BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Wednesday, June 15, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



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From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/6/14
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


दिल्लीःनौवीं और दसवीं के दलित छात्रों को मिलेगा वजीफा

Posted: 13 Jun 2011 11:29 AM PDT

नौवीं और दसवीं के गरीब दलित छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए अच्छी खबर है। बजट में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की घोषणा के बाद केंद्र सरकार जल्द ही इन कक्षा के छात्रों को भी वजीफा देने की तैयारी में जुटी है। उम्मीद है कि केंद्र सरकार की इस योजना से ४०-५० लाख दलित छात्रों को फायदा मिलेगा।


सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री मुकुल वासनिक ने नईदुनिया से खास बातचीत में कहा कि मैट्रिक पूर्व छात्रवृति योजना के तहत इस साल से नौवीं और दसवीं के छात्रों को भी वजीफा का फायदा मिलने लगेगा। उन्होंने बताया कि उनका मंत्रालय इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है। वासनिक ने कहा कि केंद्र की ओर से दलित छात्रों के लिए मैट्रिक पूर्व छात्रवृत्ति योजना अब तक नहीं चलाई जा रही थी लेकिन कुछ राज्य अपने स्तर पर नौवीं और दसवीं के छात्रों को छात्रवृति दे रहे हैं। वासनिक ने बताया कि मंत्रालय की मैट्रिक के बाद की छात्रवृत्ति योजना बेहद सफल रही है और इसके लाभार्थियों की संख्या भी ४० लाख से ज्यादा है। छात्रवृत्ति पाने वाले बच्चों के माता-पिता की सालाना आय एक लाख से दो लाख करने पर ब़ड़ी संख्या में छात्रों को इस योजना का फायदा मिला है(नई दुनिया,दिल्ली,13.6.11)।

डीयू से विज्ञान की पढ़ाईः कई क्षेत्रों में खुलते हैं बेहतर रोजगार के मौके

Posted: 13 Jun 2011 11:15 AM PDT

बीएससी ऑनर्स बॉटनी
वनस्पति विभाग में पेपरों की कुल संख्या 24 होती है। जिन्हें कुल छह सेमेस्टरों में बांटा गया है।
सेमेस्टर-1- बायोलॉजी की प्रस्तावना, माइक्रोबायोलॉजी, केमिस्ट्री, अंग्रेजी/कंप्यूटेशनल स्किल
सेमेस्टर-2-प्लांट विविधता, केमिस्ट्री, माइकोलॉजी, अंग्रेजी/ कंप्यूटेशनल स्किल
सेमेस्टर-3-प्लांट रिसोर्स यूटीलाइजेशन, गणित, सेल इंटीरियर और मॉलीकुर बायोलॉजी
सेमेस्टर-4-डेवलपमेंट बायोलॉजी, प्लांट इकोलॉजी, सेल बायोलॉजी और मॉलीकुलर बायोलॉजी
सेमेस्टर-5- प्लांट सिस्टेमेटिक, प्लांट फिजियोलॉजी, बायोइंफॉर्मेटिक्स और जीनोमिक्स-1
सेमेस्टर-6-प्लांट मेटाबॉलिज्म, रिप्रोडक्टिव बायोलॉजी, प्लांट बायोटेक्नोलॉजी और जीनोमिक्स-2
भविष्य में अवसर
आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर यशेशवर कहते हैं कि कोर्स को करने के बाद आपके सामने परास्नातक करने के कई विकल्प मौजूद होते हैं। आप जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से परास्नातक कर सकते हैं।
बीएससी ऑनर्स केमिस्ट्री
बीएससी ऑनर्स केमिस्ट्री दिल्ली विश्वविद्यालय के पॉपुलर कोर्सो में से एक है। बीएससी ऑनर्स में कुल पेपरों की संख्या 24 होती है। इस कोर्स की पॉपुलरिटी बढ़ी है। 24 पेपरों में 18 पेपर केमिस्ट्री के, दो फिजिक्स, दो गणित और एक अंग्रेजी और एक बायोलॉजी के है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के रसायन विभाग के प्रमुख डा. ए.के.बख्शी का कहना है कि रसायन विज्ञान ऐसी साइंस है जो कई नई चीजें बनाता है। नया ड्रग, मॉलीक्यूल बनाने में केमिस्ट्री का ही प्रयोग होता है। उन्होंने बताया कि केमिस्ट्री मैटर का अध्ययन करती है, नए मैटर बनाती रहती है। इस कोर्स में करीब 950सीटें है।
कैसा है सिलेबस
प्रो. बख्शी ने बताया कि सिलेबस पिछले वर्ष लागू हो गया था। यह काफी मॉडर्न सिलेबस है। केमिस्ट्री के पेपर में कंप्यूटर एप्लीकेशन, बायोकेमिस्ट्री, इंवायरनमेंटल केमिस्ट्री, मैथड ऑफ केमिकल एनालिसिस आदि है।
कंप्यूटर साइंस
दिल्ली विश्वविद्यालय का बीएससी (ऑनर्स) कंप्यूटर साइंस कोर्स प्लेसमेंट के मामले में बेहतर रिकॉर्ड बना रहा है। इस कोर्स को करने के बाद स्टूडेंट्स के पास मार्केट में जॉब की कोई कमी नहीं होती है। कंप्यूटर साइंस (ऑनर्स) का सिलेबस स्ट्रक्चर पूरी तरह से मार्केट डिमांड के अनुरूप ही तैयार किया गया है,यही वजह है कि कंपनियां इन कोर्सेज के छात्र को हाथों-हाथ लेती है। यह कोर्स डीयू के 15 कॉलेजों में कराया जाता है । प्रमुख कॉलेजों में हर साल कोर्स की कटऑफ 90 से ऊपर ही जाती है। कॉलेज के प्रिंसिपलों का कहना है कि उनके यहां इस कोर्स के करीब सौ फीसदी छात्रों का प्लेसमेंट हो जाता है। बीएससी (ऑनर्स) कंप्यूटर साइंस में प्लेसमेंट का रिकॉर्ड अच्छा जाता है।


