BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Friday, June 24, 2011

Fwd: भाषा,शिक्षा और रोज़गार



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From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/6/24
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com


भाषा,शिक्षा और रोज़गार


एलोपैथ डॉक्टरों की डिग्री का ऑनलाइन पंजीकरण सितम्बर से

Posted: 23 Jun 2011 07:30 AM PDT

एलोपैथ डॉक्टरों की एमबीबीएस, एमडी, एमएस समेत अन्य उच्च शिक्षा की डिग्रियों का पंजीकरण ऑनलाइन होगा। इसकी शुरुआत सितम्बर माह से होगी। इसके लिए एक साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। एक निजी एजेंसी कार्य करेगी। दिल्ली सरकार की स्वायत्त संस्था दिल्ली मेडिकल काउंसिल(डीएमसी) ने यह सुविधा प्रदान करने के लिए मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज स्थित डीएमसी मुख्यालय में केंद्र स्थापित किया है। डीएमसी रिकार्ड में इस समय राजधानी में करीब 29 हजार 789 एलोपैथ डॉक्टर पंजीकृत हैं। इन्हें हर तीन साल के बाद या फिर एमबीबीएस से अधिक मेडिकल शिक्षा ग्रहण करने पर डिग्रियों का नवीनीकरण कराना पड़ता है। इसके लिए उन्हें लंबी कवायद कर डीएमसी कार्यालय आना पड़ता है। उन्हें फार्म आदि की कई प्रकार की अन्य औपचारिकताएं पूरी करने में काफी समय खराब होता है। चूंकि डॉक्टर होने के चलते इनका समय काफी महत्वपूर्ण होता है।यही नहीं, 25 से 30 फीसद ऐसे डॉक्टर भी है जिन्होंने कई साल से अपनी डिग्रियों का पंजीकरण कराने में दिचचस्पी ही नहीं दिखाई है। डीएमसी अधिनियम के तहत राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र(एनसीआर) में कोई भी एलोपैथ डॉक्टर तब तक प्रैक्टिस नहीं कर सकता है जब तक कि वह दिल्ली मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण न करा ले। इस कानून के तहत डीएमसी उसी डॉक्टर का पंजीकरण करती है, जिन्होंने मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज से डिग्री हासिल की है। डीएमसी के रजिस्ट्रार डा. वाईके त्यागी ने कहा कि इस व्यवस्था के तहत पंजीकरण कराने वाले डॉक्टर को एक हजार रुपये का शुल्क अदा करना होगा(राष्ट्रीयसहारा,दिल्ली,23.6.11)।

दिल्ली यूनिवर्सिटी के निर्देश को उच्च न्यायालय में चुनौती

Posted: 23 Jun 2011 07:10 AM PDT

एमबीबीएस पाठ्यक्र म में दाखिला लेने के इच्छुक छात्रों के एक समूह ने बुधवार को दिल्ली विविद्यालय के उस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी जिसमें केंद्र सरकार द्वारा नामित छात्रों को बिनी किसी प्रवेश परीक्षा में सफल हुए सीधे नामांकन करने का निर्देश दिया गया है। न्यायमूर्ति मनमोहन सिंह और न्यायमूर्ति सुरेश कैत की पीठ ने दिल्ली विविद्यालय और केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए चार जुलाई तक जवाब देने को कहा है। तीन महिला अभ्यर्थियों ने वकील अमन हिंगोरानी के जरिए याचिका दायर की। इन तीन छात्राओं ने 2011-12 सत्र के लिए दिल्ली विविद्यालय मेडिकल प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल की थी, लेकिन उन्हें मौलाना आजाद मेडिकल कालेज, लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज और यूनिवर्सिटी कालेज आफ मेडिकल साइंस में दाखिला नहीं मिल सका। याचिकाकर्ताओं के अनुसार विविद्यालय ने 2011 के लिए जो बुलेटिन जारी किया है उसमें केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय कोटा के तहत नामित छात्रों को छूट दी गयी है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,23.6.11)।

अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को आरटीई के दायरे से बाहर रखने की मांग

Posted: 23 Jun 2011 06:50 AM PDT

राइट टू एजुकेशन (आरटीई) के दायरे से अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों को बाहर रखने की मांग करते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस ए मुशावरत ने एक सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन में सरकार से संसद के मानसून सत्र में कानून में संशोधन करके अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों को इस कानून के दायरे से बाहर रखने की मांग की गई। सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुशावरत के उपाध्यक्ष मौलाना अहमद अली कासमी ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह जल्दी ही अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को आरटीई के दायरे से बाहर रखे। उन्होंने कहा कि इसके लिए कानून में जल्दी ही संशोधन किया जाना चाहिए। इस अवसर पर मुशावरत के दूसरे उपाध्यक्ष मौलाना वली रहमानी ने कहा कि इस संदर्भ में सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस स्पष्ट नहीं हैं। वे आपस में भ्रम पैदा करती हैं। उन्होंने कहा कि मदरसों के साथ अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों को आरटीई के दायरे से बाहर रखने की मांग की गई थी। लेकिन गाइडलाइंस में केवल मदरसों और वैदिक पाठशालाओं का ही जिक्र है। इसका यह मतलब है कि अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों पर अब भी आरटीई की तलवार लटकी है। मुशावरत के महासचिव इल्यास मलिक ने कहा कि इस संदर्भ में प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह से एक प्रतिनिधिमंडल भेंट कर चुका है। प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेने की बात कही थी। लेकिन अब समय आ गया है कि सरकार पर दबाव बनाया जाए कि वह मानसून सत्र में कानून में संशोधन करे(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,23.6.11)।

डीयू की दाखिला प्रक्रिया से जुड़ीं खास तिथियां

Posted: 23 Jun 2011 06:30 AM PDT

दूसरी कटऑफ लिस्ट के आधार पर दाखिले- 25 जून तक (सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक) तीसरी कटऑफ लिस्ट-27 जून दाखिले-28 जून से 1 जुलाई (सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक) चौथी कटऑफ लिस्ट 2 जुलाई दाखिले-4 से 7 जुलाई (सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक) पांचवीं कटऑफ लिस्ट 8 जुलाई दाखिले-9जुलाई से 13 जुलाई (सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक) नोट: सांध्य कॉलेजों में दाखिले शाम 4 से 7 बजे तक। हैलो- एडमिशन हेल्पलाइन नार्थ कैम्पस- 27662507 व 27662508 साउथ कैम्पस- 24116752 व 24116753(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,23.6.11)

