From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/6/13
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com
भाषा,शिक्षा और रोज़गार |
- झारखंड में इंटरमीडिएट परिणामःसिंहभूम जिले का प्रदर्शन खस्ताहाल
- पश्चिंम बंगालःपॉलिटेक्निक दाखिले की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की कवायद
- कोलकाताःगैर पंजीकृत मदरसों को मिलेगी मान्यता
- झारखंड का इंटरमीडिएट परिणामःछात्र नहीं, सिस्टम फ़ेल
- देवघर का एएस कॉलेज : रिजल्ट अपूर्ण, छात्र हताश
- झारखंडःशिक्षा मंत्री के बच्चे भी फेल!
- पिलानी में सीधे एडमिशन हो सकता है रूपेश का
- महाराष्ट्रःई लर्निंग से अनिवार्य पर्यावरण कोर्स
- बढ़ेगी सेवानिवृत्ति की उम्र!
- डीयूःबनने लगी कट ऑफ लिस्ट
- इग्नू से गृहणियों को मिलेगा खाना बनाने का प्रशिक्षण
- डीयू में दाखिले के लिए जागरण की पहल
- यूपीःकिशोर गृहों में होगी शिक्षा मित्रों की तैनाती
- डीयू का श्यामलाल कॉलेज
- डीयूःबीए ऑनर्स सोशल वर्क में आवेदन प्रक्रिया कल से
- केंद्र सरकार के स्कूलों में है नौकरी का क्रेज
- यूपी में दागी विद्यालय भी अनुदान सूची में
- यूपी में नौ नये आश्रम पद्धति विद्यालय अगले माह से
- गढ़वाल विवि के संकायों को बचाने के लिए होगा संघर्ष
- जेपीएससी परीक्षा: बिना जांचे ही कापियों में चढ़ा दिए नंबर
- यूपीःबीटीसी पर निजी कॉलेजों को लेनी होगी एनओसी
- बिहार बोर्डःइंटरमीडिएट(कला) और मैट्रिक परीक्षा का परिणाम घोषित
- सब्जेक्टिव सवालों के भी जवाब जांचेंगे कंप्यूटर
- लखनऊ विविःअंधेरे में जंचीं कापियां
- उत्तराखंडःयूपीएमटी न दे पाने वाले छात्र सड़कों पर उतरे
झारखंड में इंटरमीडिएट परिणामःसिंहभूम जिले का प्रदर्शन खस्ताहाल Posted: 12 Jun 2011 10:45 AM PDT झारखंड अधिविद्य परिषद द्वारा इंटरमीडिएट का रिजल्ट जारी किये जाने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि यहां शिक्षा व्यवस्था फेल है. इसमें पूर्वी सिंहभूम जिले की स्थिति तो और भी निराशाजनक है, जहां से हर साल सैकड़ों आइआइटीयन निकलते हैं, वहां इंटरमीडिएट साइंस का रिजल्ट अन्य स्ट्रीम की अपेक्षा अधिक खराब होना, औद्योगिक व एजुकेशनल हब माने जाने वाले शहर के लिए चिंतनीय है. इसके अलावा कॉमर्स और आर्ट्स का रिजल्ट भी निराशाजनक रहा है. इसकी मुख्य वजह इंटरमीडिएट में चार स्तर की शिक्षा व्यवस्था और शिक्षकों की कमी मानी जा रही है. गत वर्ष के रिजल्ट के बाद इस वर्ष सुधार होने के बजाय उल्टे कई ऐसे विषय हैं, जिनका रिजल्ट और भी खराब हुआ है. एक जगह से नियंत्रित नहीं होते सभी इंटर कॉलेजरिजल्ट खराब होने की एक बड़ी वजह यह मानी जा रही है कि सभी इंटर कॉलेज एक जगह से नियंत्रित नहीं होते. चार स्तर के कॉलेज हैं. इनमें अंगीभूत कॉलेज विश्वविद्यालय, डिग्री संबद्ध कॉलेज शासी निकाय, प्लस टू स्कूल सरकार और इंटर कॉलेज झारखंड एकेडमिक काउंसिल के द्वारा संचालित होते हैं. न तो कोर्स पूरा, न ही शिक्षकइनमें कही भी पाठ्यक्रम पूरा नहीं होता. 220 दिनों का पाठ्यक्रम है और 10 दिन भी पढ़ाई नहीं होती. प्लस टू स्कूल प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं. करीब 20 वर्ष से इन स्कूलों में शिक्षकों की बहाली ही नहीं हुई. शहर में बीपीएम प्लस टू स्कूल भी एक उदाहरण है, जहां मैथिली का एक भी विद्यार्थी नहीं, लेकिन वहां इस विषय के शिक्षक हैं. वोकेशनल में केवल एक शिक्षक हैं. जबकि कॉमर्स और साइंस के शिक्षक हैं ही नहीं. जिले के कुल 11 प्लस टू स्कूलों में कुल मिला कर आधा दर्जन भी शिक्षक नहीं हैं. केमेस्ट्री-बायो और इंग्लिश में ग्राफ लुढ़का गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष साइंस (आइएससी) का विषयवार रिजल्ट खराब ही हुआ है. केमेस्ट्री, बायोलॉजी और इंग्लिश में रिजल्ट का प्रतिशत गिरा है. इनमें सबसे खराब स्थिति बायोलॉजी की है. कॉमर्स में इकोनॉमिक्स छोड़ सभी का ग्राफ गिरा कॉमर्स में एकमात्र इकोनॉमिक्स (अर्थशास्त्र) एक विषय है कि जिसके रिजल्ट में नाममात्र का सुधार आया है, जबकि इंग्लिश, हिंदी, एकाउंट्स, बीएसटी और बीएमटी में प्रदर्शन खराब ही रहा है. आर्ट्स में साइकोलॉजी का बुरा हाल आर्ट्स के विषयों में इंग्लिश, इकोनॉमिक्स और इतिहास के रिजल्ट में जहां सुधार हुआ है, वहीं हिंदी, मनोविज्ञान (साइकोलॉजी) और सोशियोलॉजी के रिजल्ट में गिरावट आयी है. इनमें साइकोलॉजी का रिजल्ट ज्यादा खराब रहा है. अंगीभूत कॉलेजों में पढ़ाई स्नातक के शिक्षकों के भरोसे यहां जिन अंगीभूत कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई होती है, वहां शिक्षकों की कमी है. डिग्री कॉलेज के शिक्षकों को भरोसे इंटर की पढ़ाई होती है. कुछ शिक्षक हैं, भी तो समय से उन्हें वेतन तक नहीं मिलता. इसलिए उनका अधिकांश समय तो अर्थाभाव का रोना रोने में ही निकल जाता है. विश्वविद्यालय का पाठ्यक्रम 180 दिनों का है. इसलिए यहां भी 220 दिनों का पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो पाता है. 20 से अधिक इंटर कॉलेज संबद्धता को लेकर परेशान इनके अलावा जिले में करीब 20 से अधिक ऐसे इंटर कॉलेज हैं, जो अपनी संबद्धता को लेकर ही परेशान हैं. झारखंड अधिविद्य परिषद ने उन्हें आवश्यक शर्ते पूरी न करने की स्थिति में अब दाखिला न लेने की हिदायत दे रखी है. बताया जाता है कि ऐसे में वहां पढ़ाई तो दूर नामांकित विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल करने की व्यवस्था की ही रणनीति बनती रही. विद्यार्थी भी इस वजह से मानसिक परेशानी में रहे. अत यह भी रिजल्ट खराब होने की एक मुख्य वजह मानी जा रही है(प्रभात खबर,जमशेदपुर,12.6.11). |
