BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Wednesday, May 9, 2012

साम्राज्यवाद के पुरातन गढ़ में 'साम्राज्यवादी'

http://www.janjwar.com/2011-05-27-09-06-02/2011-05-27-09-06-23/2604-mamta-banarjee-hillary-clinton-west-bengal

परिवर्तनपंथियों ने भी क्या सोचा होगा​ ​ कि राइटर्स में फिर फोर्ट विलियम के दृश्य बनेंगे और साम्राज्ववादी कारपोरेट अश्वमेध के घोड़े वहीं से रवाना होंगे. नंदीग्राम नरसंहार के विरुद्द सड़क पर उतरे बंगाल को क्या मालूम था कि उसके सीने पर आत्मसमर्पण का निर्लज्ज प्रदर्शन होगा...

पलाश विश्वास

अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को यहां राज्य सचिवालय में मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच खुदरा क्षेत्र एफडीआई, तीस्ता जल संधि और राज्य में अमेरिकी निवेश जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा चर्चा हुई. ममता बनर्जी और हिलेरी क्लिंटन के जरिये अमेरिकी कारपोरेट साम्राज्यवाद ने पूरब का दरवाजा खोल दिया.

mamata-clinton

एशिया में साम्राज्यवाद के पुरातन गढ़ कोलकाता में 34 साल तक राज करने वाले मार्क्सवादियों के अवसान के बाद ऐतिहासिक​ ​साम्राज्यवादी पहल हो गयी है. ममता ने इस बातचीत को सकारात्मक बताया है. ममता ने कहा एफडीआई के मुद्दे पर हिलेरी से बातचीत हुई और अमेरिका शिक्षा के क्षेत्र में हमारी मदद करेगा.

हिलेरी की सवारी में कोलकाता की खामोश भागीदारी के साथ भारत में खुले बाजार की अर्थव्यवस्था और अमेरिकापरस्त राजनीति के विरुद्ध रहे सहे जनप्रतिरोध का जनाजा निकल गया है. नंदीग्राम, सिंगुर, लालगढ़ जनप्रतिरोधों का हश्र आखिर वही हुआ जो 1974 के संपूर्ण क्रांति का हुआ और जो मध्यपूर्व में अरब वसंत का होने जा ​​रहा है. हम जब आपातकाल लगने से पहले अपनी पीढ़ी के युवाजनों के साथ सड़क पर उतरकर तानाशाही के विरुद्ध आवाज बुलंद कर रहे थे, तब दुःस्वप्न में भी नहीं सोचा था कि यह खुले बाजार का पहला पड़ाव है और इंदिरा के विरोध के बहाने भारत में बाजार की ताकतों के प्रभुत्व का​ ​ पहला चेकपोस्ट.

चौंतीस साल के मार्क्सवादी ब्राह्मणवादी वर्चस्व को तोड़ने के लिए लामबंद होने से पहले परिवर्तनपंथियों ने भी क्या सोचा होगा​ ​ कि राइटर्स में फिर फोर्ट विलियम के दृश्य बनेंगे और साम्राज्ववादी कारपोरेट अश्वमेध के घोड़े वहीं से रवाना होंगे दसों दिशाओं में! नंदीग्राम नरसंहार के विरुद्द सड़क पर उतरे बंगाल को क्या मालूम था कि उसके सीने पर फिर जीता जायेगा पलाशी का महायुद्ध आत्मसमर्पण और विश्वासघात के निर्लज्ज प्रदर्शन के मध्य?

हिलेरी की किसी भारतीय मुख्‍यमंत्री से पहली सीधी मुलाकात है. दोनों नेताओं में विचार विमर्श राइटर्स बिल्डिंग में हुई . इस अवसर पर अंगरेजों के जमाने की इस इमारत को नये सिरे से सजाया गया .अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने सोमवार को कहा कि वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भविष्य के प्रति दृष्टिकोण जानना चाहती हैं. मैं इस विश्वास के साथ यहां आई हूं कि भारत कहीं भी किसी से भी प्रतियोगिता कर सकता है.

हिलेरी ने ईरान से तेल आयात कम करने के लिए और अधिक कदम उठाए जाने पर भी जोर दिया. हिलेरी ने समारोह में कहा कि पूर्वी भारत की अर्थव्यवस्था के साथ ही इसका राजनीतिक महत्व भी बहुत है. अमरीकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि पूर्वी भारत में व्यवसाय की अपार संभावनाएं हैं! हिलेरी क्लिंटन ने अपने देश में भारतीय मूल के अमेरिकियों के अविश्वसनीय योगदान की तारीफ करते हुए सोमवार को कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों का केंद्र जनता के आपसी संबंध हैं.

