BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Thursday, April 28, 2011

Fwd: अँधेरी शाम



---------- Forwarded message ----------
From: Tara Tripathi <nirmaltara@gmail.com>
Date: 2011/4/28
Subject: अँधेरी शाम


चिमनी से उड़ते धुएँ सी फैलती यह अँधेरी शाम
थके हुए लोहार के घन सी चहल-पहल
सुनसान और वीरान.
पतझड़ से नंगे पेड़, पक्षियों के भीत परिवार,
धोबियों की पचायत.
डिग्गियों के पानी सा गतिहीन जीवन
शायद कहीं-कहीं छपाछप गतिमान है.
चिन्ताएँ मैले कपड़ों के ढेर सी पड़ी हैं
तम्बाकू सा सुलगता-सुलगता
जीवन धुँआ हो चुका है.
पर जब तक खाक धुआँ दे रही है
लगता है अभी भी कुछ बाकी है.
जीवन के मरुस्थल में
अकेले  हैंडपंप सी आस्था सूख गयी है.
फिर भी मॄगरीचिकाएँ
काल्पनिक जल रेखाओं से
झुर्रियों]  का जाल बुनती हुई
हर पल छलनाओं  के पीछे भटकाती हैं
और
काल का ऐन्द्रजालिक,
अनेक रूप और रंग वाले
कितने ही इन्द्र धनुष टाँक कर]
हर बार  वही अन्धकार उडेल रहा है.
आकाश के प्रजातंत्र में
हर बार रूप बदलता फिर वही चाँद
स्टूलोँ पर चपरासी, फाइल में बाबू]
कुर्सी पर साहब, गद्दी पर सी.एम. या पी.एम.
किसी और का बोझ ढोता
शो केस में चमकता सेकिण्ड हैण्ड अहम]
भीतर अनस्तित्व सी म्लान,
षडयन्त्रों सी शंकित
अभिशापों सी दारुण
यह अँधेरी शाम,
एकाकी सेंटहेलेना
यहाँ आने वाला कल
नेपोलियन सा बन्द है.

ता.च. त्रि





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nirmaltara



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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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