डीयूःरामजस को 110 ने तो मिरांडा को 50 ने किया गुडबाय

Posted: 23 Jun 2011 06:03 AM PDT

डीयू के कॉलेजों में एक तरफ जहां हजारों विद्यार्थी अपने लिए एक सीट पाने की जुगत में लगे हैं, वहीं कई ऐसे विद्यार्थी हैं, जिन्हें एक कॉलेज में दाखिला मिल चुका है और अब वे दूसरे कॉलेज में जाने के लिए पहले वाले कॉलेज को अलविदा कह रहे हैं। दरअसल, मनचाहे कॉलेज में जाने के चक्कर में अच्छे प्रतिशत वाले विद्यार्थियों ने सेकेंड कटऑफ के बाद कॉलेज बदलना शुरू कर दिया है। नार्थ कैंपस के रामजस कॉलेज को बुधवार को 110 विद्यार्थियों ने अलविदा कह दिया। मिरांडा हाउस में भी 50 विद्यार्थियों ने अपना दाखिला रद्द करवा दिया। अच्छे कॉलेज के लिए विद्यार्थी बीकॉम ऑनर्स, अर्थशास्त्र ऑनर्स जैसे पापुलर कोर्सेज को भी छोड़ रहे हैं। रामजस कॉलेज की बात करें तो यहां मंगलवार तक कुल 1500 सीटों के लिए 1740 दाखिले हो चुके थे। लेकिन बुधवार को अचानक110 विद्यार्थियों ने अपना दाखिला रद्द करवा दिया। इनमें अर्थशास्त्र ऑनर्स के19 और बीकॉम ऑनर्स के 9 विद्यार्थी शामिल रहे। बीएससी स्टैटिक्स ऑनर्स, इतिहास ऑनर्स, केमिस्ट्री ऑनर्स, फिजिक्स ऑनर्स, बॉटनी ऑनर्स, जूलॉजी ऑनर्स और लाइफ साइंसेज ऑनर्स में भी दाखिले रद्द हुए हैं। इसी प्रकार, हिन्दू कॉलेज में कुल 744 सीटों पर दूसरी कट ऑफ के पहले दिन तक 918 दाखिले हो चुके थे। लेकिन बुधवार को कॉलेज में दाखिला ले चुके 9 विद्यार्थियों ने गुडबाय करते हुए अपना दाखिला रद्द करवा दिया। कॉलेज में ओबीसी की 202 सीटों के लिए 175 विद्यार्थियों के दाखिले हो चुके हैं। मिरांडा हाउस की प्राचार्य डॉ. प्रतिभा जौली ने बताया कि कालेज की 986 सीटों पर बुधवार तक कुल 1196 दाखिले हो गये हैं। कॉलेज में दूसरी कटऑफ आने के बाद से 50 विद्यार्थियों ने अपना दाखिला रद्द करवा दिया है। कॉलेज में अर्थशास्त्र ऑनर्स में 6 विद्यार्थियों ने कॉलेज को अलविदा कहा है। डॉ. जौली ने बताया कि बाकी अलगअ लग कोर्सेज में 2-3 की संख्या ने दाखिले रद्द करवा दिये। एसआरसीसी कॉलेज की स्थिति इस मामले में फिलहाल ठीक रही। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. पीसी जैन ने बताया कि बुधवार को एक भी सीट पर दाखिला रद्द नहीं हुआ है। कॉलेज की कुल 624 सीटों पर 750 दाखिले हो गये हैं। कॉलेज में अब केवल ओबीसी वर्ग की दाखिला प्रक्रिया चल रही है। बुधवार तक कॉलेज में ओबीसी की कुल 135 सीटों के लिए 85 दाखिले हो चुके हैं। इसी प्रकार, दयाल सिंह कॉलेज प्रात: में 50 विद्यार्थियों ने अपना दाखिला रद्द करवा दिया। अब तक कॉलेज की कुल 1406 सीटों पर 1100 दाखिले हो चुके हैं। हंसराज कॉलेज की 4 छात्राओं ने दाखिला रद्द करवाकर लेडी श्रीराम कॉलेज की ओर रुख किया। कॉलेज की कुल 1140 सीटों में से 765 पर दाखिले हो गये हैं। आईपी कॉलेज में बुधवार को 14 विद्यार्थियों ने अपना दाखिला रद्द करवा दिया। जबकि कॉलेज की कुल 1030 सीटों मे से 875 पर दाखिले हो चुके हैं। सेकेंड कटऑफ के बाद काफी स्टूडेंट्स करा रहे हैं दाखिले कैंसल दाखिले संबंधी शिकायत करें ग्रीवांस कमेटी को दाखिले में सभी तरह के विद्यार्थी चाहे वे सामान्य या आरक्षित वर्ग के हों, उनकी दाखिला संबंधी शिकायत को न सिर्फ कॉलेज स्तर पर बल्कि डीयू स्तर पर भी देखा जाएगा। डीयू इसके लिए सभी कॉलेजों को ग्रीवांस कमेटी बनाने की हिदायत दे चुकी है। डीयू स्तर पर ग्रीवांस कमेटीनॉर्थ व साउथ कैम्पस में काम करेंगी। इसके अलावा हर कॉलेज की ग्रीवांस कमेटी होगी, जहां विद्यार्थी अपनी दाखिला संबंधी शिकायत कर सकते हैं। शिकायत के लिए सबसे पहले विद्यार्थी को कॉलेज की कमेटी में शिकायत करनी होगी। यदि उन्हें यहां न्याय नहीं मिलता है तो ही वे डीयू स्तर की कमेटी में शिकायत कर सकते हैं(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,23.6.11)।