पश्चिंम बंगालःपॉलिटेक्निक दाखिले की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की कवायद Posted: 12 Jun 2011 10:30 AM PDT राज्य के सभी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में अगले वर्ष से दाखिला प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होगी. अब तक राज्य के पॉलिटेक्निक कॉलेजों की 60 फीसदी सीटों पर ही ऐसी परीक्षा होती थी, जबकि 40 फीसदी सीटों पर दाखिला माध्यमिक में प्राप्तांक के आधार पर होता रहा है. इस आशय की पुष्टि राज्य के तकनीकी शिक्षा व विज्ञान-प्रौद्योगिकी मंत्री रविरंजन चट्टोपाध्याय ने की. उन्होंने बताया कि दाखिले की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए यह निर्णय लिया गया. 40 फीसदी मेरिट के आधार पर होने वाली दाखिले की निष्पक्षता पर कई सवाल उठते रहे हैं. इससे निबटने के लिए पूरे दाखिले को प्रवेश परीक्षा के माध्यम से करने का फैसला किया गया है. इस साल दाखिले के लिए ऑनलाइन काउंसेलिंग नहीं होगी. काउंसेलिंग संयुक्त प्रवेश परीक्षा के काउंसेलिंग की तरह होगी. इसलिए सभी छात्रों को काउंसेलिंग के लिए कोलकाता आना होगा. शिक्षा सचिव गौतम बंद्योपाध्याय ने बताया कि प्रवेश परीक्षा या जेक्सपो के माध्यम से छात्रों के दाखिले होंगे. उन्होंने बताया कि 15 जून तक जेक्सपो के नतीजे घोषित कर दिये जायेंगे. राज्य के 45 सरकारी व नौ निजी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में 14 हजार छात्र-छात्राएं दाखिला ले पायेंगे. इस साल 86 हजार छात्र-छात्राओं ने जेक्सपो की परीक्षा दी है. राज्य में एक साल के भीतर 300 पॉलिटेक्निक शिक्षण संस्थान भी खोलने की भी योजना हैं(प्रभात खबर,कोलकाता). |
कोलकाताःगैर पंजीकृत मदरसों को मिलेगी मान्यता Posted: 12 Jun 2011 10:15 AM PDT मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के लगभग 10 हजार गैर पंजीकृत मदरसों को मान्यता देने की घोषणा की है. सुश्री बनर्जी ने शुक्रवार को राइटर्स बिल्डिंग में संवाददाताओं को बताया कि राज्य सरकार का यह फैसला है. पहले राज्य सरकार की ओर से वित्तीय मदद देने के बाद गैर पंजीकृत मदरसों का पंजीकरण किया जाता है, लेकिन वर्तमान में राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब है. बदहाल आर्थिक स्थिति के कारण वृद्धा पेंशन से लेकर विधवा पेंशन आदि की राशि समय पर नहीं दी जा रही है. ऐसी स्थिति में राज्य सरकार लगभग 10 हजार गैर पंजीकृत मदरसों को बिना आर्थिक मदद के पंजीकृत करने का निर्णय लिया है. इससे ये मदरसा केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के लिए आवेदन कर पायेंगे. उन्होंने कहा कि आर्थिक विवशता के कारण राज्य सरकार गैर पंजीकृत मदरसों को कुछ नहीं दे पा रही है. ऐसी स्थिति में वह केंद्रीय सहायता से वंचित क्यों होंगे ? उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से शीघ्र ही इस संबंध में विज्ञापन जारी किया जायेगा. विज्ञापन में इसकी विस्तृत जानकारी रहेगी कि गैर पंजीकृत मदरसा पंजीकरण के लिए कहां और कैसे आवेदन करें.उन्होंने कहा कि गैर पंजीकृत मदरसों में अब भी पठन-पाठन हो रहा है तथा वे प्रमाणपत्र भी देते हैं. उन्होंने साफ कहा कि राज्य सरकार की ओर से इन मदरसों के कर्मचारियों को कोई वेतन नहीं दिया जायेगा, वरन केवल उन्हें मान्यता दी जायेगी(प्रभात खबर,कोलकाता,11.6.11). |
झारखंड का इंटरमीडिएट परिणामःछात्र नहीं, सिस्टम फ़ेल Posted: 12 Jun 2011 10:00 AM PDT झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) द्वारा शुक्रवार को जारी किया गया रिजल्ट काफ़ी निराशाजनक रहा. ओवरऑल रिजल्ट महज 42.3 प्रतिशत रहा. आर्ट्स और कॉमर्स का रिजल्ट तो कम रहा ही, लेकिन साइंस के रिजल्ट ने एजुकेशन सिस्टम पर सवाल खड़ा कर दिया है. साइंस का रिजल्ट 28 प्रतिशत रहा. गणित में 41 प्रतिशत और फ़िजिक्स में 30 प्रतिशत छात्र फ़ेल हो गये. केमिस्ट्री का रिजल्ट भी खराब रहा और महज 0.4 प्रतिशत स्टूडेंट्स ही 75 से ज्यादा अंक हासिल कर सके. कॉमर्स में भी आधा से ज्यादा स्टूडेंट्स फ़ेल हो गये. कॉमर्स के एक प्रमुख विषय एकाउंट्स में 25 फ़ीसदी छात्र फ़ेल हुए. जिलास्तर पर देखें, तो किसी भी जिले में गणित का औसत 50 से ज्यादा नहीं गया. दसवीं में बेहतर परफ़ॉर्म करनेवाले हजारीबाग के स्टूडेंट्स बायोलॉजी और केमिस्ट्री में सबसे अच्छे रहे. क्या है पीसीआरएम - सभी स्कूल-कॉलेजों के इंटर के विद्यार्थियों की गणना इस मैट्रिक्स में श्रेणीवार की गयी है. - प्रथम श्रेणी को 60 फ़ीसदी, द्वितीय को 30 फ़ीसदी और तृतीय को 10 फ़ीसदी वेटेज दिया गया है, फ़िर 10 के स्केल पर वेटेज औसत निकाला गया. इस औसत के हिसाब से निकाली गयी पीसीआरएम रैंकिंग. - इसके लिए आधार सूचनाएं पूरे झारखंड में फ़ैले प्रभात खबर के 400 से ज्यादा पत्रकारों ने उपलब्ध करायी. इससे कैसे लें फ़ायदा - पीसीआरएम वैज्ञानिक