From: भाषा,शिक्षा और रोज़गार <eduployment@gmail.com>
Date: 2011/6/10
Subject: भाषा,शिक्षा और रोज़गार
To: palashbiswaskl@gmail.com
भाषा,शिक्षा और रोज़गार |
- उ.प्र. बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा का परिणाम घोषित होगा कल
- हिमाचलःबीएससी, बीए प्रथम वर्ष में प्रवेश की तारीख बढ़ी
- पंजाबःनए कर्मियों को बेसिक नहीं, अब मिलेगा पूरा वेतन
- हरियाणा बोर्डः12वीं में लड़कियों ने मारी बाजी
- भोपाल में बनेगा हिंदी विश्वविद्यालय
- जम्मूःसरकारी स्कूल बंद मगर निजी खुले
- यूपीःप्राइवेट परीक्षा में भी लड़कियां आगे
- आईआईटीः10 जुलाई को जारी होगी अंतिम सूची
- इग्नू जोड़ेगा परंपरागत उद्योग को तकनीक से
- यूपीःन्याय विभाग ने टीईटी पर साधी चुप्पी
- न तो सफलता स्थायी है,न असफलता
- विदेश व्यापार अध्ययन में करिअर
- ग़ाज़ियाबाद का आईएमटीःबेहतर प्रबंधन शिक्षा के साथ बेहतर प्लेसमेंट भी
- दूरस्थ शिक्षा से अध्ययन
- पांच हजार अधिकारी भर्ती करेगा एसबीआइ
- फॉरेंसिक साइंस में करिअर
- छात्रों के लिए आया 2200 का लैपटॉप
- रबर टेक्नोलॉजी में करियर
उ.प्र. बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा का परिणाम घोषित होगा कल Posted: 09 Jun 2011 11:29 AM PDT उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा का परिणाम कल घोषित होगा। माध्यमिक शिक्षा परिषद के सभापति व प्रदेश के शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) संजय मोहन ने आज यहां बताया कि बोर्ड मुख्यालय में परीक्षाफल समिति की बैठक के बाद कल दोपहर साढे बारह बजे परीक्षाफल घोषित किया जायेगा। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव प्रभा त्रिपाठी ने बताया कि परीक्षार्थी परीक्षाफल इण्टरनेट पर परिषद की अधिकारिक वेबसाइट http://upmsp.nic.in/ पर देख सकते हैं। उन्हाने कहा कि कई अन्य वेबसाइट पर भी परीक्षाफल देखा जा सकता है। गौरतलब है कि इस वर्ष हाईस्कूल परीक्षा में 1558166 बालिकाओं समेत कुल 3692566 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं(दैनिक भास्कर,इलाहाबाद,9.6.11)। |
हिमाचलःबीएससी, बीए प्रथम वर्ष में प्रवेश की तारीख बढ़ी Posted: 09 Jun 2011 11:29 AM PDT संजौली कॉलेज में बीए और बीएससी मेडिकल प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए अंतिम तारीख बढ़ाई गई है। कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. अमर देव ने बताया कि बीएससी मेडिकल और बीए प्रथम में कम आवेदन आने के कारण स्टाफ की सहमति के कारण आवेदन की तारीख बढ़ाई है। बीएससी मेडिकल में अब तक 14 जून तक प्रवेश लिया जा सकता है। बीए प्रथम वर्ष में 16 जून तक आवेदन किया जा सकता है। अभी तक बीए प्रथम वर्ष में 600 सीटों के लिए कुल 298 आवेदन आए हैं। बीएससी मेडिकल प्रथम वर्ष की 120 सीटों के लिए सिर्फ 63 आवेदन आए हैं। बीएससी मेडिकल की काउंसलिंग 14 जून को होगी। बीए प्रथम वर्ष ग्रुप एक की काउंसलिंग 17 को, ग्रुप दो की 18 को और ग्रुप तीन की काउंसलिंग 20 जून को होगी। अन्य किसी भी विषय की प्रवेश की अंतिम तारीख नहीं बढ़ाई गई है। आवेदन के लिए मिला कम समय शिमला। संजौली कॉलेज में स्नातक द्वितीय और तृतीय वर्ष में प्रवेश लेने के लिए आवेदन की सीमा बिना लेट फीस 10 जून और लेट फीस सहित 20 जून करने का छात्रों ने विरोध किया है। परिसर अध्यक्ष अजय नेगी का कहना है कि द्वितीय और तृतीय वर्ष में प्रवेश बुधवार से शुरू हुआ है। प्रवेश के लिए 10 जून तक की बिना लेट फीस समय बहुत कम है। संगठन ने कॉलेज प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि प्रवेश की समय सीमा को बढ़ाया नहीं गया तो इसके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। एसएफआई की शहरी इकाई और आरकेएमवी ने कॉलेज में प्रवेश के लिए अंतिम तारीख को बढ़ाए जाने की मांग की है। आरकेएमवी की परिसर अध्यक्ष ईशा शर्मा का कहना है कि कॉलेज में करीब 4000 छात्राएं प्रवेश लेती हैं। ज्यादातर छात्राएं ग्रामीण क्षेत्रों से आती हैं। प्रवेश लेने के साथ छात्राओं को शहर में व्यवस्था करने और पिछले स्कूल से औपचारिकताओं को पूरा करने में समय लगता है। सांध्यकालीन कॉलेज में आवेदन की तारीख बढ़ाई जाए शिमला। सांध्यकालीन कॉलेज की एसएफआई इकाई ने यूनिवर्सिटी की ओर से आवेदन की अंतिम तारीख न बढ़ाए जाने का विरोध किया है। कॉलेज परिसर अध्यक्ष प्रदीप थापा का कहना है कि अभी तक कॉलेजों में बहुत कम छात्रों का प्रवेश लिया है। गांवों से आने वाले सभी छात्रों को प्रवेश लेने के लिए कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने एचपीयू प्रशासन से मांग की है कि संध्याकालीन कॉलेज में प्रवेश के लिए अंतिम तारीख को बढ़ाया जाए। इससे छात्रों को कॉलेज में प्रवेश लेने में सुविधा होगी(दैनिक भास्कर,शिमला,9.6.11)। |
