BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Tuesday, August 6, 2013

आदिवासियों और उनके जीवनदर्शन की अवमानना एक आम गैर-आदिवासी नजरिया है. लगभग सभी जनपक्षधर समूह-संगठन और व्यक्ति अपनी-अपनी सीमाओं और विस्तार के साथ देश के अन्य वंचित तबकों के साथ-साथ आदिवासी समाज के संग भी पूरी जीवटता और संघर्षशीलता के साथ खड़े हैं. आदिवासी समाज भी गैर-आदिवासी समूहों द्वारा चलाये जा रहे परिवर्तन व मुक्तिकामी संघर्षों में भागीदार हैं, शहादतें दे रहे हैं. इस एकजुटता के बावजुद दूसरे वैचारिक समूहों की तरह ही कुछ ‘वामपंथी’ लोग आदिवासियों की अवमानना करने से नहीं चूकते.

आदिवासियों और उनके जीवनदर्शन की अवमानना एक आम गैर-आदिवासी नजरिया है. लगभग सभी जनपक्षधर समूह-संगठन और व्यक्ति अपनी-अपनी सीमाओं और विस्तार के साथ देश के अन्य वंचित तबकों के साथ-साथ आदिवासी समाज के संग भी पूरी जीवटता और संघर्षशीलता के साथ खड़े हैं. आदिवासी समाज भी गैर-आदिवासी समूहों द्वारा चलाये जा रहे परिवर्तन व मुक्तिकामी संघर्षों में भागीदार हैं, शहादतें दे रहे हैं. इस एकजुटता के बावजुद दूसरे वैचारिक समूहों की तरह ही कुछ 'वामपंथी' लोग आदिवासियों की अवमानना करने से नहीं चूकते. 

रांची के आदिवासियों द्वारा उनके संगठन 'झारखण्ड इंडिजिनस पीपुल्स फोरम' द्वारा 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन होता है. यह आयोजन किसी एनजीओ का उपक्रम नहीं है. हमें पता है आयोजकगण किस परिश्रम से और सहयोग मांग-मांग कर आर्थिक व अन्य व्यवस्थाएं जुटाते हैं. पर हमारे 'वामपंथी' मित्रों को यह एनजीओ टाइप आयोजन लगता है. सफेदी की चमकार का यह कैसा आत्ममुग्ध दावा है और आपको किसने हक दिया कि आप आदिवासी समुदाय के संगठनकर्ताओं को, उनके आयोजनों पर ऐसी हिकारत व अवमानना भरी टिप्पणी करें?

Gladson Dungdung Sunil Minj Jerom Gerald Kujur Neetisha Xalxo Mano Ekka Bineet Mundu Ujjwala Jyoti Tiga

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