तरीके से निकाली गयी कॉलेजों की रैंकिंग है, जिससे रिजल्ट के आधार परछात्र कॉलेज की परफ़ॉरमेंस जान सकते हैं. - कॉलेज प्रशासन और शिक्षक इस रैंकिंग के बारे में जानने के बाद अनुमान लगा सकते हैं, कि कहां सुधार की गुंजाइश है और कहां बेहतर किया जा सकता है. - सरकार के लिए भी पीसीआरएम एक ऐसा इंडेक्स है, जो राज्य में शिक्षा की स्थिति को समझने और नीतियों को लागू करने में मददगार होगा. इसलिए खराब रहा रिजल्ट खराब परीक्षाफ़ल के लिए शिक्षक व छात्र दोनों जिम्मेवार हैं. इसके लिए किसी एक पक्ष को दोषी नहीं ठहराया जा सकता. परीक्षा कदाचार मुक्त हुई, मूल्यांकन कड़ाई के साथ हुआ, इसलिए परीक्षाफ़ल अपेक्षाकृत कम रहा. - वैद्यनाथ राम, शिक्षा मंत्री लेकिन सच तो ये है - - राज्य के अंगीभूत कॉलेजों में पूरा नहीं होता पाठ्यक्रम. - 220 दिनों का पाठ्यक्रम और 100 दिनों की पढ़ाई. - डिग्री कॉलेजों से अलग नहीं हुई इंटर की पढ़ाई. - डिग्री कॉलेज विश्वविद्यालय अधीन, विवि नहीं लेता इंटर की पढ़ाई की जिम्मेवारी. - यूजीसी ने दिया है डिग्री से इंटर की पढ़ाई अलग करने का निर्देश. - इंटर में नहीं हाती प्रायोगिक कक्षाएं. - राज्य के प्लस टू स्कूलों में नहीं हैं शिक्षक - प्लस टू स्कूलों में इंटर की पढ़ाई प्राथमिक शिक्षकों के हवाले. - प्लस टू स्कूलों में उपलब्ध शिक्षक के अनुसार विषय चयन करते हैं छात्र - प्लस टू स्कूलों में प्रयोगशाला व पुस्तकालय की स्थिति है खराब. - प्लस टू स्कूलों में अपना भवन नहीं. - राज्य के इंटर कॉलेजों का खस्ता हाल. - कॉलेजों की मान्यता व वेतन की मांग के लिए वर्ष भर करते रहते हैं आंदोलन - इंटर कॉलेज में सरकारी स्तर से बहाल नहीं होते शिक्षक. - शासी निकाय द्वारा संचालित होता है इंटर कॉलेज, सरकार का सीधा नियंत्रण नहीं. - बिना शिक्षक व संसाधन के इंटर कॉलेजों में हो रही पढ़ाई. अगले हफ्ते से अर्जेट स्क्रूटनी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल छात्र जो इंटर में फ़ेल हो गये हैं, उनके लिए उत्तर-पुस्तिकाओं की अर्जेट स्क्रूटनी की जायेगी. जैक अध्यक्ष लक्ष्मी सिंह ने बताया कि छात्र अपने स्कूल/कॉलेज के जरिये आवेदन भेजें. छात्र नहीं, सिस्टम फ़ेल - मेदिनीनगर की फ़िजिक्स और पाकुड़ का एकाउंट्स सबसे अच्छा - गणित में रांची सबसे बेहतर लेकिन पूरे झारखंड में 41 प्रतिशत स्टूडेंट्स फ़ेल - बोकारो को छोड़ किसी भी जिले का इतिहास में औसत अंक 40 से ज्यादा नहीं कैसे निकला औसत प्राप्तांक हमने जिलेवार तीनों स्ट्रीम के प्रमुख विषयों का प्राप्तांक निकाल कर उन विषयों में जिलों की स्थिति का आकलन किया. इसके लिए हमने शिक्षा और तकनीक से जुड़े लोगों को भी शामिल किया. पिछले साल के रिजल्ट का गहन विश्लेषण और इस साल के रिजल्ट और इसके आधार पर निकाले गये प्रभात कॉलेज रैंकिंग मैट्रिक्स के आधार पर जिलेवार यह रिपोर्ट तैयार की गयी है. जिस राज्य से बड़ी संख्या में आइआइटी और मेडिकल के लिए छात्रों का चयन होता है उस राज्य में इंटर साइंस का परीक्षाफ़ल 28 फ़ीसदी होना इस बात का साफ़ संकेत है कियहां छात्र नहीं, बल्कि एजुकेशन सिस्टम फ़ेल है, जिसे दुरुस्त करने की जरूरत है(प्रभातखबर,रांची). |
देवघर का एएस कॉलेज : रिजल्ट अपूर्ण, छात्र हताश Posted: 12 Jun 2011 09:45 AM PDT इंटरमीडिएट का परिणाम देखने के बाद छात्रों का उमंग ठंडा पड़ गया. शनिवार की सुबह अखबारों में प्रकाशित परिणाम देख कॉलेज के कामर्स संकाय में पढ़ने वाले सभी छात्र हतप्रभ रह गये. वे सुबह रिजल्ट की पड़ताल करने कॉलेज जा पहुंचे. मगर वहां उन्हें ठोस जानकारी नहीं दी गयी. प्राचार्य के अवकाश में रहने से कॉलेज में किसी ने छात्रों की समस्याओं को ठीक से सुना भी नहीं. छात्र-पवन कुमार गुप्ता, मो नदीम, करन कुमार, गोपाल कुमार, सरोज कुमार, गौरव कुमार, रवि कुमार, मिंटु कुमार, विकास कुमार सिन्हा, राजू साह, संदीप कुमार समेत दर्जनों छात्रों ने बताया कि उनके रिजल्ट में कोई नंबर नहीं डाला गया है. जबकि रिजल्ट में परिणाम इंकपलिट लिखा हुआ है. दूसरे विषय वाले छात्रों का परिणाम स्पष्ट है. रिजल्ट देख वे असंजमस की स्थिति में पड़ गये हैं. छात्र पवन कुमार गुप्ता (रोल नंबर-20676 व रोल कोड 42002) के रिजल्ट में इएनए विषय में मात्र 35 नंबर दर्शाया गया. जबकि एसीटी, बीएसटी, बीएमटी, इको ओद विषयों में कोई अंक नहीं दर्शाया गया. मगर राज्यभर का रिजल्ट काफी निराशाजनक होने से सभी घबराये हुए हैं. इस संदर्भ में कॉलेज के प्रधान सहायक सदानंद सिंह ने बताया कि कामर्स के छात्रों का रिजल्ट उन्होंने भी देखा है. छात्र कॉलेज भी आये थे. मगर इस विषय में कॉलेज प्रबंधन कुछ कहने की स्थिति में नहीं है. क्योंकि रिजल्ट में नंबर इनपुट करने का काम परिषद के डाटा ऑपरेटर करते हैं. वहां से नंबर नहीं चढ़ाया गया तो इस पर क्या कहें. उम्मीद है जल्द ही नंबर पुट कर रिजल्ट जारी किया जायेगा(प्रभात खबर,देवघऱ,12.6.11). |