डीटीयू : बीटेक में दाखिले के लिए कोर्स बदलने का मौका आज से

Posted: 23 Jun 2011 05:04 AM PDT

दिल्ली प्रौद्योगिकी विविद्यालय के बीटेक में दाखिले के लिए ऑनलाइन काउंसलिंग के तहत आवेदन प्रक्रिया खत्म होने के बाद अब विद्यार्थी बृहस्पतिवार से अपने कोर्स बदल सकते हैं। विद्यार्थियों के पास कोर्स बदलने का अवसर 29 जून तक रहेगा। विविद्यालय की बीटेक की 1218 सीटों के लिए ऑनलाइन 10, 827 विद्यार्थी पंजीकृत हुए हैं। विद्यार्थियों के पास कोर्स बदलने के लिए एक से पंद्रह विकल्प दिये गये है। जिसमें से किसी भी कोर्स में बदलने के लिए ऑनलाइन तरीके से कोर्स बदला जा सकेगा। यह सुविधा बृहस्पतिवार को सुबह 10 बजे विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन उपलब्ध होगी। विविद्यालय के 15 बीटेक पाठय़क्रमों में दाखिले के लिए आवेदन प्रक्रिया 7 से 15 जून तक चली थी। ऑनलाइन अपने कोर्स बदलने के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा और इसे ऑनलाइन ही जमा करना होगा। एडमिशन कमेटी के चेयरमैन प्रो ओपी वर्मा ने कहा कि एक बार पसंद बदलने के बाद विद्यार्थी दूसरी बार इसे बदल नहीं सकेंगे। इस कारण विद्यार्थियों को सलाह दी गई है कि एक बार कोर्स बदलने के बाद वे काफी सोच समझकर फैसले लें। दाखिला संबंधी किसी तरह की जानकारी के लिए विद्यार्थी विविद्यालय की हेल्पलाइन नंबरों 9716628179 व 8010424914 पर संपर्क कर सकते हैं। डीटीयू के ई-मेल पर भी सवाल पूछ सकते हैं। दाखिले की कुल सीटों में से 85 फीसद सीटें केवल दिल्ली के विद्यार्थियों के लिए रखी गई हैं ,जबकि बाकी 15 फीसद सीटें दिल्ली से बाहर के विद्यार्थियों के लिए रखी गई हैं। विविद्यालय की पहली दाखिला सूची 5 जुलाई को जारी की जाएगी। सफल विद्यार्थी दाखिला सूची निकलने के बाद अपना दाखिला पत्र वेबसाइट से ही हासिल कर सकेंगे। दिल्ली के सामान्य वर्ग के सफल विद्यार्थियों को दाखिला सूची में नाम आने के बाद 6 और 7 जुलाई को विविद्यालय कैम्पस में रिपोर्ट करना होगा। इसके बाद 8 जुलाई को एससी-एसटी, ओबीसी, केएम और एसजी वर्ग के और 9 जुलाई को दिल्ली से बाहर के विद्यार्थियों को विविद्यालय में रिपोर्ट करना होगा। विकलांग और सैन्यकर्मी वर्ग के विद्यार्थियों को भी 9 जुलाई को विविद्यालय में रिपोर्ट करना होगा। पहली सूची के आधार पर दाखिला होने के बाद खाली बची सीटों की दूसरी सूची 15 जुलाई को जारी होगी(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,23.6.11)।

डीयूःखेल कोटे के ट्रायल में टेंशन

Posted: 23 Jun 2011 04:30 AM PDT

दिल्ली विविद्यालय के कॉलेजों में खेल कोटे में केन्द्रीयकृत दाखिला प्रक्रिया खत्म होने का असर अब नजर आने लगा है। कालेजों में खेल कोटे के तहत दाखिला लेने के लिए आवेदन कर रहे विद्यार्थियों की स्थिति, कहां किस खेल के लिए ट्रायल दूं, जैसी हो गई है। दरअसल, खेल कोटे के तहत दाखिले के लिए होने जा रहे ट्रायल में दो अलग अलग कॉलेजों ने एक ही दिन एक ही खेल के ट्रायल की तिथि घोषित कर दी है। ऐसे में खेल कोटे के तहत दो कॉलेजों में आवेदन करने वाले विद्यार्थी को परेशानी होगी और वे केवल एक ही कॉलेज में ट्रायल दे सकेंगे। डीयू के डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. जेएम खुराना ने कहा कि कॉलेजों में खेल कोटे में दाखिले के लिए केन्द्रीयकृत दाखिला प्रक्रिया बीते साल से शुरू की गई थी और किन्हीं कारणों से इसे इस साल के लिए रोक दिया गया। यदि कॉलेजों में ट्रायल में दिक्कतों की बात सामने आती है, तो ऐसे में अगले साल फिर से खेल कोटे में केन्द्रीयकृत दाखिला प्रक्रिया लाई जा सकती है। डीयू के रामजस कॉलेज और हंसराज कॉलेज में बॉस्केट बॉल का ट्रायल एक ही दिन 29 जून को है। हंसराज कॉलेज में बॉस्केट बॉल का ट्रायल सुबह 8 बजे होगा, वहीं रामजस कॉलेज में इसी खेल का ट्रायल सुबह 7.30 बजे होगा। ऐसे में दोनों कॉलेजों में इस खेल के आधार पर दाखिले के लिए आवेदन करने वाले केवल एक जगह ही अपना ट्रायल दे सकेंगे। इसी प्रकार, रामजस कॉलेज में दाखिले के लिए 30 जून को शूटिंग का ट्रायल सुबह 8 बजे होना है। यह ट्रायल सेंट स्टीफंस कॉलेज में होगा। जबकि हंसराज कॉलेज में भी शूटिंग का ट्रायल इसी दिन सुबह 8 बजे होना है। ऐसे में इन कॉलेजों में खेले कोटे के तहत दाखिले के आवेदन करने वाले विद्यार्थी को इन दोनों में से किसी एक कॉलेज का चयन करना होगा। 30 जून को हिन्दू कॉलेज में खेल कोटे से दाखिले के लिए क्रिकेट का ट्रायल भरत नगर स्थित सरकारी स्कूल में सुबह 8 बजे होगा। जबकि इसी दिन हंसराज कॉलेज द्वारा सुबह 8 बजे कॉलेज ग्राउंड में क्रिकेट का ट्रायल लिया जाएगा। ऐसे में, क्रिकेट के खिलाड़ी को हिन्दू कॉलेज या हंसराज कॉलेज में से एक में ट्रायल के लिए जाना होगा। 1 जुलाई को किरोड़ीमल कॉलेज में हॉकी का ट्रायल है और इसी दिन श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में भी ट्रायल है। कॉलेज में आवेदन करने आये छात्र पुष्कर ने कहा कि एक ही दिन ट्रायल होने के चलते उनके लिए बड़ी परेशानी पैदा हो रही है। खेल कोटे के तहत एक कॉलेज में ही ट्रायल में सफलता हासिल होगी इसकी गारंटी नहीं है। यदि दो अलग-अलग कॉलेजो में ट्रायल देते हैं तो कम से कम एक में तो दाखिला मिलने की उम्मीद रहती है। इसी प्रकार, ईसीए कोटे में भी दाखिले की तिथियां आपस में टकरा रहीं है। किरोड़ीमल कॉलेज में 2 से 4 जुलाई तक ईसीए कोटे में दाखिले के लिए ट्रायल हो रहे हैं, इसी प्रकार रामजस में भी 4 और 5 जुलाई को दाखिले के लिए ट्रायल हो रहे हैं(राकेश नाथ,राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,23.6.11)।