पंजाबःनए कर्मियों को बेसिक नहीं, अब मिलेगा पूरा वेतन Posted: 09 Jun 2011 11:28 AM PDT नए भर्ती होने वाले कर्मचारियों को अब सिर्फ बेसिक पे से ही काम नहीं चलाना होगा बल्कि उन्हें सभी भत्तों सहित पूरा वेतन दिया जाएगा। पंजाब मंत्रिमंडल ने पंजाब सिविल सर्विसेस रूल्स (संशोधन )2011 को वापस लेने का फैसला किया है। चूंकि एक्ट पारित होने के बाद से ही राज्यभर में इसका भारी विरोध हो रहा था इसलिए मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में अंतिम मौके पर इसे वापस लेने का फैसला किया गया। इस एक्ट के अधीन नए भर्ती होने वाले कर्मचारियों को तीन साल केवल बेसिक पे पर ही रखा जाना था। इस लिए कोई भी डॉक्टर या इंजीनियर इस पद पर काम करने के लिए तैयार नहीं था। मुख्य सचिव एससी अग्रवाल ने बताया कि जल्द ही ऑर्डिनेंस जारी किया जाएगा। पंजाब मंत्रिमंडल ने पंचायती राज एक्ट 1994 में संशोधन को भी वापस ले लिया। नहीं मिली राज्यपाल व राष्ट्रपति की मंजूरी पिछले साल सितंबर महीने में बुलाए गए विधानसभा सत्र के दौरान पारित किए दो एक्ट प्राइवेट प्रॉपर्टी डैमेज कंट्रोल एक्ट और स्पेशल सुरक्षा गार्ड एक्ट को पारित हुए भी लगभग नौ महीने हो गए हैं, लेकिन इन्हें अभी राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिली है। दरअसल दोनों एक्टों में कुछ ऐसी मदें डाली गई हैं जो आम लोगों के संवैधानिक अधिकारों का गला कुचलने वाली हैं। तत्कालीन प्रमुख गृह सचिव ए.आर.तलवार आश्वासन भी दे चुके हैं इनमें कुछ संशोधन हो सकता है लेकिन अभी तक सरकार ने इस ओर रुख नहीं किया है। इससे पहले पंजाब पुलिस एक्ट 2007 को लेकर भी राज्य सरकार की काफी किरकिरी हुई और किरकिरी करने वाला भी विपक्ष नहीं बल्कि खुद गठबंधन सरकार के अपने विधायक थे(इन्द्रप्रीत सिंह,दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,9.6.11)। |
हरियाणा बोर्डः12वीं में लड़कियों ने मारी बाजी Posted: 09 Jun 2011 11:26 AM PDT हरियाणा बोर्ड 12वीं की परीक्षाओं में लड़कियों ने इस बार फिर बाजी मारी। प्रदेश भर से 265411 छात्रों ने बारहवीं की परीक्षा दी। इनमें से 193348 छात्र उत्तीर्ण रहे। प्रदेश भर की पास प्रतिशतता 72.8 रही। लड़कियों की पास प्रतिशतता 82.05 रही जबकि लड़कों की पास प्रतिशतता 65.49 रही। गुडग़ांव जिले की पास प्रतिशतता 75.52 रही। गुडग़ांव का तीसरा स्थान गुडग़ांव ने 12वीं के रिजल्ट में गुडग़ांव ने प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल किया। जिले से 13102 छात्रों ने परीक्षा दी। इनमें से 9894 छात्र ही पास कर सके। इससे गुडग़ांव की पास प्रतिशतता 75.52 रही। लड़कियों की पास प्रतिशतता लड़कों से ज्यादा रही। जिले से 7192 लड़कों में से 4922 लड़के इस परीक्षा को पास कर सके। वहीं 5910 लड़कियों में से 4972 लड़कियों ने इस परीक्षा को पास किया। इस से लड़कों की पास प्रतिशतता जहां 68.4 रही वहीं लड़कियों की 84.13 रही। मेवात में भी छाई लड़कियां मेवात जिले में भी लड़कियों ने लड़कों को पछाड़ दिया। मेवात जिले से 3295 छात्रों में से 2405 छात्रों ने परीक्षा को उत्तीर्ण किया। मेवात जिले की पास प्रतिशतता 72.99 रही। इसमें 2479 लड़कों में से 1687 और 816 लड़कियों में से 718 लड़कियों ने परीक्षा को उत्तीर्ण किया। इस लिहाज से लड़कियों की पास प्रतिशतता 87.9 रही जबकि लड़कों की पास प्रतिशतता 68.05 रही। ग्रामीण क्षेत्रों का जलवा बोर्ड सचिव शेखर विद्यार्थी ने बताया कि परीक्षा में 2,65,411 छात्र परीक्षा में बैठे। इनमें से 1,93,348 उत्तीर्ण हुए। लड़कियों ने इस बार फिर लड़कों को पीछे छोड़ दिया है। 1,47,447 लड़कों में से 96,557 लड़के इस परीक्षा पास कर पाए। लड़कों की पास प्रतिशतता 65.49 रही। 1,17,964 लड़कियों में 96,791 इस परीक्षा में पास हुई, इनकी पास प्रतिशतता 82.05 रही है। राजकीय विद्यालयों के 1,50,269 परीक्षार्थियों में से 1,07,135 पास हुए। इनकी पास प्रतिशतता 71.30 रही है। प्राइवेट विद्यालयों के 1,15,142 परीक्षार्थियों में से 86,213 पास हुए, इनकी पास प्रतिशतता 74.88 रही है। उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्रों के 67.67 प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के 75.87 फ फीसदी परीक्षार्थी पास हुए हैं(दैनिक भास्कर,गुडगांव,9.6.11)। |
भोपाल में बनेगा हिंदी विश्वविद्यालय Posted: 09 Jun 2011 11:25 AM PDT प्रदेश सरकार भोपाल में हिंदी विश्वविद्यालय स्थापित करेगी। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने केंद्र द्वारा बुलाए गए राज्य के शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में यह घोषणा की। इसका उद्देश्य ज्ञान-विज्ञान, साहित्य, कला, लोक कलाओं की समृद्ध भारतीय परंपरा को संरक्षित करना,अनुसंधान को प्रोत्साहित करना होगा और हिंदी भाषा में शिक्षा का बढ़ावा देना है। श्री शर्मा ने बताया कि यह विवि प्रदेश का पहला ऐसा विवि होगा जिसमें हिंदी भाषा में पुस्तकें मुहैया होंगी। साथ ही एिक भाषा एवं अनुवाद विभाग होगा जो अन्य भाषाओं में उपलब्ध पुस्तकों का हिंदी अनुवाद करेगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल की अध्यक्षता में हुए इस सम्मेलन में शर्मा ने भास्कर को कहा कि प्रथम चरण में इस विवि में सात संकायों के तहत 13 विभाग खोले जाएंगे और दूसरे चरण में इसका विस्तार किया जाएगा(दैनिक भास्कर,भोपाल,9.6.11)। |