संबोधित करते हुए क्लिंटन ने कहा कि एक लाख से ज्यादा भारतीय छात्रों ने अमेरिका में पढ़ाई की है. उन्होंने कहा, 'हमारे बीच कई कड़ियां हैं, हम इन्हें प्रोत्साहित करने के साथ और कड़ियां बनाना चाहते हैं.' क्लिंटन ने अपने भाषण की शुरुआत में रवींद्रनाथ टेगौर को भी याद किया और कहा, 'जब मैं कॉलेज में थी, तब मैंने उन्हें जाना था.'

तीन दिवसीय के भारत दौरे पर आईं अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात के अलावा शाम को हिलेरी दिल्ली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलीं .

केन्द्र सरकार रिटेल सेक्टर में एफडीआई चाह रही है लेकिन ममता बनर्जी के विरोध के कारण इसे अमली जामा पहनाने में दिक्कतें आ रही हैं. पर हकीकत यह है कि यह बनावटी साम्यवादी तेवर​ ​ बंगाल का परंपरागत ब्राह्मणवादी वर्चस्व का निहायत खूबसूरत फरेब है, जिसके दम पर ३४ साल तक पहले वामपंथियों ने राज किया और अब सिर्फ सत्ता का चेहरा बदला है, चरित्र नहीं. दीदी वहीं कर रही हैं जो वामपंथी कर रहे थे. सत्तावर्ग के हित, जो बाजार के हित भी हैं, उनसे परे उनका भी कोई अलग एजेंडा नहीं है.

दीदी के तार अब वाशिंगटन से जुड़ चुके हैं. बाजार को उम्मीद हैं कि हिलेरी की यात्रा से रीटेल एफडीआई और एशिया प्रशांत महासागर में खुले बाजार के विस्तार के साथ दक्षिण पूर्व एशिया में चीनी वर्चस्व के अवसान के सारे दरवाजे एकमुश्त खुलेंगे. इस मुलाकात के जरिये इंडिया इनकारपोरेशन की तमाम मुश्किलें आसान हो जाने की उम्मीद है. पिछले साल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ढाका यात्रा के दौरान तीस्ता समझौता पर हस्ताक्षर का प्रस्ताव था, लेकिन आखिरी क्षणों में जल की मात्रा पर बनर्जी के विरोध के कारण हस्ताक्षर का प्रस्ताव टाल दिया गया. जाहिर है अब यह समझौता हिलेरी करा देंगी.

हमें नहीं मालूम कि क्षत्रपों की सिरमौर से एकांत वार्तालाप के दरम्यान अमेरिकी हितों के मद्देनजर भारत के सत्ता समीकरण के लिए क्या क्या नूस्खे तैयार किये गये हैं और विश्व बैंक के एक और कारिंदे प्रणव मुखर्जी को क्या हासिल हुआ! इनका खुलासा बाद में होगा. पर अहम बात है कि अमेरिकी हितों के संरक्षण में कालीघाट की देवी न्यूयार्क की स्वतंत्रता की मूरत में तब्दील है और दांव उन्हीं पर लगा है. पूंजी का अबाध प्रवाह सुनिश्चत करने के लिए क्या क्या सौदे हो गये. फिलहाल इसका ब्यौरा मिलना तनिक मुश्किल है.

चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई के मामले पर हिलेरी ने कहा कि अमरीका अलकायदा को पूरी तरह से निष्क्रिय करना चाहता है और उनका मानना है कि संगठन का प्रमुख आयमान अल जवाहिरी पाकिस्तान में ही है.क्लिंटन ने कहा, 'हम अलकायदा को तबाह करना चाहते हैं. हम मानते हैं कि अलजवाहिरी पाकिस्तान में है. आपको जो मारने की कोशिश कर रहे हैं, आपको उन तक पहुंचना होगा. आपको उन्हें निशाना बनाना होगा.

अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि आतंकवादी संगठन अलकायदा का सरगना अयमान अल जवाहिरी पाकिस्तान में है. पाकिस्तान के ऐबटाबाद में पिछले साल दो मई को ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद इजिप्ट मूल के कट्टरपंथी अल-जवाहिरी ने अलकायदा की कमान संभाली थी.

 palash-biswasपत्रकार पलाश विश्वास सामाजिक संघर्षों से जुड़े हुए हैं.

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