BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE 7

Published on 10 Mar 2013 ALL INDIA BAMCEF UNIFICATION CONFERENCE HELD AT Dr.B. R. AMBEDKAR BHAVAN,DADAR,MUMBAI ON 2ND AND 3RD MARCH 2013. Mr.PALASH BISWAS (JOURNALIST -KOLKATA) DELIVERING HER SPEECH. http://www.youtube.com/watch?v=oLL-n6MrcoM http://youtu.be/oLL-n6MrcoM

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Saturday, April 23, 2011

Fwd: [Right to Education] असली परीक्षा फर्जी बोर्ड! ड् गड़बड़ी में पकड़ी...



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From: Priya Singh <notification+kr4marbae4mn@facebookmail.com>
Date: 2011/4/23
Subject: [Right to Education] असली परीक्षा फर्जी बोर्ड! ड् गड़बड़ी में पकड़ी...
To: Palash Biswas <palashbiswaskl@gmail.com>


असली परीक्षा फर्जी बोर्ड! ड् गड़बड़ी में पकड़ी गईं प्रदेश भर की 168 शिक्षिकाओं को नोटिस ड् सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं की फर्जी डिग्री लगा बन गईं टीचर फर्जी डिग्री पर हथिया ली नौकरी इलाहाबाद। किसी को तनिक भी संदेह न था कि फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाली शिक्षिकाएं फर्जी हो सकती हैं। तैनाती से पहले काउंसिलिंग में उनकी अंग्रेजी से प्रभावित अफसरों ने टीचिंग टे्रनिंग के दौरान उन्हें मास्टर टे्रनर बनाने की सिफारिश की थी। टे्रनिंग खत्म होने पर अन्य शिक्षक परीक्षा का इंतजार करते रहे लेकिन इन शिक्षिकाओं को अंग्रेजी की वर्कशाप में भेजा गया ताकि दूसरों को अंग्रेजी बोलने का प्रशिक्षण दे सकें। अब उनका फर्जीवाड़ा सामने आने पर अधिकारी और सहकर्मी दोनों हैरान हैं। प्राइमरी स्कूलों में दो साल से पढ़ा रहीं प्रदेश की 168 शिक्षिकाओं की दसवीं, बारहवीं की मार्कशीट फर्जी निकल गई। पहले सत्यापन में गड़बड़ी नहीं पकड़ी गई लेकिन बाद में तीन शिक्षिकाओं को लेकर शिकायत पर हुई जांच में फर्जीवाड़ा सामने आया। इन शिक्षिकाओं की नियुक्ति 2008 में हुई थी। दसवीं, बारहवीं में 85 फीसदी से अधिक नंबर थे सो मेरिट में स्थान बनाने में मुश्किल नहीं हुई। 2009 में उनके अंकपत्रों की सत्यापन रिपोर्ट भी लग गई कि सब ठीक है। बेसिक शिक्षा परिषद के बाबुओं की मानें तो सत्यापन के लिए बोर्ड को केवल उनके नामांकन नंबर भेजे गए। नामांकन नंबर सही थे, इसलिए ओके की रिपोर्ट लग गई। अक्तूबर 2010 में इलाहाबाद, कानपुर और आगरा की एक-एक शिक्षिका के खिलाफ लिखित शिकायत हुई। दोबारा जांच में पाया गया कि नामांकन नंबर जिस केंद्र का दिखाया गया है, वहां उनका पंजीकरण नहीं था। उसके बाद सीबीएसई की मार्कशीट लगाने वालों का सत्यापन कराया गया। दो चरणों के सत्यापन की रिपोर्ट 18 अप्रैल को सौंपी गई। सामने आया कि इलाहाबाद, कौशांबी, मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर, आगरा, झांसी, लखनऊ, बाराबंकी, मेरठ में 168 युवतियों ने फर्जी अंकपत्रों के सहारे नौकरी हासिल की। टीम प्रभारी सह समन्वयक एसके कौशल ने बताया, शिक्षिकाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है। उनसे वसूली के लिए संस्तुति की गई है।  http://www.facebook.com/l/4203ckPfFxTr3zCOwd9CJEuMWWA/epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20110423a_002163005&ileft=684&itop=144&zoomRatio=130&AN=20110423a_002163005
Priya Singh 3:02pm Apr 23
असली परीक्षा फर्जी बोर्ड!
ड्
गड़बड़ी में पकड़ी गईं प्रदेश भर की 168 शिक्षिकाओं को नोटिस
ड्
सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं की फर्जी डिग्री लगा बन गईं टीचर
फर्जी डिग्री पर हथिया ली नौकरी
इलाहाबाद। किसी को तनिक भी संदेह न था कि फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाली शिक्षिकाएं फर्जी हो सकती हैं। तैनाती से पहले काउंसिलिंग में उनकी अंग्रेजी से प्रभावित अफसरों ने टीचिंग टे्रनिंग के दौरान उन्हें मास्टर टे्रनर बनाने की सिफारिश की थी। टे्रनिंग खत्म होने पर अन्य शिक्षक परीक्षा का इंतजार करते रहे लेकिन इन शिक्षिकाओं को अंग्रेजी की वर्कशाप में भेजा गया ताकि दूसरों को अंग्रेजी बोलने का प्रशिक्षण दे सकें। अब उनका फर्जीवाड़ा सामने आने पर अधिकारी और सहकर्मी दोनों हैरान हैं। प्राइमरी स्कूलों में दो साल से पढ़ा रहीं प्रदेश की 168 शिक्षिकाओं की दसवीं, बारहवीं की मार्कशीट फर्जी निकल गई। पहले सत्यापन में गड़बड़ी नहीं पकड़ी गई लेकिन बाद में तीन शिक्षिकाओं को लेकर शिकायत पर हुई जांच में फर्जीवाड़ा सामने आया।
इन शिक्षिकाओं की नियुक्ति 2008 में हुई थी। दसवीं, बारहवीं में 85 फीसदी से अधिक नंबर थे सो मेरिट में स्थान बनाने में मुश्किल नहीं हुई। 2009 में उनके अंकपत्रों की सत्यापन रिपोर्ट भी लग गई कि सब ठीक है। बेसिक शिक्षा परिषद के बाबुओं की मानें तो सत्यापन के लिए बोर्ड को केवल उनके नामांकन नंबर भेजे गए। नामांकन नंबर सही थे, इसलिए ओके की रिपोर्ट लग गई। अक्तूबर 2010 में इलाहाबाद, कानपुर और आगरा की एक-एक शिक्षिका के खिलाफ लिखित शिकायत हुई।
दोबारा जांच में पाया गया कि नामांकन नंबर जिस केंद्र का दिखाया गया है, वहां उनका पंजीकरण नहीं था। उसके बाद सीबीएसई की मार्कशीट लगाने वालों का सत्यापन कराया गया। दो चरणों के सत्यापन की रिपोर्ट 18 अप्रैल को सौंपी गई। सामने आया कि इलाहाबाद, कौशांबी, मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर, आगरा, झांसी, लखनऊ, बाराबंकी, मेरठ में 168 युवतियों ने फर्जी अंकपत्रों के सहारे नौकरी हासिल की। टीम प्रभारी सह समन्वयक एसके कौशल ने बताया, शिक्षिकाओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है। उनसे वसूली के लिए संस्तुति की गई है।

http://www.facebook.com/l/4203ckPfFxTr3zCOwd9CJEuMWWA/epaper.amarujala.com/svww_zoomart.php?Artname=20110423a_002163005&ileft=684&itop=144&zoomRatio=130&AN=20110423a_002163005

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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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