जम्मूःसरकारी स्कूल बंद मगर निजी खुले Posted: 09 Jun 2011 11:31 AM PDT आरएस पुरा गर्मी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए शिक्षा विभाग ने स्कूलों में छुट्टियां घोषित करने का आदेश दिया। छह जून से सरकारी और निजी सभी स्कूलों में छुट्टियां घोषित कर दी गईं। विभाग ने आदेश की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात भी कही थी मगर उप जिले में अभी भी कई निजी स्कूल खुले हुए हैं। इस संबंध में गैर सरकारी संस्था के प्रधान भूषण ने बताया कि तपती गर्मी में छोटे-छोटे बच्चे स्कूल जाने की विवश हैं। क्षेत्र में पड़ रही गर्मी से बच्चों के बीमार होने का खतरा बना हुआ है पर निजी स्कूलों के प्रबंधक अपनी फीस को इकट्ठा करने के चक्कर में शिक्षा विभाग के आदेश को नहीं मान रहें हैं। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने 6 जून से संभाग के समर जोन के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर 31 जुलाई तक स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया था। साथ ही निदेशक शिक्षा विभाग जम्मू जीए कुरैशी ने हायर सेकेंडरी स्तर तक के सभी स्कूलों को निर्देश का पालन करने को कहा था व आदेश को न मानने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही थी लेकिन कई निजी स्कूल इस आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं। बीते साल भी शिक्षा विभाग के आदेश का निजी स्कूलों ने उल्लंघन किया था। स्थानीय अभिभावकों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों के बीमार होने की आशंका बनी हुई है मगर न तो प्राइवेट स्कूल छुट्टियां डाल रहे हैं और न ही शिक्षा विभाग खुले स्कूलों के खिलाफ खुलकर कोई कार्रवाई करने के लिए सामने आ रहा है। लोगों ने चीफ एजूकेशन आफिसर जम्मू से गुहार लगाई है कि वे स्वयं क्षेत्र में आकर प्राइवेट स्कूलों को दौरा कर स्कूलों को बंद करवाएं ताकि गर्मी के प्रकोप से छोटे छोटे बच्चे बच सकें। टीम करेगी दौरा मुख्य शिक्षा अधिकारी जम्मू नत्था राम ढींगरा ने कहा कि विभाग ने छुट्टियां डालने के आदेश को सख्ती से लागू करने के लिए कहा है। लेकिन कुछ निजी स्कूलों के खुले होने की शिकायतें आ रही हैं। लिहाजा शिक्षा विभाग की टीम एक-दो दिन में क्षेत्र का दौरा करेगी। इस दौरान यदि कोई निजी स्कूल खुला पाया जाएगा तो उसके खिलाफ नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी(भूपेंद्र,दैनिक भास्कर,आरएसपुरा,9.6.11)। |
यूपीःप्राइवेट परीक्षा में भी लड़कियां आगे Posted: 09 Jun 2011 11:56 AM PDT संस्थागत (रेगुलर) परीक्षा में लड़कियों ने अपनी प्रतिभा का लोहा तो मनवाया ही साथ ही साथ व्यक्तिगत (प्राइवेट) परीक्षा में भी आगे रहीं। माध्यमिक शिक्षा परिषद के इंटरमीडिएट परीक्षा में प्राइवेट फार्म भरकर वाराणसी क्षेत्र से सर्वाधिक लड़कियां पास हुई हैं, जबकि मेरठ क्षेत्र का परीक्षा परिणाम सबसे कम रहा। कई विद्यालयों का परीक्षाफल 100 प्रतिशत रहा तो कई का 20 प्रतिशत से भी कम रहा। इंटरमीडिएट परीक्षा में कुल 14,87,461 परीक्षार्थी रेगुलर, जबकि 1,02,663 परीक्षार्थी प्राइवेट परीक्षा देकर उत्तीर्ण हुए। मेरठ क्षेत्र में 53.03 प्रतिशत बालकों व 79.03 प्रतिशत बालिकाओं ने प्राइवेट परीक्षा देकर सफलता अर्जित की। इसी तरह बरेली में बालकों का उत्तीर्ण प्रतिशत 61.49 व बालिकाओं का 77.46 रहा। इलाहाबाद में भी बालकों और बालिकाओं के उत्तीर्ण प्रतिशत में काफी अंतर रहा। यहां 65.43 बालकों और 82.45 प्रतिशत बालिकाओं ने प्राइवेट परीक्षा देकर सफलता अर्जित की। वाराणसी में सबसे अधिक बालिकाएं सफल हुई। यहां बालिकाओं का उत्तीर्ण प्रतिशत 86.14 व बालकों का 70.20 रहा। इस प्रकार इंटर में रेगुलर पास होने वाले कुल बालकों का उत्तीर्ण प्रतिशत 71.25 व बलिकाओं का 91.18 फीसदी रहा। प्राइवेट पास होने वाले बालकों का 63.89 व बालिकाओं का 82.37 रहा। 544 शासकीय, 3960 वित्तपोषित, 5195 वित्तविहीन विद्यालयों का परीक्षा परिणाम 20 या 20 प्रतिशत से भी कम रहा। 464 शासकीय, 3236 अशासकीय सहायता प्राप्त व 3682 अशासकीय वित्तविहीन विद्यालय ऐसे हैं, जिनका परीक्षा परिणाम 75 से 100 प्रतिशत रहा। 60 शासकीय, 579 अशासकीय सहायता प्राप्त व 997 अशासकीय वित्तविहीन विद्यालयों का परिणाम 50 से 75 प्रतिशत तक रहा, जबकि 20 शासकीय, 145 अशासकीय सहायता प्राप्त व 516 अशासकीय वित्तविहीन विद्यालयों का परीक्षा परिणाम 50 प्रतिशत से कम रहा(दैनिक जागरण,इलाहाबाद,9.6.11)। |
आईआईटीः10 जुलाई को जारी होगी अंतिम सूची Posted: 09 Jun 2011 11:57 AM PDT आइआइटी ने बुधवार को काउंसिलिंग का पूरा ब्योरा जारी कर दिया। 10 जुलाई को प्रवेश का अंतिम नतीजा घोषित होगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों, आइटी बीएचयू एवं आईएसएम धनबाद में प्रवेश को संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) में सफल कई अभ्यर्थी सीट लॉक कर फीस जमा करने के बाद भी प्रवेश नहीं लेते थे। ऐसे में हर वर्ष लगभग 500 सीट खाली रह जाती थीं। इसे रोकने के लिए ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड ने बीते वर्ष ऐसे अभ्यर्थियों को जेईई 2011 में बैठने नहीं दिया था। हाल में बोर्ड की बैठक में दो चरणों की जगह तीन चरणों में काउंसिलिंग का फैसला हुआ। इससे रिक्त सीटों की संख्या कम होगी। जेईई चेयरमैन डॉ शौनक चौधरी ने बताया कि जेईई 2011 के सफल अभ्यर्थी अपने-अपने जोन की जेईई वेबसाइट से च्वाइस फिलिंग कर रहे हैं। पंजीकरण एवं काउंसिलिंग फीस का भुगतान जेईई काउंसिलिंग ऑनलाइन पोर्टल (जेसीओपी) वेबसाइट पर 25 मई से जारी है। जरूरी प्रमाण पत्र स्पीड पोस्ट से संबंधित जोन की आइआइटी जेईई कार्यालय को 10 जून तक भेजने हैं। 17 जून को शाम पांच बजे ऑनलाइन काउंसिलिंग बंद हो जाएगी। जोनल स्तर पर प्रिपरेटरी कोर्स के विद्यार्थियों की काउंसिलिंग 18 जुलाई को होगी। सीट एलाटमेंट की पहली सूची 21 जून को वेबसाइट पर जारी होगी। पहली जुलाई को सीट आवंटन की दूसरी सूची और तीसरी सूची 10 जुलाई को जारी होगी(दैनिक जागरण,कानपुर,9.6.11)। |
