरे राज्यभर में यह व्यवस्था लागू होगी।


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​



खाद्यमंत्री हमेशा अपने विवादास्पद भाषणों के लिए चर्चा में रहे हैं।ज्योति प्रिय मल्लिक तो नये हैं।साठ के दशक में उत्कट खाद्य संकट और उत्ताल खाद्य आंदोलन के वक्त तत्कालीन केंद्रीय खाद्य मंत्री अतुल्यघोष ने बंगवासियों को बैंगल और केला खाने की सलाह दी थी।जिसे लेकर लोकप्रिय मुहावरे भी बन गये थे अनेक।गांधीवादी प्रतिबद्ध किंवदंती नेता अतुल्य घोष और तत्कालीन बंगाल के मुख्यमंत्री प्रफुल्ल सेन की जोड़ी सबसे अलोकप्रिय हो गयी और 1967 के आम चुनाव में ही बंगाल में परिवर्तन का सिलसिला शुरु हो गया।


समर्थ लोगों के कब्जे में हैं बीपीएल कार्ड।



बंगाल अब अनाज के मामले में आत्मनिर्भर माना जाता है।लेकिन इस राज्य में भी किसान आत्महत्या करते हैं। वाम सरकार ने कभी नहीं माना और न मां माटी मानुष की सरकीर मानती है।जनवितरम प्रणाली नाम के वास्ते हैं।एपीएल कार्ड धारकों को कुछ मिलता नहीं है।रासन कार्ड सिर्फ पहचान दस्तावेज है जो पैन आधार जमाने में अप्रासंगिक हो गया है। बीपीएल कार्ड गरीबी रेखा के नीचे के लोगों को सबको मिला है,ऐसा दावा सरकार भी नहीं करती। समर्थ लोगों के कब्जे में हैं बीपीएल कार्ड।


खाद्यसुरक्षा


अब संसद ने खाद्य सुरक्षा कानून पास कर दिया है।कांग्रेसी राज्यसरकारों ने अध्यादेश के दम पर राजीव जयंती पर ही यह योजना लागू कर दी है। देर सवेर बंगाल में बी यह योजना लागू करनी होगी। जनसंख्या के 67 प्रतिशत लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा है। बाकी 33 प्रतिशत लोगों को योजना के बाहर कैसे छांट दिया जाये,यह राज्य सरकार के लिए सबसे बड़ा राजनैतिक सरदर्द का सबब बनने जा रहा है।


जनवितरण प्रणाली


बंगाल में बाकी राज्यों की तरह जनवितरण प्रणाली खस्ताहाल है।किसको राशन मिलता है और किसको नहीं,क्यों नहीं मिलता राशन,ये अब अनुत्तरित यक्षप्रश्न है।खाद्य सुरक्षा योजना लागू करने के लिए जनवितरण प्रणाली को दुरुस्त करना सबसे अहम कार्यभार है।


खाद्य क्रांति


कामरेड ज्योति बसु नहीं रहे।लेकिन परिवर्तनपंथी ज्योतिप्रिय मलिलिक खाद्यमंत्री हैं।अब तक वे माकपा विरोधी सनसनीखेज बयानों से खूब सुर्खियां बटोरते रहे हैं।लेकिन अब वे खाद्य क्रांति कर ही डालने के मूड में हैं।


खाद्यनिगम


अब तक राशन डीलर खाद्य निगम से सीधे राशन लेते रहे हैं। राज्य सरकार ने निगरानी व्यवस्था बी बना दी है।लेकिन यह राज जाहिर है कि नहीं खुला कि काद्यनिगम से राशन की दुकान तक पहुंचते पहुंचते कहां किस मुकाम पर गायब हो जाता है जनता का राशन।


ज्योति बाबू का रामवाण


उत्तर और दक्षिण कोलकाता और हावड़ा शहर के लिए राशन डीलर अब सीधे खाद्य मंत्रालय से राशन उठायेंगे।यह प्रयोग पूरा होते ही पूरे राज्यभर में यह व्यवस्था लागू होगी।खाद्य मंत्रालयही राज्यभर का राशन खाद्य निगम से उठायेगा और डीलरों को बांटेगा। डीलरों से खाद्य निगम के तार तोड़ दिये जाएंगे।मंत्रालय से राशन उठाने केबाद अगर जनता तक नहीं पहुंचा राशन तो डीलरों को समझ लेगी सरकार।


मदनबाबू का अवदान


इस खाद्य क्रांति में मदनबाबू साझेदार हैं। खाद्य निगम से पूरा राशन उठाकर खाद्य मंत्रालयतक पहुंचाने के महती काम को वे अंजाम देंगे।फिलहाल कोलकात और हावड़ा के राशन के लिए खाद्य मंत्रालय ने 280 ट्रक मांगे हैं।राज्यभर के राशन की ढुलाई के लिए ट्रकों का सारा इंतजाम मदनबाबू देखेंगे।दोनों मंत्रियों की बैठक हो चुकी है और युगलबंदी की सहमति भी हो गयी है।


अब विलंबित लय का आनंद उठाइये।



No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...