झारखंडःशिक्षा मंत्री के बच्चे भी फेल! Posted: 12 Jun 2011 09:30 AM PDT झारखंड के शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम के बेटा व बेटी दोनों इंटर की परीक्षा में फेल कर गये हैं. दोनों डोरंडा कॉलेज से आइकॉम के परीक्षार्थी थे. शिक्षा मंत्री के बेटे प्रभात कुमार को 139 अंक मिले हैं. वहीं, बेटी पूनम कुमारी को 134 अंक मिले हैं. प्रभात कुमार का रोल नंबर 20373 है, जबकि पूनम का रोल नंबर 20452 है. रिजल्ट को लेकर शिक्षा मंत्री से बातचीत के लिए उनके मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, पर उन्होंने फ़ोन नहीं उठाया. प्रभात को 27.8 % अंक : प्रभात कुमार को अंगरेजी में 23 अंक मिले हैं. एकाउंट्स में 26, बिजनेस स्टडी में 33, बिजनेस मैथ में 05 और इकोनॉमिक्स में 33 अंक मिले हैं. उसे कुल 27.8 प्रतिशत अंक ही मिले हैं. पूनम को 26.8 % अंक : पूनम कुमारी को अंगरेजी में 17, एकाउंट्स में 28, बिजनेस स्टडी में 36, बिजनेस मैथ में 23 और इकोनॉमिक्स में 10 अंक मिले हैं. पूनम को कुल 26.8 प्रतिशत अंक मिले हैं. रिजल्ट का तीन दिनों में समीक्षा करें : सीएम मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने इंटर के खराब रिजल्ट पर चिंता जतायी है. इसे राज्य के विकास के लिए निराशाजनक बताया है. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव को तीन दिनों के भीतर समीक्षा कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. उन्होंने शैक्षणिक सुधार के लिए गंभीर मनन व परिणामजनक प्रयासों की अपेक्षा की है. परीक्षार्थी आक्रोशित, जैक कार्यालय में हंगामा नामकुम : इंटर का रिजल्ट खराब होने के बाद आक्रोशित विद्यार्थियों ने शनिवार को नामकुम स्थित झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) के कार्यालय में जम कर हंगामा किया. परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी के आरोप लगाये. काउंसिल के खिलाफ नारेबाजी की. पुतला दहन किया. छात्र-छात्राएं तख्तियां लेकर काउंसिल के मुख्य द्वार पर धरने पर भी बैठे. वे रिजल्ट में संशोधन की मांग कर रहे थे. कई छात्रों ने आरोप लगाया कि परीक्षा देने के बाद भी उन्हें संबंधित विषय में अनुपस्थित बताया गया है. कई विषयों के अंक तक नहीं जोड़े गये हैं. - परीक्षा देने के बाद भी कुछ छात्रों को संबंधित विषयों में अनुपस्थित कर दिया गया - कुल प्राप्तांक में कई विषयों के अंक तक नहीं जोड़े गये. ऐसे मामले सचमुच गंभीर हैं. जिन छात्रों की मांगें जायज हैं, दो से तीन दिनों के अंदर काउंसिल रिजल्ट का संशोधन कर प्रकाशन करेगा. - लक्ष्मी सिंह, जैक अध्यक्ष(प्रभात खबर,रांची,12.6.11). |
पिलानी में सीधे एडमिशन हो सकता है रूपेश का Posted: 12 Jun 2011 09:15 AM PDT रूपेश कुमार झारखंड का साइंस टॉपर है. उसने इंटरव्यू में कहा था कि वह बीआइटी मेसरा में नामांकन लेना चाहता है. अगर वहां एडमिशन नहीं मिला, तो वह इस साल कहीं नामांकन नहीं लेगा. इस खबर को प्रभात खबर की वेबसाइट पर बीआइटीएस (पिलानी) की छात्रा अर्चिता सिंह ने पढ़ी. वह रांची (बरियातू) की ही रहनेवाली है. अर्चिता ने प्रभात खबर को इ-मेल भेजा है. इसमें रूपेश को कुछ सुझाव दिये गये हैं, इसे यहां छापा जा रहा है.पेश की इच्छा है कि वह बीआइटी मेसरा में पढ़े. अच्छी बात है. पर शायद उसे यह जानकारी नहीं है कि बीआइटीएस (पिलानी) में उसका डायरेक्ट एडमिशन हो सकता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि वह स्टेट टॉपर है और स्टेट टॉपर के लिए बीआइटीएस पिलानी में डायरेक्ट एडमिशन और मनचाही ब्रांच लेने की भी सुविधा है. शायद इस बात को वह नहीं जानता है. बीआइटीएस पिलानी देश का बेहतरीन इंजीनियरिंग कॉलेज है और इसमें एडमिशन लेना सबों का सपना होता है. मैं खुद बीआइटीएस पिलानी की छात्रा हूं और मुङो खुशी होगी कि वह हमारे कॉलेज में आकर एडमिशन ले. वह डिजर्ब भी करता है. मेरे पास उसका नंबर नहीं है. यह सूचना और जानकारी आप रूपेश तक पहुंचा दें(प्रभात खबर,रांची,12.6.11). |
महाराष्ट्रःई लर्निंग से अनिवार्य पर्यावरण कोर्स Posted: 12 Jun 2011 09:00 AM PDT राज्य के सभी कालेजों को ई लर्निंग द्वारा अनिवार्य पर्यावरण शास्त्र का कोर्स लागू किया जा रहा है। उच्चतम न्यायालय के फैसले के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने ग्रैजुएट कोर्स के लिए अनिवार्य कर दिया है। वर्ष 2011-2012 के शैक्षणिक सत्र के लिए सरकार ने कुछ शर्तों के साथ कोर्स तैयार करने का काम लाइकॉस टेक्नॉलजी को सौंपा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा निर्धारित कोर्स के लिए नवी मुंबई स्थित लाइकॉस टेक्नॉलजी ने विशेषज्ञों से इ लर्निंग का कोर्स तैयार करवाया है। गौरतलब है कि गत वर्ष 2009-2010 के शैक्षणिक सत्र के दौरान प्रायोगिक स्तर पर ई लर्निंग सुविधा के द्वारा महाराष्ट्र के पांच शासकीय कालेजों में इस कोर्स को सशर्त लागू किया गया था। इसे मिले अच्छेे समर्थन को ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षा निदेशक ने सभी कालेजों में यह कोर्स लागू करने की सिफारिश की। इसी आधार पर राज्य के सभी स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए इसे अनिवार्य किया गया। सरकारी वेबसाइट-www.maharashtra.in पर इस कोर्स को देखा सकता है। उच्च शिक्षा निदेशालय अधिकारियों ने बताया कि प्राइवेट, शासकीय, अनुदानित, स्थायी रूप से गैर अनुदानित (पारंपरिक, व्यावसायिक, प्रबंधन शास्त्र, औषध निर्माण शास्त्र (फार्मेसी), कालेज, मुक्त विश्वविद्यालय, स्वायत्त विश्वविद्यालय, समकक्ष (डीम्ड) विश्वविद्यालय और अन्य विश्वविद्यालयों के नियमित और पत्राचार कोर्स करने वाले विद्यार्थियों के लिए यह कोर्स अनिवार्य होगा(नवभारत टाइम्स,मुंबई,12.6.11)। |