कंप्यूटर साइंस विभाग की प्रमुख नीलिमा गुप्ता ने बताया कि कोर्स को पूरी तरह रिवाइज किया गया है। जो छात्र शोध के क्षेत्र में जाना चाहते हैं वह एमएससी कंप्यूटर साइंस करते हैं। इस कोर्स को करने के बाद छात्र एमबीए, एमसीए ,मैथमेक्टिस,टीचिंग कोर्स करा सकते हैं। उसके बाद वह सॉफ्टवेयर आदि कंपनियों में आसानी से जॉब पा सकते है। वहीं भास्कर कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंस के शिक्षक का कहना है कि कोर्स का सिलेबस इस तरह से तैयार किया गया है कि छात्र जॉब मार्केट में कहीं भी मात नहीं खा सकता। इस कोर्स की 46 सीटें है और कोर्स की सलाना फीस 20 हजार रूपये है। उन्होंने कहा कि पिछले सत्र में उनके कॉलेज में ज्यादातर स्टूडेंट्स ने पोस्ट ग्रेजुएशन में एमसी कंप्यूटर साइंस करना बेहतर समझा, क्योंकि पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद छात्रों को अच्छा पैकेज आसानी से मिल जाता है। पिछले साल इस कोर्स की हंसराज में 93.67 प्रतिशत, एआरएसडी में 86, पीजीडीएवी में 80 केशव महाविद्यालय में 82, कालिंदी में 75, एसपीएम में 72 प्रतिशत कटऑफ गई थी।
कैसा है सिलेबस : नीलिमा गुप्ता ने बताया कि स्नातक स्तर पर इंटरडिसिप्लनरी को बढ़ावा दिया गया है। इसमें भौतिक विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, गणित जैसे विषयों का समावेश है। शुरुआत में जावा पहली लैंग्वेज के तौर पर होती थी, दूसरे सेमेस्टर में सी लैंग्वेज था। अब सी+पहली लैंग्वेज है। पांचवे सेमेस्टर में इंटरनेट टेक्नोलॉजी का नया पेपर शामिल किया गया है। छह पेपर गणित के है, एक पेपर डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स का है। कंप्यूटर साइंस ऑनर्स में इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी का पेपर शामिल किया गया है।
(अनुराग मिश्र,हिंदुस्तान,दिल्ली,13.6.11)

डीयू का शहीद भगत सिंह कॉलेज (सांध्य)

Posted: 13 Jun 2011 11:00 AM PDT

शहीद भगत सिंह कॉलेज की स्थापना 1973 में हुई थी। देशभक्त शहीद भगत सिंह की याद में इस कॉलेज का नाम शहीद भगत सिंह रखा गया। शहीद भगत सिंह कॉलेज साउथ कैंपस के मशहूर सांध्य कॉलेजों में से एक है। यह शेख सराय के फेस-2 में स्थित है। इस कॉलेज में रेगुलर विषय के साथ ही वोकेशनल कोर्स टूरिज्म एंड ट्रेवल मैनेजमेंट की पढ़ाई होती है।

सुविधाएं: कॉलेज में लाइब्रेरी की सुविधा है। साथ ही 50 छात्रों की क्षमता वाला कम्प्यूटर लैब बनाया गया है। कॉलेज का अपना खेल परिसर है। कैंटीन, कॉलेज पत्रिका, तमाम सोसायटी के साथ-साथ छात्रों के लिए पार्किग की सुविधा है।
पिछले साल का कटऑफ: बीए ऑनर्स भूगोल-60, बीए ऑनर्स राजनीतिक शास्त्र-59, बीए प्रोग्राम-58, बीकॉम-75 और बीकॉम ऑनर्स-81 प्रतिशत थी।

कुल कोर्स: कॉलेज में सिर्फ पांच कोर्स हैं। बीए ऑनर्स भूगोल, बीए ऑनर्स राजनीतिक शास्त्र, बीए प्रोग्राम, बीकॉम और बीकॉम ऑनर्स।
कुल सीटें: 741
कुल छात्र : करीब 2000
पता: शेख सराय, फेज-2, नई दिल्ली-110017
फोन नंबर : 011-29253430
वेबसाइट: www.sbsec.org
(हिंदुस्तान,दिल्ली.13.6.11)

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के फर्जी अंकपत्र पर महाराष्ट्र में बन गए शिक्षक

Posted: 13 Jun 2011 10:45 AM PDT

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में फर्जीवाड़े का अब तक का सबसे पुराना मामला सामने आया है। करीब २५ साल पुराने फर्जी अंकपत्रों के सहारे महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों में कई शिक्षक वर्षों से नौकरी कर रहे हैं। इस मामले का खुलासा महाराष्ट्र के शिक्षा निदेशालय से आए दो सदस्यीय दल द्वारा अंकपत्रों का सत्यापन कराने के बाद हुआ। फौरी तौर पर जांचे गए छह अंकपत्रों में से पांच फर्जी पाए गए हैं।

महाराष्ट्र के शिक्षा निदेशक एसके राठौर और गोविंद कुमार ने विश्वविद्यालय के सत्यापन विभाग को शास्त्री, आचार्य और बीएड के ५१ अंकपत्र दो दिन पूर्व सौंपे। दूसरे चरण की परीक्षा में व्यस्तता के चलते रविवार तक सिर्फ छह अंकपत्रों का ही सत्यापन किया जा सका। इसमें से पांच फर्जी पाए गए हैं। ये ५१ अंकपत्र जिन लोगों के हैं वे महाराष्ट्र सरकार के जूनियर हाईस्कूल और हाईस्कूल में मोटे वेतन पर शिक्षक की नौकरी कर रहे हैं। 

विश्वविद्यालय के सत्यापन अधिकारी शशींद्र मिश्र के अनुसार इस मामले की शुरुआत महाराष्ट्र की सामाजिक संस्था टीडीए की पहल पर हुई। यह संस्था फर्जी तरीके से शिक्षक बनने वालों मुखालफत करती है। करीब छह माह पूर्व इस संस्था ने अपने स्तर से कई अंकपत्रों का सत्यापन कराया था। इनमें से अधिकतर फर्जी मिले थे। संस्था की शिकायत के बाद महाराष्ट्र शिक्षा निदेशालय मामले की जांच करता रहा। इंटरनेट पर संपूर्णानंद की फर्जी डिग्रियों की खबरों से प्रेरित होकर अधिकारियों ने अंकपत्रों का सत्यापन कराने का निश्चय किया। विश्वविद्यालय को सौंपे गए शेष अंकपत्रों के सत्यापन का कार्य भी शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा(अमर उजाला,वाराणसी,13.6.11)।