डीयूःसेकेंड कटऑफ के बाद फिर बढ़ी चहल-पहल

Posted: 23 Jun 2011 04:20 AM PDT

दिल्ली विविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेजों में दाखिले की दूसरी कट ऑफ घोषित होने के बाद बुधवार से कॉलेजों में फिर से दाखिले चहल-पहल बढ़ गई। बुधवार को सेकेंड कट ऑफ वाले विद्यार्थियों के लिए शुरू हुई दाखिला प्रक्रिया में कट ऑफ और कोर्स क्राइटेरिया पूरा करने वाले विद्यार्थियों की खुशी का ठिकाना नहीं था। कोर्स क्राइटेरिया पूरा न करने वाले और कट ऑफ में न आने वाले विद्यार्थी निराश लौट गये। कट ऑफ में न आने वाले विद्यार्थी कॉलेजों में यह देखने आये कि कट ऑफ और कॉलेज के क्राइटेरिया में कोई फर्क तो नहीं। दाखिले को लेकर डीयू कैम्पस में सुबह से लेकर दोपहर तक विद्यार्थी और उनके अभिभावक कॉलेजों में एक कमरे से दूसरे कमरे और कॉलेज के गलियारों में दाखिले के लिए जद्दोजहद करते दिखे। कॉलेजों में दाखिले की औपचारिकाएं पूरी करने के दौरान कॉलेजों की मनमानी से भी विद्यार्थी तनाव में आये। अदिति कॉलेज में फॉर्म खत्म होने से यहां आये विद्यार्थी काफी परेशान रहे। वहीं हंसराज कॉलेज में दाखिले के लिए फीस केवल ड्राफ्ट से लिये जाने, हिन्दू कॉलेज के प्रत्येक कोर्स के दाखिले में 50 रुपये अधिक लेने पर विद्यार्थी थोड़े तनाव में दिखे। सबसे ज्यादा भीड़ बीए प्रोग्राम बीकॉम ऑनर्स, बीए प्रोग्राम और इकोनॉमिक्स ऑनर्स कोर्सेज में दाखिले के लिए दिखी। कॉलेजों में विद्यार्थियों की भीड़ के चलते कैम्पस की सड़कों पर सुबह से लेकर दोपहर दो बजे तक यातायात का दबाव बना रहा। किरोड़ीमल कॉलेज बीएससी स्टेटिक्स में दाखिले के लिए कमरे के बाहर विद्यार्थी कतार में खड़े दिखे। जबकि बीए प्रोग्राम, बीए राजनीति शास्त्र ऑनर्स और बीकॉम में अच्छी-खासी भीड़ दिखी। इतिहास ऑनर्स में दाखिले के लिए ज्यादा विद्यार्थी जुटे दिखे। रामजस कॉलेज में भी बुधवार को विद्यार्थियों की गहमागहमी रही। कॉलेज के मुख्य द्वार पर भी विद्यार्थियों का जमघट था। कॉलेज में बीकॉम और बीए प्रोग्राम में 9 फीसद की गिरावट के चलते दूसरी कट ऑफ के विद्यार्थियों की भीड़ थी। इस प्रकार हिन्दी ऑनर्स और राजनीति शास्त्र ऑनर्स में भी विद्यार्थी जुटे दिखे। कॉलेज ने अपने चार पाठय़क्रमों में हाउस फुल का बोर्ड लगा दिया है। इसी प्रकार दौलतराम कॉलेज में अंग्रेजी ऑनर्स, इतिहास, फिलॉस्फी और साइकॉलॉजी ऑनर्स में दाखिले के लिए काफी संख्या में विद्यार्थी थे। मिरांडा हाउस, राजधानी कॉलेज, वेंकटेर कॉलेज, शिवाजी कॉलेज, श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज, पीजीडीएवी, श्यामलाल कॉलेज, मोती लाल नेहरू कॉलेज में सेकेंड कट ऑफ वालों की संख्या ज्यादा थी।

दाखिले के लिए ले जाएं ये दस्तावेज

दसवीं का प्रमाणपत्र (डेट ऑफ बर्थ वाला) बारहवीं कक्षा की मार्कशीट बारहवीं का प्रोविजनल/करेक्टर सर्टिफिकेट छह पासपोर्ट साइज कलर फोटोग्राफ स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट ओबीसी (नॉन क्रीमी लेयर) का प्रमाणपत्र विद्यार्थी के नाम पर होना चाहिए एससी-एसटी और विकलांग वर्ग-विविद्यालय की ओर से प्रदान की गई एडमिशन स्लिप अवश्य लाएं। नोट : सभी मूल प्रमाणपत्र और फोटोकॉपी दोनों लेकर जाएं(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,23.6.11)।

पटना विवि में बढ़ेंगी सीटें

Posted: 23 Jun 2011 03:54 AM PDT

पटना विविद्यालय के कॉलेजों में सीट बढ़ाने के प्रस्ताव को मानव संसाधन विकास विभाग ने मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव के तहत बीएन कॉलेज में 175 ,मगध महिला कॉलेज में 140, पटना वीमेंस कॉलेज में 107, पटना सायंस कॉलेज में 150, वाणिज्य महाविद्यालय में 50 और पटना कॉलेज में 100 सीटें बढ़ानी हैं। उच्च शिक्षा निदेशक सीताराम सिंह ने बुधवार को बताया कि उनकी मांग पर सरकार ने गंभीरतापूर्वक विचार करने के बाद यह निर्णय लिया है। मालूम हो कि पटना विविद्यालय में सीट घटाये जाने के मामले को लेकर छात्र व छात्र संगठन नाराज हो गये थे। उन्हें लग रहा था कि दाखिले को लेकर मारामारी होगी। इसको लेकर छात्र संगठनों ने धरना-प्रदर्शन भी किया था। पटना विविद्यालय के कुलपति ने इस मसले को लेकर सरकार के पास सीट बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा था। सरकार ने पहले ही छात्रों के आन्दोलन को देखते हुए यह घोषणा कर रखी थी कि प्रस्ताव आने पर वह विचार करेगी। छात्रों का कहना था कि सीट घटाये जाने के कारण पटना विविद्यालय के कॉलेजों में इस बार दाखिला आसान नहीं होगा। मालूम हो कि बीएन कॉलेज में पहले 731 सीटें थीं। सीट घटाने के बाद 556 सीटें बच गयी थी। इसी तरह मगध महिला कॉलेज में 575 सीटें थी। घटने के बाद 328 सीटें हो गयी थीं। इसी तरह पटना वीमेंस कॉलेज में 475 सीटें थी और घटने के बाद 364 सीटें रह गयीं थी। वही पटना सायंस कॉलेज में 450 सीट को घटाकर 300 ,वाणिज्य महाविद्यालय में 350 सीट को घटाकर 300 तथा पटना कॉलेज में 500 सीट को घटाकर 400 कर दिया गया था(राष्ट्रीय सहारा,पटना,23.6.11)।

