BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Saturday, May 5, 2012

एनसीटीसी पर गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों का पुरज़ोर विरोध

Saturday, 05 May 2012 16:15

नयी दिल्ली, पांच मई (एजेंसी) गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों की ओर से केंद्र को एनसीटीसी पर आज कडे़ विरोध का सामना करना पडा़।

इन मुख्यमंत्रियों ने एनसीटीसी को राज्यों के अधिकारों का हनन करार दिया।
एनसीटीसी पर मुख्यमंत्रियों की बैठक में केन्रद सरकार पर निशाना साधने वाले मुख्यमंत्रियों में गुजरात के नरेन््रद मोदी और तमिलनाडु की जे जयललिता अग्रणी रहे । संप्रग के महत्वपूर्ण घटक तृणमूल कांग्रेस की नेता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी एनसीटीसी को अस्वीकार्य बताया ।
केन््रद सरकार पर ' पुराने जमाने के लाट साहब ' जैसा बर्ताव करने का आरोप मढते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन््रद मोदी ने कहा कि एनसीटीसी का गठन केन््रद को सर्वव्यापी शासक और राज्यों को निर्भर दास के रूप में दर्शाने की सोची समझी रणनीति है ।
मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लडाई के लिए स्पष्ट नजरिये और मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है । इसके लिए रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए गंभीर नजरिया चाहिए ।
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता ने एनसीटीसी का जबर्दस्त विरोध करते हुए केन््रद पर आरोप मढा कि वह देश को तानाशाही की ओर ले जा रहा है । गृह मंत्री पी चिदंबरम पर चौतरफा हमला बोलते हुए जयललिता ने कहा कि केन््रद तमिलनाडु की काफी ज्यादा अवमानना कर रहा है । उसने एनसीटीसी के गठन के आदेश की प्रति तक राज्य को नहीं भेजी ।
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित एनसीटीसी की ओवरहालिंग करने और मुख्यमंत्रियों की एक छोटी उप समिति बनाने की जरूरत है। उप समिति जब तक अपनी रपट न दे दे तब तक एनसीटीसी को किनारे रखना चाहिए । जब तक एनसीटीसी की अधिसूचना लागू है, उसके बारे में कोई भी चर्चा बेकार है ।
बैठक का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एनसीटीसी के गठन की जोरदार वकालत की । उन्होंने राज्य सरकारों से कहा कि वे आतंकवाद से निपटने में केन््रद के साथ रहें । आतंकवाद से निपटने के लिए देश को एक मजबूत राष्ट्रीय नजरिया एवं रणनीति कायम करनी होगी ।
सिंह ने कहा, '' आतंकवाद आज हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बडेÞ खतरों में से है । इस बात से कोई असहमति नहीं है कि एक प्रभावशाली आतंकवाद रोधी व्यवस्था बने और प्रभावशाली तंत्र एवं जवाबी प्रणाली राष्ट्रीय एवं राज्य दोनों स्तरों पर हो। ''
एनसीटीसी के गठन समर्थन करते हुए केन््रदीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि देश को सुरक्षित बनाने के लिए केन््रद और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा ।
चिदंबरम ने कहा कि आतंकवादी देशों या राज्यों की सीमाओं को नहीं मानते और आतंकवादी खतरा अब भौगोलिक सीमाओं से आगे नये आयाम बना रहा है ।
उन्होंने कहा, '' हमें मिलकर काम करना होगा । साथ मिलकर । राज्य सरकारें और केन््रद सरकार को मिलकर काम करना होगा । विपक्ष और सत्तापक्ष को मिलकर काम करना होगा । सामाजिक संगठनों और सरकारी संस्थाओं को मिलकर काम करना होगा । मुझे यकीन है कि हम देश को सुरक्षित बना सकते हैं । ''
उधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एनसीटीसी के गठन को लेकर एकतरफा फैसला करने के लिए केन््रद की भर्त्सना की । उन्होंने कहा कि प्रस्तावित एनसीटीसी उनके राज्य को स्वीकार्य नहीं है ।
ममता ने कहा कि गिरफ्तारी और जब्त करने के प्रस्तावित अधिकारों से संपन्न एनसीटीसी जैसी संस्थाओं के गठन से देश के संघीय ढांचे को नुकसान होगा । उन्होंने केन््रद सरकार से आग्रह किया कि वह एनसीटीसी के बारे में अपना आदेश वापस ले ।