दूरस्थ शिक्षा से बीए-एमए करने वाले कर सकेंगे एलएलबी

Posted: 13 Jun 2011 10:30 AM PDT

दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से पढ़ाई कर वकालात में अपना भविष्य तैयार करने वाले युवाओं का सपना अब पूरा नहीं हो पाएगा। दूरस्थ शिक्षा से बीए व एमए करने वाले विद्यार्थी अब एलएलबी में प्रवेश नहीं ले सकते हैं। बार कौंसिल ऑफ इंडिया ने देश के सभी विघि महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों को ये निर्देश दिए हैं। साथ ही सत्र 2011-12 से इस नियम को लागू करने के लिए भी कहा है।
देश में लाखों विद्यार्थी दूरस्थ शिक्षा के जरिए नौकरी के साथ पढ़ाई कर आगे बढ़ रहे हैं। ऎसे में इस निर्देश से ऎसे विद्यार्थियों को सपना अधूरा रह जाएगा जो वकील बनना चाहते हैं। कौंसिल ने पत्र लिखकर सभी को निर्देश दिए हैं कि जिन विद्यार्थियों ने दूरस्थ शिक्षा से बीए या एमए किया है वे एलएलबी के तीन वर्षीय व पांच वर्षीय कोर्स में प्रवेश नहीं ले सकते हैं। साथ ही इस नियम की कड़ाई से पालना के लिए भी कहा है(राजस्थान पत्रिका,उदयपुर,13.6.11)।

संपूर्णानंद संस्कृत विवि की दूसरे चरण की वार्षिक परीक्षा कल से

Posted: 13 Jun 2011 10:15 AM PDT

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की १४ से २७ जून तक राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली दूसरे चरण की वार्षिक परीक्षा की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसमें डेढ़ लाख से ज्यादा विद्यार्थी शामिल होंगे। इसके लिए उत्तर प्रदेश सहित एक दर्जन राज्यों में चार सौ परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।

दूसरे चरण की परीक्षा में प्रथमा से लेकर आचार्य तक के कुल १.६२ लाख विद्यार्थी परीक्षा देंगे। हालांकि उत्तर प्रदेश में सिर्फ शास्त्री और आचार्य के विद्यार्थी ही शामिल होंगे। परीक्षार्थियों की संख्या ज्यादा होने के कारण सर्वाधिक केंद्र उत्तर प्रदेश में बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त पश्चिम बंगाल, असम, बिहार, सिक्किम, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, छत्तीसगढ़, उत्तरांचल में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए सभी परीक्षा केंद्रों के प्रभारियों को विशेष नियमावली भी भेजी गई है। केंद्राध्यक्षों को परीक्षा नियंत्रण कक्ष में दिवसवार उपस्थित रहने वाले अधिकारियों के नाम और फोन नंबर भी उपलब्ध कराए गए हैं। परीक्षा से पूर्व इन केंद्रों का परीक्षण किया जा चुका है। विश्वविद्यालय की ओर से भेजे गए निरीक्षण मंडल ने अधिकतर परीक्षा केंद्रों की भौतिक स्थिति का सत्यापन कर लिया है। निरीक्षण मंडल की रिपोर्ट के आधार पर इन परीक्षा केंद्रों का भविष्य तय किया जाएगा।
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिंदा प्रसाद मिश्र ने परीक्षा की शुचिता बनाए रखने के लिए अनोखी पहल की है। उन्होंने देशभर के संस्कृत चिंतकों और बुद्धिजीवियों से अनुरोध किया है यदि उनके क्षेत्र में किसी भी स्तर पर परीक्षा की शुचिता पर प्रश्न चिह्न लगता है तो इसकी जानकारी वे परीक्षा नियंत्रण कक्ष को दें। परीक्षा में गड़बड़ी की सूचना ०५४२-२२०४०८९, ०९४१५६११६८३, ०९४१५२०१०३१ एवं ०९९३५२५००८७ पर दी जा सकती है(अमर उजाला,वाराणसी,13.6.11)।

राजस्थानःकेंद्रीय विश्वविद्यालय की संयुक्त प्रवेश परीक्षा 18 व 19 को

Posted: 13 Jun 2011 10:00 AM PDT

रतनलाल कंवरलाल पाटनी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भवन में संचालित केंद्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान की ओर से 18 व 19 जून को संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा के जरिए विद्यार्थी देश के सात केंद्रीय विश्वविद्यालयों के विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकेंगे।

कुलपति प्रो. एम.एम. सालुंखे ने बताया कि सौ प्रश्नों वाली प्रवेश परीक्षा दो भागों में ली जाएगी। प्रथम भाग में अंग्रेजी, सामान्य ज्ञान, लॉजिकल थिकिंग आदि से संबंधित 35 प्रश्न होंगे। इन्हें 45 मिनट में हल करना होगा। जबकि पार्ट बी में विषय विशेष संबंधी 65 प्रश्न होंगे। विद्यार्थी विवि की वेबसाइट से ऑनलाइन प्रवेश पत्र डाउन लोड कर सकेंगे। परीक्षा संबंधी विस्तृत जानकारी भी वेबसाइट पर दी गई है।
परीक्षा केन्द्र 
प्रवेश परीक्षा अजमेर, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, कोटा, इलाहाबाद, बैंगलूरू, बेलगांव, दिल्ली, जम्मू, श्रीनगर, जमशेदपुर, केसरगोड, कोच्चि, कोलकाता, मदुरै, रांची आदि केंद्रों पर ली जाएगी।
इन विवि में मिलेगा प्रवेश
बिहार, झारखंड, कर्नाटक, केरल, कश्मीर, राजस्थान एवं तमिलनाडु केंद्रीय विवि(मदनगंज-किशनगढ़ (अजमेर),राजस्थान पत्रिका,13.6.11)।

गोरखपुरःमदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कालेज में सिलेबस नहीं है अपडेट

Posted: 13 Jun 2011 09:45 AM PDT

मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कालेज में नेशनल बोर्ड आफ एक्रीडिटेशन का तीन दिवसीय निरीक्षण पूरा हो गया। तीसरे दिन रविवार को टीम ने एक्जिट मीटिंग कर कालेज अच्छाइयों व कमियों को गिनाया। साथ ही संस्थान हित में कुछ अहम सुझाव भी दिये। खास बात यह रही कि टीम ने सारी अच्छाइयों के बीच सलेबस अपडेट न होने की बात कही। हालांकि सलेबस के लिए कालेज के हाथ बंधे हैं परंतु यह कहा गया कि स्वायत्तता मिलने के बाद सलेबस अपडेट कर लिये जाएंगे।