पंजाब सरकार पर 14000 कर्मियों को रेगुलर करने का भारी दबाव

Posted: 23 Jun 2011 02:30 AM PDT

पंजाब की अकाली-भाजपा सरकार पर 14000 कर्मचारियों को रेगुलर करने का दबाव बढ़ गया है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ रोष भी बढ़ता जा रहा है। उन्हें डर है कि कहीं विधानसभा चुनाव की घोषणा न हो जाए और इस बार भी उन्हें निराश न होना पड़े।

सरकार हालांकि आचार संहिता लागू होने से पहले उन्हें पक्का करना चाहती है, लेकिन कई कानूनी अड़चनों के चलते ऐसा अब तक नहीं हो पाया है। इसमें बहुत से कर्मचारी ऐसे हैं, जो 20-20 साल से कॉन्ट्रेक्ट पर ही काम कर रहे हैं और उनकी आयु सीमा भी पूरी हो चुकी है, जिससे उनको रेगुलर करने में अड़चन आ रही है।

पंजाब सरकार के विभिन्न विभागों में कर्मचारी डेलीवेजिज और कॉन्ट्रेक्ट पर काम कर रहे है। इस उम्मीद के साथ कि एक न एक दिन सरकार उनको पक्का करेगी। राज्य में सरकारें बदलती रहीं, लेकिन उन्हें सिवाए आश्वासन के कुछ नहीं मिला। हर सरकार ने अपने घोषणा पत्र में इन कर्मचारियों को पक्का करने की बात की, लेकिन सरकार का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी इनकी स्थिति जस की तस रही।

संघर्ष करने को मजबूर : गुरमेल सिद्धू


अकाली-भाजपा सरकार ने भी 2007 में अपने चुनावी घोषणा पत्र में इनको पक्का करने का जिक्र किया था, लेकिन चार साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी इनको पक्का नहीं किया गया। कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष गुरमेल सिंह सिद्धू का कहना है कि कॉन्ट्रेक्ट या डेलीवेजिज पर रखा गया कर्मचारी भी उतना ही काम करता है, जितना कि एक रेगुलर कर्मचारी। 
फिर भी सरकार लंबा समय बीत जाने के बावजूद उनको पक्का नहीं करती। कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर राज्य में कई बार धरने-प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन सरकार ने मांगे नहीं मानी हैं। अब चुनाव से पहले कर्मचारियों की मांगों को लेकर अगर सरकार ने कोई निर्णय न लिया तो कर्मचारी संघर्ष का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे। 

याद है वादा

कर्मचारियों की मांगों को लेकर सरकार गंभीर है। अकाली-भाजपा सरकार को अपनी चुनावी घोषणाएं याद हैं। नियम के मुताबिक सरकार रेगुलर होने वाले कर्मचारियों को चुनाव से पहले पक्का कर देगी। 

-सुखबीर सिंह बादल, उप मुख्यमंत्री, पंजाब(सुखबीर सिंह बाजवा,दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,23.6.11)।

लखनऊःचयनित एलटी ग्रेड शिक्षिकाओं की काउंसलिंग आज से

Posted: 23 Jun 2011 02:10 AM PDT

एलटी ग्रेड में चयनित शिक्षिकाओं की काउंसलिंग का आयोजन बृहस्पतिवार से मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय (षष्ठ मण्डल) में किया जाएगा। काउंसलिंग की प्रक्रिया 29 जून तक चलेगी। यह जानकारी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक (षष्ठ मण्डल) केके गुप्ता ने दी। उन्होंने बताया कि हिन्दी, संस्कृत, उर्दू व शारीरिक शिक्षा विषयों में आवेदन करने वाली शिक्षिकाओं की काउंसलिंग 23 जून को, अंग्रेजी विषय के अभ्यर्थियों की काउंसलिंग 24 जून को, गणित व विज्ञान विषय के अभ्यर्थियों की काउंसलिंग 25 जून को, जीवन विज्ञान विषय में आवेदन करने वाली शिक्षिकाओं की काउंसिलिंग 27 जून को, गृह विज्ञान के अभ्यर्थियों की काउंसलिंग 28 जून को तथा सामान्य विषयों के अभ्यर्थियों की काऊंसलिंग 29 जून को की जाएगी(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,23.6.11)।

लखनऊःबीकाम में प्रवेश का सबसे ज्यादा क्रेज

Posted: 23 Jun 2011 01:50 AM PDT

नेशनल पीजी कालेज में बीकाम में दाखिले को लेकर एक-एक सीट के लिए 18 छात्रों ने दावेदारी की है। महाविद्यालय में दाखिला प्रवेश परीक्षा से होना है, ऐसे में बुधवार को सात केन्द्र पर आयोजित की गयी प्रवेश परीक्षा में 6900 से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए हैं जबकि बीकाम में प्रवेश के लिए करीब 350 छात्र गैरहाजिर रहे। नेशनल पीजी कालेज में बीकाम में प्रवेश के लिए 7300 फार्म बिके थे। महाविद्यालय के प्राचार्य डा. एसपी सिंह ने परीक्षा के शांतिपूर्ण होने के दावा किया है। समय से पहले कापियां जमा कराने पर हंगामा : पीजी कालेज में बुधवार को ही राजर्षि टण्डन मुक्त विविद्यालय के छात्रों ने उत्तर-पुस्तिकाएं समय से पहले जबरिया जमा कराने को लेकर हंगामा किया। उधर महाविद्यालय प्रबंधन ने छात्रों के साथ किसी भी प्रकार की बदसुलूकी या फिर जबरिया कापी लिये जाने से इंकार किया