Posted: 12 Jun 2011 08:45 AM PDT खर्च में कटौती कर राजकोषीय प्रबंधन के लिए वाहवाही लूट चुकी सरकार इस साल संकट में फंसती दिख रही है। राजस्व में कमी की आशंका से सरकार को राजकोषीय घाटे में बढ़ोतरी का डर सताने लगा है। राजकोषीय प्रबंधन को गड़बड़ाता देख अब सरकार ने वैकल्पिक उपाय तलाशने शुरू कर दिए हैं। इनके तहत केंद्रीय कर्मियों की सेवानिवृत्ति की उम्र भी बढ़ाई जा सकती है। महंगाई और औद्योगिक विकास की धीमी रफ्तार के चलते राजस्व संग्रह में कमी को पूरा करने के लिए सरकार निरंतर वैकल्पिक उपाय ढूंढने में लगी है। गैर कर राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ सरकार का फोकस ऐसे खर्चो पर है, जिनमें कटौती की जा सकती है। माना जा रहा है कि पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ के खर्च को बचाने के लिए सरकार सेवानिवृत्ति की उम्र को भी बढ़ाने की संभावना तलाश रही है। वित्त मंत्रालय ने कार्मिक मंत्रालय से भी संभावनाएं टटोलने को कहा है। इस साल सरकार ने पेंशन मद पर 54 हजार 521 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान लगाया है। अगर सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाई जाती है तो सरकार कम से कम दो साल के पेंशन खर्च को लेकर निश्चिंत हो सकती है। गैर कर राजस्व में अभी तक सरकार को विनिवेश में बहुत ज्यादा संभावनाएं दिखाई नहीं दे रही। शेयर बाजार की हालत देख सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां अभी अपने पब्लिक इश्यू लाने को तैयार नहीं हैं। सेल ने भी इस महीने आने वाला अपना इश्यू टाल दिया है। वित्त मंत्रालय पहले ही संचार मंत्रालय को बचे हुए 2जी स्पेक्ट्रम को बेचने और सभी केंद्रीय सेवाओं की दरों में संशोधन के लिए मंत्रालयों को पत्र लिख चुका है। केंद्रीय उत्पाद व सीमा शुल्क आयुक्तों की बैठक में वित्त मंत्री ने भी राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए कोशिश तेज करने को कहा है। वर्ष 2011-12 में वित्त मंत्री ने बजट में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.6 प्रतिशत रखने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए सरकार को चालू वित्त वर्ष में 6 लाख 64 हजार 457 करोड़ रुपये का कर राजस्व मिलने की उम्मीद थी, लेकिन वित्त वर्ष शुरू हुए तीन महीने भी नहीं बीते हैं कि सरकार को लग रहा है कि इसे हासिल करना मुश्किल होगा(दैनिक जागरण,दिल्ली,1.6.11)। |
Posted: 12 Jun 2011 08:30 AM PDT डीयू के कॉलेजों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से सीडी मिलने के बाद कट ऑफ बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मंगलवार तक सभी कॉलेज अपनी कट आफ लिस्ट डीयू प्रशासन को सौंप देंगे। डीयू के ज्वाइंट डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. सुमन वर्मा ने बताया कि कॉलेज इस समय विभिन्न बोर्डो द्वारा भेजी गई बारहवीं के परिणामों की सीडी और पिछले वर्ष की कट ऑफ का सूक्ष्म अध्ययन कर रहे हैं। डॉ. वर्मा बताते हैं कि इस वर्ष के परीक्षा परिणाम वाकई चौंकाने वाले हैं। एक-एक अंक पर सैकड़ों छात्रों की संख्या घट-बढ़ रही है। इसलिए कट ऑफ का गणित बैठाना कॉलेजों को मुश्किल हो रहा है। छात्रों को इस बात का ध्यान रखना है कि जिस दिन कट ऑफ लिस्ट जारी होगी, उस दिन कॉलेज में दाखिला फीस जमा नहीं होती। कट ऑफ लिस्ट जारी होने के बाद छात्रों को दाखिला फीस जमा कराने के लिए चार दिन का समय दिया जाएगा। इस बार छात्रों की सुविधा के लिए चार नहीं पांच कट ऑफ लिस्ट जारी की जाएंगी। चार दिनों के दौरान जितने भी छात्र उस कट ऑफ के दायरे में आवेदन करते हैं, उन सभी छात्रों को कॉलेज दाखिला देने से मना नहीं कर सकता। कॉलेज को विश्वविद्यालय नियमों के मुताबिक दाखिला देना होगा। यही नियम कॉलेज के प्राचार्यो के गले की फांस बना हुआ है(दैनिक जागरण,दिल्ली,122.6.11)। |
इग्नू से गृहणियों को मिलेगा खाना बनाने का प्रशिक्षण Posted: 12 Jun 2011 08:10 AM PDT इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विविद्यालय (इग्नू) द्वारा अब गृहणियों को सुरक्षित खाना पकाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए इग्नू के सेंटर फोर कॉरपोरेट एजुकेशन ट्रेनिंग एंड कंसल्टेंसी व स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर ने फूड सेफ्टी एंड स्टैंर्डस अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ समझौता किया है। अथॉरिटी द्वारा इग्नू के लिए फूड सेफ्टी एंड हाईजीन फोर हाउसवाइव्स का प्रशिक्षण पाठय़क्रम तैयार किया जाएगा। जिसके जरिये गृहणियों को खाना कैसे सुरक्षित बनाए जाए इसमें कुशल बनाया जाएगा। इस संबंध में इग्नू के रजिस्ट्रार यूएस तोलिया और अथॉरिटी के निदेशक असिम चौधरी के बीच शनिवार को करार किया गया(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,12.6.11)। |