वर्ष २००३ से ही एमएमएम इंजीनियरिंग कालेज में इलेक्ट्रिक विभाग में पावर इलेक्ट्रानिक्स एंड ड्राइव, सिविल में इनवायरमेंटल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल में कंप्यूटर इंट्रीगे्रटेड मैन्यूफैक्चरिंग एवं इलेक्ट्रानिक्स में डिजिटल सिस्टम विषय के कोर्स पीजी में चल रहे हैं। इन्हीं कोर्सों को उत्कृष्टता के मानकीकरण के लिए नेशनल बोर्ड आफ एक्रीडिटेशन में अप्लाई किया गया था। शुक्रवार को एनबीए की नौ सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम आईआईटी रुड़की के प्रो. वीके तिवारी के नेतृत्व में इंजीनियरिंग कालेज पहुंची। दो दिनों तक लगातार सघन निरीक्षण व इंट्रेक्शन हुआ, जबकि शनिवार की रात में ही फाइनल रिपोर्ट तैयार कर ली गयी। रविवार को सुबह नौ बजे टीम के सदस्यों ने प्राचार्य प्रो. जेपी सैनी, सभी विभागाध्यक्षों व संकायाध्यक्षों के साथ एक्जिट मीटिंग की।


मीटिंग के खास बिन्दु
० कालेज का इन्फ्रास्ट्रक्चर, सीनियर फैकेल्टी, स्ट्रेंथ के हिसाब से फैकेल्टी स्ट्रेंथ, लीडरशिप व पेपर वर्क को अच्छा बताया गया
० सिलेबस अपडेट न होने को संस्थान की वीकनेस बताया गया
० नोएडा में आफिस खोलकर इंडस्ट्री से तालमेल कर प्लेसमेंट के द्वार खोलने की सलाह दी गयी
० इंटरप्रेन्योरशिप के जरिए स्वरोजगार को बढ़ावा देने की सलाह दी गयी
० इंडस्ट्री व संस्थान के बीच बेहतर तालमेल करने की सलाह दी गयी

पूरी उम्मीद, मिल जाएगी सफलता
एनबीए टीम का निरीक्षण बेहद संतोषजनक रहा। टीम ने रिपोर्ट तैयार कर ली है, जिसे एआईसीटी के एनबीए विभाग को सौंपा जाएगा। एक्जिट मीटिंग में उत्साहजनक बातें टीम ने कहीं। जो वीकनेस प्वाइंट रहा, उसे स्वायत्तता मिलने के बाद पूरा कर लिया जाएगा, क्योंकि सलेबस विवि से तैयार होता है। पूरी उम्मीद है कि इन चार कोर्सों को एक्रीडिटेशन मिल जाएगा।
प्रो. जेपी सैनी, प्राचार्य-एमएमएम इंजीनियरिंग कालेज गोरखपुर।
(अमर उजाला,गोरखपुर,13.6.11)

चंडीगढ़ः20 साल से भी ज्यादा समय से टिके हैं कुछ बाहरी टीचर

Posted: 13 Jun 2011 09:30 AM PDT

'डेपूटेशन' पर आकर अवधि से ज्यादा समय शहर में तैनात रहने वाले कर्मियों को वापस भेजने के नगर प्रशासक शिवराज पाटिल के प्रयासों के आलोक में यह बात भी देखने वाली है कि डेपूटेशन वाले अध्यापकों की 200 से अधिक संख्या वाली लंबी सूची है जो पड़ोसी राज्यों से आकर यहां तैनात हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस वर्ग में कुछ अध्यापक तो ऐसे भी हैं जो पांच साल से 'डेपूटेशन' की बजाय पिछले 20 साल से भी ज्यादा समय से यहां टिके हुए हैं।
एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत प्रशासक से सलाह के बाद प्रशासक के सलाहकार ने एक आदेश द्वारा पंजाब बिजली बोर्ड और हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम के छह कर्मियों को 'ओवर स्टे' के कारण डेपूटेशन से वापस भेजा है।
यूटी के अध्यापकों में नाराजगी है, क्योंकि 'बाहरी' अध्यापकों को पदोन्नत भी किया गया है, यहां तक कि प्रिंसिपल भी बना दिया गया है। इनकी यह भी शिकायत है कि इन बाहर वालों के चलते उन्हें आवास देने के मामले में भी भेदभाव का शिकार होना पड़ रहा है। भर्ती का मामला फाइलों में अटका पड़ा है पर यूटी ने 75 से ज्यादा अध्यापकों को डेपूटेशन पर पड़ोसी राज्यों से मंगवाने के लिए सूची मांग ली है।
अध्यापकों के मामले में पंजाब सेवा नियम, जो यूटी अपनाता है, के अनुसार डेपूटेशन की प्रारंभिक अवधि को प्रशासन का विभाग 5 साल तक बढ़ा सकता है और विशेष प्रकार से दुर्लभ मामले में इसे पांच साल से आगे भी बढ़ाया जा सकता है।

यूटी की लिस्ट में कई ऐसे नाम भी हैं जो 20 साल से भी ज्यादा समय से यहां टिके हुए हैं। वे उनके अतिरिक्त हैं जो कि यहीं से रिटायर हो गये। लिस्ट में कम से कम 14 ब्लाक शिक्षा अधिकारी हैं, जो जेबीटी टीचर के तौर पर कार्यरत हैं। इनमें सबसे पुराना 1987 से यहां डेपूटेशन पर हैं। यूटी में पंजाब और हरियाणा से 200 टीचर डेपूटेशन पर हैं। कुछ हिमाचल से भी हैं जिनकी तैनाती अवधि पांच साल से ज्यादा हो चुकी है।
डेपूटेशन पर टीचर लाने के यूटी के प्रयासों की पुष्टिï करते हुए डीपीआई संदीप हंस कहते हैं कि पंजाब से तो 20 नाम प्राप्त हो चुके हैं। साथ ही परीक्षा परिणामों का भी उल्लेख करते हैं।
शिक्षा सचिव वीके सिंह दो राज्यों की संयुक्त राजधानी का हवाला देते हुए कहते हैं कि अध्यापन एक अलग किस्म का काम है, इसे प्रशासनिक पद वाले डेपूटेशन से नहीं जोड़ा जा सकता।
यूटी काडर शिक्षा कर्मी यूनियन के प्रधान स्वर्ण सिंह कम्बोज के अनुसार डेपूटेशन मामले में अनियमितता से यूटी के अध्यापकों के हित प्रभावित हुए हैं। बाहर वालों को यूटी वालों की कीमत पर पदोन्नतियां तक मिली हैं। वह साथ ही इनके 'वीवीआई रिश्तों' की ओर संकेत भी करते हैं(संजीव सिंह बरियाणा,दैनिक ट्रिब्यून,चंडीगढ़,13.6.11)।

