BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Monday, September 9, 2013

बोनस की उम्मीद अबकी दफा नहीं के बराबर, आर्थिक बदहाली से रिकवरी की उम्मीद कम

बोनस की उम्मीद अबकी दफा नहीं के बराबर, आर्थिक बदहाली से रिकवरी की उम्मीद कम

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​


दुर्गापूजा और दिवाली के बाजर में असली रौनक तो कंपनियों में बोनस बंटने के बाद आती है।पगार तो माहवार बजट में खर्च हो ही जाता है।चंदा अलग से दीजिये और फिर घरेलू बजट भी बांटिये। नौकरीपेशा लोगों के लिए बोनस का पैसा हाथ आने पर ही शुरु होता है त्योहार और उसकी खरीददारी। रुपये में गिरावट,शेयर बाजार में उथल पुथल और आर्थिक संकट अब पूजा बाजार और दिवाली की रौनक भी छीनने  के है।वित्तीय वर्ष 2012-13 में विकास दर 5 फीसदी रही थी, जो पिछले 10 साल में सबसे कम है। इस साल जून क्वॉर्टर के विकास दर भी 5 फीसदी से कम रहे हैं। इस वजह से कई प्राइवेट ब्रोकरेज हाउसों ने वित्तीय वर्ष 2014 की आर्थिक विकास के आकलन में कमी की है। उनका कहना है कि इस साल विकास दर 4.5 फीसदी से नीचे रहेगी। हालांकि, हाल में हुए एक सर्वे में देश के टॉप सीईओ ने कहा था कि इकॉनमी बॉटम आउट हो रही है और अब रिकवरी की शुरुआत हो सकती है।


ज्यादातर कंपनियां दिवाली बोनस नहीं देंगी


अर्थव्यवस्था में लगातार जारी सुस्ती के बीच भारतीय कंपनियां इस साल अपने त्योहारी सीजन के बजट में करीब 40 फीसद की कटौती करेंगी। उद्योग मंडल एसोचैम के एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि कंपनियों के मितव्यतता उपायों से इस साल कर्मचारियों को बोनस भी कम मिलेगा।कंपनियों का प्रॉफिट कम हो रहा है। उन्हें नए बिजनस ऑर्डर्स भी कम मिल रहे हैं। इसका असर उनके फेस्टिव सीजन बजट पर पड़ सकता है। सर्वे के मुताबिक, इसका असर एंप्लॉयीज पर भी पड़ेगा। अक्सर उन्हें हर साल दिवाली पर कंपनियों से बोनस मिलता है। सर्वे में कहा गया है कि इस साल ज्यादातर कंपनियां दिवाली बोनस नहीं देंगी।


हालत इतनी खराब


हालत इतनी खराब है कि सबसे अच्छा बोनस देने के लिए मशहूर टाटा मोटर्स में भी अबकी दफा चौदह फीसद से ज्यादा बोनस मिलना मुश्किल है। पिछली बार बोनस की राशि 182.47 करोड़ रुपये दी गयी थी, जिसके आधार पर 17.69 फीसदी बोनस की राशि कर्मचारियों को मिली थी। इस बार 33.48 करोड़ रुपये की कमी आयी है, जिसके आधार पर काफी मुश्किल से 14 फीसदी तक का बोनस ही कर्मचारियों को मिल सकेगा। टाटा स्टील के कर्मचारियों के बोनस समझौता को लेकर वार्ता शुरू हो गयी है।समझौता के मुताबिक कंपनी के विशुद्ध मुनाफे (टैक्स देने के बाद का मुनाफा और किसी चीज की बिक्री, संपत्ति और परिसंपत्तियों के बिक्री की राशि को हटाकर) का 2.95 फीसदी हिस्सा बोनस में मिलेगा। ऐसे में मैनेजमेंट ने उस आधार पर आंकड़ों की गणना की और बताया कि 148.99 करोड़ रुपये ही बोनस के मद में कंपनी की ओर से दी जा सकती है।


कटौती का मतलब


एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने कहा, रुपये में भारी गिरावट के मद्देनजर कंपनियों के दीवाली, धनतेरस तथा क्रिसमस के बजट में करीब 40 प्रतिशत की कटौती होगी। रावत ने कहा कि मुश्किल कारोबारी माहौल में उंची मुद्रास्फीति, कंपनियों की आमदनी में कमी तथा नए आर्डर में कमी से कंपनियां प्रभावित हुई हैं। सर्वेक्षण में कहा गया है कि बजट में कटौती का मतलब यह है कि कर्मचारियों को मिलने वाला परपंरागत बोनस या तो इस साल नहीं दिया जाएगा, या फिर बोनस में कमी की जाएगी।


सर्वेक्षण में अहमदाबाद, बेंगलूर, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, जयपुर कोलकाता, लखनऊ, मुंबई तथा पुणे की 2,500 छोटी, मझोली और बड़ी कंपनियों को शामिल किया गया। यह सर्वेक्षण फार्मा, टिकाउ उपभोक्ता सामान, इलेक्ट्रानिक्स, रत्न एवं आभूषण, वाहन, एफएमसीजी, विनिर्माण तथा बुनियादी ढांचा क्षेत्र की कंपनियों के बीच किया गया।


बाजार ठंडा


सर्वेक्षण में कहा गया है कि आर्थिक सुस्ती से सबसे ज्यादा टिकाउ उपभोक्ता सामान, रत्न एवं आभूषण, एफएमसीजी, इलेक्ट्रानिक्स, वाहन तथा रीयल एस्टेट क्षेत्र की कंपनियां प्रभावित हुई हैं। एसोचैम ने कहा कि इस साल त्योहारों के मौके पर टीवी, लैपटॉप, वाशिंग मशीन, रसोई उपकरण, हैंडसेट, मोबाइल एक्सेसरीज पीसी कंप्यूटर गेम्स आदि का बाजार ठंडा रह सकता है।



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