इग्नू जोड़ेगा परंपरागत उद्योग को तकनीक से Posted: 09 Jun 2011 11:41 AM PDT पीढ़ी दर पीढ़ी परांपरागत रूप से हस्तशिल्प के काम से जुड़े लोगों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्र्वविद्यालय ने कम्यूनिटी स्टडी सेंटर की शुरुआत की है। इन सेंटरों से प्रशिक्षण पाकर जहां कारीगरों के काम का मानकीकरण हो सकेगा, वहीं उनकी उत्पादकता भी बढ़ेगी। पिछड़े और अशिक्षित वर्ग को शिक्षित व तकनीक रूप से दक्ष कर उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए इग्नू ने यह कदम उठाया है। समाज के कई वर्ग वर्षो से पुश्तैनी काम कर रहे हैं इनके पास हुनर तो है लेकिन तकनीकी नहीं जिससे यह लोग पिछड़ते जा रहे हैं। शिक्षा और जागरूकता के अभाव में इन कारीगारों को न तो सही मेहनताना मिल पाता है और न ही उनके काम का मानकीकरण हो पाता है। इग्नू ने ऐसे क्षेत्रों में अपने कम्यूनिटी सेंटर खोलने की योजना बनाई है। मसलन, फिरोजाबाद में चूड़ी और कांच के सामान के निर्माण का काम बड़े पैमाने पर होता है। वहां के स्थानीय निवासी दशकों से इस कार्य में लगे हैं, पीढ़ी दर पीढ़ी नई पौध इस हुनर को सीख रही है लेकिन उनके काम करने का तरीका वहीं है जो उनके पूर्वज आज से सौ साल पहले था। इस काम में आ रही नई पीढ़ी को पारंपरिक हुनर के साथ आधुनिक शिक्षा और तकनीक से लैस करने के लिए इग्नू के कम्यूनिटी सेंटर मददगार साबित होंगे। इन सेंटरों में प्रशिक्षुओं को कम्प्यूटर की सहायता से दक्ष किया जाएगा। इग्नू के यह सेंटर निजी संस्थाओं की भागीदारी से स्थापित होंगे। निजी संस्थाएं इसके लिए इग्नू के क्षेत्रीय कार्यालयों में संपर्क कर सकती हैं। कोर्स की कार्ययोजना तैयार कर इग्नू सेंटर स्थापित करेगा। वक्त के हिसाब से कोर्स : न सिर्फ परांपरागत बल्कि 21वीं सदी के हिसाब से भी कम्यूनिटी सेंटर में कोर्स चलाए जाएंगे। यह कोर्स वर्षा जल संचयन, एनिमेशन और गेमिंग, वेब डिजाइनिंग और फायर मैनेजमेंट जैसे होंगे। इग्नू के उत्तरी क्षेत्र के अधिकारी डॉ. अमित चतुर्वेदी बताते हैं कि कम्युनिटी सेंटर पिछड़े वर्ग को आगे लाने का प्रयास है। अब तक प्रदेश में दो कम्युनिटी सेंटर स्थापित हो चुके हैं। वर्तमान में एक सेंटर कानपुर और एक इलहाबाद में चल रहा है। जल्द ही अन्य क्षेत्रों में भी सेंटर खोले जाएंगे(नीरज सिंह,दैनिक जागरण,लखनऊ,9.6.11)। |
यूपीःन्याय विभाग ने टीईटी पर साधी चुप्पी Posted: 09 Jun 2011 11:59 AM PDT प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए बीएड डिग्रीधारकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा देनी होगी या नहीं, इस मुद्दे पर न्याय विभाग ने बेसिक शिक्षा विभाग को विधिक राय देने से परहेज किया है। यह कहते हुए कि इस प्रकरण में कोई विधिक बिंदु शामिल नहीं है। अब बेसिक शिक्षा विभाग को इस मसले पर स्वयं निर्णय करना होगा। हालांकि, बेसिक शिक्षा सचिव अनिल संत के मुताबिक बीएड डिग्रीधारकों के लिए भी टीईटी अनिवार्य है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अर्हताएं तय करते हुए इस संबंध में 23 अगस्त 2010 को अधिसूचना जारी की थी। इस अधिसूचना में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए निर्धारित शैक्षिक योग्यताओं के अलावा टीईटी का भी प्रावधान किया गया था। अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि वह व्यक्ति जिसके पास न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ बीए/बीएससी और बीएड योग्यता है, कक्षा पहली से पांच तक में नियुक्ति के लिए पहली जनवरी 2012 तक पात्र होगा, बशर्तें कि वह नियुक्ति के बाद प्रारंभिक शिक्षा शास्त्र में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा मान्यताप्राप्त छह माह का विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर ले। अधिसूचना में बीएड डिग्रीधारकों के लिए टीईटी में शामिल होना अनिवार्य है या नहीं, विभाग में इसे लेकर मतभेद है। कुछ अधिकारियों का मानना है कि बीएड डिग्रीधारकों के लिए भी टीईटी अनिवार्य है। वहीं कुछ अन्य के अनुसार अधिसूचना में बीएड डिग्रीधारकों को टीईटी से छूट दी गई है। इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने न्याय विभाग से विधिक राय ली थी(दैनिक जागरण,लखनऊ,9.6.11)। |