हिमाचलःनेत्रहीनों के लिए खुलेगा स्कूल

Posted: 13 Jun 2011 09:15 AM PDT

नेत्रहीन लोगों के सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत शिमला में एक स्कूल खोलने की तैयारी चल रही है। एक अधिकारी ने बताया कि नेशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड द्वारा स्वीकृत एक स्कूल शिमला के रोहड़ू इलाके में खोला जाएगा।
फेडरेशन के उपाध्यक्ष कुलदीप सिंह ठाकुर ने बताया कि उत्तर भारत में नेत्रहीनों के लिए विशेष स्कूल पंजाब के कपूरथला और हरियाणा के अंबाला में है और अब हिमाचल में भी इस तरह का स्कूल होगा।
ठाकुर ने बताया कि इस प्रस्ताव को स्वीकृति देने से पहले राज्य में इस संबंध में एक सर्वेक्षण कराया गया था, जिसमें इस प्रकार के बच्चों की संख्या और उनको उपलब्ध सुविधाओं का पता लगाया गया था। उन्होंने बताया कि राज्य में शिमला के सुंदर नगर में शारिरिक रूप से अक्षम बच्चों के साथ ही नेत्रहीन बच्चों को भी साथ रखा जाता है। आधुनिक हॉस्टल, ब्रेल की शैक्षिक सुविधा और बोलने वाले कंप्यूटर की मदद से बच्चों को तकनीकी तौर पर काफी सक्षम बनाया जाएगा(दैनिक ट्रिब्यून,धर्मशाला,13.6.11)।

बिहारःकांट्रैक्ट पर नियुक्त होंगे 154 डाक्टर

Posted: 13 Jun 2011 09:00 AM PDT

जेलों के लिए अनुबंध (कांट्रैक्ट) पर 154 चिकित्सकों की नियुक्ति नीति को गृह विभाग ने अंतिम रूप दे दिया है। 154 चिकित्सकों में 39 विशेषज्ञ चिकित्सक होंगे। इनकी नियुक्ति गृह सचिव के स्तर से होनी है जबकि जेल आईजी को चयन समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। वर्तमान में सूबे के जेलों में चिकित्सकों की उपलब्धता की यह स्थिति है कि जेलों की संख्या के जितनी है उतने भी चिकित्सक नहीं है। स्थानीय स्तर पर जेलों के लिए चिकित्सक की व्यवस्था की जाती है। गृह विभाग ने जेलों के लिए कांट्रैक्ट पर चिकित्सकों की नियुक्ति नीति में यह व्यवस्था कर दी है कि अधिकतम 60 वर्ष तक की आयु के चिकित्सक की बहाली भी संभव हो सकेगी। वैसे एमबीबीएस की डिग्री के साथ बिहार राज्य चिकित्सा परिषद से उनका स्थायी निबंधन अनिवार्य शर्त होगी। अनुबंध पर नियुक्त होने वाले विशेषज्ञ चिकित्सक को 35 हजार रुपये प्रतिमाह का भुगतान किया जायेगा। सामान्य चिकित्सक को 30 हजार रुपये मिलेगा। गृह विभाग ने जेलों के लिए अनुबंध पर बहाल होने वाले चिकित्सकों के लिए यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रतिमाह तय राशि के अलावा इन्हें कुछ और नहीं मिलेगा। वैसे राज्य सरकार जब कभी सरकारी सेवा में कार्यरत चिकित्सकों के पारिश्रमिक को बढ़ायेगी तब उसकी बढ़ोतरी का लाभ जेलों में कांट्रैक्ट पर बहाल चिकित्सकों को भी मिलेगा। चयन के संबंध में बनी नीति में यह स्पष्ट किया गया है कि सामान्य चिकित्सकों का चयन विश्वविद्यालय स्तर पर हुई परीक्षा में आये अंक के आधार पर बनी मेधा सूची के तहत होगा। मेधा सूची के निर्धारण में अगर किसी दो अभ्यर्थियों के प्राप्तांक का प्रतिशत समान हो जाता है तो अधिक उम्र वाले अभ्यर्थी को प्राथमिकता दी जायेगी। जेल आईजी के स्तर पर अनुबंध की अवधि अधिकतम पांच वर्ष के लिए की जा सकेगी। कांट्रैक्ट पर नियुक्त चिकित्सकों की सेवा संतोषप्रद नहीं पाये जाने पर एक माह की नोटिस देकर संबंधित चिकित्सक की सेवा समाप्त कर दी जायेगी(दैनिक जागरण,पटना,13.6.11)।

आईटीबीपी की कांस्टेबल परीक्षाःमेडिकल 20 जून से

Posted: 13 Jun 2011 08:45 AM PDT

भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल परीक्षा में कांस्टेबल (सामान्य ड्यूटी) के पद पर लिखित परीक्षा में अर्ह अभ्यर्थियों का मेडिकल देश के 16 सेंटरों पर 20 जून से शुरू होगा। मेडिकल 16 जुलाई तक चलेगा। उत्तर प्रदेश में इसके लिए तीन सेंटरों बनाए गए हैं। इसी तरह असम राइफल्स में राइफलमैन की भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा में अर्ह अभ्यर्थियों का मेडिकल 20 जून से 9 जुलाई तक होगा। मेडिकल के लिए अभ्यर्थियों को बुलावा पत्र भेज दिया गया है। जिन अभ्यर्थियों को बुलावा पत्र नहीं मिला है वे एसएससी पूर्वोत्तर क्षेत्र की वेबसाइट www.sscner.org.in से डाउनलोड कर सकते हैं। आइटीबीपी में सिपाही पद के लिए देहरादून में 20 जून से मेडिकल शुरू होगा और 12 जुलाई तक चलेगा। दूसरा सेंटर इलाहाबाद को बनाया गया है। यहां आइटीबीपी 18वीं बटालियन गौसपुर में 20 जून से शुरू होकर 16 जुलाई तक मेडिकलचलेगा। तीसरा सेंटर कानपुर बनाया गया है। जिन अभ्यर्थियों को बुलावा पत्र अभी तक नहीं मिला है वे एसएससी के पश्मिोत्तर क्षेत्र की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एसएससीएनडब्ल्यूआरडॉटओआरजी से डाउनलोड कर सकते हैं(दैनिक जागरण,इलाहाबाद,13.6.11)।

