BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Thursday, May 3, 2012

पदोन्नति में आरक्षण के लिए अधिकांश दल संविधान संशोधन के पक्ष में

पदोन्नति में आरक्षण के लिए अधिकांश दल संविधान संशोधन के पक्ष में

Thursday, 03 May 2012 17:00

नयी दिल्ली, तीन मई (एजेंसी) अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ दिए जाने का समर्थन करते हुए बसपा सहित अधिकांश दलों ने आज राज्यसभा में इसके लिए संविधान संशोधन की मांग की। पदोन्नति मामले में आरक्षण का लाभ देने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले को हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया था। बसपा सहित विभिन्न दलों का मानना था कि शीर्ष अदालत के फैसले से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए संविधान में संशोधन आवश्यक है अन्यथा हजारों अजा....अजजा कर्मचारियों के हितों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
बसपा के सतीश चं्रद मिश्रा ने इस मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि न्यायालय के फैसले से ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है जिस पर सदन में चर्चा करना जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा ''अन्यथा स्थिति बहुत बुरी हो जाएगी।''
उन्होंने कहा कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इसमें हस्तक्षेप करना जरूरी है।     मिश्रा ने संविधान संशोधन के लिए विभिन्न दलों से समर्थन की अपील भी की। उन्होंने कहा कि संसद को अब विचार करना है। राष्ट्रपति यह मामला उच्चतम न्यायालय में संदर्भित नहीं कर सकतीं। वह कोई समाधान नहीं होगा।
बसपा सदस्य ने कहा कि अजा और अजजा कर्मचारी प्रभावित हो रहे हैं और अगर न्यायालय की व्यवस्था को नहीं बदला गया तो इन कर्मचारियों को उनके मूल पदों पर भेज दिया जाएगा। 
मिश्र ने कहा कि बसपा प्रमुख मायावती ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को पत्र लिख कर इस मामले को उठाया है। उन्होंने मांग की है कि कें्रद को संसद के मौजूदा सत्र में ही संविधान संशोधन ला कर अजा एवं अजजा कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने की व्यवस्था को फिर से बहाल करना चाहिए।
कांग्रेस के बालचं्रद मुंगेकर ने आरक्षण का समर्थन करते हुए कहा कि संविधान के इस प्रावधान के चलते अनुसूचित जाति जनजाति वगो' की सामाजिक आर्थिक एवं शैक्षिक स्थिति पर काफी हद तक अनुकूल प्रभाव पड़ा है। 
मुंगेकर ने कहा कि कें्रद में एक भी सचिव अजा वर्ग का नहीं है। आरक्षण को जनसंख्या में आनुपातिक स्तर से दिया जाना चाहिए। आरक्षण के मामले में 50 प्रतिशत की सीमा नहीं लगाई जानी चाहिए। 

उन्होंने कहा कि यह बड़े अफसोस की बात है कि देश में अभी भी क्षमता को जाति, धर्म, लिंग आदि से जोड़ कर देखा जाता है। भारत का संविधान सामाजिक आर्थिक समानता की दिशा में पहला महत्वपूर्ण हस्तक्षेप है।
भाजपा के थावर चंद गहलोत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था के खिलाफ या तो पूर्ण पीठ में अपील हो या संविधान में संशोधन किया जाए। अदालत की व्यवस्था की वजह से अजा अजजा वर्ग के अधिकारों का हनन हुआ है।
माकपा के टी के रंगराजन ने कहा कि चाहे कितने संविधान संशोधन कर लिए जाएं लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र में अजा अजजा वर्ग के उम्मीदवारों के नामों पर विचार नहीं किया जाता है। 
उन्होंने कहा कि संविधान में संशोधन नहीं बल्कि मानसिकता में बदलाव ज्यादा जरूरी है क्योंकि केवल कानून से ही स्थिति में सुधार नहीं होगा 
रंगराजन ने कहा कि चयन समितियों में अजा अजजा वर्ग के लोगों को समुचित प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए। पदोन्नति वाली नौकरियों में भी इन वगो' को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। साथ ही इन वगो' के लिए अतिरिक्त पदों का सृृजन भी किया जाना चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय ने कहा कि देश को आजाद हुए 60 साल हो चुके हैं लेकिन आज तक हमें आरक्षण के मुद्दे पर संसद में बहस करने की जरूरत पड़ रही है। 
उन्होंने कहा कि संसद में ऐसे समुचित कानून बनाए जाने चाहिए जिससे आरक्षण के मुद्दों से जुड़े विभिन्न विवादों का स्थायी समाधान हो सके।
सपा के रामगोपाल यादव ने कहा कि उनकी पार्टी पदोन्नति में आरक्षण दिए जाने के सिद्धांत से सहमत है लेकिन ज्येष्ठ वरिष्ठता के मुद्दे पर उसे आपत्ति है। 
उन्होंने कहा कि ज्येष्ठ वरिष्ठता के सिद्धांत में कई व्यवहारिक खामियां हैं जिसके चलते अजा और अजजा वर्ग के अलावा अन्य कर्मचारियों को पदोन्नति पाने में काफी कठिनाइयां होंगी।

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