डीयू में दाखिले के लिए जागरण की पहल Posted: 12 Jun 2011 07:50 AM PDT रेगुलर स्नातक कोर्स के साथ आप सीए या अन्य फुलटाइम कोर्स नहीं कर सकते। इकनॉमिक्स ऑनर्स और बीकॉम ऑनर्स में दाखिले के लिए गणित जरूरी है। बीकॉम प्रोग्राम कोर्स में दाखिले के लिए गणित विषय पढ़ा होना जरूरी नहीं है। इस बार डीयू में किसी प्रकार का प्री-एडमिशन दाखिला फॉर्म नहीं है। इसलिए घर बैठे डीयू की दाखिला कट ऑफ लिस्ट देखें। जिसे डीयू की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। अगर आपका नंबर आता है तो सीधा कॉलेज जाएं और दाखिला ले लें। यह जानकारी कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज के प्राचार्य डॉ. इंद्रजीत डागर ने शनिवार को दैनिक जागरण की टेलीफोन हेल्पलाइन के जरिये छात्रों को दी। उन्होंने छात्रों को बताया कि अगर डीयू के किसी कॉलेज में आप स्नातक कोर्स में दाखिला लेते हैं तो विश्वविद्यालय या कॉलेज द्वारा चलाए जा रहे एडऑन कोर्स, जो कि पार्ट टाइम पढ़ाए जाते हैं, उनमें दाखिला ले सकते हैं। सभी कोर्स अपने में अद्वितीय हैं। देखना यह है कि आपकी रुचि कि किन विषयों में है। छात्रों को एक बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि डीयू के सभी कॉलेजों में पढ़ाए जाने वाले कोर्सो का सिलेबस, प्रश्नपत्र और डिग्री एक जैसी होती है। इसके अलावा प्राध्यापकों के चयन का मानक भी एक ही है। ऐसे में सभी कॉलेज एक जैसे हैं। छात्रों को अपने घर के नजदीक वाले कॉलेज में ही दाखिला लेना चाहिए। जिससे कॉलेज आने-जाने में आपका समय व्यर्थ न जाए। बता दें कि डीयू में प्रवेश प्रक्रिया, कोर्स व कैरियर संबंधी तमाम जानकारियों के लिए दैनिक जागरण ने लगातार सातवें साल विशेषज्ञ फोन हेल्पलाइन काउंसिलिंग शुरू कर दी है, जो प्रवेशार्थियों के बीच काफी पॉपुलर है। जिसमें विभिन्न कॉलेजों के विशेषज्ञों द्वारा छात्र व अभिभावकों को बताया जा रहा है कि कैसे करें बेहतर कोर्स का चुनाव। शनिवार सुबह साढे़ दस बजे प्यारेलाल भवन, बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित दैनिक जागरण कार्यालय में फोन की घंटी बजनी शुरू हो गई। रिसीवर उठाते ही सवालों की बौछार शुरू हो गई। हम अपने बच्चे को कौन सा कोर्स कराएं? इस बार बारहवीं में उसने 80 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं। मेरी बेटी के 83 फीसदी अंक हैं। क्या उसे डीयू में दाखिला मिल पाएगा? ऑनर्स अच्छा है या प्रोग्राम कोर्स? इन सभी सवालों के जवाब डा. डागर ने बड़ी सहजता से दिए। हेल्पलाइन काउंसिलिंग पर विशेषज्ञों का समय एक घंटा निर्धारित किया गया है। लेकिन दैनिक जागरण की पॉपुलर हेल्पलाइन पर डॉ. डागर ने डेढ़ घंटे से अधिक समय तक छात्रों और उनके अभिभावकों की दाखिला संबंधी उलझनों को सुलझाया। उन्होंने कहा कि कॉलेजों में दाखिले के वक्त सीबीएसई द्वारा पढ़ाए गए वोकेशनल कोर्स का बेस्ट ऑफ फॉर में गिने जाने या ना गिने जाने की बात है तो यह कोर्स की रूपरेखा और कॉलेज पर निर्भर करता है। लेकिन कॉलेज पहली कट ऑफ में दाखिले के लिए जो नियम लागू करेंगे, वहीं नियम पांचवी कट ऑफ जारी होने तक लागू रहेंगे। बीच में किसी प्रकार का फेरबदल कॉलेज नहीं कर सकेंगे(दैनिक जागरण,दिल्ली,12.6.11)। |
यूपीःकिशोर गृहों में होगी शिक्षा मित्रों की तैनाती Posted: 12 Jun 2011 07:30 AM PDT महिला कल्याण विभाग किशोरगृहों में शिक्षकों की कमी को अब शिक्षामित्र पूरा करेंगे। इसके लिए प्रदेशभर के राजकीय किशोर एवं सम्प्रेक्षण गृहों में दो- दो शिक्षा मित्र तैनात करने का प्रस्ताव विभाग ने शासन के पास भेजा है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि किशोरगृहों में दो -दो शिक्षा मित्र तैनात हो जाने पर गृहों में रहने वाले तकरीबन दो हजार संवासनियों की शिक्षा व्यवस्था में काफी हद तक सुधार हो सकेगा। बच्चों को शिक्षा की गारन्टी देने की बाते तो केन्द्र व प्रदेश सरकारें करती है इसके लिए अनिवार्य शिक्षा कानून बनाकर सर्वशिक्षा अभियान चलाया जा रहा है लेकिन किशोर गृहों में रहने वाले बिगडै़ल बच्चों को सुधारने के लिए कोई इंतजाम नहीं है। प्रदेशभर में लगभग 46 राजकीय किशोर गृह व दर्जनभर राजकीय सम्प्रेक्षण गृह संचालित है। इनमें लगभग दो हजार से अधिक किशोर किशोरियां रहते है। किशोर न्याय नियम 2007 के मुताबिक ऐसे बच्चों की सही देखभाल, संरक्षण एवं पुनर्वास की व्यवस्था किये जाने का प्रावधान है जिसके तहत बिगड़ैल इन बच्चों को मनोरंजन, व्यायाम, खेल कूद और कक्षा एक से इण्टर तक निशुल्क शिक्षा व रोजगार परक शिक्षा जिसमें कुर्सी बुनाई, मोमबत्ती, अगरबत्ती आदि बनाने का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक अब किशोरगृहों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए महिला कल्याण विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार कर शासन के पास भेजा है जिसमें प्रत्येक किशोर गृहों में दो- दो शिक्षा मित्रों की तैनाती की जाए। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अगर शासन से प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गयी तो किशोर गृहों में शिक्षा मित्र या फिर संविदा पर शिक्षकों की तैनाती का रास्ता खुल जाएगा। निदेशक महिला कल्याण बिहारी स्वरूप ने बताया कि प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप प्रस्ताव तैयार कर शासन के पास स्वीकृत के लिए भेजा गया है जिसके तहत किशोर गृहों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए शिक्षा मित्रों या फिर संविदा पर शिक्षकों की तैनाती का जिक्र किया गया है(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,12.6.11)। |