लखनऊःऑनलाइन के बजाए लाइन आ रही रास

Posted: 13 Jun 2011 08:30 AM PDT

माउस के एक क्लिक पर प्रवेश फार्म प्राप्त करने कि बजाय अभ्यर्थियों को कतार में लगकर फार्म लेना ज्यादा सहज लग रहा है। नेशनल पीजी कॉलेज में स्नातक और स्नातकोत्तर के लिए हुए आवेदनों के आंकड़े इसी तरफ इशारा कर रहे हैं। विभिन्न पाठ्यक्रमों में ऑनलाइन आवेदन करने वालों की संख्या कुल आवेदनों का एक प्रतिशत भी नहीं हैं। प्रबंधन पाठ्यक्रम में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों ने भी ऑनलाइन व्यवस्था की बजाय महाविद्यालय जाकर प्रवेश फॉर्म खरीदना बेहतर समझा। नेशनल पीजी कॉलेज में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी ऑनलाइन प्रक्रिया में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में आवेदन की अंतिम तिथि 16 जून है। अभी तक लगभग नौ हजार आवेदन हुए हैं जबकि ऑनलाइन आवेदन सौ का आंकड़ा भी नहीं पार कर सका है। आम तौर पर माना जाता है कि पेशेवर पाठ्यक्रमों में आवेदन करने वाले विद्यार्थी प्रवेश की हाईटेक तकनीक ही पसंद करते हैं। इस धारणा को भी धक्का लगा है। प्रबंधन पाठ्यक्रमों के लिए हुए कुल 2500 आवेदनों के सापेक्ष महज 20 ऑनलाइन प्रवेश फार्म भरे गए। प्राचार्य डॉ.एसपी सिंह का कहना है कि प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी और अभिभावक महाविद्यालय और उसकी सुविधाओं को भी देखना चाहते हैं। यही कारण है कि लगभग 99 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने फार्म खरीद कर आवेदन किया है। प्रतिबंध लगाने की मांग मानव सेवा संस्थान के कार्यकर्ताओं की रविवार को बशीरतगंज में बैठक हुई। बैठक में पशु वधशालाओं पर प्रतिबंध लगाने की सरकार से मांग की गई(दैनिक जागरण,लखनऊ,13.6.11)।

एसएससीःसंयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा 19 को

Posted: 13 Jun 2011 08:10 AM PDT

कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित संयुक्त स्नातक स्तरीय (टीयर-1) परीक्षा 19 जून को प्रदेश के 8 केंद्रों पर व बिहार में 26 जून को 5 केंद्रों पर होगी। यह परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जाएगी। पहली पाली का समय सुबह 10 से 12 व दूसरी पाली का समय 2 से 4 रखा गया है। एक अभ्यर्थी की एक ही पाली में परीक्षा देनी होगी। कर्मचारी चयन आयोग (मध्य क्षेत्र) के निदेशक एके मिश्रा ने बताया कि परीक्षा के लिए सभी पात्र अभ्यर्थियों को प्रवेश-पत्र जारी कर दिए गए हैं। जिन अभ्यर्थियों को प्रवेश-पत्र नहीं मिला है वे आयोग की वेबसाइट से द्वितीय प्रति डाउनलोड कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के अभ्यर्थियों की परीक्षा 19 जून को और बिहार के अभ्यर्थियों की परीक्षा 26 जून को आयोजित की गई है। हालांकि पटना के कुछ अभ्यर्थियों को गया व गोरखपुर में स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने बताया कि जिन अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र गोरखपुर दिया गया है उनकी परीक्षा 19 जून को होगी। इसी प्रकार दृष्टिविकलांग अभ्यर्थियों को जिन्होंने ऋुति लेखक की मांग की है उनकी परीक्षा 19 जून को इलाहाबाद में सुबह 10 से 12 के बीच होगी। इस परीक्षा में 2 लाख 50 हजार के लगभग अभ्यर्थी बैठ रहे हैं। परीक्षार्थियों को 200 प्रश्न दो घंटे में हल करना होगा(दैनिक जागरण,इलाहाबाद,13.6.11)।

लखनऊ विवि ने कॉलजों को बताए बिना बढ़ा दी फीस

Posted: 13 Jun 2011 07:50 AM PDT

लखनऊ के 107 महाविद्यालय फीस निर्धारण को लेकर असमंजस में हैं। लखनऊ विवि ने परीक्षा शुल्क बढ़ाने का ऐलान तो कर दिया लेकिन कॉलेजों को इस संबंध में कोई लिखित जानकारी नहीं दी। दुविधा के चलते कॉलेजों ने अपने प्रॉस्पेक्टस में पुरानी फीस ही दर्शायी है। लविवि और महाविद्यालयों के बीच संवाद की कमी का खामियाजा पिछले सत्र में विद्यार्थी भुगत चुके हैं। उधर लविवि प्रवक्ता प्रो. एसके द्विवेदी का कहना है कि 18 जून तक सर्कुलर जारी कर दिया जाएगा। इससे पहले लविवि की वेबसाइट पर जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी। विश्र्वविद्यालय कॉलेजों से संबंधित विषयों पर निर्णय तो कर लेता है लेकिन उन्हें तत्काल इसकी जानकारी देने में दिलचस्पी नहीं दिखाता। घाटे से उबरने के लिए लविवि वित्त समिति ने सत्र 2011-12 के लिए परीक्षा शुल्क बढ़ाने का फैसला किया। लगभग तीन महीने पहले लिए गए फैसले से महाविद्यालयों को अवगत नहीं कराया गया है। इसका असर उनके प्रॉस्पेक्टस पर देखने को मिल रहा है। ज्यादातर कॉलेजों ने अपनी पुरानी फीस ही दर्शायी है। ऐसे ही घटनाक्रम के चलते पिछले सत्र में हजारों विद्यार्थियों को ठीक परीक्षा के समय दोबारा परीक्षा शुल्क जमा करना पड़ा था। महाविद्यालयों के सामने भी शुल्क जमा करने के लिए खासी दिक्कत पेश आई थी। लविवि वित्त समिति ने सत्र 2011-12 के लिए महीनों पहले परीक्षा शुल्क बढ़ाने का फैसला किया। बीए, बीएससी और बीकॉम समेत हर पाठ्यक्रम के लिए अलग परीक्षा शुल्क निर्धारित हुआ। लविवि की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई। कालीचरण पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वीएन मिश्र ने बताया कि लविवि की तरफ से परीक्षा शुल्क के संदर्भ में कोई सर्कुलर नहीं जारी किया गया है। लिहाजा प्रॉस्पेक्टस में पुरानी फीस ही दर्शायी गई है(दैनिक जागरण,लखनऊ,13.6.11)।