बीकाम में प्रवेश का सबसे ज्यादा क्रेज
लखनऊ विविद्यालय सहित राजधानी के टॉप स्कूलों में बीकाम में प्रवेश को लेकर सबसे ज्यादा क्रेज है। विविद्यालय में बीकाम की 450 सीटों के लिए 5449 अभ्यर्थियों की कतार है तो नेशनल पीजी कालेज में 440 सीटों के लिए करीब 7000 विद्यार्थी लाइन में हैं। केकसी महाविद्यालय में बीकाम की सीटों के लिए अभी तक 3000 आवेदन आ चुके हैं और 25 जून तक इनकी संख्या में एक हजार की और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। बीकाम में प्रवेश के लिए छात्रों के बीच बढ़ी प्रतिस्पर्धा की वजह को लेकर विशेषज्ञ व प्राचार्य अपनी वजहें बता रहे हैं। नेशनल जीपी कालेज के प्राचार्य डा. एसपी सिंह का कहना है कि बीकाम से आगे जाने के कई रास्ते हैं। गणित वर्ग की पढ़ाई करके जहां सिर्फ इंजीनियरिंग का रास्ता बनता है तो बायो के लिए मेडिकल की राह ही खुलती है, लेकिन बीकाम करने के वाले छात्रों को बैंकिंग, कारपोरेट, मार्केटिंग के साथ प्रबंधन क्षेत्र में भी प्राथमिकता मिल रही है। इसी वजह से बायो ग्रुप के छात्र भी बीकाम में प्रवेश के लिए कतार लगाये हैं। लखनऊ विविद्यालय में बीकाम आनर्स की 100 सीटों पर प्रवेश के लिए 1126 छात्र-छात्राओं की अर्जी है। केकेसी महाविद्यालय के प्राचार्य डा. एसडी शर्मा ने कहा कि एकाउण्ट व मार्केटिंग क्षेत्र में बीकाम की मांग सबसे ज्यादा है। इसका असर स्नातक प्रथम वर्ष में दाखिला के लिए आये आवेदनों में देखा जा रहा है। काफी अर्से बाद बीकाम की मांग में एकाएक इजाफा हुआ है। लविवि से सहयुक्त गल्र्स महाविद्यालयों में शामिल आईटी पीजी कालेज में भी बीकाम में प्रवेश के लिए काफी फार्म आये और करामत गल्र्स महाविद्यालय ने तो लविवि से बीकाम में 240 अतिरिक्त सीटों की मांग भी कर दी है। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस राजकीय महाविद्यालय में भी बीए से ज्यादा बीकाम के फार्म बिक चुके हैं और छात्राओं की लम्बी कतार है। सूत्रों का कहना है कि मल्टीनेशनल कम्पनियों तथा राष्ट्रीयकृत बैंकों में आयी नौकरियों की बहार ने अभी तक चमक खो चुके बीकाम की मांग एक बार फिर बढ़ा दी है और शैक्षिक सत्र 2011-12 में हो रहे दाखिलों में इसकी तस्वीर साफ देखी जा सकती है(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,23.6.11)।

पंजाब में 110 जज भर्ती होंगे, दो फैमिली कोर्ट भी बनेंगे

Posted: 23 Jun 2011 01:30 AM PDT

पंजाब कैबिनेट ने सबार्डिनेट ज्युडीशियल सर्विसिस के लिए 110 जजों की भर्ती करने को भी मंजूरी दे दी। इन पदों को भरने के लिए लिखित परीक्षा हाईकोर्ट द्वारा ली जाएगी, जबकि आवेदन मांगने, इंटरव्यू लेने और परिणाम घोषित करने का काम पब्लिक सर्विस कमीशन करेगा। इसके अलावा पंजाब सरकार ने 14 और फैमिली कोर्ट बनाने के लिए 14 जिला जजों और अन्य संबंधित स्टाफ के पदों के सृजन को भी स्वीकृति दी है।

प्राइवेट वेटरनरी कॉलेज खुलेंगे

कैबिनेट ने प्राइवेट वेटरनरी कॉलेजों खोलने की भी स्वीकृति दी। हर कॉलेज में साठ सीटें होंगी और कॉलेज खोलने के लिए वेटरनरी काउंसिल ऑफ इंडिया और गुरु अंगद देव वेटरनरी यूनिवर्सिटी द्वारा निर्धारित शर्तें पूरी करनी होंगी।


पुलिस में स्पोर्ट्स कोटा तीन फीसदी

पंजाब पुलिस रूल्स 1934 में संशोधन को भी मंजूरी दे दी गई है। स्पोर्ट्स कोटे से तीन फीसदी खिलाड़ी भर्ती किए जाएंगे। पदोन्नतियों में डिसएबल्ड को तीन फीसदी कोटा देने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने मंजूर कर लिया। इन्हें सीधी भर्ती में भी तीन फीसदी कोटा मिलता है(दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,23.6.11)।

लखनऊ विश्वविद्यालयएमबीए : जनरल कटेगरी की खाली रह गयीं 59 सीटें

Posted: 23 Jun 2011 01:10 AM PDT

लखनऊ विविद्यालय में एमबीए से जुड़े 11 कोर्स की सीटों पर प्रवेश के दूसरे दिन सामान्य श्रेणी की काउंसलिंग खत्म हो गयी, लेकिन 59 सीटें खाली रह गयी हैं। एमबीए एग्री बिजनेस में एक भी प्रवेश नहीं हुआ और रूरल डेवलपमेंट में सिर्फ एक छात्र ने ही दिलचस्पी दिखायी। इसकी वजह एमबीए की फीस में भारी इजाफा होना है। सूत्रों का कहना है कि दो दिनों में एमबीए के 9 कोर्स को मिलाकर 271 दाखिले ही हो सके हैं, जबकि सामान्य श्रेणी की 330 सीटें भरी जानी थीं। विविद्यालय में अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग की एमबीए की काउंसलिंग गुरुवार को द्वितीय परिसर में सुबह नौ बजे से होगी। सूत्रों का कहना है कि विविद्यालय में एमबीए की फीस पूर्व में काफी कम थी, इसको बढ़ाकर 55 से 80 हजार के बीच कर दिया गया है। इसके चलते दो दिनों की कवायद के बाद जैसेतै से 271 सीटें भर पायी हैं और दो कोर्स की 59 सीटें खाली रह गयी हैं। अभी अनुसूचित जाति व जनजाति की सीटों के बाद ओबीसी की सीटें भरने के बाद ही सही स्थिति पता चल सकेगी। सूत्रों का कहना है कि एमबीए की काउंसलिंग के अंतिम 25 जून को सभी प्रतीक्षा सूची के छात्रों को प्रवेश के लिए मौका दिया जाएगा, ताकि रिक्ट सीटों को भरा जा सके। पिछले प्लेसमेंट के फेर में 90 छात्र-छात्राओं की नौकरी फंसी है, इसकी वजह से एमबीए की सीटों को भरने में काफी मुश्किल हो रही है। हालांकि विविद्यालय के अधिकारियों को अभी भी उम्मीद है कि एमबीए के सभी कोर्स की सीटें भर जाएंगी और पिछले वर्ष के मुकाबले अच्छे छात्रों ने विविद्यालय में प्रवेश लिए है(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,23.6.11)।