Posted: 12 Jun 2011 07:10 AM PDT शाहदरा स्थित श्यामलाल कॉलेज में आर्ट्स, कॉमर्स सहित साइंस विषयों की भी पढ़ाई होती है। मेट्रो स्टेशन से कॉलेज की नजदीकी ने इसे सीधे डीयू नॉर्थ कैंपस से जोड़ दिया है। जिससे आउट ऑफ कैंपस के कॉलेजों में छात्रों के लिए यह बेहतर विकल्प है। अच्छा स्पोर्ट्स ग्राउंड होने से कॉलेजों में फुटबाल, हॉकी के टूर्नामेंट आयोजित होते हैं। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वीके अग्रवाल ने बताया कि जहां तक दाखिला नियमों की बात है तो बीए ऑनर्स इकनॉमिक्स में दाखिले के लिए गणित में 50 फीसदी अंक के अलावा सभी विषयों का कुल प्रतिशत 50 होना चाहिए। हिंदी, संस्कृत और अन्य वोकेशनल विषयों को कट ऑफ में नहीं गिना जाएगा। बीए ऑनर्स अंग्रेजी में दाखिले के लिए अंग्रेजी विषय के अलावा अन्य विषयों का अंक प्रतिशत 60 फीसदी होना अनिवार्य है। बी कॉम में दाखिले के लिए अगर आवेदक ने एकाउंटेंसी, इकनॉमिक्स या बिजनेस स्टडीज उत्तीर्ण नहीं की है, तो उसके क्रमश : 5, 3 और 2 फीसदी अंक काट लिए जाएंगे। बी कॉम ऑनर्स में दाखिले के लिए भी यही नियम है। साथ ही छात्र के गणित में कम से कम 50 फीसदी अंक होने अनिवार्य हैं। जबकि हिंदी ऑनर्स में दाखिले के लिए हिंदी में 50 फीसदी अंक या संस्कृत में 70 फीसदी अंक होने चाहिए। इसके अलावा तीन विषयों का अंक प्रतिशत 50 फीसदी हो। एक वोकेशनल विषय को भी बेस्ट ऑफ फॉर विषयों में छात्र जोड़ सकते हैं। यह वोकेशनल विषय कौन से हैं? इसके लिए छात्र कॉलेज की वेबसाइट सर्च करें। डॉ. अग्रवाल बताते हैं कि कॉलेज में छात्रों के लिए बेहतर लाइब्रेरी है। साथ ही खेलकूद व अन्य गतिविधियों में भी कॉलेज का खासा नाम है। यमुनापार का यह एकमात्र कॉलेज है, जिसमें सांध्य कॉलेज भी चल रहा है। कॉलेज में कंप्यूटर लैब भी है, जहां छात्रों को कंप्यूटर की शिक्षा दी जाती है। यहां के साइंस कोर्स छात्रों के बीच खासे लोकप्रिय हैं। छात्रों की रूचि को देखते हुए कॉलेज ने कॉस्मेटोलॉजी में एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स गत वर्ष शुरू किया है। कॉलेज में शारीरिक शिक्षा के प्राध्यापक और स्पोर्ट्स कमेटी के कनविनर वीएस जग्गी बताते हैं कि जहां तक स्पोर्ट्स कोटे से दाखिले की बात है तो कॉलेज में हॉकी, क्रिकेट, फुटबाल, वालीबाल, बास्केटबाल, साफ्टबॉल, कबड्डी, एथलेटिक्स ओर जूडो की टीम है। इन्हीं खेलों में अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय खिलाडि़यों को दाखिले में वरीयता दी जाती है। कॉलेज दूसरी कट ऑफ के बाद स्पोर्ट्स कोटे के दाखिला फॉर्म जारी करेगा। जिसके बाद छात्र-छात्राएं 27 जून तक दाखिले के लिए आवेदन कर सकेंगे(दैनिक जागरण,दिल्ली,12.6.11)। |
डीयूःबीए ऑनर्स सोशल वर्क में आवेदन प्रक्रिया कल से Posted: 12 Jun 2011 06:50 AM PDT दिल्ली विविद्यालय के मात्र दो कॉलेजों में पढ़ाए जाने वाले बीए ऑनर्स सोशल वर्क की आवेदन प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। अदिति कॉलेज में जहां आवेदन प्रक्रिया 13 जून से शुरू होगी, वहीं अम्बेडकर कॉलेज में 16 जून से आवेदन फॉर्म मिलने शुरू हो जाएंगे। दोनों ही कॉलेज कोर्स में दाखिला प्रवेश परीक्षाओं के जरिए होंगे। जिसके बाद दाखिला सूची व मेरिट लिस्ट निकाली जाएगी। विविद्यालय की छात्राओं के अदिति कॉलेज में बीए ऑनर्स सोशल वर्क में दाखिले के लिए सामान्य वर्ग के लिए 12वीं में 45 फीसद व एससी-एसटी वर्ग के लिए 40 फीसद अंक होना अनिवार्य है। कॉलेज में आवेदन फॉर्म लेने और भरकर जमा करने की अंतिम तिथि 20 जून दोपहर एक बजे की रखी गई है। कॉलेज द्वारा 23 जून को प्रवेश परीक्षा के लिए परीक्षार्थियों को सुबह 9.30 बजे पहुंचना होगा। इसके अगले दिन 24 जून को प्रवेश परीक्षा में सफल हुए परीक्षार्थियों का साक्षात्कार होगा। इसके लिए भी विद्यार्थियों को सुबह 9.30 बजे पहुंचना होगा(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,12.6.11)। |
केंद्र सरकार के स्कूलों में है नौकरी का क्रेज Posted: 12 Jun 2011 06:30 AM PDT केंद्र सरकार के स्कूलों में शिक्षक बनने का क्रेज किस कदर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सीबीएसई द्वारा देश में पहली बार लिए जाने वाले सेंट्रल टीचर एलिजीबिलिटी टेस्ट (सीटैट) के लिए करीब आठ लाख लोगों ने आवेदन किया है। सफल अभ्यार्थियों तो केंद्रीय विद्यालयों, जवाहर नवोदय विद्यालयों और तिब्बतियन स्कूलों में नौकरी मिलेगी। सीटैट 26 जून को होगा। इसके लिए लिए देश भर के 86 शहरों में 1178 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। देश में शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) लागू होने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षकों की कमी महसूस की जा रही है। इसे दूर करने के लिए सीबीएसई सीटैट का आयोजन कर रहा है। परीक्षा में भाग लेने के लिए दो श्रेणियां बनाई गई हैं। पहली श्रेणी में कक्षा एक से पांच तक के शिक्षक के लिए बीए, बीकॉम, बीएससी होने के साथ दो साल का