Posted: 09 Jun 2011 02:30 AM PDT आप जो भी काम कर रहे हों, पहले उसे खत्म कर लें। तभी दूसरा काम हाथ में लें। यदि काम अधूरा रहेगा तो इससे परेशानी बढ़ेगी ही। इसलिए एक अधूरे काम से दूसरे अधूरे काम पर छलांग लगाते न फिरें। ऐसी आदत डाल लें कि कोई काम अधूरा नहीं छोड़ेंगे। कभी-कभी हम अधूरे काम इसलिए छोड़ देते हैं, क्योंकि वह ज्यादा मुश्किल होता है। ऐसे में आप कुछ और काम भले ही करने लगें, आपका ध्यान उसमें ही अटका रहेगा। इस तरह दूसरा काम भी बेहतर ढंग से नहीं हो पाएगा। किसी भी काम में परफेक्शन के लिए जरूरी है कि उस काम को बीच में ही न छोड़ें। कोई काम अधूरा न छूटे, इसके लिए जरूरी है कि उसको पूरा करने की सभी संभावनाओं की तलाश करें। इसके बाद ही आगे बढ़ें। किसी भी काम को यूं ही न शुरू कर दें, बल्कि उसकी प्लानिंग बनाएं और फिर आगे बढ़ें। हर काम को प्राप्त करने के लिए पहले छोटे-छोटे लक्ष्य बनाएं और उन्हें प्राप्त करने की कोशिश करें। उस काम के लिए एक समय सीमा निर्धारित करें और इसके अनुसार कार्य को पूरा करें। इस तरह कोई बड़ी समस्या आपके सामने एकदम से नहीं आएगी। इस तरह आपका काम भी अधूरा नहीं छूटेगा और आप अपना लक्ष्य भी हासिल कर लेंगे। फिर पूर्णता एक प्रकार की प्रेरणा को जन्म देती है और इससे आगे के लक्ष्य हासिल करने में आसानी हो जाती है। यह याद रखें कि न तो सफलता हर समय संभव है और न ही असफलता। कुछ लोग पहली असफतला पर ही मैदान छोड़ भाग खड़े होते हैं। एक पुरानी कहावत याद रखें कि जीतने वाला कभी मैदान से भागता नहीं और भागने वाला कभी जीत नहीं सकता। अपने काम में लगे रहें, जब तक कि सफलता न प्राप्त हो जाए। रास्तों में जोखिम हो सकता है, परंतु इसका खतरा तो उठाना ही पड़ेगा। बिना साहस के आप एक इंच भी आगे नहीं बढ़ सकते, सफलता की बात तो दूर रही। बड़े से बड़ा आविष्कारक भी एक बार के प्रयत्न से सफल नहीं हुआ। अनवरत प्रयास से ही उसके काम को अंतिम रूप मिल सका। यही सफलता है, जो किसी काम को अधूरा छोड़ने से नहीं, बल्कि उसे लगन के साथ पूरा करने से आती है(जोगिन्दर सिंह,अमर उजाला,7.6.11)। |
विदेश व्यापार अध्ययन में करिअर Posted: 09 Jun 2011 02:30 AM PDT पिछले कुछ वर्षों से भारत के विदेशों के साथ व्यापारिक संबंध मजबूत हुए हैं। इसकी वजह भारत सरकार की उदारवादी आर्थिक नीतियां रहीं, जो बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आकर्षण का कारण बनीं। इस व्यापार के अंतर्गत यहां की विभिन्न चीजों को विदेशों में भेजा जाता है और वहां के प्रमुख सामानों को भारत लाया जाता है। इससे दोनों देशों को लाभ पहुंचता है। ऐसे माहौल में फॉरेन ट्रेड के प्रोफेशनल्स की काफी जरूरत महसूस की जाने लगी है। इंडस्ट्री की इसी जरूरत को भांपते हुए प्रमुख संस्थानों ने इसके लिए बाजार के मुताबिक पाठ्यक्रम तैयार किए हैं, जिनकी बदौलत कुशल प्रोफेशनल्स की कमी आज पूरी होती दिख रही है। योग्यता एवं प्रवेश संबंधी विवरण ज्यादातर यूनिवर्सिटी एवं संस्थान फॉरेन ट्रेड में एमबीए और पोस्ट ग्रेजुएट लेवल के कोर्स कराते हैं। कुछ ऐसी भी यूनिवर्सिटीज हैं जो इंटरनेशनल बिजनेस एवं फॉरेन ट्रेड में बैचलर डिग्री (बैचलर ऑफ इंटरनेशनल बिजनेस एंड फाइनेंस) प्रदान करती हैं। इस कोर्स के लिए छात्र को 50 फीसदी अंकों सहित 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए, जबकि एमबीए और मास्टर इन इंटरनेशनल बिजनेस एंड फॉरेन ट्रेड के लिए ग्रेजुएट होना आवश्यक है। डिप्लोमा व पीजी डिप्लोमा में भी प्रवेश ग्रेजुएशन के बाद ही मिल पाता है। इसमें कॉमर्स के छात्रों को वरीयता दी जाती है। छात्रों को दाखिला प्रवेश परीक्षा के आधार पर दिया जाता है। कुछ संस्थान अपने स्तर पर छात्रों का चयन ग्रुप डिस्कशन व पर्सनल इंटरव्यू के जरिए करते हैं। संबंधित कोर्स एवं अवधि इसमें रेगुलर तथा कॉरेस्पान्डेंस दोनों ही तरीके से छात्रों को जानकारी प्रदान की जाती है, लेकिन ज्यादातर कोर्सेज रेगुलर ही हैं। सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा, बैचलर, पीजी डिप्लोमा, एमबीए, मास्टर डिग्री आदि सभी तरह के कोर्स जॉब की राह को आसान बनाते हैं। इनकी अवधि छह माह से लेकर अधिकतम तीन वर्ष तक होती है। दाखिले का स्वरूप अलग-अलग होता है। कोर्स के दौरान छात्र अपना व्यवसाय शुरू करने तथा आयात व निर्यात संबंधी कौशल से भी अवगत होते हैं। इसके अलावा हर तरह की बारीकियां भी उसी समय सिखाई जाती हैं। प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान इससे संबंधित कोर्स में प्रशिक्षण दिलाने वाले प्रमुख संस्थान निम्न हैं- -इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन ट्रेड, नई दिल्ली कोर्स - एमबीए इन इंटरनेशनल बिजनेस (दो वर्ष), पीजी डिप्लोमा इन इंटरनेशनल बिजनेस (डेढ़ वर्ष) -नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एक्सपोर्ट मैनेजमेंट, चेन्नई कोर्स- मास्टर इन एक्सपोर्ट मैनेजमेंट (दो वर्ष), डिप्लोमा इन फॉरेन एक्सेंज मैनेजमेंट (छह माह) -एसपी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, मुंबई कोर्स - एमबीए इन इंटरनेशनल बिजनेस (दो वर्ष), पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट इन इंटरनेशनल बिजनेस (आठ माह) -दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (दिल्ली विवि.), नई दिल्ली कोर्स - एमए इकोनॉमिक्स (दो वर्ष), एमफिल एवं पीएचडी (इकोनॉमिक्स) -सिम्बियोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल बिजनेस, पुणे कोर्स - एमबीए इन इंटरनेशनल बिजनेस (दो वर्ष), पीजी डिप्लोमा इन इंटरनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट (एक वर्ष) -इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल बिजनेस, चेन्नई कोर्स - डिप्लोमा इन एक्सपोर्ट मैनेजमेंट, एडवांस डिप्लोमा इन एक्सपोर्ट मैनेजमेंट -इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉमर्स एेंड ट्रेड, लखनऊ कोर्स- एमबीए इन फॉरेन ट्रेड (दो वर्ष)(प्रभाकर चंद,अमर उजाला,7.6.11) |
