BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Wednesday, February 1, 2012

राजीव गांधी दिलों में बसने वाले नेता, प्रणव भाई की तरह : ममता

Wednesday, 01 February 2012 12:19

कोलकाता, एक फरवरी (एजेंसी) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कई बार ऐसा लगा कि कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें छला है लेकिन अपनी किताब में उन्होंने दिवंगत राजीव गांधी को ''हमारे दिलों में बसने वाले नेता'' और प्रणव मुखर्जी को अपने भाई के समान बताया है। जब ममता कांग्रेस में थीं तब वर्ष 1991 में कोलकाता में एक रैली में कथित माकपा कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया था। उन दिनों की याद करते हुए तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ने किताब में लिखा है ''हमारे दिलों में बसने वाले नेता राजीव जी ने मेरे इलाज का भुगतान करने की जिम्मेदारी ली। उन्होंने लोगों को यह पूछने के लिए मेरे पास भेजा कि क्या मैं आगे के इलाज के लिए अमेरिका जाना चाहती हूं।''
हालांकि इस समय ममता की तृणमूल कांग्रेस के सहयोगी कांग्रेस के साथ रिश्ते काफी कड़वाहट से भर गए हैं, लेकिन वह केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को वह अपने बड़े भाई के समान मानती हैं। उन्होंने कहा ''मैंने उन्हें हमेशा सम्मान दिया है और उनके साथ मेरे रिश्ते एक बड़े भाई और छोटी बहन की तरह हैं।''
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने जिक्र किया है कि 1986 में पार्टी से हटाए जाने के बाद मुखर्जी ने राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस पार्टी बनाई थी और ममता ने उन्हें पार्टी में वापस लिए जाने के लिए गांधी से कई बार अनुरोध किया था।

ममता की आत्मकथा ''माई अनफॉरगेटेबल मेमॅरीज'' हाल ही में प्रकाशित हुई है। इसमें उन्होंने लिखा है कि 21 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या की खबर सुन कर उन्हें इतना गहरा आघात लगा था कि एक सप्ताह तक वह न तो किसी से कुछ कह सकीं और न ही कुछ खा सकीं थीं।
उन्होंने लिखा है ''मैं एक बार फिर अनाथ हो गई ... अपने पिता की मौत के बाद दूसरी बार ... मैं अपने कमरे का दरवाजा बंद कर लेती थी और रोती थी।''
इस तेजतर्रार नेता ने कहा है कि राजीव की मौत के दो दशक बीत चुके हैं लेकिन उनका उनके :ममता के: जीवन पर इतना गहरा प्रभाव है कि वह हर कदम पर उनकी उपस्थिति को महसूस करती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा ''जब भी मुझे समस्या होती है, जब भी मैं किसी बात पर परेशान होती हूं, मेरी आंखें मेरे कमरे की दीवार पर लगी राजीव की तस्वीर देखती हैं।''
ममता ने कहा कि जब भी पूर्व प्रधानमंत्री की बात होती है तो उन्हें अपने मन में उनके परिवार के लिए गहरा जुड़ाव और खास अहसास होता है।
उन्होंने यहां तक कहा कि राजीव की मौत के बाद पार्टी में उत्पन्न शून्य की वजह से वह कांग्रेस छोड़ने के लिए मजबूर हुईं और तृणमूल कांग्रेस का गठन किया।

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