जोधपुर आयुर्वेद कॉलेज में सीटें बढ़ी

Posted: 23 Jun 2011 12:50 AM PDT

राजस्थान आयुर्वेद यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की मीटिंग बुधवार को कुलपति प्रो. राधेश्याम शर्मा की अध्यक्षता में हुई। इसमें यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ आयुर्वेद में 10 सीटें और बढ़ाने का फैसला किया गया। अब तक यहां 40 स्टूडेंट्स को ही एडमिशन दिया जाता था।


कुलसचिव चैनसिंह पंवार ने बताया कि आधारभूत सुविधाएं जुटाने के कारण नए सत्र में 50 स्टूडेंट्स को प्रवेश देना तय हुआ। इसके अलावा विवि के एकीकृत स्वरूप को बनाए रखने के लिए करवड़ स्थित परिसर में राजकीय माध्यमिक विद्यालय की 21.03 बीघा भूमि का विवि के लिए भू-उपयोग एवं विनियम में 15 बीघा 
भूमि तथा विद्यालय भवन निर्माण के लिए 25 लाख रुपए आबंटित करने का अनुमोदन किया गया।

प्रारंभ में नए कुलपति प्रो. राधेश्याम शर्मा का स्वागत किया गया। बैठक में प्रो. अजय कुमार शर्मा, प्रो. राज्यवर्धन सिंह, डॉ. एचपी त्यागी, प्रो. जीक्यू चिश्ती डॉ. रमेश, पीआर मूंदड़ा, एनके शर्मा, प्रो. मोहनलाल शर्मा, डॉ. चरणजीत सिंह सहित कई सदस्य मौजूद थे।

विभिन्न नियुक्तियों का अनुमोदन: विद्या परिषद के 24, 25 व 26 वें उपवेशन की कार्रवाई विवरण, रिपोर्ट का अनुमोदन, प्रबंध बोर्ड द्वारा विवि परिसर में निर्माणाधीन भवन संबंधी कार्य का अनुमोदन, शैक्षणिक, अशैक्षणिक पदों पर की गई नियमित नियुक्तियों का अनुमोदन, वित्तीय वर्ष 2010-11 में मद वार वास्तविक व्यय व आय के ब्यौरे का अनुमोदन(दैनिक भास्कर,जोधपुर,23.6.11)।

कुमाऊँ विश्वविद्यालयःचौथे दौर की काउंसिलिंग शुरू

Posted: 23 Jun 2011 12:30 AM PDT

कुमाऊं विवि में बीएड कक्षाओं में प्रवेश हेतु चौथे दौर की काउंसिलिंग बुधवार को प्रारंभ हो गई। पहले दिन सामान्य वर्ग के लिए प्रवेश परीक्षा में पास सभी विकलांग, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रित व सेवानिवृत्त सैनिक श्रेणी के तथा सामान्य श्रेणी के 255 से 245 अंकों की कट ऑफ सीमा के अभ्यर्थी शामिल हुए। 23 को 239 से 231 अंकों वाले एससी, 237 से 223 अंकों वाले एसटी व 235 से 211 अंकों वाले ओबीसी तथा 24 को विज्ञान वर्ग के सामान्य विकलांग, एससी, एसटी व ओबीसी के सभी उत्तीर्ण अभ्यर्थी तथा सामान्य श्रेणी के लिए 240 से 227 अंकों वाले अभ्यर्थी भाग ले सकेंगे(राष्ट्रीय सहारा,नैनीताल,23.6.11)।

सीबीएसईःपर्सेंटाइल जानने के लिए होगी परीक्षा

Posted: 23 Jun 2011 12:10 AM PDT

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई)के दसवीं में ग्रेडिंग सिस्टम आने की वजह से टॉपर स्टूडेंट्स को विषयों में नंबर न जान पाने का मलाल है।

इसे देखते हुए बोर्ड ने ऐसे छात्रों के लिए इसी साल से प्रोफिशिएंसी टेस्ट का कॉन्सेप्ट प्रस्तुत किया है। इस टेस्ट के जरिए छात्र हर विषय में अपनी दक्षता को परख सकेंगे। दसवीं के पांचों विषय में से जिस विषय में छात्र को अपनी योग्यता जानना है वे इस टेस्ट में हिस्सा लेंगे। मसलन किसी को मैथ्स और हिंदी में दक्षता जानना है तो वो इसके लिए टेस्ट देगा।

इस टेस्ट में सफल रहने वाले छात्रों को बोर्ड की तरफ से सर्टिफिकेट मिलेगा जिसमें उनके इस टेस्ट में पर्सेंटाइल लिखे होंगे। इसके आधार पर छात्र अपनी योग्यता और प्रदर्शन का आंकलन कर सकेंगे। यह पेपर कक्षा नौवीं और दसवीं के सिलेबस पर आधारित होगा।

ढाई घंटे का पेपर एक घंटे का होगा जिसमें मल्टीपल चॉइस सवाल होंगे। गलत जवाब पर निगेटिव मार्किग होगी। बोर्ड की वेबसाइट पर छात्रों के मार्गदर्शन के लिए सैंपल पेपर अपलोड किए जा चुके हैं साथ ही छात्रों के नाम व जिस विषय का पेपर वे देने जा रहे हैं उसकी जानकारी www.cbse.nic.in पर दी गई है। भोपाल के 15 स्कूलों से लगभग 400 छात्र इस टेस्ट में हिस्सा लेंगे।


टाइम टेबल 

4 जुलाई : मैथ्स, 5 जुलाई-हिंदी, 6 जुलाई-साइंस,7 जुलाई-सोशल साइंस, 8 जुलाई-इंग्लिश। पेपर का समय सुबह 10.30 बजे से 1 बजे तक रहेगा। 

भोपाल के परीक्षा केंद्र: कैंपियन स्कूल, शारदा विद्या मंदिर, सेंट जोसफ को-एड स्कूल, केंद्रीय विद्यालय-3, महर्षि विद्या मंदिर, जवाहर लाल नेहरू स्कूल, दिल्ली पब्लिक स्कूल, मिठी गोविंदराम स्कूल, रेड रोज स्कूल, बाल भवन, सागर पब्लिक स्कूल (साकेत नगर), बोनी-फाइ स्कूल, इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल, ग्रीन वैली स्कूल और सागर पब्लिक स्कूल (गांधी नगर)(दैनिक भास्कर,दिल्ली,23.6.11)।