ग़ाज़ियाबाद का आईएमटीःबेहतर प्रबंधन शिक्षा के साथ बेहतर प्लेसमेंट भी Posted: 09 Jun 2011 12:30 AM PDT गाजियाबाद के मेरठ रोड इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (आईएमटी) मैनेजमेंट एजुकेशन का टॉप का संस्थान है। भारत के टॉप बिसनेस स्कूल में इसे शामिल किया जाता है। गाजियाबाद के अलावा नागपुर और हैदराबाद में भी आईएमटी के केंद्र हैं। यहां उपलब्ध पाठ्यक्रमों में फुल टाइम और पार्ट टाइम दोनों तरह के एमबीए पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं, जिन्हें एआईसीटीई (भारत सरकार) द्वारा मान्यता प्राप्त है। यदि हैदराबाद सेंटर की बात करें तो यह वर्ल्ड क्लास कैंपस है, जिसका विधिवत उद्घाटन जुलाई में होना है। इसी साल से यहां दो साल का एमबीए प्रोग्राम उपलब्ध है। अन्य बेहतर संस्थानों की तरह यहां भी कैट के माध्यम से ही छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। संस्थान के फैकल्टी आईटी, फाइनेंस, मार्केटिंग, एचआरडी और ऑपरेशंस की फील्ड में जानेमाने नाम हैं। इससे छात्रों को बेहतर प्रोफेशनल्स बनने में काफी मदद मिलती है। आधुनिक शिक्षा की सभी सुविधाओं से युक्त इस संस्थान की खासियत यहां 100 प्रतिशत प्लेसमेंट है। यदि 2010 में हुए प्लेसमेंट की बात करें तो छात्रों की औसत सैलरी सालाना 8 लाख से भी ज्यादा थी। अधिकतम सैलरी 26 लाख रुपये वार्षिक थी। आईएमटी गाजियाबाद में प्लेसमेंट की यह स्थिति लगभग हर साल की है। यही कारण है कि यहां छात्रों का भविष्य अधिक सुरक्षित है। आईएमटी में दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से भी पढ़ाई की जा सकती है, जिसमें 2 वर्षीय पीजी डिप्लोमा इन मैनेजमेंट, 1 साल की अवधि का डिप्लोमा (बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, रिटेल मैनेजमेंट, एक्सपोर्ट मैनेजमेंट, साइबर सिक्योरिटी, ह्यूमन रिसोर्स आदि), पीजी डिप्लोमा (ऑनलाइन मोड से एक्जीक्यूटिव के लिए) औैर साइबर लॉ में 2 वर्षीय पीजी जैसे पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। पूरे देश में स्थित संस्थान के इन्फॉर्मेशन सेंटर से भी इस बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। संस्थान की वेबसाइट पर इस संबंध में और अधिक जानकारी उपलब्ध है, जिसमें प्रोग्राम्स एडमिशन प्रक्रिया, प्लेसमेंट, फैकल्टी आदि तमाम बातें शामिल हैं(ए.एम. शेरी,अमर उजाला,7.6.11)। |
Posted: 08 Jun 2011 10:30 PM PDT बारहवीं पास करने वाले युवाओं का सपना प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से विभिन्न प्रकार के प्रोफेशनल कोर्सेज में एडमिशन पाने के अलावा नियमित कॉलेजों के परंपरागत पाठ्यक्रमों तक ही आमतौर से केंद्रित होता है। लेकिन सीमित सीटों और गहन प्रतिस्पर्धा के वर्तमान दौर में बहुसंख्यक ऐसे युवा भी होते हैं जो न तो प्रतियोगी परीक्षाओं के माध्यम से एडमिशन हासिल कर पाते हैं और न ही नियमित कॉलेजों के कोर्सेज में दाखिला पाने में सफल होते हैं। अब सवाल यह है कि ऐसे छात्रों के समक्ष क्या विकल्प हो सकते हैं, जिनके जरिये वे भी अच्छा कैरियर बना सकें। देखा जाए तो डिस्टेंस एजुकेशन या ओपन यूनिवर्सिटी पद्धति के पाठ्यक्रम ही इनके लिए एकमात्र सहारा हो सकते हैं। वैसे जनमानस में यह धारणा व्याप्त है कि इस तरह की पद्धति में उपयोगी पाठ्यक्रम नहीं होते हैं और रोजगार दिलाने में भी इनकी कोई भूमिका नहीं होती। इस तरह का भ्रम वास्तव में गलत है। देश में इस समय 112 विश्वविद्यालयों में डिस्टेंस एजुकेशन (दूरस्थ शिक्षा) तथा 12 ओपन यूनिवर्सिटी के माध्यम से ढेर सारे ट्रेडिशनल और नन-ट्रेडिशनल कोर्सेस संचालित किये जा रहे हैं। इनके द्वारा पत्राचार और स्थानीय सेंटर पर ली जाने वाली क्लासेज के माध्यम से छात्रों को शिक्षा दी जाती है। ये कोर्स महज बीए या बीकॉम तक ही सीमित नहीं हैं और इन कोर्सेस का महत्व मात्र डिग्री धारक या ग्रेजुएट बना देना भर भी नहीं है। इसलिए थोड़ी समझदारी दिखाएं और इन विश्वविद्यालयों के कोर्सेज के बारे में समुचित जानकारियां जुटाएं। इससे अपनी रुचि और कैरियर की इच्छा के अनुरूप कोर्सेज का चुनाव करना आपके लिए आसान हो जाएगा और कम अंकों के बावजूद सफलता के नए द्वार खुल सकते हैं। विभिन्न स्ट्रीम्स में ऐसे कई पाठ्यक्रम विभिन्न विश्वविद्यालयों में उपलब्ध हैं। ह्यूमनिटीज (कला) -बीए (बैचलर ऑफ आर्ट्स): इस तीन वर्षीय कोर्स में अत्यंत कम अंकों वाले छात्र भी आसानी से एडमिशन प्राप्त कर सकते हैं। इसमें विभिन्न