ममता ने कहा, '' यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि इन संघीय सिद्धांतों का अपमान करते हुए केन््रदीय गृह मंत्रालय द्वारा राज्यों से पर्याप्त सलाह मशविरा किये बिना तीन फरवरी 2012 को सरकारी आदेश के जरिए एनसीटीसी का गठन किया गया । ''
उन्होंने कहा कि केन््रद ने ऐसे मामले में इस तरह का एकतरफा फैसला किया, जो राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता है । इससे केन््रद और राज्यों के बीच भरोसे की और कमी ही आएगी । 
छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि यदि राज्य सरकारों के सुझाव शामिल किये जाते हैं और प्रस्तावित एनसीटीसी में संशोधन होता है तो हम उसका समर्थन कर सकते हैं ।
सिंह ने यहां एनसीटीसी पर मुख्यमंत्रियों की बैठक के बाद संवाददाताओं से अलग से कहा, '' हमने एनसीटीसी में संशोधन के लिए कुछ सुझाव दिये हैं । यदि उचित संशोधन होता है तो हम उसका समर्थन करने के लिए राजी हो सकते हैं । ''
एनसीटीसी के गठन का विरोध करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह प्रस्ताव संघवाद के सिद्धांत का उल्लंघन करता है ।
आपातकाल के दिनों की याद दिलाते हुए नीतीश ने कहा कि यदि केन््रद सरकार की किसी खुफिया एजेंसी को इस तरह के अधिकार दिये गये तो पूरी संभावना है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ उसका दुरूपयोग हो ।
उन्होंने कहा कि यह स्मरण करने के लिए इतिहास में ज्यादा पीछे जाने की जरूरत नहीं है कि प्रख्यात राजनेताओं को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया था और 1975 से 1977 के बीच आपातकाल में उन लोगों को सीखचों के पीछे भेज दिया गया था ।
उम्मीद के मुताबिक कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने एनसीटीसी के गठन का जोरदार समर्थन किया ।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलौत ने कहा कि प्रस्तावित केन््रद   का गठन राज्यों के अधिकारों का हनन नहीं करता ।
गहलौत ने कुछ सुझाव भी दिये । उन्होंने कहा कि एनसीटीसी और राज्यों के बीच दोतरफा संवाद होना चाहिए । एनसीटीसी तभी अधिक प्रभावशाली बनेगा, जब वह राज्यों के साथ सूचनाएं साझा करे ।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरन कुमार रेडडी ने कहा कि प्रस्तावित एनसीटीसी सुनियोजित पहल है ।
एनसीटीसी से आतंकवाद के खिलाफ हमारी लडाई को लेकर हो रहे प्रयास और मजबूत होंगे । खुफिया जानकारी को एकत्र करने, उनका विश्लेषण करने और उनके आदान प्रदान के लिए एनसीटीसी साझा मंच होगा ।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि केन््रद और राज्यों को साथ मिलकर आतंकवाद से निपटना चाहिए । उन्होंने कहा कि प्रस्तावित एनसीटीसी की मानक कार्रवाई प्रक्रिया : एसओपी : राज्य सरकारों के अधिकारों उल्लंघन करती है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि कोई भी लोकतांत्रिक देश अपनी खुफिया एजेंसियों को व्यापक अधिकार नहीं देता इसलिए एनसीटीसी को खुफिया ब्यूरो के तहत नहीं रखना चाहिए ।
पटनायक ने कहा कि एनसीटीसी उन्हें उसके मौजूदा स्वरूप में स्वीकार्य नहीं है ।
कांग्रेस के सहयोगी दल नेशनल कांफ्रेंस नेता और जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एनसीटीसी को लेकर यह कहते हुए आपत्ति जतायी कि इसका मौजूदा स्वरूप इसे विवादास्पद सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून : एएफएसपीए : जैसा कठोर बनाता है ।

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