BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Saturday, May 5, 2012

एनसीटीसी के एकतरफा फैसले पर बरसीं ममता

एनसीटीसी के एकतरफा फैसले पर बरसीं ममता

Saturday, 05 May 2012 12:57

नयी दिल्ली, पांच मई (एजेंसी) ममता बनर्जी ने एनसीटीसी के गठन को लेकर एकतरफा फैसला के लिए आज केंद्र पर जमकर बरसीं।

 

संप्रग के महत्वपूर्ण घटक तृणमूल कांग्रेस की नेता एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एनसीटीसी के गठन को लेकर एकतरफा फैसला करने के लिए आज केन्रद की भर्त्सना की। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित एनसीटीसी उनके राज्य को स्वीकार्य नहीं है ।
ममता ने कहा कि गिरफ्तारी और जब्त करने के प्रस्तावित अधिकारों सहित राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केन््रद : एनसीटीसी : जैसी संस्थाओं के गठन से देश के संघीय ढांचे को नुकसान होगा । उन्होंने केन््रद सरकार से आग्रह किया कि वह एनसीटीसी के बारे में अपना आदेश वापस ले ।
उन्होंने कहा, '' यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि इन संघीय सिद्धांतों का अपमान करते हुए केन््रदीय गृह मंत्रालय द्वारा राज्यों से पर्याप्त सलाह मशविरा किये बिना तीन फरवरी 2012 को सरकारी आदेश के जरिए एनसीटीसी का गठन किया गया । ''
ममता ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में यहां कहा कि केन््रद ने ऐसे मामले में इस तरह का एकतरफा फैसला किया, जो राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता है । इससे केन््रद और राज्यों के बीच भरोसे की और कमी ही आएगी ।
एनसीटीसी के गठन के केन््रद सरकार के फैसले का पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, गुजरात और ओडिशा जैसे राज्यों ने विरोध किया है ।
केन््रदीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के मुताबिक एनसीटीसी खुफिया ब्यूरो के तहत काम करेगा और उसके तीन प्रभाग होंगे, जो सूचना एकत्र करने, विश्लेषण और कार्रवाई के लिए जिम्मेदार होंगे ।

खुफिया ब्यूरो की कोई विधायी जवाबदेही नहीं है इसलिए उसकी एनसीटीसी के जरिए गिरफ्तारी, तलाशी और जब्त करने के अधिकारों का दुरूपयोग करने का खतरा है ।
ममता ने कहा कि राज्य सरकारों की जानकारी और सहमति के बिना गिरफ्तारी, तलाशी और जब्त करने के अधिकारों सहित कोई भी केन््रदीय खुफिया एजेंसी हमें अस्वीकार्य है ।
उन्होंने मांग की कि राज्यों को पुलिस बलों के आधुनिकीकरण और खुफिया एजेंसियों को मजबूत करने के लिए विशेष तरीके से धन और अन्य लाजिस्टिक समर्थन दिया जाए । '' राज्य सरकारों के पास जो संसाधन हैं, सीमावर्ती इलाकों, बिना पहुंच वाले क्षेत्रों, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाकों, नदियों और तटीय इलाकों की समस्याओं से निपटने के लिहाज से नाकाफी हैं।''
ममता ने कहा कि बुनियादी ढांचा स्तर पर गंभीर कमियां हैं जो पुलिस और सुरक्षाबलों के लिए संचार, सडक, वाहन और उपकरण के मामले में कई वषो' की अनदेखी के कारण बडा रूप धारण कर चुकी हैं । '' मैं केन््रद सरकार से आग्रह करूंगी कि वह पश्चिम बंगाल को विशेष आवंटन मंजूर करे । ''
उन्होंने कहा कि पुलिस कार्रवाई और उसका कामकाज राज्यों का विशेषाधिकार होना चाहिए, जैसा संविधान में उल्लेख है । केन््रद और राज्यों के बीच अधिकारों और जिम्मेदारियों से किसी भी हालत में छेडछाड नहीं की जान चाहिए ।
ममता ने सुझाव दिया कि देश के आंतरिक सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक नियमित रूप से होनी चाहिए ताकि आतंकवाद से मुकाबले में केन््रद और राज्य मिलकर व्यापक रणनीति बना सकें ।

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