कला विषयों का कॉम्बिनेशन लेने के विकल्प उपलब्ध हैं। -बीए (ऑनर्स): कई संस्थानों में सभी विषयों पर जोर नहीं देते हुए चयनित विषय पर ही आधारित सम्पूर्ण तीन साल का ऑनर्स कोर्स भी डिस्टेंस एजुकेशन के माध्यम से संचालित किया जाता है। इन विषयों में हिंदी, अंग्रेजी, इकोनॉमिक्स, हिस्ट्री, क्रिमिनोलॉजी ऐंड पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन, मैथ्स आदि शामिल हैं। -बीए (जनसंचार) : अमूमन नियमित कॉलेजों के मास कम्युनिकेशन पर आधारित कोर्सेज में एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर एडमिशन दिए जाते हैं, लेकिन चुनिन्दा यूनिवर्सिटी में सीधे भी इस प्रोफेशनल कोर्स में दाखिला प्राप्त किया जा सकता है। -बैचलर ऑफ टूरिज्म स्टडीजः हॉट प्रोफेशनल कोर्सेस में इसे भी शामिल किया जा सकता है। बिना किसी एंट्रेंस एग्जाम के इस प्रकार की डिग्री हासिल करना कैरियर निर्माण में काफी मददगार है। -बीए (एजुकेशन): टीचिंग को कैरियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए इसे निस्संदेह बेहतर ऑप्शन कहा जा सकता है। -बीए (एस्ट्रोलॉजी): ज्योतिष के प्रति रुझान रखने वाले युवाओं के लिए डिस्टेंस एजुकेशन के जरिये आगे बढ़ने का यह अच्छा ऑप्शन हो सकता है। कॉमर्स -बीकॉमः कंप्यूटर ज्ञान के साथ इस डिग्री की बदौलत जॉब पाने में ज्यादा दिक्कत नहीं आती है। यह कोर्स अधिकांश डिस्टेंस एजुकेशन इंस्टीट्यूट में उपलब्ध है। -बीकॉम (ऑनर्स): एकाउंट्स के क्षेत्र में कैरियर बनाने की चाह रखने वाले युवाओं को कम अंकों के बावजूद यह विशिष्ट डिग्री पत्राचार के माध्यम से हासिल हो सकती है। -बीकॉम प्लस कम्प्यूटर एप्लीकेशनः कॉमर्स में कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल पर आधारित इस कोर्स का महत्व कम करके नहीं आंका जा सकता। -बीकॉम मार्केटिंग मैनेजमेंटः मार्केटिंग स्किल्स के साथ एकाउंट्स एवं कॉमर्स की ट्रेनिंग पर आधारित यह कोर्स काफी रोजगारोन्मुख कहा जा सकता है। -बीकॉम बैंक मैनेजमेंटः इस कोर्स का फायदा वे युवा उठाने की सोच सकते हैं जो बैंकिंग को अपना कैरियर बनाना चाहते हैं। -बीकॉम एकाउंट्स ऑफ मैनेजमेंट ग्रुप: इस कोर्स में बुनियादी तौर पर एकाउंट्स से सम्बंधित गहन प्रशिक्षण देने की व्यवस्था है। साइंस -बीएससी जनरलः जरूरी नहीं कि कम नंबरों के कारण साइंस की पढ़ाई बीच में छोड़ दी जाए। ऐसे डिस्टेंस लर्निंग इंस्टीट्यूट की देश में कमी नहीं है जो बीएससी की विभिन्न विधाओं पर आधारित कोर्सेज संचालित करते हैं। -बीएससी बायो ग्रुपः अगर किसी कारणवश रेगुलर कोर्स में आप एडमिशन नहीं ले पा रहे हैं तो बायोलॉजी के साथ 12वीं करने की इच्छा रखने वालों को भी निराश नहीं होना चाहिए। यह कोर्स उन्हें राहत दे सकता है। -बीएससी डिजाइन एंड फैशन टेक्नोलोजीः फैशन और डिजाइनिंग के क्षेत्र में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए डिस्टेंस एजुकेशन के जरिये यह अच्छा कैरियर ऑप्शन हो सकता है। -बीएससी ऑनर्स ः बॉटनी, केमिस्ट्री, फिजिक्स, जूलॉजी आदि विषयों में ऑनर्स डिग्री कोर्स देश की गिनी-चुनी यूनिवर्सिटी के डिस्टेंस एजुकेशन संस्थानों में है। -बीएससी मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी: देश में स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता और निजी क्षेत्र के हॉस्पिटल्स के बड़े पैमाने पर अस्तित्व में आने से मेडिकल प्रोफेशनल्स के अलावा पैरा मेडिकल ट्रेंड लोगों की डिमांड भी बढ़ी है। कई संस्थानों में यह कोर्स उपलब्ध है। -बीएससी जेनेटिक्स :तेजी से उभरते इस क्षेत्र में कैरियर निर्माण के लिए इस विशिष्ट कोर्स का सहारा लिया जा सकता है। ठ्ठबीएससी एनवॉयरनमेंट साइंस: पर्यावरण सुरक्षा पर सरकारी और निजी स्तर पर भी काफी जोर दिया जा रहा है। इस तरह के शैक्षिक बैकग्राउंड वाले युवाओं के लिए जगह बनाना ज्यादा मुश्किल नहीं है। प्रमुख डिस्टेंस एजुकेशन संस्थान -इग्नू, दिल्ली -वर्धमान महावीर ओपन यूनिवर्सिटी, कोटा -भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी, हैदराबाद -दिल्ली यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग, दिल्ली -नेताजी सुभाष ओपन यूनिवर्सिटी, कोलकाता -जीवाजी यूनिवर्सिटी, ग्वालियर -मध्य प्रदेश भोज ओपन यूनिवर्सिटी, भोपाल -नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी, पटना -यूनिवर्सिटी ऑफ मुंबई, मुंबई -शास्त्र यूनिवर्सिटी, तंजावुर -पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी, जालंधर -गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी, हिसार -यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र ओपन यूनिवर्सिटी, नासिक(अशोक सिंह,अमर उजाला,7.6.11) |