मध्यप्रदेशःपीईटी में सिवनी के ओशिम जैन प्रथम,इंदौर शीर्ष पर

Posted: 22 Jun 2011 11:50 PM PDT

मध्यप्रदेश के 222 इंजीनियरिंग कॉलेजों की करीब 83 हजार सीटों के लिए हुए प्री इंजीनियरिंग टेस्ट (पीईटी) के परिणाम बुधवार शाम घोषित हुए। प्रदेश की टॉप 10 लिस्ट में शहर के पांच स्टूडेंट्स जगह बनाने में सफल रहे।
देर रात तक मिली जानकारी के अनुसार टॉप-100 में शहर के 25 से ज्यादा स्टूडेंट्स चुने गए हैं।
रिजर्व कैटेगरी में आकाश मांडलिक पांचवें नंबर पर रहे। प्रदेश के तीन शीर्ष कॉलेज में पढ़ने की इच्छा रखने वालों के लिए एक तरह से पीईटी आईआईटी-जेईई लेवल से कम नहीं होती।
प्रदेश के सबसे बड़े एसजीएसआईटीएस के बाद देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी और भोपाल के आरजीपीवी से इंजीनियरिंग ज्यादातर का सपना होता है। हर साल काउंसिलिंग में तीन लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स इन्हें ही प्राथमिकता देते हैं।

रूड़की से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग करेंगे
दूसरे नंबर पर रहे देवेश चिंचोलीकर की जेईई में 1625 व एआईईई में 1069वीं रैंक थी। वे आईआईटी रूड़की में एडमिशन ले चुके हैं। वे कहते हैं रुड़की से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग करना चाहता हूं। इसमें कुछ नए प्रयोग करने की इच्छा है। जेईई टारगेट होने से पीईटी के लिए अलग से कुछ भी पढ़ने की जरूरत नहीं पड़ी। पैरेंट्स आनंद-मृदुला चिंचोलीकर कहते हैं बचपन से पढ़ाई में अव्वल रहा है। इस वजह से विश्वास था एक दिन नाम रोशन करेगा।

बेसिक अच्छा है तो टेंशन नहीं

आईआईटी में 340 रैंक और एआईईईई में एआई 50वीं रैंक पर रहे शहर के आदित्य जैन ने पीईटी में भी टॉप 9 पोजिशन अपने नाम की। आदित्य का कहना है जेईई की अच्छी रैंक से कानपुर की इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन ले चुका हूं। पीईटी में ज्यादातर प्रश्न बेसिक ही पूछे जाते हैं इसलिए सेल्फ टेस्ट के लिए हिसाब से टेस्ट दिया था। पैरेंट निर्मल-मंजू जैन का कहना है पढ़ाई के साथ मॉरल सपोर्ट से भी फर्क पड़ता है। आदित्य को उसकी मर्जी से पढ़ाई की आजादी दी थी।

काउंसिलिंग जुलाई में
एआईसीटीई की लिस्ट के बाद पीईटी के परिणाम घोषित होने से अब काउंसिलिंग जुलाई के पहले हफ्ते में होने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके पहले एसजीएसआईटीएस सहित दो हेल्प सेंटर पर ऑनलाइन प्रक्रिया, रजिस्ट्रेशन,फीस और डाक्यूमेंट्स से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।

आईआईटी के लक्ष्य से पीईटी फतह
पीईटी में टॉप करने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स ने जेईई और एआईईईई में भी किस्मत आजमाई है। सभी टॉपर सहित कई स्टूडेंट्स पहले ही जेईई में एडमिशन ले चुके हैं। इस साल करीब 83 हजार सीटों के लिए 1 लाख 229 स्टूडेंट्स ने पीईटी दी थी। इसमें से करीब 20 हजार स्टूडेंट्स का मकसद सेल्फ टेस्ट करना है, ये सभी अन्य कोर्सेस में एडमिशन ले चुके होते हैं। इस लिहाज से पीईटी में 0 नंबर लाने वाले को भी खाली सीटों पर एडमिशन मिल जाता है। इस साल से 12वीं में 50 फीसदी मार्क्‍स की अनिवार्यता से करीब 8 हजार स्टूडेंट्स पीईटी देने के बावजूद अमान्य होंगे।

जेईई की तैयारी से पीईटी क्रेक
प्रदेश में चौथी रैंक पर रहे आयुष अग्रवाल जेईई में एआई 399 पर थे। आयुष का कहना है आईआईटी दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन मिल गया है। जेईई की जोरदार तैयारी से एआईईईई और पीईटी में भी आसानी से टॉपर बन सकते हैं।
पीईटी के लिए अलग से कुछ भी तैयारी नहीं की थी। तीन कठिन परीक्षाओं से गुजरने के बाद मुझे अहसास हुआ है कि कुछ समय के कड़े संघर्ष से आपको जिंदगीभर सपोर्ट मिलता है। 10वीं से करियर की दौड़ साथियों को शुरू कर देनी चाहिए ताकि 12वीं में सिर्फ निशाना साधने की जरूरत हो। मम्मी निर्मला अग्रवाल टीचर हैं। उनका कहना है बिगड़ते हालातों से भी स्टूडेंट्स को कुछ कर गुजरने की सीख मिलती है।

नई ब्रांच से बनाएंगे करियर
प्रदेश में सातवीं रैंक के निखिल खंडेलवाल का कहना है आईआईटी-जेईई में 647 रैंक थी, जिससे आईआईटी दिल्ली में एडमिशन ले लिया है। मैथेमेटिक्स एंड कम्प्यूटिंग ब्रांच लेने वालों में कम ही स्टूडेंट्स होते हैं, इस बारे में निखिल का कहना है मैथ्स के बिना कम्प्यूटिंग संभव नहीं होती।
मैथ्स के साथ कम्प्यूटिंग होने से इंजीनियरिंग का बेस अच्छा होगा। पापा महेंद्र खंडेलवाल ने बताया बेटे को आईआईटी से पढ़ाने का सपना पूरा होता देख पूरे परिवार में खुशी छाई हुई है।

सिवनी के ओशिम जैन प्रथम
व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने बुधवार को प्री-इंजीनियरिंग टेस्ट के नतीजे घोषित कर दिए। इसमें सिवनी के ओशिम जैन 200 में से 181 अंक हासिल कर अव्वल रहे। इस बार टॉप टेन सूची में छात्रों का दबदबा रहा है। सूची में दस में से छात्रों ने नौ स्थानों पर कब्जा जमाया।

व्यापमं के प्रवक्ता सुनील श्रीवास्तव के मुताबिक पिछले महीने आयोजित पीईटी का रिजल्ट घोषित कर दिया गया है। परीक्षा में एक लाख दो सौ उनतीस छात्र शामिल हुए थे। सफल छात्रों को मेरिट के आधार पर इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्र



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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