BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Tuesday, February 1, 2011

Fwd: [Hindi IWP] बहस - पानी का निजीकरण



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From: Hindi Water portal <hindi@lists.indiawaterportal.org>
Date: 2011/2/1
Subject: [Hindi IWP] बहस - पानी का निजीकरण
To: hindi@lists.indiawaterportal.org, waterwarriors@lists.indiawaterportal.org


बहस - पानी का निजीकरण

हमें भूलना नहीं चाहिए कि अकाल, सूखा, पानी की किल्लत, ये सब कभी अकेले नहीं आते। अच्छे विचारों और अच्छे कामों का अभाव पहले आ जाता है। हमारी धरती सचमुच मिट्टी की एक बड़ी गुल्लक है। इसमें 100 पैसा डालेंगे तो 100 पैसा निकाल सकेंगे। लेकिन डालना बंद कर देंगे और केवल निकालते रहेंगे तो प्रकृति चिट्ठी भेजना भी बंद करेगी और सीधे-सीधे सज़ा देगी। आज यह सज़ा सब जगह कम या ज्यादा मात्रा में मिलने लगी है। 

 कई बार जब अव्यवस्था बढ़ती जाती है, जन-नेतृत्व और सरकारी विभागों का निकम्मापन बढ़ने लगा है तो दुर्भाग्य से एक ही हल दिखता हैः राष्ट्रीयकरण के बदले निजीकरण कर दो। यही हल अब पानी के मामले में भी आगे रखा जाने लगा है। पहले हमारा समाज न राष्ट्रीयकरण जानता था और न निजीकरण। वह पानी का 'अपनाकरण' करता था। अपनत्व की भावना से उसका उपयोग करता था। जहां जितना उपलब्ध था, उतना खर्च करता था, इसलिए कम से कम पानी के मामले में, जब तक बहुत सोची-समझी योजनाएं फिर से सामने नहीं आएंगी, हम सब चुल्लू भर पानी में डूबते रहेंगे, लेकिन हमें शर्म नहीं आएगी। 

- अनुपम मिश्र

पूरा पढें -सिमट-सिमट जल 


मुद्दा -  पानी का निजीकरण 

पानी के निजीकरण की दस्तक

निजीकरण का जिन्न एक बार फिर से सिर उठा रहा है। जी हां, खबर है कि दिल्ली में पेयजल आपूर्ति के निजीकरण के प्रयास चल रहे हैं। इस बात का प्रमाण यह है कि दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में दिल्ली जल बोर्ड द्वारा एक निजी कंपनी को जल आपूर्ति एवं रख-रखाव का जिम्मा सौंपा जा रहा है। हालांकि यह पायलट प्रोजेक्ट है, लेकिन इसके दूरगामी निहितार्थ हैं। 

दिल्ली सहित कई अन्य शहरों में जल आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा वितरण एवं पारेषण क्षति के रुप में नष्ट हो जाता है। दूसरे अर्थो में कहा जाए तो पानी की चोरी, अवैध कनेक्शनों एवं पाइपों में लीकेज के माध्यम से पानी की क्षति हो जाती है। इसी बात को आधार बनाकर दिल्ली जल बोर्ड द्वारा एक पायलट परियोजना के तौर पर एक निजी कंपनी को यह जिम्मा सौंपा जा रहा है। एक मोटे अनुमान के अनुसार वसंत कुज में 14,500 फ्लैटों को करीब 31 लाख गैलन पानी की आपूर्ति प्रतिदिन होती है। प्रस्तावित परियोजना 3 चरणों 

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