रेलवे के नर्सिंग कालेज जल्द बनने की उम्मीद जगी

Posted: 13 Jun 2011 07:30 AM PDT

आखिरकार लंबी कवायद के बाद रेलवे के नर्सिग कालेज बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उम्मीद है कि ये नर्सिग कालेज एक साल के भीतर शुरू भी हो जाएंगे। पीपीपी के आधार पर बनने वाले इन नर्सिग कालेजों में रेलकर्मियों के आश्रितों के दाखिले के लिए सीटें आरक्षित होंगी। गौरतलब है कि वर्ष 2009-10 के रेल बजट में देश भर में सात स्थानों पर सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर नर्सिग कालेज स्थापित करने की घोषणा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य यह था कि इन नर्सिग कालेजों में रेलकर्मियों के आश्रितों के लिए सीटें आरक्षित होंगी। इस संबंध में विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित करने में दो वर्ष से अधिक का समय लग गया। अब इसकी प्रक्रिया शुरू की गई है। रेलवे बोर्ड ने इन नर्सिग कालेजों को स्थापित करने का कार्य संबंधित जोनल रेलवे को दे दिया है। देश भर में बनने वाले सात नर्सिग कालेजों में से दो नर्सिग कालेज उत्तर रेलवे की ओर से बनाए जाएंगे। इनमें से एक नर्सिग कालेज दिल्ली में जबकि दूसरा लखनऊ में बनेगा। इस संबंध में उत्तर रेलवे ने निवेशकों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। नर्सिग कालेज के लिए रेलवे निवेशकों को भूमि और नर्सिग छात्रों को अभ्यास के लिए अपने अस्पताल प्रदान करेगी। उत्तर रेलवे का दिल्ली में 437 और लखनऊ में 275 बिस्तर का अस्पताल है। पीपीपी के तहत निवेशकों को नर्सिग कालेज चलाने के लिए भवन और छात्रावास बनाना होगा। उन्हें निर्माण, संचालन और देखरेख के आधार पर कालेज चलाने के लिए अनुबंधित किया जाएगा। इच्छुक निवेशकों को यह प्रस्ताव देना होगा कि वे रेलकर्मियों के आश्रितों को नर्सिग कालेज में कितनी सीटें देंगे। प्रस्ताव आने के बाद रेलवे यह निर्धारित करेगी कि सबसे बेहतर प्रस्ताव किस निवेशक की ओर से आया है। उसे रेलवे एक निर्धारित अवधि के लिए नर्सिग कालेज स्थापित करने की अनुमति देगी। इस संबंध में उत्तर रेलवे ने प्रक्रिया शुरू कर दी है कुछ महीने में सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद नर्सिग कालेज बनाने का काम शुरू हो जाएगा। उम्मीद है कि एक वर्ष के बाद नर्सिग कालेज शुरू हो जाएंगे(विनोद श्रीवास्तव,राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,13.6.11)।

डीयूःसेंट स्टीफंस में 90 पर्सेंट से कम वालों के दाखिले के चांस कम

Posted: 13 Jun 2011 07:10 AM PDT

दिल्ली विविद्यालय के नामचीन कॉलेज में शुमार सेंट स्टीफंस कॉलेज में शैक्षणिक सत्र 2011-12 के दाखिले में 90 पर्सेंट से कम वालों के लिए दाखिले की उम्मीद बेहद कम है। कॉलेज में बीते साल के दाखिले को देखें तो कॉलेज के प्रमुख पाठय़क्रमों में 90 पर्सेट से कम वालों को दाखिला नहीं मिल सका है। केवल संस्कृत ऑनर्स पाठय़क्रम में ही न्यूनतम 65 प्रतिशत पर दाखिला मिला था। कॉलेज एडमिशन कमेटी कंनवेनर केएम मैथ्यू ने बताया कि कॉलेज में बीते साल 90 से 97 प्रतिशत तक वालों को दाखिला मिल पाया था। सेंट स्टीफंस में दाखिले के लिए सोमवार को आखिरी मौका है। सेंट स्टीफंस कॉलेज की कुल 420 सीटों के लिए कुल 16 हजार 500 आवेदन आये हैं। यदि आप सेंट स्टीफंस कॉलेज में आवेदन करना चाहते हैं तो हर हाल में शाम चार बजे तक आवेदन करना होगा। दाखिले के लिए आवेदन पत्र कॉलेज के अलावा ऑनलाइन और डाउनलोड कर भी भरे जा सकते हैं। दाखिले के लिए आवेदन पत्र सुबह 10 से दोपहर 1 बजे और फिर दोपहर 2 से शाम 4 बजे तक कालेज से मिलेंगे। कॉलेज के 10 कोर्सेज में दाखिले 12वीं के नतीजे और 15 प्रतिशत साक्षात्कार के आधार पर किये जाएंगे। कॉलेज के कोर्सेज में अर्थशास्त्र ऑनर्स, फिजिक्स ऑनर्स, गणित ऑनर्स, अंग्रेजी ऑनर्स, कैमिस्ट्री ऑनर्स, इतिहास ऑनर्स, बीएससी प्रोग्राम विद कम्प्यूटर साइंस, बीएससी प्रोग्राम विद कैम्िप्रोग्राम शामिल हैं। सेंट स्टीफंस कॉलेज के 10 स्नातक पाठय़क्रमों में दाखिले के लिए ऑफलाइन 12 हजार से अधिक आवेदन आए हैं। कॉलेज में दाखिले के लिए ऑनलाइन 4 हजार से अधिक आवेदन आये हैं। जबकि करीब 300 डाउनलोड फॉर्म जमा किये गये हैं। श्री मैथ्यू ने बताया कि अभी दो हजार से अधिक फॉर्म आखिरी दिन आने की उम्मीद है। कॉलेज में साक्षात्कार 20 जून से शुरु होगा। हालांकि कॉलेज द्वारा 16 जून को साक्षात्कार की निश्चित तिथियां घोषित कर दी जाएंगी। कॉलेज के दाखिले में आरक्षण की बात करें तो सबसे ज्यादा कोटा जो 50 फीसद क्रिश्चियन समुदाय के लिए रखा गया है। जिसमें 20 फीसद कोटा चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया से जुड़े क्रिश्चियनों के लिए है, जबकि बाकी 20 फीसद कोटा जनरल क्रिश्चियन के लिए और बाकी 10 फीसद कोटा अनुसूचित जनजाति (एसटी), शहीद सैन्यकर्मियों के बच्चों और दलित क्रिश्चियन का था। दलित क्रिश्चियन के कोटे को हटा दिया गया है। इसी प्रकार बाकी 50 फीसद कोटे में 40 फीसद कोटा जनरल कैटेगरी के लिए और बाकी 10 फीसद एससी-एसटी और विकलांग वर्ग के लिए रखा गया है। कॉलेज में बीते साल तक दाखिले 75 प्रतिशत 12वीं के अंकों के आधार, 15 फीसद साक्षात्कार और 10 फीसद दसवीं के अंकों के आधार पर दिये जाते थे। लेकिन इस बार से दसवीं के अंक को खत्म कर दिया गया है। इस कारण इस बार दाखिले में 12वीं के अंकों के लिए 85 फीसद और साक्षात्कार के 15 फीसद अंक के आधार पर दाखिले कियेजाएंगे। आवेदन के लिए प्रॉस्पेक्टस और फॉर्म की कीमत 100 रुपये रखी गई है। कॉलेज में एमए और एमएससी के लिए आवेदन फॉर्म एक जून के बाद से मिलेंगे।