टीचिंग डिप्लोमा या बीएड होना जरूरी है। दूसरी श्रेणी कक्षा छह से आठ तक के शिक्षकों के लिए है। इसके लिए अर्हता बीए, बीएससी और बीकॉम के साथ बीएड होना जरूरी है। सीटैट में सफल होने के लिए न्यूनतम 50 फीसदी अंक अर्जित करना आवश्यक होगा। प्राप्तांक के आधार पर सफल अभ्यार्थियों की मेरिट लिस्ट बनाई जाएगी। फिर इन विद्यालयों में रिक्तियों के हिसाब से उन्हें नौकरी दी जाएगी। देश के कुल सात लाख 90 हजार लोगों ने परीक्षा देने के लिए आवेदन किया है। बोर्ड की ओर से आठ जून से सभी उम्मीदवारों को एडमिट कार्ड भेजना शुरू कर दिया गया है। यदि किसी को कार्ड नहीं मिलता है तो वह सीबीएसई की वेबसाइट से पिं्रट ले सकता है। परीक्षा के समय इस प्रिंट के साथ एक फोटो और पहचान पत्र लाना जरूरी होगा। किसी जानकारी के लिए बोर्ड द्वारा जारी फोन नंबर- 08447981586, 08447981587, 08447981588, 08447981589 और 08447981590 पर 20 जून से 25 जून तक सुबह नौ से 5.30 बजे और 26 जून को सुबह 6.30 से 12.30 बजे तक संपर्क किया जा सकता है(दैनिक जागरण,दिल्ली,12.6.11)। |
यूपी में दागी विद्यालय भी अनुदान सूची में Posted: 12 Jun 2011 06:10 AM PDT निजी क्षेत्र के विद्यालयों को अनुदान सूची में डाले जाने में हेराफेरी का बड़ा मामला सामने आया है। हाल में राज्य सरकार द्वारा अनुदान सूची में डाले गये 192 नये विद्यालयों में नौ ऐसे विद्यालय शामिल हैं जो पहले से दागदार हैं। इन दागी विद्यालयों के अनुदान सूची में शामिल होने का पता चलने पर इन्हें अनुदान राशि जारी करने पर रोक लगा दी गयी है तथा इनके खिलाफ जांच के आदेश दिये गये हैं। राज्य सरकार ने गत 30 मई को एक आदेश जारी करके अनुसूचित जाति बहुल 192 नये विद्यालयों को अनुदान सूची में शामिल किया था। इनमें सबसे अधिक 41 विद्यालय गोरखपुर मंडल के थे। इसके अलावा लखनऊ के पटेल आदर्श विद्यालय व मान्धाता महाविद्यालय, रायबरेली के जगजीवन राम शिक्षा सदन व सत्य अंहिसा बाल विद्या मंदिर, सीतापुर का कृषक मान्टेसरी शिशु मंदिर, हरदोई का चित्तर सिंह संस्कृति विद्यालय, शिशु समाज शिक्षा सदन व रायल विद्यालय तथा लखीमपुर खीरी का सिद्धार्थ शिक्षण संस्थान शामिल हैं। इसके साथ ही आगरा मंडल का एक, अलीगढ़ मंडल के तीन, आजमगढ़ मंडल के 29, इलाहाबाद मंडल के 9, कानपुर मंडल के 9, चित्रकूटधाम मंडल के 5, झांसी मंडल के 3, देवीपाटन मंडल के 2, फैजाबाद मंडल के 17, बरेली मंडल के 4, बस्ती मंडल के 3, मुरादाबाद मंडल के 8, मेरठ मंडल के 2, वाराणसी मंडल के 32, बिन्ध्याचल मंडल के 2 विद्यालय सहित कुछ अन्य मंडलों के विद्यायल थे। ये सभी विद्यालय निजी क्षेत्र के द्वारा संचालित किये जा रहे थे और जिलाधिकारियों द्वारा भेजी गई संस्तुति रिपोर्ट के आधार पर समाज कल्याण विभाग ने इन्हें अनुदान सूची में शामिल किया था। इन सभी अनुदानित विद्यालयों को सरकारी खजाने से हर साल 1 लाख रुपये की धनराशि मरम्मत कार्य के लिए तथा पांच लाख की धनराशि वेतन वितरण के लिए मिलती है। अनुदान सूची में 192 विद्यालयों के शामिल किये जाने और इन्हें अनुदान राशि आवंटन के आदेश के बाद शासन को पता चला कि जिन नये विद्यालयों को अनुदान सूची में लिया गया है, उनमें आजमगढ़ का स्वामी विवेकानंद शिक्षा सदन, अम्बेडकर नगर का आदर्श जनता प्राइमरी पाठशाला, देवरिया का चौधरी चरण सिंह विद्यालय, कर्मदानी देवी विद्यालय, महाराजगंज का स्व. देव नरायण चौधरी जनजाति विद्यालय, जवाहर लाल नेहरू विद्यालय, ए.डी. विद्यालय, जौनपुर का प्राथमिक विद्यालय व श्रीकृष्णबाल विद्या मंदिर दागदार हैं। इनके खिलाफ तमाम गंभीर शिकायते हैं। सरकार ने इन सभी 9 विद्यालयों को आवंटित अनुदान राशि देने पर रोक लगा दी है। प्रमुख सचिव समाज कल्याण बलविन्दर कुमार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि दागदार सभी विद्यालयों के खिलाफ जो आरोप है, उनकी जांच के लिए जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कोई फैसला होगा। विदित हो कि राज्य सरकार निजी क्षेत्र के 577 विद्यालयों को पहले से अनुदान देती है। इन्हें हर साल मरम्मत के अलावा वेतन पर खर्च होने वाली धनराशि भी दी जाती है। जिन नये 192 विद्यालयों को अनुदान सूची में शामिल किया गया है उन्हें सिर्फ 6 लाख रुपया हर साल निश्चित अनुदान मिलना था(कमल दुबे,राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,12.6.11)। |
यूपी में नौ नये आश्रम पद्धति विद्यालय अगले माह से Posted: 12 Jun 2011 05:50 AM PDT राज्य सरकार अगले माह से प्रदेश में नौ नये आश्रम पद्धति विद्यालय शुरू करने जा रही है। इसके अलावा कक्षा पांच तक के दो आश्रम पद्धति विद्यालयों को उच्चीकृति करके कक्षा 12 तक किया जा रहा है। सरकार के इस कदम से अनुसूचित जाति सहित विभिन्न अन्य वगरे के पांच हजार से ज्यादा गरीब छात्रों को मुफ्त शिक्षा के अवसर मिलेंगे। प्रमुख सचिव बलविन्दर कुमार ने बताया कि नये खोले जाने वाले आश्रम पद्धति विद्यालयों में तीन बालिका तथा बाकी बालकों के होंगे। इसमें सहारनपुर में 2, बिजनौर, अम्बेडकर नगर, बांदा, हरदोई, मिर्जापुर,झांसी तथा प्रतापगढ़ में |
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Palash Biswas
Pl Read:
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