पांच हजार अधिकारी भर्ती करेगा एसबीआइ Posted: 09 Jun 2011 11:39 AM PDT बैंकिंग क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक लोगों के लिए खुशखबरी। देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) पांच हजार से ज्यादा अधिकारियों की नियुक्ति करने की तैयारी में है। इनमें 4,987 अधिकारियों की नियुक्ति एसबीआइ के सहयोगी बैंकों के लिए होगी, जबकि 206 अधिकारी खुद एसबीआइ के लिए भर्ती किए जाएंगे। एसबीआइ के जिन सहयोगी बैंकों के लिए भर्ती की जाएगी, उनमें स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर शामिल हैं। स्टेट बैंक ने इन सभी पदों के लिए विज्ञापन जारी कर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सहयोगी बैंकों के लिए प्रोबेशनरी अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। वहीं, एसबीआइ अपने लिए कानून, अर्थशास्त्र, स्वास्थ्य और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों से संबद्ध विशेषज्ञ अधिकारियों की नियुक्ति करेगा। पिछले साल एसबीआइ ने कहा था कि उसकी 27 हजार कर्मचारियों को भर्ती करने की योजना है। इसमें 20 हजार से 22 हजार लिपिक पद के लिए और पांच हजार 500 पद प्रोबेशनरी अधिकारियों के लिए होंगे। एसबीआइ समेत सभी सार्वजनिक बैंकों की वर्ष 2011-12 में 45,000 कर्मचारी भर्ती करने की योजना है। प्रस्तावित नियुक्ति योजना के तहत 1,000 प्रोबेशनरी अधिकारी स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर, 1,416 स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, 1,328 स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, 843 स्टेट बैंक ऑफ मैसूर और 400 प्रोबेशनरी अधिकारी स्टेट बैंक त्रावणकोर के लिए नियुक्त किए जाएंगे(दैनिक जागरण,दिल्ली,9.6.11)। |
Posted: 08 Jun 2011 08:30 PM PDT आतंकी वारदातों की गुत्थियां हों या कोई भी अन्य घटना, उन्हें सुलझाने में फोरेंसिक साइंस काफी मददगार है। यह वारदात या घटना स्थल से प्राप्त साक्ष्यों के विश्लेषण और परीक्षण में मददगार है। फोरेंसिक साइंटिस्ट से प्राप्त इनपुट को लेकर ही इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर अदालत के समक्ष हाजिर होता है। जरूरत पड़ने पर फोरेंसिक साइंटिस्ट घटना स्थल का भी निरीक्षण करता है, ताकि साक्ष्यों का पता लगाया जा सके। दिल्ली विश्वविद्यालय में फोरेंसिक साइंस के प्रोफेसर सुरेन्द्र नाथ के मुताबिक, इस कोर्स का भविष्य उज्ज्वल है, क्योंकि सरकार आने वाले दिनों में अपराध की बढ़ती घटनाओं और उसकी जटिल प्रकृति की जांच के लिए फोरेंसिक साइंस की लेबोरेटरी में इजाफा करेगी। इसके अलावा साइबर क्राइम, क्रेडिट कार्ड फ्रॉड और अन्य आपराधिक जांच-प्रक्रियाओं में भी फोरेंसिक विशेषज्ञों की मांग बढ़ेगी। कोर्स का ढांचा फोरेंसिक साइंस के तहत सर्टिफिकेट कोर्स में फोरेंसिक साइंस के विभिन्न पहलुओं के बारे में प्रारंभिक स्तर का ज्ञान दिया जाता है। इसमें साइंस के विभिन्न रूपों, मसलन भौतिकी, केमिस्ट्री, टॉक्सिकोलॉजी, जूलॉजी, एंथ्रोपोलॉजी, बॉटनी, मनोविज्ञान, मेडिसिन आदि के बारे में बताया जाता है। इसके अलावा छात्रों को फोटोग्राफी व हैंड राइटिंग परीक्षण के बारे में प्रशिक्षित किया जाता है। वे क्रिमिनल लॉ और क्रिमिनलॉजी के बारे में भी कुछ जानकारी हासिल करते हैं। डिग्री कोर्स यानी बीएससी स्तर के तीन वर्षीय कोर्स में सर्टिफिकेट या डिप्लोमा में जो पढ़ाया जाता है, उसका विस्तार होता है। पोस्ट ग्रेजुएशन लेवल पर ग्रेजुएशन से आगे की सारी बातें बताई जाती हैं। शैक्षणिक योग्यता यह फील्ड साइंस बैकग्राउंड के छात्रों के लिए है। सर्टिफिकेट कोर्स के लिए योग्यता 12वीं (साइंस स्ट्रीम) है और जो छात्र इसमें बैचलर कोर्स करना चाहते हैं, उनके लिए भी साइंस स्ट्रीम से 12वीं उत्तीर्ण होना जरूरी है। बीएससी के बाद एमएससी और रिसर्च के मौके मिलते हैं। किस तरह के कार्य इस विषय के प्रोफेशनल्स फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में अलग-अलग रूपों में काम करते हैं। ग्रेजुएशन वाले लेबोरेटरी अटेंडेंट, पोस्ट ग्रेजुएशन वाले जूनियर लेबोरेटरी सहायक और पीचएडी तक पढ़ाई करने वाले साइंटिफिक ऑफिसर व सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर बनते हैं। इसके तहत कोई छात्र कोर्स करके चाहे तो स्टेट या सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में लैब अटेंडेंट के रूप में ज्वॉइन कर सकता है और फिर अनुभव में बढ़ोतरी के साथ सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर औैर सहायक निदेशक जैसे पदों पर काम कर सकता है। कहां हैं मौके फोरेंसिक साइंस के छात्रों के लिए अवसरों की कमी नहीं है। इसके प्रोफेशनल्स इन संस्थानों में नौकरी के अवसर तलाश सकते हैं - फोरेंसिक साइंस, फिंगर प्रिंट ब्यूरो, सीबीआई, आईबी, फूड टेस्टिंग लेबोरेटरी, एगमार्क लेबोरेटरी, केमिकल एग्जामिनर लेबोरेटरी, सेरोलॉजिकल लेबोरेटरी, लॉ इन्फोर्समेंट विभाग, अध्यापन के लिए यूनिवर्सिटी व कॉलेज, पुलिस विभाग आदि। अभ्यर्थी चाहें तो अपनी कंसल्टेंसी सर्विस भी दे सकते हैं। कोर्स कराने वाले केन्द्र दिल्ली विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों ने सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किए हैं। इनमें दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज, राजधानी कॉलेज और एडल्ट एजुकेशन विभाग प्रमुख हैं। अन्य संस्थान हैं- <span c |
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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/
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