कोर्स में दाखिले के लिए साक्षात्कार की तिथियां

अर्थशास्त्र ऑनर्स-20, 21 और 22 जून फिजिक्स ऑनर्स-20, 21, 22 और 23 जून गणित ऑनर्स-23, 24, 25 और 27 जून अंग्रेजी ऑनर्स-23 और 24 जून केमिस्ट्री ऑनर्स-24, 25 और 27 जून स्पोर्ट्स दाखिले-28 जून इतिहास ऑनर्स-29, 30 जून और 1 जुलाई बीएससी प्रोग्राम विद कम्प्यूटर साइंस-29 और 30 जून बीएससी प्रोग्राम विद केमिस्ट्री-1 और 2 जुलाई फिलॉस्फी ऑनर्स-2 जुलाई बीए प्रोग्राम-2 और 4 जुलाई(राकेश नाथ,राष्ट्रीय सहारा,13.6.11)

लखनऊ विविःसुविधाएं नहीं मिलीं,मूल्यांकन ठप

Posted: 13 Jun 2011 06:50 AM PDT

लखनऊ विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा) ने मूल्यांकन न करने का निर्णय लिया है। शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय ने बताया कि लविवि प्रशासन मूल्यांकन के दौरान मूलभूत सुविधाएं भी मुहैया नहीं करा रहा है। शिक्षकों को तुरंत भुगतान की चेक मिलने का भी कोई इंतजाम अभी तक नहीं किया गया है। डॉ.पाण्डेय का कहना है कि जब तक सारी मांगें नहीं मानी जाएंगी, शिक्षक कॉपी नहीं जाचेंगे। उधर, लविवि शिक्षक संघ (लूटा) अध्यक्ष का कहना है कि सोमवार को मौजूदा स्थिति देखने के बाद निर्णय लिया जाएगा। लुआक्टा अध्यक्ष ने बताया कि मूल्यांकन के दौरान बिजली की सुचारु व्यवस्था भी नहीं की गई है। दिनभर बिजली की आवाजाही रहती है और अतिरिक्त इंतजाम नहीं किए गए हैं। शौचालय साफ सुथरे नहीं रहते। खाने की भी व्यवस्था नहीं की जा रही है। एक सप्ताह पहले इन समस्याओं के बाबत लविवि प्रशासन को अवगत करा दिया गया था लेकिन इस मामले में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। रविवार को मूल्यांकन ठप रहा तो एक छोटे जनरेटर की व्यवस्था की गई, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। मूल्यांकन के बाद तुरंत चेक देने की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि मूल्यांकन के लिए जब तक पूरे संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जाएंगे, शिक्षक कॉपी नहीं जांचेंगे। उधर, लूटा अध्यक्ष डॉ.अनिल शुक्ल का कहना है कि परीक्षा विभाग और वित्त विभाग संवेदनशीलता नहीं दिखा रहा है। शिक्षकों की मांगे जायज हैं, इन पर ध्यान देना चाहिए। हालांकि उन्होंने लविवि शिक्षकों द्वारा मूल्याकंन ठप करने का कोई निर्णय नहीं लिया है। गौरतलब है कि मूल्यांकन में लगे शिक्षकों में कॉलेजों के शिक्षक बहुसंख्य हैं। शिक्षकों के मूल्यांकन ठप करने के कारण अब तय समय 30 जून तक परिणाम निकलने पर भी संशय हो गया है(दैनिक जागरण,लखनऊ,13.6.11)।

बिहार बोर्डःइंटर(कला) के टॉप 44 में 40 बेटियां

Posted: 13 Jun 2011 06:30 AM PDT

यह वाकई अद्भुत है। अकल्पनीय। बेटियों ने इंटरमीडिएट कला की परीक्षा में गजब का रिकार्ड बनाया है। न भूतो, न भविष्यति सरीखा। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा रविवार को घोषित ये परिणाम कई संदेश देते हैं। प्रदेश में शिक्षा के प्रति लड़कियों की बढ़ती रुचि और हर बाधा को पार कर ऊंचाई छू लेने की उनकी ललक साबित है। इसके मूल में पिछले पांच वर्ष के दौरान शासन द्वारा इस मुतल्लिक चलायी गयी विभिन्न योजनाएं भी हैं। बहरहाल, परीक्षा समिति द्वारा जारी टापरों की सूची में 15 वें रैंक तक के 44 परीक्षार्थियों में 40 पर बेटियां हैं। चार बनाम चालीस का यह आंकड़ा बताता है कि लड़कियों की उड़ान, लड़कों के मुकाबले दस गुनी तेज है। रोचक यह कि टाप के लगातार 11 वें स्थान तक बस बेटियां हैं। परीक्षा में कुल 88.15 प्रतिशत परीक्षार्थियों ने सफलता हासिल की है। समिति के अध्यक्ष प्रो.राजमणि प्रसाद सिंह ने रिजल्ट जारी किया। टापरों में कुल 500 में 425 अंक प्राप्त कर सूर तुलसी कालेज कटिहार की प्रणीता सरीन प्रथम स्थान पर रही। 421 अंक प्राप्त कर विद्यापति कालेज विद्यापतिनगर समस्तीपुर की खुशबू कुमा



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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